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(PRELIMS + MAINS FOCUS)
विशेष ज़रूरतों वाले बच्चे के खिलाफ पुलिस का अत्याचार
भाग: GS Mains II and IV – शासन के मुद्दे; पुलिस सुधार; नीति शास्त्र
समाचार में:
- असम पुलिस ने लॉकडाउन के दौरान एक पुलिसकर्मी द्वारा विशेष बच्चे की कैनिंग (caning) की जांच के आदेश दिए हैं।
- दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 92 में दिव्यांगों के खिलाफ अत्याचार के लिए दंड पर चर्चा की गई है।
चीन के साथ सामान्य रूप से कोई व्यापार नहीं होगा
भाग: GS Prelims and Mains II – भारत और चीन के संबंध; बहुपक्षीय मंच
संदर्भ:
- भारत ने चीन को स्पष्ट कर दिया है कि जब तक एलएसी (LAC) पर पूरी तरह से disengagement नहीं होगा तब तक वह सामान्य रूप में कारोबार नहीं करेगा।
- हालांकि, ब्राजील–रूस–भारत–चीन–दक्षिण अफ्रीका (BRICS), रूस–भारत–चीन (RIC) और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) जैसे बहुपक्षीय संगठनों में भारत की चीन के साथ भागीदारी जारी रहने की उम्मीद है।
- विदेश मंत्री अगले महीने होने वाली ब्रिक्स (BRICS) और एससीओ (SCO) की विदेश मंत्रियों की बैठकों में भाग लेंगे।
- रूस, जो इस वर्ष के शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है, ने दोनों के लिए बैठकों हेतु 10 सितंबर का प्रस्ताव दिया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए हैं, कि द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की शीघ्र और पूर्ण मुक्ति और भारत–चीन सीमावर्ती क्षेत्रों से डी–एस्केलेशन और द्विपक्षीय संबंधों के सुचारू समग्र विकास के लिए शांति और सौहार्द की पूर्ण बहाली आवश्यक है।
भारत–इज़राइल संबंधों को मजबूत करना
भाग: GS Prelims and Mains II and III – भारत–इज़राइल के संबंध; अंतर्राष्ट्रीय संबंध या द्विपक्षीय संबंध; रक्षा
समाचार में:
- भारत ने रक्षा विनिर्माण में नई प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) व्यवस्था के तहत इज़राइली रक्षा कंपनियों को अधिक से अधिक भागीदारी करने के लिए आमंत्रित किया है।
- चीन के साथ चल रहे तनाव के बीच भारतीय सशस्त्र बल ने इज़राइल सहित अन्यों देशों से आपातकालीन रक्षा प्रणाली की खरीद की एक श्रृंखला आरंभ की है।
क्या आप जानते हैं?
- मई में सरकार ने ऑटोमैटिक रूट के जरिए रक्षा क्षेत्र में एफडीआई (FDI) की सीमा 49 फीसद से बढ़ाकर 74 फीसदी कर दी थी।
- भारत और इज़राइल भी COVID19 महामारी से लड़ने के लिए शोध में सहयोग कर रहे हैं ।
- इजरायल के साथ भारत का रक्षा सौदा – भारत इजरायल से और अधिक स्पाइक एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों (ATGM) और अतिरिक्त हेरॉन मानव रहित एरियल वाहन (UAV) खरीदने का आदेश देगा।
चीन ने अमेरिका से चेंग्दू वाणिज्य दूतावास बंद करने को कहा
भाग: GS Mains II – अंतर्राष्ट्रीय मामले; शीत युद्ध शैली की कूटनीति
समाचार में:
- चीन ने अमेरिका में अपने एक मिशन को बंद करने के प्रतिशोध में, अमेरिका को चेंग्दू वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश दिया है।
- इस साल दक्षिण चीन सागर में चीन के क्षेत्रीय दावों और हांगकांग पर उसके वर्चस्व, महामारी और दूरसंचार कंपनियों के मुद्दों को लेकर अमेरिका–चीन संबंधों में तेजी से गिरावट आई है।
- हाल के मुद्दों–अमेरिकी विश्वविद्यालयों में चीनी शोधकर्ताओं की गिरफ्तारी और दोनों देशों से वाणिज्य दूतावासों को बंद करना।
अमेरिका ने रूस पर अंतरिक्ष में हथियार परीक्षण का आरोप लगाया
भाग: GS Mains II – अंतर्राष्ट्रीय मामले; शीत युद्ध शैली की कूटनीति
समाचार में:
- अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस पर अंतरिक्ष में एक उपग्रह विरोधी हथियार (anti-satellite weapon) के परीक्षण करने का आरोप लगाया।
- अमेरिकी अंतरिक्ष कमान ने कहा कि उसके पास “साक्ष्य” हैं कि मॉस्को ने 15 जुलाई को एक अंतरिक्ष–आधारित एंटी–सैटेलाइट हथियार (anti-satellite weapon) का एक परीक्षण किया है।
क्या आप जानते है?
