DAILY CURRENT AFFAIRS IAS | UPSC Prelims and Mains Exam (हिंदी) – 28th JULY 2020

  • IASbaba
  • August 1, 2020
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(PRELIMS + MAINS FOCUS)


राजस्थान राजनीतिक संकट: राज्यपाल की शक्ति पर संवैधानिक प्रावधान

Rajasthan crisis: Constitution on governor’s power

Part of: GS Prelims and Mains II – शासन व्यवस्था, राज्यपाल, केन्द्रराज्य संबंध

प्रसंग:

राजस्थान के राज्यपाल ने राज्य सरकार को बताया कि एक विधानसभा सत्र को अल्प सूचना पर लेकिन कुछ शर्तों के साथ बुलाया जा सकता है – 

  • विधानसभा सत्र के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना चाहिए
  • यदि विश्वास मत (floor test) परीक्षण किया जाता है, तो इसका लाइव प्रसारण किया जाए। 
  • विधानसभा में सोशल डिस्टेंसिंग का ख़याल रखा जाए। 

परीक्षा के दृष्टिकोण से, हमें निम्नलिखित की जानकारी होनी चाहिए

  1. सदन को आहुत करने की शक्तियां किसके पास हैं?
  2. किसी विधानसभा को आहुत करने, सत्रावसान करने या भंग करने की राज्यपाल की शक्ति के बारे में कानून क्या कहता है?
  3. सदन को बुलाने की राज्यपाल की शक्ति के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने अतीत में क्या कहा है?
  4. संविधान सभा में इस मुद्दे से संबंधित चर्चा 

सदन को बुलाने की शक्तियां किसके पास हैं?

  • कैबिनेट की सहायता और सलाह पर राज्यपाल सत्र को आहुत कर सकता है। 

किसी विधानसभा को आहुत करने, सत्रावसान करने या भंग करने की राज्यपाल की शक्ति के बारे में कानून क्या कहता है?

संविधान में दो प्रावधान हैं जो एक विधानसभा को बुलाने, सत्र शुरू करने और भंग करने के लिए एक राज्यपाल की शक्ति का प्रावधान करते हैं।

  1. अनुच्छेद 174 के तहत, राज्यपाल जब उचित समझे, किसी एक निश्चित समय और स्थान पर सदन को बुला सकता है। अनुच्छेद 174 (2) (a) में कहा गया है कि राज्यपालसमयसमय परसदन का सत्रावसान कर सकता है तथा अनुच्छेद 174 (2) (b) राज्यपाल को विधान सभा भंग करने की अनुमति देता है।
  2. अनुच्छेद 163 कहता है कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के साथ शक्ति का प्रयोग करेगा। लेकिन इसमें यह भी कहा गया है कि अगर संविधान के अनुसार निर्णय उसकी विवेकाधिकार शक्ति से संबंधित  है तो  उसमें मंत्रिपरिषद की सलाह की आवश्यकता नहीं होगी।

आमतौर पर, आहुत करने, सत्रावसान करने या भंग करने की शक्तियों की रूपरेखा बनाने के लिए अनुच्छेद-174 और 163 को एक साथ पढ़ा जाता है।

अनुच्छेद 163 (1) अनिवार्यतः राज्यपाल की विवेकाधीन शक्तियों का उपबंध करता है, जिसमें केवल उन मामलों पर जहाँ संविधान स्पष्ट रूप से निर्दिष्ट करता है कि इसके अधीन राज्यपाल से यह अपेक्षित है कि वह अपने विवेकानुसार कार्य करे

सदन को बुलाने की राज्यपाल की शक्ति के बारे में उच्चतम न्यायालय ने अतीत में क्या कहा है?

