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(PRELIMS + MAINS FOCUS)
भारत में पुलिस क्रूरता और जवाबदेही (Police Brutality and Accountability in India)
भाग: GS Mains II – शासन के मुद्दे; पुलिस सुधार; नीति/अधिकारों से संबंधित मुद्दे
संदर्भ:
- हमने पुलिस की क्रूरता से संबंधित कई लेखों को देखा है – जैसे हिरासत में मौतें, फ़र्ज़ी मुठभेड़; निर्दोष लोगों या कमजोर लोगों को यातना देना और परेशान करना।
- एक और उदाहरण जहां संरक्षक अपराधियों में बदल गए – 1985 में राजा मान सिंह की हत्या।
समाचार में:
- उत्तर प्रदेश के मथुरा में बुधवार को एक अदालत ने तत्कालीन भरतपुर शाही परिवार के राजा मान सिंह की 1985 में हुई हत्या के आरोप में 11 दोषी पुलिस कर्मियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
- पुलिस कर्मियों ने सुनियोजित साजिश के तहत राजा मान सिंह पर अंधाधुंध गोलीबारी की थी।
मूल्य जैसे– “ईमानदारी, करुणा, सच्चाई और न्याय के प्रति चाह, कानून और संविधान के प्रति प्रतिबद्धता के मूल्य हमेशा स्थिर होते हैं। आपके दिमाग की दृष्टि में इनका पहला स्थान होना चाहिए जब भी आप सोचते हैं, निर्णय लेते हैं और अंत में कार्य करते हैं।
प्रवासियों के लिए सामाजिक सुरक्षा संख्या (Social security numbers for Migrants)
भाग: GS Mains II-सामाजिक/कल्याण के मुद्दे; श्रम मुद्दे
समाचार में:
- श्रम पर संसदीय स्थायी समिति ने सिफारिश की है कि सरकार प्रवासी कामगारों (विशेष रूप से असंगठित क्षेत्रों के उन लोगों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा संख्या शुरू करे जो श्रम क़ानूनों के दायरे से बाहर हैं)।
- सरकार को प्रवासी कामगारों के पंजीकरण के लिए एक वेबसाइट स्थापित करनी चाहिए।
लाभ:
- सामाजिक सुरक्षा संख्या उन कठिन परिस्थितियों को टाल सकती है, जिसका सामना प्रवासियों को लॉकडाउन के दौरान करना पड़ा था।
- एक सामाजिक सुरक्षा संख्या प्रवासी श्रमिकों की संख्या और उनके प्रवासन प्रतिमान (पैटर्न) का पता लगाने में मदद करेगा।
एड्स, टीबी और मलेरिया के लिए वैश्विक कोष (Global Fund for AIDS, TB and Malaria- GFATM)
भाग: GS Prelims and Mains II – सामाजिक/कल्याण के मुद्दे; अंतरराष्ट्रीय संगठनों और पहलों की भूमिका
समाचार में:
- सेक्स वर्कर्स और एड्स से पीड़ित लोगों ने एड्स, टीबी और मलेरिया के लिए वैश्विक कोष (GFATM) को अपने अस्तित्व की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए सहायता मांगने हेतु लिखा है।
- उन्होंने चिंता जताई कि COVID19 संबंधित आपातकालीन राहत प्रयासों में सरकार और बहुपक्षीय एजेंसियों द्वारा उनकी अनदेखी की जा रही है ।
जीएफएटीएम (GFATM) ने भारत के लिए 20 मिलियन डॉलर के COVID रिस्पॉन्स फंड को मंजूरी दी थी, नागरिक समाज द्वारा बार–बार साक्ष्य आधारित मांगों के बावजूद, कम से कम 1.5 मिलियन (इन कमजोर समूहों के व्यक्तियों) के लिए कोई प्रत्यक्ष समर्थन नहीं है।
GFATM के बारे में
- GFTAM एक अंतरराष्ट्रीय वित्त पोषण और साझेदारी संगठन है जिसका उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायता के लिए एचआईवी / एड्स, तपेदिक और मलेरिया की महामारी को समाप्त करने के लिए “आकर्षित, उत्तोलन (leverage) और निवेश करना है“।
- GFTAM को 2002 में विश्व के संसाधनों को एक साथ लाने तथा तपेदिक (टीबी), एक्वायर्ड इम्यूनो–डेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स), और मलेरिया को महामारी के रूप में समाप्त करने के लिए कार्यक्रमों में रणनीतिक रूप से निवेश करने के लिए बनाया गया था।
- जी-8 ने जुलाई 2001 में अपने शिखर सम्मेलन में वैश्विक कोष के निर्माण के आह्वान का औपचारिक रूप से समर्थन किया था।
- GFTAM ने एड्स, टीबी, और मलेरिया की रोकथाम, उपचार, और देखभाल कार्यक्रमों का विश्व का सबसे बड़ा वित्त दाता है। जून 2019 तक, संगठन ने इन कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए 41.6 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक वितरित किए थे।