- यू.एस. और रूस – दो शीत युद्ध–युगीन महाशक्तियों ने परमाणु शस्त्र पर न्यू स्टार्ट संधि (New START treaty) के माध्यम से सीमा आरोपित की थी।
- संधि के तहत अमेरिका और रूस को रणनीतिक हथियारों पर संधि की केंद्रीय सीमाओं को पूरा करना होगा।
- प्रत्येक दल को संधि की कुल सीमाओं के भीतर अपनी सामरिक शक्तियों की संरचना को स्वयं निर्धारित करने की छूट है।
- इस संधि में मिसाइल रक्षा (Missile Defense) और पारंपरिक आयुध पर कोई दबाव नहीं है ।
भारत और श्रीलंका संबंधों को फिर से कायम करना चाहते हैं
भाग: GS Prelims and Mains II – भारत–श्रीलंका के संबंध; द्विपक्षीय संबंध
समाचार में:
- 2019 में श्रीलंका, भारत और जापान ने कोलंबो पोर्ट में संयुक्त रूप से ईस्ट कंटेनर टर्मिनल (ICT) परियोजना विकसित करने पर सहमति व्यक्त की थी।
- हालांकि, जुलाई के शुरू में विपक्षी दलों ने इस बात का विरोध किया था कि श्रीलंका भारत को राष्ट्रीय संपत्ति दे रहा है, उस वक्त श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस परियोजना पर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
- त्रिपक्षीय सहयोग ज्ञापन, 2019 के अनुसार, श्रीलंका के बंदरगाह प्राधिकरण को अधिष्ठान के 100% स्वामित्व को बनाए रखना था।
श्रीलंका को लाइन ऑफ़ क्रेडिट (Line of Credit to Sri Lanka)
- भारतीय रिज़र्व बैंक ने नवंबर 2022 तक श्रीलंका के लिए 400 मिलियन डॉलर की मुद्रा विनिमय सुविधा के लिए सहमति व्यक्त की है।
- श्रीलंका के केंद्रीय बैंक ने महामारी प्रभावित द्वीपीय राष्ट्र के विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूत करने में मदद करने के लिए स्वैप सुविधा की मांग की थी।
क्या आप जानते हैं?
- श्रीलंका का भारत पर 960 मिलियन डॉलर बकाया है।
(MAINS FOCUS)
अर्थव्यवस्था/शासन
विषय: सामान्य अध्ययन 3:
- भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, जुड़ाव, संसाधनों, विकास, उन्नति और रोज़गार से संबंधित मुद्दे।
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास और उनके डिज़ाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे के लिए सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप।
गैर व्यक्तिगत डेटा विनियमन – भाग II
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रिपोर्ट की आलोचना
- डेटा सेट बड़ी तकनीकी कंपनियों का पक्ष लेंगे
- केवल बड़ी तकनीकी कंपनियों के पास इतनी बड़ी मात्रा में डेटा सृजन हेतु पूँजी और बुनियादी ढाँचा है। दूसरों को इन प्रौद्योगिकी दिग्गजों की क्षमताओं से मेल खाने में मुश्किल होगी।
- आईपीआर (IPR) के मुद्दे
- “बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार–संबंधित पहलू (TRIPS) के हस्ताक्षरकर्ता के रूप में, भारत ने 1999 में कंप्यूटर डेटाबेस को कॉपीराइट संरक्षण प्रदान किया।
- ऐसे परिदृश्य में, गैर–व्यक्तिगत डेटा के बीच सीमांकन की चुनौती है जिसे साझा नहीं किया जा सकता है, तथा गैर–कॉपीराइट गैर–व्यक्तिगत डेटा जिसे सार्वजनिक संसाधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- डेटा समुदायों के साथ समस्याएं
- डेटा प्रिंसिपलों के रूप में समुदायों के विचार रिपोर्ट द्वारा अस्पष्ट रूप से प्रस्तुत किए जाते है।
- हालांकि यह उदाहरण देता है कि एक समुदाय का गठन क्या हो सकता है, जैसे पड़ोस में नागरिकों के समूहों, समुदाय के अधिकारों और कार्यों पर बहुत कम स्पष्टता है।
- डेटा संरक्षक/ कस्टोडियन के मुद्दे
- डेटा कस्टोडियन वे हैं, जो डेटा का संग्रह, भंडारण, प्रसंस्करण और उपयोग ऐसे तरीके से करते हैं जो डेटा प्रिंसिपल के सर्वोत्तम हित में है।
- यह निर्दिष्ट नहीं है कि डेटा कस्टोडियन सरकारी या सिर्फ निजी कंपनियां होगी।
- सुझाव है कि डेटा संरक्षक संभावित रूप से उनके द्वारा धारित डेटा से कमाई कर सकते हैं, विशेष रूप से समस्याग्रस्त है क्योंकि यह डेटा प्रिंसिपल समुदायों के साथ हितों का टकराव प्रस्तुत करता है।
- डेटा ट्रस्टी के साथ समस्याएं