  • नबाम रेबिया मामले में उच्चतम न्यायालय के 2016 के एक फैसले में स्पष्ट रूप से कहा गया था किराज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के आधार पर सदन को आहुत, सत्रावसान और भंग कर सकता है
  • लेकिन न्यायालय ने स्पष्ट किया कि यदि राज्यपाल को यह विश्वास करने का कारण हो कि मुख्यमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद सदन का विश्वास खो चुकी है, तो विश्वास मत का आदेश दिया जा सकता है।

राजस्थान का मामला

  • मुख्यमंत्री ने कहा है कि उनके पाससदन का विश्वासहै। इसलिए, राज्यपाल विधान सभा बुलाने के लिए उनकी (मंत्रिपरिषद की) सलाह  मानने हेतु बाध्य हैं।

अनुच्छेद 174 पर संविधान सभा  में चर्चा   

  • तत्कालीन ड्राफ्ट के प्रावधान में तीन खंड थे।  पहले दो खंड वर्तमान के अनुच्छेद 174 में वर्णित खंडों के समान थे।
  • तीसरे खंड ने राज्यपाल को अपने विवेकाधिकार के अनुसार सभा को बुलाने, सत्रावसान करने और भंग करने की अनुमति दी थी
  • संविधान सभा के वादविवाद के दौरान यह प्रस्तुत किया गया कि राज्यपाल को अपने विवेकाधिकार में, सदन को बुलाने या विघटित करने की अनुमति देने का कोई कारण नहीं है, जब ऐसी कोई विवेकाधीन शक्ति राष्ट्रपति तक विस्तारित नहीं की जा रही हो (संसद को बुलाने और भंग करने के संबंध में).
  • बाद मे बी.आर. अंबेडकर ने धारा 3 को हटा दिया, क्योंकि यह एकसंवैधानिकराज्यपाल की योजना के साथ असंगत थी।

दिल्ली सरकार द्धारारोज़गार बाज़ारपोर्टल का  शुभारंभ

Delhi government launches job portal: Rozgaar Bazaar

Part of: GS Mains II and III – सरकारी योजनाएं और पहलअर्थव्यवस्थासंवृद्धि और विकासरोज़गार

रोज़गार बाज़ार के बारे में:

  • दिल्ली सरकार नेरोज़गार बाज़ारपोर्टल का शुभारंभ किया। 

लाभ:

  • अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा। 
  • संभावित नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच एक सेतु का काम करेगा तथा इनके बीच के अंतर को भी कम कर देगा।
  • उन लोगों की मदद करेगा जिन्होंने कोरोनोवायरस महामारी के दौरान लॉकडाउन में अपनी नौकरियों और व्यवसायों को खो दिया है। 

कार्यान्वयन हम उपरोक्त पहलरोज़गार बाज़ारका हवाला दे सकते हैं और मुख्यमंत्री घर घर राशन योजनाका भी, जिसे हम उदाहरण के रूप में हाल ही में पढ़े हैं या सुशासन और सकारात्मक सरकारी उपायों का अध्ययन करते हैं, जिसे अन्य राज्य भी लागू या अनुसरण कर सकते हैं।


खाद्य सुरक्षा पर सोफी (SOFI), 2020 रिपोर्ट

SOFI 2020 Report on Food Security

Part of: GS Prelims and Mains I and II – गरीबी/ स्वास्थ्य; सामाजिक/ कल्याण मुद्दे; खाद्य सुरक्षा

सोफी के बारे में:

  • विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण स्थिति (SOFI) संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन, अंतर्राष्ट्रीय कृषि विकास कोष, यूनिसेफ़, विश्व खाद्य कार्यक्रम और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रतिवर्ष जारी की जाने वाली एक सम्मिलित रिपोर्ट है।
  • यह वैश्विक और क्षेत्रीय स्तरों पर खाद्य असुरक्षा, भूख और कुपोषण पर नवीनतम अनुमान प्रस्तुत करती है।

SOFI 2020 रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु:

  • 2020 का संस्करण यह संकेत देता है कि खाद्य असुरक्षा और कुपोषण के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
  • एक पर्याप्त पोषक तत्वआहार की कीमत $ 2.12 प्रतिदिन है। 
  • एक स्वस्थ आहार की कीमत प्रतिदिन $ 4.07 से अधिक है। 
  • प्रति दिन $ 1.90 अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा सीमा है। 
  • विश्व 2030 तकजीरो हंगर‘ (शून्य भुखमरी) के लक्ष्य को पूरा करने के लिए पथ पर नहीं है।
  • प्रति दिन प्रति व्यक्ति $ 1.90 क्रय शक्ति समानता (पीपीपी) की अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा से ऊपर भारत में लाखों लोग स्वस्थ या पौष्टिक आहार नहीं ले सकते हैं।

समाचारों में स्थान: सूडान का दारफुर क्षेत्र

समाचार में नृजातीय समुदाय/ जनजाति: मसलित समुदाय

Ethnic community/tribe in news: Masalit community

Part of: GS Prelims and Mains I and II – मानचित्र आधारितमानवीय भूगोलअंतरराष्ट्रीय मामले

समाचार में क्यों??

  • हिंसा में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई हैं। 
  • पश्चिम दारफुर के मास्टरइ शहर में करीब 500 हथियारबंद पुरुषों ने मसलित समुदाय को निशाना बनाया।
  • राष्ट्र के प्रभुत्वशाली वर्ग अरब शासकों और अफ्रीकी जातीय समुदायों के बीच संघर्ष अधिक स्वायत्तता की मांग के कारण बना हुआ है।

Link: Sudan-Darfur 

मानचित्र कार्यकलापनिम्नलिखित स्थान को चिन्हित करें 

  1. सूडान की राजधानी, खार्तूम
  2. दारफुर
  3. लाल सागर
  4. सीमावर्ती राष्ट्र

मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय

United Nations Office for the Coordination of Humanitarian Affairs (OCHA)

Part of: GS Prelims and Mains II – अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भूमिका

(OCHA) के बारे में:

  • OCHA संयुक्त राष्ट्र (U.N.) की एक संस्था है
  • इसकी स्थापना 1991 में जटिल आपात स्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के प्रति अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया को सुदृढ़ करने के लिए की गई थी। 
  • यह संयुक्त राष्ट्र के आपदा राहत समन्वयक (UNDRO) के कार्यालय का उत्तराधिकारी है
  • ओचा (OCHA) के जनादेश को बाद में मानव संबंधी प्रतिक्रिया, नीति विकास और मानवीय समर्थन में समन्वय करने के लिए व्यापक बनाया गया।
  • OCHA ने 2016 विश्व मानवतावादी शिखर सम्मेलन इस्तांबुल, तुर्की में आयोजित किया।
  • यह संयुक्त राष्ट्र विकास समूह में एक पर्यवेक्षक है।
  • मुख्यालय दो स्थानों (न्यूयॉर्क और जिनेवा) पर स्थित है

समाचार में : स्ट्रेट ऑफ होर्मुज

Part of: GS Prelims – भूगोलमानचित्र आधारित 

होर्मुज जलडमरूमध्य के बारे में:

  • यह फ़ारस  की  खाड़ी और ओमान की खाड़ी के बीच एक जलसंधि है।
  • यह फ़ारस की खाड़ी से खुले सागर तक एकमात्र समुद्री मार्ग प्रदान करता है तथा विश्व के सबसे रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण अवस्र्द्ध बिंदुओं (important choke points) में से एक है।
  • उत्तरी तट पर ईरान स्थित है तथा दक्षिणी तट पर संयुक्त अरब अमीरात और ओमान का एक बहि:क्षेत्र, मुसंदम (Musandam) है।

Link: Strait of Hormuz


समाचार में : ओकावांगो डेल्टा, बोत्सवाना

Place in news: Strait of Hormuz

Part of: GS Prelims and Mains I and III – भूगोलमानचित्र आधारित; संरक्षण 

समाचारों में क्यों?

  • बोत्सवाना के ओकावांगो डेल्टा में पिछले दो महीनों में रहस्यमय ढंग से सैंकड़ो हाथियों की मौत  हुई है।
  • मौतों का कारण अभी तक सिद्ध नहीं हुआ है।  हालांकि, मृत हाथियों के दाँत सहित पाए जाने के बाद से अवैध शिकार को अस्वीकार कर दिया गया है।
  • कई जीवित हाथियों मे कमजोरी, सुस्ती और कंकाल दिखाई दिए, कुछ में भटकाव, चलने में कठिनाई या लंगडाने के लक्षण भी दिखाई दिए।

ओकावांगो डेल्टा के बारे में

  • यह उन कुछ प्रमुख आंतरिक डेल्टा प्रणालियों में से एक है जो समुद्र या महासागर में प्रवाहित नहीं होती हैं।
  • इस डेल्टा में स्थायी दलदली भूमि और मौसमी बाढ़ के मैदान शामिल हैं।
  • डेल्टा कालाहारी रेगिस्तान का हिस्सा है तथा इसका अस्तित्व ओकावांगो (कवांगो) नदी पर है।
  • यह दुनिया की सबसे बड़ी लुप्तप्राय प्रजातियों में से कुछ का निवास स्थल है, जैसे कि चीता, सफेद गैंडा, काला गैंडा, अफ्रीकी जंगली कुत्ता और शेर।

Link: Botswana

बोत्सवाना के बारे में

  • यह दक्षिणी अफ्रीका में एक स्थलबद्ध देश है। 
  • इसका 70% क्षेत्र कालाहारी रेगिस्तान द्वारा कवर किया गया है।
  • बोत्सवाना में विश्व की सबसे बड़ी हाथी आबादी है, जिसकी अनुमानित संख्या लगभग 130,000 है।
  • यह अफ्रीका का सबसे पुराना निरंतर लोकतंत्र है।

समाचार में संरक्षित क्षेत्र: नागार्जुनसागर श्रीशैलम टाइगर रिजर्व (NSTR)

Protected Area in news: Nagarjunasagar Srisailam Tiger Reserve (NSTR)

Part of: Prelims – संरक्षण; संरक्षित क्षेत्र

इसके बारे में:

  • नागार्जुनसागर श्रीशैलम टाइगर रिजर्व में बाघों (NTSR) की संख्या बढ़ी है
  • एनएसटीआर भारत का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व है
  • यह रिज़र्व पांच जिलों में फैला है, कुरनूल जिला, प्रकाशम जिला, गुंटूर जिला, नलगोंडा जिला और महबूबनगर जिला जोकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हैं
  • भारत में विश्व की बाघों की आबादी का 75% हिस्सा विघमान है

विविध

ऑपरेशन ब्रीदिंग स्पेस

“Operation Breathing Space”

Part of: GS Prelims and Mains II – भारत और इजराइल संबंध; अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध

  • यह इज़राइली टीम, एकउच्च रैंकिंगअनुसंधान और विकास (R&D) रक्षा अधिकारी और DRDO के नेतृत्व में COVID19 के लिए तेजी से परीक्षण विकसित करने से संबंधित है।
  • इज़राइली टीमों ने जिन परीक्षणों को किया है उनमें एक ऑडियो परीक्षण, एक श्वसन परीक्षण, थर्मल परीक्षण और एक पोलीमिनो परीक्षण शामिल है जो COVID19 से संबंधित प्रोटीन को अलग करने का प्रयास करता है।

भारतबांग्लादेश: राम मंदिर निर्माण को लेकर चिंता

India-Bangladesh: Concern over Ram temple construction

Part of: GS Prelims and Mains II – भारत और उसके पड़ोसी संबंध

समाचार में:

  • बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने राम मंदिर निर्माण के सीमा पार नतीजों पर चिंता व्यक्त की है।
  • उन्होंने आगाह किया कि बाबरी मस्जिद के स्थल पर राम मंदिर का निर्माण यद्यपि भारत का आंतरिक मामला है, परंतु बांग्लादेश के लोगों पर इसका भावनात्मक प्रभाव पड़ेगा।
  • इससे दोनों देशों के मध्य सुंदर और गहरे संबंध टूट सकते हैं।

अर्थव्यवस्था में पुन:सुधार हेतु आवश्यक उपाय

Measures needed to re-ignite economy

Part of: GS Mains III – आरबीआई (RBI) द्वारा उपाय; अर्थव्यवस्थासंवृद्धि और विकास

संदर्भ:

RBI गवर्नर ने प्रगति के लिए 5 क्षेत्रों को चिह्नित किया

  1. लक्षित बुनियादी ढाँचा (मेगा बुनियादी ढाँचा परियोजनाएँ जैसे उत्तरदक्षिण और पूर्वपश्चिम एक्सप्रेसवे, हाईस्पीड रेल गलियारे)
  2. कृषिक्षेत्र
  3. नवीकरणीय ऊर्जा
  4. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) और स्टार्टअप
  5. मूल्य आपूर्ति श्रृंखला (value supply chains)

उन्होंने कहा कि इनमें क्षमता का उपयोग भारत को राष्ट्रों की लीग में नेतृत्व की स्थिति में लाने में सक्षम हो सकता है।


न्याय में देरी, न्याय से वंचितता है

Justice delayed is justice denied

Part of: GS Mains II – शासन; न्यायिक सुधार

मुख्य तथ्य:

  • 1950 में दर्ज किए गए 77 मामले अभी भी लंबित हैं।
  • प्रत्येक दशक के साथ लंबित मामलों की मात्रा बढ़ी है।
  • लंबित लगभग 3 करोड़ मामलों में से, 2.6 करोड़ 2010 के बाद दर्ज किए गए हैं।
  • 9 राज्यों में 10 लाख से अधिक मामले लंबित हैं।

(MAINS FOCUS)


अंतर्राष्ट्रीय संबंध/सुरक्षा

Topic: General Studies 2:

  • भारत और उसके पड़ोसी- संबंध 
  • भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।

भारतश्रीलंका संबंध: आधुनिक साधन, सदियों प्राचीन ज्ञान

India-Sri Lanka relations: Modern tools, age-old wisdom

प्रसंग: COVID पश्चात विश्व में द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्जीवित और मजबूत बनाने की आवश्यकता है

एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि 

  • भारतश्रीलंकां संबंधों में मिथक और किंवदंती का गहरा प्रभाव है तथा वे धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक समृद्धि से प्रभावित हैं।
  • विचारों, व्यापार और बौद्धिक विमर्श के मुक्त आदानप्रदान के साथ भारत और श्रीलंका के बीच संबंध 2,500 वर्ष से अधिक पुराना है।
  • सम्राट अशोक के समय में श्रीलंका में बौद्ध धर्म का आगमन सीमापार प्रवचन का परिणाम था
  • श्रीलंका के बौद्ध मंदिर, वर्तमान तक, हिंदू देवताओं के लिए भी मंदिर बने हुए हैं।
  • यूरोपीय समुद्री राष्ट्रों के औपनिवेशिक विस्तार ने श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को पुनर्संरचित किया था।
  • दक्षिण भारत से श्रमिकों को बाग़ानों में काम करने के लिए श्रीलंका लाया गया था, जिसने स्वतंत्रता पश्चात युग में स्वदेशी समुदायों के साथ तनाव पैदा किया और आज तक कायम है।
  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का श्रीलंका पर भी प्रभाव था। संस्कृति, परंपरा, स्थानीय भाषाओं, आध्यात्मिक प्रथाओं और दर्शन, और शिक्षा के पुनरुद्धार के लिए सीमा पार से समर्थन था।
  • दोनों देश औपनिवेशिक शासन के तहत संवैधानिक और संस्थागत शासन के साथ आधुनिक राष्ट्रों में तब्दील हो गए।
  • श्रीलंकाई सेना और LTTE के बीच लगभग तीन दशक लंबा सशस्त्र संघर्ष मई 2009 में समाप्त हो गया। संघर्ष के दौरान, भारत ने श्रीलंकाई सरकार के अधिकार का समर्थन किया, जिससे श्रीलंकाई तमिलों के गुस्से का सामना करना पड़ा।
  • मार्च 2000 में लागू हुए भारतश्रीलंका मुक्त व्यापार समझौते के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार विशेष रूप से तेजी से बढ़ा हैं।

भारत में श्रीलंका का महत्व

  • भू राजनीतिक महत्व: श्रीलंका का हिंद महासागर क्षेत्र में एक द्वीपीय राज्य के रूप में स्थान भारत के समुद्री हितों के लिए सामरिक भूराजनीतिक प्रासंगिकता रखता है।
  • रक्षा और सुरक्षा सहयोग: भारत और श्रीलंका संयुक्त सैन्य (‘मित्र शक्ति‘) और नौसेना अभ्यास (SLINEX) आयोजित करते हैं। इससे दोनों देशों के साझा हितों की रक्षा के लिए दोनों पक्षों के बीच तालमेल बढ़ता है।
  • आर्थिक महत्व: श्रीलंका सार्क (SAARC) के देशों में भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदारों में से एक है। बदले में भारत विश्व स्तर पर श्रीलंका का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है।
  • बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग: श्रीलंका बिम्सटेक (बहुक्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग के लिए बंगाल की खाड़ी पहल)) और सार्क जैसे क्षेत्रीय समूहों का सदस्य है, जिसमें भारत प्रमुख भूमिका निभाता है।
  • चीन को रोकने के लिए: दूसरे देशों के साथ, हिन्दप्रशांत क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता एक नियमआधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के साथसाथ सामान्य हित में है, जिस पर इस उपमहाद्वीप में चीन की मौजूदगी बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। 

संबंधों में चिंताएं

  • चीन के साथ बढ़ती निकटता: श्रीलंका लंबे समय से भारत के भूराजनीतिक क्षेत्र में है, लेकिन चीन के साथ इसके संबंध हाल के वर्षों में मजबूत हुए हैं: चीन द्वारा निर्मित हंबनटोटा बंदरगाहबीआरआई (BRI) में भागीदारीहथियारों की आपूर्ति आदि से भारत के लिए चिंता पैदा हुई हैं। 
  • अनिर्णीत तमिल मुद्दे: श्रीलंका के गृह युद्ध द्वारा विस्थापित तमिलों के पुनर्वास तथा उत्तरी और पूर्वी श्रीलंका को स्वायत्तता का प्रावधान, जहां भारतीय मूल के तमिलों की संख्या बहुसंख्यक है, आवश्यक गति से प्रगति नहीं हुई है।
  • संरक्षणवाद का भय: नीतियाँ और सोच सांप्रदायिक रूप से अन्य, स्थानीय और आंतरिक दिख रही हैं।
  • रिश्ते में विषमता: भौगोलिक आकार, जनसंख्या, सैन्य और आर्थिक शक्ति के मामले में एक तरफ असममित है, और दूसरी तरफ सामाजिक संकेतक और भौगोलिक अवस्थिति है।
  • भारत के पक्ष में व्यापार संतुलन: 2018 में भारत से श्रीलंका को निर्यात 4.16 बिलियन अमरीकी डालर का था, जबकि श्रीलंका से भारत को निर्यात 767 मिलियन अमरीकी डॉलर था। श्रीलंका इस असंतुलन को कम करना चाहता है और भारतीय बाजारों में अधिक से अधिक पहुंच बढा़ना चाहता है।

आगे का राह

  • महत्वपूर्ण मुद्दों पर शून्य राशि के समाधान के समर्थन से बचते हुए दोनों देशों को समान मूल्यों तथा सामाजिक आर्थिक बाध्यताओं के अनुरूप सामरिक तथा अन्य हितों के बीच सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए।
  • श्रीलंका भारतीय उद्यमियों को उनके लिए कोलंबो को एक और व्यवसाय केंद्र बनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, क्योंकि श्रीलंका में रसद (लॉजिसटिक्स) क्षमता में सुधार हो रहा है
  • दोनों अर्थव्यवस्थाओं को एकीकृत करना लेकिन आर्थिक विषमताओं के कारण श्रीलंका के लिए विशेष और अंतर उपचार के साथ तेजी से नज़र रखने की आवश्यकता है
  • बहुपक्षीय समर्थन को बढ़ावा देने के लिए राजनीतिक नेतृत्व, लोगों से लोगों के बीच अंतरसंबंध बढ़ाना भी आवश्यक है।

निष्कर्ष

अनेक देशों में महामारी के कारण कई देशों के पिछड़ने के कारण, यह दोनों देशों के लिए साझेदारी के नवीकरण और पुनरोद्धार पर ध्यान केंद्रित करने का एक अवसर है।

Connecting the dots:

  • Belt & Road Initiative
  • String of Pearls Theory

आपदा प्रबंधन/ शासन/ अर्थव्यवस्था

Topic: General Studies 2,3:

  • आपदा और आपदा प्रबंधन. 
  • विभिन्न क्षेत्रों में विकास और उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दों के लिए सरकार की नीतियों और हस्तक्षेप। 

जलवायुलचीला बुनियादी ढांचे की आवश्यकता

Need for climate-resilient infrastructure

प्रसंग: हालिया असम बाढ़ ने बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है, जो नीति निर्माताओं को ढाँचागत विकास के बारे में पुनर्विचार हेतु संदर्भित करता है

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, बाढ़ ने 2,323 गाँवों को नष्ट कर दिया है, 110,000 हेक्टेयर में फसल क्षेत्र, परिवहन और संचार नेटवर्क, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को बाधित तथा 2.49 मिलियन से अधिक लोगों को प्रभावित किया हैं

क्या असम राज्य में बाढ़ एक प्रकृतिक घटना है?

  • हां, अब यह एक वार्षिक घटना बन गई है, मानसून के मौसम में हर साल होने वाली तीव्र वर्षा से ब्रह्मपुत्र नदी बढ़ जाती है, जिससे नदी के बढ़ते बहाव से भारी तबाही होती है।

यदि यह एक आवर्ती (बारबार होने वाली) घटना है, तो इसके प्रभाव को कम करने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?

  • सरकार ने पूर्वानुमान प्रौद्योगिकियों में भारी निवेश किया है, बड़े पैमाने पर आपदा निकासी रणनीतियों को डिज़ाइन और कार्यान्वित किया है तथा प्रभावी राहत कार्यों के लिए SOPS का निर्माण किया है।
  • सिविल सोसायटी के सहयोग से सरकार द्वारा किए गए ये सभी प्रयास जीवन को बचाने में सक्षम हैं, लेकिन भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसारभारतीय क्षेत्र पर जलवायु परिवर्तन का आकलनने चेतावनी दी है कि औसत तापमान में वृद्धि से अनुमान ऐसी आपदाओं के अधिक तीव्रता और आवृत्ति के साथ आने की संभावना है, लेकिन भारत इसके लिए तैयार नहीं है।
  • भारत की जलवायु अवसंरचना के लिए महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की भेद्यता केवल विकास के लाभ को कम करेगी बल्कि इसके पारिस्थितिक तंत्र, आर्थिक उत्पादकता, ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर निहितार्थ होंगे।

क्या  आप जानते हैं?

  • चक्रवात Amphan ने पश्चिम बंगाल में $ 13 बिलियन के अनुमानित बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचाया, जो 2019 में आए सुपर साइक्लोन फानी की वजह से हुए आर्थिक नुकसान का 1.6 गुना अनुमानित है।
  • केरल में 2018 बाढ़ से हुए नुकसान के कारण कुल रिकवरी आवश्यकता 310 अरब रुपये से अधिक थी। 
  • 2005 और 2015 के बीच मानसून की बाढ़ के कारण मुंबई को 1.8 बिलियन रुपये का नुकसान हुआ।
  • पिछले 20 वर्षों में, भारत ने जलवायु आपदाओं के लिए $ 80 बिलियन का नुकसान उठाया है।

आगे की राहजलवायु के लिए व्यापक नीति योजना, लचीला बुनियादी ढाँचा 

  1. भारत की विकास नीतियाँ बुनियादी ढांचे के निर्माण में जलवायु लचीलापन चिंताओं के प्रभावी एकीकरण पर कोई स्पष्ट ध्यान नहीं देती हैं।
  2. जलवायु परिवर्तनकारी बुनियादी ढाँचे के लिए एक व्यापक नीति ढाँचा बदलती जलवायु परिस्थितियों के लिए पूर्वानुमान, तैयारी और अनुकूलन के द्वारा सामाजिकआर्थिक कमजोरियों को काफी कम कर सकता है।
  3. योजना, डिज़ाइन, निर्माण, संचालन और रखरखाव से बुनियादी ढांचे के विकास के सभी पहलुओं में जलवायु लचीलापन को एकीकृत करने के लिए एक आक्रामक रणनीति।
  4. भारत की महत्वपूर्ण अवसंरचना को उनमें उत्पन्न व्यवधानों का सामना करने, उनका जवाब देने और तेज़ी से पुनर्प्राप्त करने के लिए बनाया जाना चाहिए।
  5. बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राष्ट्रीय सरकार की प्रमुख योजनाएं जैसे कि AMRUT, स्मार्ट शहरी मिशन या प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) को जलवायु लचीले मानकों को अपनाने पर अधिक जोर देना चाहिए।
  6. जलवायु परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय कार्य योजना (NAPCC) स्थानीय सरकारों को अपने विकास परियोजनाओं में जलवायु अनुकूलन और शमन रणनीतियों को शामिल करने के लिए अनिवार्य करती है।  इसे ज़मीनी स्तर पर ठोस आधारों के साथ लागू किया जाना चाहिए।
  7. मॉडल बिल्डिंग बाईलॉ 2016 (Model Building Bye-laws 2016) के प्रावधानों का पालन करना जो इमारतों और जलवायुलचीला निर्माण के जोखिम वर्गीकरण के लिए प्रावधान प्रदान करता है।
  8. राज्यों के अधिकांश महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे जैसे कि आवास, पानी की व्यवस्था, परिवहन नेटवर्क, आदि का अपटूडेट रिकॉर्ड नहीं रहता है, जो उचित भूमि उपयोग योजना को सूचित कर सकते हैं।  राज्यों को ऐसे डेटा को तत्कालता के साथ अद्यतन करना चाहिए।
  9. जलवायु मॉडलिंग के लिए तकनीकी क्षमता और आयोजन को मजबूत करने की आवश्यकता है। 
  10. भारत को आपदाओं की भविष्यवाणी के लिए अपनी मौजूदा संस्थागत जलवायु क्षमताओं को सामूहिक रूप से एकत्रित करना चाहिए। इसमें इसरो, NRSA और IMD को व्यापक मानचित्र बनाने के लिए शामिल किया जाएगा, जो लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण पर डिज़ाइन, योजना और वितरण का मार्गदर्शन कर सकते हैं।

जलवायु के संबंध में लचीले बुनियादी ढांचे का महत्व

  • एक अभूतपूर्व पैमाने पर जलवायु लचीला बुनियादी ढांचे में निवेश करने से तिगुना लाभांश प्राप्त होगा। 
    • जीवन और आजीविका को सुरक्षा,
  • आर्थिक नुकसान कम होगा
    • विकास के लिए संसाधनों का कुशल आवंटन सुनिश्चित होगा।

निष्कर्ष

चरम जलवायुविवशता दुनिया में चरम घटनाएँनया सामान्यबन रही हैं, भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को उनके द्वारा उत्पन्न व्यवधानों का सामना करने, उनका जवाब देने और तेज़ी से पुनर्प्राप्त करने के लिए बनाया जाना चाहिए।

Connecting the dots:

  • सतत विकास लक्ष्यों के संबंध में

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मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section)

ध्यान दें

  • आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए सेक्शन में दिए जाएंगे।  कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें।
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Q.1) राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच संबंधों से संबंधित, संविधान के निम्नलिखित प्रावधानों में से कौन सा गलत है?

  1. मुख्यमंत्री को राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाएगा तथा अन्य मंत्रियों को मुख्यमंत्री की सलाह पर राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाएगा।
  2. दिल्ली के मुख्यमंत्री को उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाता है।  
  3. राज्यपाल की इच्छा के अनुसार मंत्री पद धारण करेंगे।
  4. मुख्यमंत्री विधायकों को राज्य विधान मंडल के सत्रों को बुलाने और स्थगित करने के संबंध में सलाह देते हैं।

Q.2) भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में उल्लेख किया गया है कि मुख्यमंत्री को राज्यपाल द्वारा नियुक्त किया जाएगा?

  1.  अनुच्छेद 174
  2.  अनुच्छेद 164
  3.  अनुच्छेद 163
  4.  अनुच्छेद 168

Q.3) विश्व में खाद्य सुरक्षा और पोषण स्थिति (SOFI) रिपोर्ट किसके द्वारा जारी की गई है

  1. FAO और संयुक्त राष्ट्र संगठन
  2. WB और WHO
  3. WHO और IMF
  4. WB और FAO

Q.4) ओकावांगो डेल्टा कहाँ स्थित है

  1. दक्षिण अफ्रीका
  2. सूडान
  3. बोत्सवाना
  4. दारफुर

Q.5) नागार्जुनसागर श्रीशैलम टाइगर रिज़र्व (NSTR) कहाँ स्थित है

  1. कर्नाटक
  2. केरल
  3. तमिलनाडु
  4. आंध्र प्रदेश

ANSWERS FOR 27th July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK)

1 D
2 A
3 D
4 B
5 A
6 A

अवश्य पढ़ें 

EIA अधिसूचना के मसौदे के बारे में: 

The Hindu

स्वास्थ्य सेवा को पुनर्संरचित करने के अवसर के बारे में:

The Hindu

चीन की मुखर राजनीति के बारे में:

The Indian Express

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