भारत विचार शिखर सम्मेलन का परिणाम (Outcome of India Ideas Summit)
भाग: GS Prelims and Mains II – भारत और अमेरिका के संबंध; अंतर्राष्ट्रीय संबंध
समाचार में:
- दोनों देशों ने दीर्घकालिक योजना को दोहराया तथा एक व्यापक व्यापार समझौते की दिशा में काम किया है।
- आसन्न सीमित समझौते और व्यापक समझौते (मुक्त व्यापार समझौते) के बीच एक मध्यवर्ती कदम के रूप में, भारत ने एक तरजीही व्यापार समझौते का प्रस्ताव रखा जो 50 से 100 वस्तुओं और सेवाओं को कवर करेगा।
- भारत चाहता है कि अमेरिका की तरजीही व्यापार प्रणाली या सामान्य वरीयता प्रणाली (GSP) तक अपनी पहुंच बहाल करे तथा अन्य लोगों के बीच भारतीय कृषि उत्पादों की कुछ श्रेणियों के लिए बाजार पहुंच बढ़ाई जाए।
भारत–अमेरिका की चिंताएं:
- अमेरिकी चिंताओं में शामिल है– अमेरिकी डेयरी और कृषि उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) के आयात शुल्क में कटौती।
- अमेरिका को भारत की डिजिटल व्यापार नीतियों (उदाहरण के लिए वाणिज्य में एफडीआई (FDI) और डेटा स्थानीयकरण) की भी चिंता है।
सामान्य वरीयता प्रणाली (GSP) के बारे में
- GSP विकसित देशों (वरीयता देने वाले या दाता देश) द्वारा विकासशील देशों (वरीयता प्राप्तकर्त्ता या लाभार्थी देश) के लिये विस्तारित एक अधिमान्य प्रणाली है।
- इस प्रणाली के तहत विकासशील देशों को विकसित देशों के बाज़ार में कुछ शर्तों के साथ न्यूनतम शुल्क या शुल्क मुक्त प्रवेश मिलता है।
- यह दाता देश में लाभार्थी देश के सामान को प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करता है। विकसित देश इसके ज़रिये विकासशील देशों और अल्प विकसित देशों में आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हैं।
मंत्रालय ने N95 वेलवेटेड मास्क के इस्तेमाल के खिलाफ चेतावनी दी
भाग: GS Prelims and Mains III – विज्ञान – स्वास्थ्य और चिकित्सा
समाचार में:
- स्वास्थ्य मंत्रालय ने N95 वाल्व्ड श्वसन यंत्र/मास्क के उपयोग के खिलाफ आगाह करते हुए कहा कि यह COVID19 के प्रसार के खिलाफ वांछित सुरक्षा प्रदान नहीं करता है।
- वाल्वड रेस्पिरेटर N95 मास्क का उपयोग कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए अपनाए गए उपायों के लिए हानिकारक है क्योंकि वह वायरस को मास्क से बाहर निकलने से नहीं रोकते हैं।
Pic : N95 मास्क
विविध:
यूरोपीय संघ के नेताओं ने अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए समझौता किया
समाचार में:
- यूरोपीय संघ के नेताओं ने गहरी मंदी से निकलने के लिए € 750 बिलियन के राहत पैकेज (rescue package) पर सहमति व्यक्त की है।
‘मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना‘
भाग: GS Prelims and Mains II – सरकारी योजनाएं और पहल; गरीबी और कल्याणकारी योजनाएं
समाचार में:
- दिल्ली सरकार ने ‘मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना‘ की घोषणा की, जिससे लाभार्थियों को राशन के घर–घर वितरण का लाभ मिल सकेगा।
- इस योजना में ऐसे निवासियों को पात्र किया गया है जो वर्तमान में पीडीएस (PDS) दुकानों से राशन एकत्र करते हैं, ताकि वही राशन उनके घर तक पहुंचा सके।(यह सुनिश्चित करने के लिए कि ग़रीबों को “सम्मान के साथ राशन मिले“)
(MAINS FOCUS)
अंतर्राष्ट्रीय/ सुरक्षा
विषय: सामान्य अध्ययन 2,3:
- भारत और उसके पड़ोसी संबंध।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ और उनका प्रबंधन
चीनी–प्रतिरोधी नीति में मुख्य आधार
संदर्भ– अप्रैल 2020 से लद्दाख क्षेत्र में चीन–भारत सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण है। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन (M.K.Narayanana) द्धारा भविष्य के लिए सुझाव दिए गए हैं।
क्या जुलाई के पहले सप्ताह के दौरान एक डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया नहीं थी?
disengagement process एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा लोग/ संगठन/ देश धीरे–धीरे संघर्षपूर्ण स्थिति से सामान्य स्थिति की ओर बढ़ते हैं।
- हां, लेकिन विघटन प्रक्रिया (disengagement process) मुश्किल साबित हो रही है।
- कोई प्रगति नहीं: 14 जुलाई को कोर कमांडरों की नवीनतम बैठक से सेना के विघटन तथा डी–एस्केलेशन के संबंध में किसी भी तरह के प्रदर्शन में प्रगति नहीं हुई है।
- भारत का रुख: यह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ सैनिकों के पूर्ण विघटन को सुनिश्चित करने के लिए दोनों पक्ष दृढ़ संकल्पित हैं।
- चीन का आग्रह: हालांकि, चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में विश्वास बहाली के उपायों को मजबूत करने और सीमा मुद्दों को समयबद्ध तरीके से निपटाने पर जोर दे रहा है ताकि ‘मतभेदों को विवाद बनने से बचाया जा सके‘।
सीमा पर तनाव और डी–एस्केलेशन (युद्ध की तीव्रता कम करना) में देरी के प्रमुख परिणाम क्या हैं?
- शांति समझौतों को कमजोर करता है: 1993, 1996, 2005 और 2013 के सीमाबद्ध समझौतों को रद्द करने का असर सीमावर्ती तनावों पर पड़ा।
- एशियाई शताब्दी दृष्टि पर नकारात्मक प्रभाव: 21 वीं शताब्दी एशियाई शताब्दी के रूप में माना जाता था, जिसमें चीन और भारत को अग्र–दल के रुप में माना गया था। हालांकि, दो एशियाई दिग्गज के स्वरूप को साकार करने की बजाय आपस में धुर विरोधी बन गये।
चीन के उद्देश्य क्या हैं?
- एलएसी (LAC) का पुनर्सीमांकन:
- चीन अपने लाभ के लिए ज़मीनी स्थिति के प्रबंधन और एलएसी (LAC) के पुनर्सीमांकन हेतु तत्पर है।
- बफर जोन के विचार को स्वीकार कर लिया गया है– जो भारतीय क्षेत्र में स्थित हैं–ऐसा प्रतीत होता है कि चीन अपने उद्देश्य को प्राप्त करने की राह पर है।
- यदि चीन सफल हो जाता है तो यह पहली बार हो सकता है कि चीन के पास काँगका दर्रे के पश्चिम में एक तलहटी होगी।
- वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभरने के लिए
- चीन अपनी छवि को ‘यथास्थिति शक्ति‘ के रूप में बनाए रखने तथा अपने पड़ोस और पूरे एशिया में भू–रणनीतिक स्थान पर हावी होने का इरादा रखता है। जो संयुक्त राज्य अमेरिका को UNO में संख्या बल के आधार पर विस्थापित करने की अपनी महत्वाकांक्षा पर तैयार कर रहा है।
- चीन अपनी छवि में एशियाई क्षेत्र को बदलने पर तत्पर रहा है तथा साथ ही, एक महाद्वीपीय और समुद्री शक्ति बनने की इच्छा रखता है।
क्या चीन, क्षेत्र को लेकर संघर्ष की तैयारी कर रहा है?
- भारत द्धारा चीन की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं के बारे में पश्चिमी सिद्धांतों का पालन नहीं किया जाना चाहिए।
- इसका कारण यह है कि चीन भली–भांति जानता है कि यह निश्चित नहीं है कि वह भारत के साथ चौतरफा संघर्ष के बाद एक विजेता के रूप में सामने आएगा या नहीं।
- मन में दो प्रमुख तारीखों के साथ (2025 और 2035- मेड इन चाइना 2025 और चीनी मानक 2035), चीन वर्तमान के लिए अपने भविष्य को खतरे में नहीं डाल सकता है।
- भारत के लिए सबक: भारत के सामरिक रणनीति–संबंधी विचारकों और योजनाकारों को इस बात को ध्यान में रखना चाहिए, जब वह पर्वतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में चीन की हिंसक कार्रवाइयों की जांच करने की योजना बना रहे हैं।
भविष्य में, भारत की क्या कार्रवाई होनी चाहिए?
- सैन्य विकल्प
- एक मजबूत सेना को बनाए रखना महत्वपूर्ण है लेकिन इसका उपयोग कब या कैसे करना है, यह समझना और भी महत्वपूर्ण है।
- भारत को माउंटेन स्ट्राइक कोर (Mountain Strike Corps) डिवीजनों की स्थापना की योजनाओं को तत्काल लागू करने की आवश्यकता है, जिन्हें बिना किसी कारण स्थगित कर दिया गया है। यह अत्याधुनिक हथियारों के भंडार से कहीं अधिक चीन को रोकने में सक्षम है।
- असैनिक साधन:
- चीन के मौजूदा व्यापक विरोध का लाभ लेते हुए, भारत को सीमा उल्लंघनों के संबंध में अपने समर्थन में अंतरराष्ट्रीय राय बनाने के लिए एक कूटनीतिक आक्रामक नीति की शुरुआत करनी चाहिए।
- भारत को सीमा उल्लंघनों के संबंध में अपने समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय जनमत बनाने के लिए एक कूटनीतिक आक्रामक कदम उठाने चाहिए।
- दलाई लामा तिब्बतियों के अलावा दुनिया भर में कई लाखों लोगों के लिए आशा का एक स्थायी प्रतीक है। दलाई लामा को भारत की आधिकारिक सोच में उसी स्तर की श्रेष्ठता के स्तर पर बहाल करना, जो भारत की चीन विरोधी नीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा होना चाहिए।
- गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) का पुनःसशक्तिकरण करना
- भारत को अतीत में नियोजित सत्ता के एक अन्य साधन को भी पुनः सशक्त करना चाहिए, अर्थात चीन की आक्रामक नीतियों की ओर उनका विशेष ध्यान आकर्षित करने के उद्देश्य से विदेशी नेताओं को अपने साथ शामिल करना चाहिए।
- गुटनिरपेक्ष आंदोलन को पुनः सशक्त करने से भारत को दुनिया का ध्यान एकत्र करने में मदद मिल सकती है।
- भारत के पास पहले भी एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए तकनीकी सहायता कार्यक्रम के माध्यम से एशिया और अफ्रीका के देशों की मदद करने की योजना थी। जिसे अब उन्नत स्वरूप प्रदान करने की आवश्यकता है।
- भारत की संदेश क्षमता का जीर्णोद्धार (Overhauling India’s messaging capacity)
- आज की दुनिया में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए (और दुनिया भर में चीन के आक्रमण का मुकाबला करने के लिए), भारत को भी अपनी ‘संदेश क्षमता तथा घोषणाओं‘ में रूपांतरण करना चाहिए।
- इस प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग करना चाहिए (उदाहरण: सोशल मीडिया) दुनिया भर में अपने संदेश और विचारों को भेजने के लिए, चीन की आक्रामक नीतियों और रणनीति के विपरीत में अपने शांतिपूर्ण इरादों पर प्रकाश प्रकाश डालना चाहिए।
- भारत ‘हिमालयी बौद्ध धर्म’ के प्रचार–प्रसार में एक स्तम्भ की भूमिका अच्छी तरह से निभाएगा, जिसे चीन अंत तक हासिल करने के लिए इस परिस्थिति में परिवर्तन चाह रहा है।
- बेहतर पड़ोसी संबंध
- भारत पश्चिम, विशेष रूप से अमेरिका और क्वाड (Quad) जैसे निकायों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने पर अधिक उन्मुख हो रहा है।
- हालांकि, इसके लिए उपमहाद्वीप के छोटे देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है। इसकी वजह यह है कि उन्हें लगातार अपने आंतरिक मामलों में चीन के आक्रामक हस्तक्षेप का सामना करना पड़ता है और उन्हें भारत से ज्यादा समर्थन नहीं मिला है।
निष्कर्ष
यहां भारत की साख चीन मुकाबले कहीं अधिक है तथा उसे उत्कृष्ट लाभांश का उत्पादन करना चाहिए। इसे भारत की ‘आग्रगामी नीति‘ में एक प्रमुख मुद्दा बनने की आवश्यकता है।
Connecting the dots:
- 2017 का डोकलाम मुद्दा
- दक्षिणी चीन सागर विवाद
अर्थव्यवस्था/ शासन
विषय: सामान्य अध्ययन 3:
- भारतीय अर्थव्यवस्था और योजनाओं, जुड़ाव, संसाधन, विकास, उन्नति तथा रोज़गार से संबंधित मुद्दे ।
- सरकारी बजट।
COVID-19 राजकोषीय प्रतिक्रिया और भारत की स्थिति
संदर्भ: आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणा से पहले, भारत COVID-19 राहत पैकेज उपलब्ध कराने में तुलनात्मक रूप से विकासशील देशों से काफी पीछे था।
राहत पैकेज के जुड़ी चुनौतियाँ
- विवेकी राजकोषीय प्रतिक्रिया:राजकोषीय और मौद्रिक घटकों के बीच अंतर की अस्पष्टता को देखते हुए राजकोषीय प्रतिक्रियाओं के लिए तुलनात्मक और सटीक आंकड़े सुनिश्चित करना एक चुनौती पूर्ण कार्य है।
- पृथक–पृथक आंकड़े: घरेलू स्तर पर कुल आत्मनिर्भर पैकेज को जीडीपी के 10% पर निर्धारित किया जाता है। जबकि अंतर्राष्ट्रीय डेटाबेस में भारत की राजकोषीय प्रतिक्रिया के लिए शीर्षक संख्या जीडीपी का लगभग 4% है।
- अपर्याप्त मांग–पक्ष हस्तक्षेप:
-
- आत्मनिर्भर भारत पैकेज में एक महत्वपूर्ण मांग–पक्ष हस्तक्षेप मनरेगा (MNREGA) के लिए अतिरिक्त परिव्यय 40,000 करोड़ रुपये था।
- अधिकांश अन्य मांग–पक्ष उपायों में मौजूदा धनराशि का अधिभार, समेकन या पुनरावर्तन शामिल है।
- उदाहरण के लिए, हाल ही में घोषित 50,000 करोड़ रुपये का गरीब कल्याण रोज़गार अभियान, जो 12 मंत्रालयों/विभागों की परियोजनाओं को समेकित (शामिल) करता है।
- सख्त रोकथाम (लॉकडाउन) उपायों के मद्देनज़र, पैकेज का अपर्याप्त होना:
- राहत उपायों की सीमा लॉकडाउन की गंभीरता के कारण होने वाले आर्थिक व्यवधान और अव्यवस्था के अनुरूप नहीं लगती है अर्थात् राहत पैकेज का कम होना।
- वियतनाम, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और मिस्र ने प्रोत्साहन उपायों की घोषणा की है जो सकल घरेलू उत्पाद के एक हिस्से के रूप में वृहत् या अधिक महत्वपूर्ण हैं, भारत में उन देशों की तुलना में कम है।
राहत पैकेज में अधिकता हेतु भारत, विश्व के अन्य देशों के किन मानकों का पालन कर सकता है?
- नकद हस्तांतरण
- नकद हस्तांतरण अन्य विकासशील देशों द्वारा समर्थन की सबसे बड़ी श्रेणी का गठन करते हैं। विश्व बैंक के 173 देशों में 621 उपायों की सूची में से आधे नकद आधारित थे।
- विश्व बैंक की रिपोर्ट है कि औसतन, ऐसे हस्तांतरण प्रति व्यक्ति मासिक जीडीपी के 30% तक हैं, जो निम्न–मध्यम आय वाले देशों हेतु, औसतन तीन महीने के लिए 46% तक पहुँच गया है।
- बांग्लादेश और इंडोनेशिया ने नकद हस्तांतरण लाभार्थियों की संख्या में क्रमश 163% और 111% की वृद्धि की है।
- इंडोनेशिया की नकदी योजनाओं में अब 158 से अधिक लोगों (या 60%आबादी) को शामिल किया गया है।
- भारत मौजूदा हस्तांतरण कार्यक्रमों (जैसे प्रधानमंत्री किसान योजना) के विस्तार या यहां तक कि नयी योजना निर्माण के बारे में निर्णय लेने में भारत इन कार्यों को ध्यान में रख सकता है।
- मनरेगा (MGNREGA) का विस्तार
- भारत अपने प्रमुख मनरेगा कार्यक्रम के साथ रोज़गार गारंटी नीतियों में अग्रणी रहा है।
- मेक्सिको ने 2,00,000 किसानों और लाभार्थियों को अपनी ग्रामीण स्थायी रोज़गार योजना में वृद्धि की घोषणा की है।
- इंडोनेशिया ने सार्वजनिक निर्माण योजनाओं के वित्तपोषण के लिए 1 अरब डॉलर (7,000 करोड़ रुपये से अधिक) आवंटित किए हैं, जिससे कम से कम 600,000 श्रमिकों को लाभ होगा।
- इसके अतिरिक्त, इंडोनेशिया केंद्र सरकार ने गांव के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने बजट को दिहाड़ी श्रमिकों और बेरोजगारों के लिए काम के लिए बजट पर ध्यान केंद्रित करें।
- यह मनरेगा (MGNREGA) कार्यक्रम में पात्रता का विस्तार करने के साथ–साथ इसका शहरी संस्करण पेश करने का सही समय है ।
- मौद्रिक नीतियों के माध्यम से वित्तपोषण
- देश द्वितीयक बाजार में अपने प्रयोगों के माध्यम (मात्रात्मक सहजता– quantitative easing) से सार्वजनिक और निजी बॉन्ड की खरीद कर रहे हैं या सीधे प्राथमिक बाजार पर सरकारी बॉन्ड की खरीद कर रहे हैं (घाटे का मुद्रीकरण)।
- इंडोनेशिया और ब्राजील दोनों देशों ने अपने केंद्रीय बैंकों को सरकारी बांड खरीदने की अनुमति देने के लिए क़ानूनों में संशोधन किया है।
- फिलीपींस के केंद्रीय बैंक ने भी तीन महीने के पुनर्खरीद समझौते के तहत 6 बिलियन डॉलर (42,250 करोड़ रुपये) मूल्य के सरकारी बांड खरीदे हैं जो तीन महीने के बाद बढ़ाया जा सकता है।
निष्कर्ष
- अतिरिक्त राजकोषीय परिव्यय – नकद और इस तरह के स्थानान्तरण और विस्तारित सार्वजनिक कार्य योजनाओं के रूप में – वर्तमान में जीवन और नौकरियों को सुरक्षित करेगा और एक दीर्घकालिक मंदी की स्थिति को रोकेगा।
Connecting the dots:
- एन के सिंह (N.K.Singh) समिति की सिफारिशें
- राजकोषीय परिषद की आवश्यकता
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मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section)
ध्यान दें:
- आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए (DNA) सेक्शन में दिए जाएंगे। कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें।
- Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”.
Q.1) सामान्य वरीयता प्रणाली (GSP) के बारे में, निम्नलिखित कथनों में से कौन सा गलत है?
- यह एक प्रकार की अधिमान्य प्रशुल्क (preferential tariff) प्रणाली है।
- यह दो विकसित देशों के बीच संचालित होता है।
- इसमें लाभार्थी देशों द्वारा दाता देशों के बाजारों में निर्यात किए जाने वाले पात्र उत्पादों का शुल्क मुक्त प्रवेश शामिल है।
- यह लाभार्थी देश के माल को दाता देश में प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करता है।
Q.2) ‘मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना‘ निम्नलिखित में से किस राज्य सरकार की एक पहल है?
- छत्तीसगढ़
- दिल्ली
- हरियाणा
- राजस्थान
Q.3) निम्नलिखित में से कौन सा “पंचशील” का सिद्धांत नहीं है?
- गुटनिरपेक्षता
- शांतिपूर्ण सह–अस्तित्व
- एक दूसरे की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के लिए आपसी सम्मान
- एक–दूसरे के आंतरिक मामलों में पारस्परिक रूप से हस्तक्षेप न करना
ANSWERS FOR 21st July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK)
1 | B |
2 | B |
3 | A |
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