- रिपोर्ट द्वारा डेटा न्यासियों की परिकल्पना समुदायों के लिए डेटा अधिकारों का प्रयोग करने के तरीके के रूप में की गई है। ट्रस्टी सरकारें, नागरिक समूह या विश्वविद्यालय हो सकते हैं।
- हालांकि, डेटा प्रिंसिपल समुदायों और ट्रस्टियों के बीच संबंध स्पष्ट नहीं है।
- यह भी स्पष्ट नहीं है कि ट्रस्टियों को समुदाय की ओर से कार्रवाई करने का अधिकार कैसे दिया जाता है।
- डेटा ट्रस्ट के साथ मुद्दे
- रिपोर्ट बताती है कि डेटा ट्रस्टों में डेटा के दिए गए सेट को रखने और साझा करने के लिए विशिष्ट नियम और प्रोटोकॉल शामिल हैं।
- ट्रस्ट कई संरक्षकों से डेटा लेकर रख सकते हैं और लेकिन इसे सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा प्रबंधित किया जाएगा।
- ट्रस्ट की शक्ति, संरचना और कार्य स्थापित नहीं हैं।
- समिति की रिपोर्ट में शिकायत निवारण तंत्र को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है।
- एक ऐसे देश के लिए जिसके पास व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक नहीं है, गैर–व्यक्तिगत डेटा को विनियमित करने के लिए एक समिति का गठन समय से पहले लगता है।
आगे की राह
- अर्थशास्त्र और सार्वजनिक हित संतुलन: कई अन्य देशों की तरह, भारत को भी गैर–व्यक्तिगत डेटा को इस तरीके से परिभाषित करना होगा जो बौद्धिक संपदा अधिकारों की रक्षा करे, वास्तविक सार्वजनिक हित की सेवा करता है और नवाचार को बढ़ावा देता है।
- फ्रांस मॉडल: भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नीति पर फ्रांस की राष्ट्रीय रणनीति से सीख सकता है, जो आर्थिक कंपनियों को एक विश्वसनीय तीसरे पक्ष के रूप में कार्य करने वाले राज्य के साथ अपने डेटा को साझा करने और एकत्र करने के लिए प्रोत्साहित करता है।
- फ्रांस की नीति सार्वजनिक प्राधिकरणों को अपने सामाजिक लाभों के लिए कुछ आंकड़ों को सार्वजानिक करने का अधिकार देती है।
- एनपीडी पर यूरोपीय संघ की सोच: भारत गैर–व्यक्तिगत डेटा के मुक्त प्रवाह पर यूरोपीय संघ के नियमन की ओर भी देख सकता है, जो गैर–व्यक्तिगत आंकड़ों के मुक्त प्रवाह को प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की शर्त के रूप में मान्यता देता है।
Connecting the dots:
- के.एस. पुट्टास्वामी (K.S. Puttaswamy Case) मामला और निजता का अधिकार
- डाटा प्रोटेक्शन कानून पर जस्टिस बी एन श्रीकृष्ण (BN Srikrishna) कमेटी की रिपोर्ट
समाज/राजनीति/शासन
विषय: सामान्य अध्ययन 1,2:
- सामाजिक सशक्तिकरण
- विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां, कार्य और जिम्मेदारियां।
- कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थाएं और निकाय
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग – पुनर्कल्पना की आवश्यकता
संदर्भ: 2020 में, दलितों के सामाजिक–आर्थिक सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को नए विचारों और नए कार्यों की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) के बारे में
- एनसीएससी (NCSC) एक संवैधानिक संस्था है जो भारत में अनुसूचित जातियों के हितों की रक्षा के लिए काम करती है। भारत के संविधान का अनुच्छेद 338 इस आयोग से संबंधित है।
- इसमें एससी (SC) समुदाय को भेदभाव और शोषण से सुरक्षा देने के साथ–साथ एससी (SC) समुदाय के उत्थान के लिए सुविधाएँ देने की बाते कही गई है।
- एनसीएससी (NCSC) के कुछ कार्यों में शामिल हैं
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- अनुसूचित जाति के अधिकारों और सुरक्षा उपायों से वंचित होने से संबंधित शिकायतों की जांच करना।
- संविधान के तहत अनुसूचित जाति के लिए उपलब्ध कराए गए सुरक्षोपायों से संबंधित सभी मुद्दों की निगरानी और जांच।
- अनुसूचित जातियों के सामाजिक–आर्थिक विकास की योजना के संबंध में केंद्र या राज्य सरकारों को सलाह देना।
- इन सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन पर देश के राष्ट्रपति को नियमित रिपोर्टिंग करना।
क्या आप जानते हैं?
- प्रारंभ में, संविधान में अनुच्छेद 338 के तहत विशेष अधिकारी की नियुक्ति का प्रावधान किया गया था। इस विशेष अधिकारी को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आयुक्त के रूप में नामित किया गया था।
- संविधान के 46वें संशोधन में एक सदस्यीय प्रणाली को बहुसंगठनी राष्ट्रीय अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के साथ बदल दिया गया था।
- 2003 में 89 वें संशोधन ने इस आयोग को 2004 से निम्नलिखित आयोगों के साथ बदल दिया:
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- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
एनसीएससी (NCSC) द्वारा क्या कदम उठाए जा सकते हैं?
- अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत कानूनी और न्यायिक संरक्षण को मजबूत करना।
- संबंधित क़ानूनों के तहत मामले दर्ज करने और जांच के लिए एसओपी (SOP) विकसित करने और उन्हें सभी थानों में सभी भाषाओं में उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
- एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) के तहत आरोपित मामलों में दोषसिद्धि पाने में सफल होने वाले अभियोजकों को पुरस्कृत करने की भी आवश्यकता है।
- क्षेत्राधिकार की परवाह किए बिना अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग और ट्रैकिंग होनी चाहिए ।
- न्यायाधीशों, वकीलों और पुलिसकर्मियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण में वृद्धि, ताकि वे अनुसूचित जाति के सामने आने वाले मुद्दों के प्रति संवेदनशील हों सके।
- शिकायतों का जवाब देने के लिए सरकारी संगठनों के भीतर आंतरिक संरचनाएं बनाना–यौन उत्पीड़न के लिए आंतरिक शिकायत समितियों की तरह आंतरिक संरचनाएं बनाना।
- मौजूदा सरकारी प्रयासों को अधिक प्रभावी और सहभागी बनाना
- प्रत्येक मंत्रालय को अनुसूचित जाति उप योजना (SCP) में अपने खर्च का 15% अलग से निर्धारित करना चाहिए, लेकिन अक्सर उनके परिणाम महत्वहीन होते हैं।
- एनसीएससी(NCSC) को विधायकों के साथ सभी सरकारी योजनाओं में चार या पांच प्राथमिकताओं की पहचान करने और उनकी प्राथमिकताओं के आसपास सभी खर्चों (SCP) को फिर से तैयार करने के लिए काम करना चाहिए।
- प्रत्येक तिमाही या एक महीने में एससीपी(SCP) की वृद्धि को एक डैशबोर्ड के माध्यम से ट्रैक करने की आवश्यकता है, जिस तरह नीती अयोग “एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स” में विकास को ट्रैक करती है।
- अच्छे काम का प्रोत्साहन करना
- अनुसूचित जातियों की स्थिति सुधारने में सर्वश्रेष्ठ कार्य करने वाले विभागों के लिए मासिक मान्यता और पुरुस्कार दिया जा सकता है।
- अनुसूचित जाति की सामाजिक–आर्थिक स्थिति के उत्थान में उनके नवाचार, प्रभावशीलता और प्रभाव के लिए राज्यों की रैंकिंग भी हो सकती है– ठीक वैसे ही जैसे शहरों को स्वच्छता के लिए स्थान दिया जाता है।
- नागरिक समाज के साथ अंतरसंबंध
- सामाजिक परिवर्तन नागरिक समाज, निगमों, और समुदायों के माध्यम से उत्प्रेरित होता है।
- इसके लिए आयोग दलित मुद्दों पर काम कर रहे नागरिक समाज समूहों के साथ संरचित जुड़ाव के लिए एक मंच बना सकता है ।
- एनसीएससी को अनुसूचित जाति के युवा प्रतिनिधियों के साथ जुड़ने की आवश्यकता है, क्योंकि उनकी आकांक्षाएं पिछली पीढ़ियों से अलग होंगी।
- एनसीएससी आईआईएम और आईआईटी के अनुसूचित जाति के पूर्व छात्रों का एक नेटवर्क बनाने में भी मदद कर सकता है तथा उन्हें दलितों के आर्थिक सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने वाले अपने संगठनों के भीतर और उसके आसपास विचारों को सुझाव देने और लागू करने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।
- आर्थिक सशक्तिकरण और उद्यमिता की सुविधा
- एनएससीएस को सार्वजनिक क्षेत्र में आरक्षण की योजना को मजबूत करने की जरूरत है।
- एनसीएससी को एससी उद्यमियों के लिए रियायती और अल्पकालिक प्रबंधन प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए जो नए कौशल सीखना और विस्तारित करना चाहते हैं।
- अनुसूचित जातियों के सदस्य आमतौर पर भू–स्वामी या कृषक नहीं होते हैं। इसलिए उन्हें स्थानीय और अन्य बाजारों के साथ एकीकृत और प्रतिस्पर्धा करने में मदद की जरूरत है जो एनसीएससी (NCSC) द्वारा सलाह और अन्य गैर–वित्तीय सहायता के माध्यम से किया जा सकता है ।
- दलितों की सांस्कृतिक उन्नति
- अनुसूचित जातियों की सामाजिक स्थिति में सुधार के लिए केवल नौकरियां और योजनाएं तथा पुलिसिंग ही काफी नहीं है।
- अनुसूचित जनजाति के बारे में रूढ़ियों को तोड़ने के लिए नए और पुराने मीडिया का उपयोग करने वालों में दलितों के संदर्भ में सांस्कृतिक उन्नति की आवश्यकता है
- एनसीएससी (NCSC) उन फिल्म निर्माताओं/फ़ोटोग्राफ़रों/कलाकारों को पुरस्कृत कर सकता है जिनके कार्य दलित चिंताओं या दलित गौरव को दर्शाते हैं।
- एनसीएससी (NCSC) सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ मिलकर एक टीवी श्रृंखला के वित्तपोषण के लिए भी काम कर सकता है जो दलितों के सामने आने वाली चुनौतियों को संवेदनशील और आकर्षक तरीके से चित्रित कर सकता है।
निष्कर्ष
अनुसूचित जाति के लिए राष्ट्रीय आयोग के कार्य को दलित समुदाय के लिए एक परिवर्तनकारी एजेंसी बनाने के लिए पुनर्संरचित किया जाना चाहिए।
Connecting the dots:
- राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
- पदोन्नति में आरक्षण का मुद्दा
(TEST YOUR KNOWLEDGE)
मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section)
ध्यान दें:
- आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए (DNA) सेक्शन में दिए जाएंगे। कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें।
- Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”.
Q.1) नई स्टार्ट संधि (New START treaty) किससे संबंधित है –
- भारत और श्रीलंका
- भारत और इजराइल
- अमेरिका और रूस
- अमेरिका और चीन
Q.2) निम्नलिखित कथनों पर विचार करें
- एससी और एसटी के लिए राष्ट्रीय आयोग को 89 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा दो निकायों में विभाजित किया गया था।
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और संसद द्वारा नियुक्त तीन अन्य सदस्य होते हैं।
सही कथन का चयन करें
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
Q.3) नीचे दिए गए निकायों में से कौन सा एक वैधानिक निकाय नहीं है?
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति आयोग
- राष्ट्रीय महिला आयोग
- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग
ANSWERS FOR 24th July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK)
1 | D |
2 | A |
3 | A |
4 | D |
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राजस्थान राजनीतिक संकट और न्यायिक अनुशासनहीनता के बारे में:
भारतीय सेना में लैंगिक बाधाओं के बारे में:
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राष्ट्रपति प्रणाली के लिए मामले पर: