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(PRELIMS + MAINS FOCUS)
असम बाढ़: बाढ़ के कारण कई दुर्लभ गैडों की मौत
पृष्ठभूमि:
- सभी गैंडों की दृष्टि कमजोर होती है। इनकी दृष्टि धुँधली होती है जिसके कारण यह, गंध और आवाज़ सुनने के आधार पर आक्रमण करते हैं।
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व (KNPTR)- विश्व के एक सींग वाले गैंडों की 55% से अधिक आबादी यहाँ मिलती है।
काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
- यह असम के गोलाघाट और नौगांव जिलों में एक राष्ट्रीय उद्यान है। अभ्यारण्य, जो संसार के महान एक सींग वाले गैंडों के दो तिहाई हिस्से की मेजबानी करता है, तथा एक विश्व धरोहर स्थल है।
- काजीरंगा को एविफैनल (avifaunal) प्रजातियों के संरक्षण के लिए बर्ड लाइफ इंटरनेशनल द्वारा एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र के रूप में जाना जाता है।
- काजीरंगा में जंगली पानी के भैंसो (Wild water buffalo) की सबसे बड़ी आबादी पायी जाती है जो दुनिया की लगभग 57% है।
असम में राष्ट्रीय उद्यानों की कुल संख्या पांच (5) है। काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान, मानस राष्ट्रीय उद्यान, ओरंग राष्ट्रीय उद्यान, डिब्रू–सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान और नामेरी राष्ट्रीय उद्यान।
एक सींग वाला गैंडा:
- एक सींग वाला गैंडा एशियाई गैंडों में सबसे विशाल है।
- असम एक सींग वाले गैंडों की सबसे बड़ी आबादी का निवास स्थल है।
संरक्षण की स्थिति:
- आईयूसीएन(IUCN) स्थिति: सुभेद्य (Vulnerable)
- यह वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अनुसूची -1 में शामिल है।
भारत–बांग्लादेश: पशु तस्करी का मुद्दा
भाग: GS Mains II – भारत और उसके पडोसी संबंध; द्विपक्षीय संबंध
समाचार में:
- असम में पशु तस्कर होने के आरोप में तीन बांग्लादेशी नागरिकों को स्थानीय लोगों ने मार गिराया। और चार अन्य लोग सीमा पार से भागने में कामयाब रहे।
- असम के इसी जिले में दो महीने से भी कम समय में यह इस तरह की दूसरी घटना थी।
अनसुलझे मुद्दे और समस्याएं, जो विघमान हैं:
- पानी का बँटवारा – तीस्ता नदी समझौता, फ़रक्का बाँध, मणिपुर में बराक नदी पर तिपाईमुख बांध के निर्माण पर बांग्लादेश की आपत्ति।
- प्रवासियों का मुद्दा : एनआरसी (NRC) का अभ्यास तथा धारणा यह है कि अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश भेजा जाएगा।
- सीमा पर अवैध गतिविधियाँ: मवेशी तस्करी,अन्य तस्करी, ड्रग्स डीलिंग और नकली मुद्रा।
- रोहिंग्या मुद्दे पर भारत का व्यवहार।
- चाइना फैक्टर: बढ़ते सुरक्षा और सैन्य संबंध, बांग्लादेश में बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं में चीन का बढ़ता निवेश भारत के लिए चिंता का कारण बना हुआ है। उदाहरण: चटगाँव बंदरगाह।
- बांग्लादेश में भारतीय परियोजनाओं के पूर्ण होने में देरी (Delivery deficit)।
मुख्य तथ्य:
- भारत बांग्लादेश के साथ 4,096 किलोमीटर की सबसे लंबी सीमा साझा करता है।
- बांग्लादेश भारत के साथ पश्चिम, उत्तर और पूर्व और म्यांमार से पूर्व की भूमि सीमाओं को साझा करता है, जबकि बंगाल की खाड़ी उसके दक्षिण में स्थित है ।
- भारतीय राज्य असम, त्रिपुरा, मिज़ोरम, मेघालय और पश्चिम बंगाल भारत–बांग्लादेश सीमा साझा करते हैं।
छत्तीसगढ़ में अपनी तरह की पहली गोधन न्याय (Godhan Nyay) योजना आरंभ की गई है
भाग: GS Prelims and Mains II and III – सरकारी योजनाएं और पहल; पशुपालन; ग्रामीण विकास
समाचार में:
- गोधन न्याय (Godhan Nyay) योजना छत्तीसगढ़ सरकार ने शुरू की थी।
- इस योजना के तहत सरकार पशुधन मालिकों से 2 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से गोबर खरीदेगी और इसका इस्तेमाल जैविक उर्वरक तैयार करने में करेगी।
योजना के लाभ:
- इस योजना के लागू होने से सरकार का उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना और ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसर प्रदान करता है।
- जैविक खेती (organic farming) को बढ़ावा देता है।
- मवेशियों द्वारा उत्पादित कचरे का उचित निस्तारण करने से शहर और सड़कें साफ रहती हैं।
ट्रेनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम
भाग: GS Mains III – बुनियादी ढांचा; सुरक्षा
समाचार में:
- रेलवे बोर्ड ने कोचों में वीडियो निगरानी प्रणाली के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure) के मानकीकरण के लिए एक समिति बनाई थी।
- मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) में सुरक्षा कर्मियों और फ्रंट लाइन रेलवे अधिकारियों द्वारा निगरानी और प्रतिक्रिया को परिभाषित करने के अलावा डेटा अपलोडिंग, प्रतिधारण और पुनर्प्राप्ति से संबंधित विवरण शामिल होंगे।
क्या आप जानते हैं?
- रेलवे ने स्टेशनों और ट्रेनों को कवर करने के लिए वीडियो निगरानी प्रणाली के भाग के रूप में मार्च 2021 तक 7,000 कोचों में निगरानी कैमरे लगाने की योजना बनाई है।
- पैनल ने यात्री कोचों में लगाए गए सीसीटीवी (CCTV) कैमरों द्वारा उत्पन्न फीड की वास्तविक निगरानी, भंडारण, प्रतिधारण और पुनः प्राप्ति के तौर–तरीकों और प्रक्रिया पर रणनीति तैयार की गई है।
लाभ:
- रेलवे स्टेशनों/ ट्रेनों में अपराधों को रोकने/ उनका पता लगाने के लिए सुरक्षा उपाय।
- रेलवे परिसर में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग यात्रियों की पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करता है।
समाचार में: कन्नन वॉरियर
पवित्र उपवन (Sacred Groves)
भाग: GS Prelims and Mains III – पर्यावरण और जैव विविधता; संरक्षण
समाचार में:
- कोयंबटूर स्थित कन्नन वॉरियर को वानिकी में उत्कृष्ट अनुसंधान के लिए भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा का राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार मिला, जिसमें केरल के अलप्पुझा जिले में लुप्तप्राय पवित्र पेड़ो का संरक्षण शामिल है।
पवित्र उपवनों के बारे में:
- उपवनों में जंगलों या प्राकृतिक वनस्पति के पैच शामिल होते हैं – कुछ पेड़ो से लेकर कई एकड़ के जंगलों तक – जो आमतौर पर स्थानीय लोक देवताओं को समर्पित होते हैं।
- इन स्थानों को स्थानीय समुदायों द्वारा उनकी धार्मिक मान्यताओं और पारंपरिक अनुष्ठानों के कारण संरक्षित किया जाता है जो कई पीढ़ियों से चल रहे है।
- यह उपवन दुर्लभ प्रजातियों, औषधीय और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण पौधों का खजाना हैं। इन जमीनों से पेड़ो की कटाई वर्जित है।
- लोगों का मानना है कि किसी भी तरह की गड़बड़ी से स्थानीय देवता नाराज़ हो जाएंगे, जिससे बीमारियाँ, प्राकृतिक आपदाएं या फसलें खराब होगी। उदाहरण के लिए, पूर्वोत्तर भारत के गारो और खासी जनजातियाँ पवित्र उपवनों में किसी भी मानवीय हस्तक्षेप को पूरी तरह से प्रतिबंधित करती हैं।
पवित्र उपवनों का वर्गीकरण
- पारंपरिक पवित्र उपवन – यह वह स्थान है जहां गांव के देवता निवास करते हैं, जिन्हें एक प्राथमिक प्रतीक द्वारा दर्शाया गया है।
- मंदिर उपवन – यहां एक मंदिर के चारों ओर एक उपवन बनाया जाता है और संरक्षित किया जाता है।
- समाधि या श्मशान के आसपास के उपवन।
समाचार में जनजाति/ समुदाय: कयापो (Kayapo) और उइगर (Uighars)
इसके बारे में:
- कयापो लोग ब्राजील के स्वदेशी लोग हैं जो अमेज़ॅन नदी, जिंगू नदी और उसकी सहायक नदियों के साथ फैले एक विशाल क्षेत्र में रहते हैं।
- कयापो अपने पूरे शरीर में जटिल काले रंग का उपयोग करते है। उनका मानना है कि उनके पूर्वजों ने कीड़ों से अपने सामाजिक कौशल का ज्ञान प्राप्त किया है, इसलिए वह उनकी नकल करने और हर जगह मौजूद आत्मा के साथ बेहतर संवाद करने के लिए अपने शरीर को पेंट करते हैं।
- जंगलों में शिकार करने पर ब्लैक बॉडी पेंट उन्हें अपने परिवेश में समाहित होने की भी अनुमति देता है।
उइगर (Uighurs) कौन हैं?
- उइगर, एक अल्पसंख्यक तुर्क नृजातीय समूह हैं जो मध्य और पूर्वी एशिया के सामान्य क्षेत्र से सांस्कृतिक रूप से जुड़े हुए हैं।
- Uighurs को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के शिनजियांग उइघुर स्वायत्त क्षेत्र के मूल निवासी के रूप में मान्यता दी है।
- चीन उनके स्थानीय (स्वदेशी) समूह होने के विचार को खारिज करता है ।
- उइघुर समुदाय उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और कजाकिस्तान में पाए जाते हैं और कई हजार ऑस्ट्रेलिया में भी निवास करते हैं ।
क्या आप जानते हैं?
20 वीं सदी के प्रारंभिक भाग में, उइगरों ने संक्षिप्त रूप से स्वतंत्रता की घोषणा की, लेकिन इस क्षेत्र को 1949 में कम्युनिस्ट चीन के पूर्ण नियंत्रण में लाया गया था।
(MAINS FOCUS)
शासन/ समाज
विषय: सामान्य अध्ययन 2:
- लोगों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए तंत्र, कानून, संस्थाएं और गठित निकाय
- सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध–न्यायिक निकाय।
नवीन उपभोक्ता अधिकार कानून
संदर्भ: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019,जो 20 जुलाई 2020 को लागू हुआ था, यह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,1986 का स्थान लेगा।
क्या आप जानते हैं?
- 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,1986 को इसी दिन राष्ट्रपति की मंजूरी मिली थी।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 से संबंधित समस्याएँ
- डिजिटल युग के साथ समायोजन नहीं: यह डिजिटल युग की समस्याओं से निपटने के लिए सुसज्जित नहीं था, जहां ई– कॉमर्स और प्रत्यक्ष विक्रेता उल्लंघन से बच जाते थे।
- नियामकों की कमी: उपभोक्ताओं के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए इसका कोई नियामक नहीं था।
- प्रभावी कार्यान्वयन का अभाव:देश भर की उपभोक्ता अदालतों में बड़ी संख्या में लंबित उपभोक्ता शिकायतें हैं।
2019 अधिनियम के कुछ प्रमुख प्रावधान हैं:
- उपभोक्ता की परिभाषा
- एक उपभोक्ता को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया जाता है जो किसी वस्तु को खरीदता है या किसी सेवा का लाभ उठाता है।
- इसमें कोई ऐसा व्यक्ति शामिल नहीं है जो वाणिज्यिक उद्देश्य के लिए पुनर्विक्रय या सेवा के लिए वस्तु प्राप्त करता है।
- इसमें इलेक्ट्रॉनिक साधनों, टेलीशॉपिंग, मल्टी–लेवल मार्केटिंग या डायरेक्ट सेलिंग के माध्यम से ऑफलाइन और ऑनलाइन सहित सभी माध्यमों से लेन देन को शामिल किया गया है।
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) की स्थापना
- सीसीपीए (CCPA) उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा, संवर्धन और प्रवर्तन करेगा।
- सीसीपीए (CCPA) अनुचित व्यापार प्रथाओं, भ्रामक विज्ञापनों और उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामलों को विनियमित करेगा।
- उल्लंघनकर्ताओं पर जुर्माना लगाने का अधिकार सीसीपीए (CCPA) के पास होगा।
- यह वस्तुओं को वापस लेने या सेवाओं को वापस लेने, अनुचित व्यापार प्रथाओं को बंद करने और उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान की गई कीमत की प्रतिपूर्ति के लिए आदेश पारित कर सकता है ।
- इसमें ऐसे उल्लंघनों की जांच पड़ताल के लिए एक जांच दल (investigation wing) होगा।
- उपभोक्ता अधिकार
- जीवन और संपत्ति के लिए खतरनाक वस्तुओं, उत्पादों या सेवाओं के विपणन के खिलाफ संरक्षण का अधिकार होगा।
- सूचना का अधिकार: वस्तुओं, उत्पादों या सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, शक्ति, शुद्धता, मानक और मूल्य के बारे में सूचित किया जाना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को अनुचित व्यापार प्रथाओं से बचाया जा सके।
- आश्वासन का अधिकार:प्रतिस्पर्धी कीमतों पर विभिन्न प्रकार के सामानों, उत्पादों या सेवाओं तक पहुंच के आश्वासन का अधिकार।
- सुनवाई का अधिकार: सुनवाई का अधिकार और यह सुनिश्चित करने का अधिकार कि उपभोक्ता के हितों को उचित मंचों पर उचित विचार प्राप्त हो।
- निवारण का अधिकार :अनुचित व्यापार प्रथा या प्रतिबंधात्मक व्यापार प्रथाओं या उपभोक्ताओं के शोषण के खिलाफ समाधान प्राप्त करने का अधिकार होगा।
- उपभोक्ता जागरूकता का अधिकार।
1986 में भी यही अधिकार थे लेकिन वह वस्तुओं तक ही सीमित थे। लेकिन 2019 अधिनियम ने सेवाओं को शामिल करके इस दायरे का विस्तार किया गया है।
- भ्रामक विज्ञापनों के लिए दंड
- सीसीपीए (CCPA) किसी निर्माता या विक्रयकर्ता (endorser) पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना और झूठे या भ्रामक विज्ञापन के लिए दो साल तक की कैद का प्रावधान है।
- उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग
- सीडीआरसी (CDRCs) की स्थापना की जाएगी:
-
- जिला स्तर: शिकायतें जहां मूल्य एक करोड़ रुपये से अधिक नहीं है।
- राज्य स्तर: शिकायतें जहां मूल्य 1-10 करोड़ रुपये के बीच है।
- राष्ट्रीय स्तर: शिकायतें जहां मूल्य 10 करोड़ से अधिक है।
- अंतिम अपील उच्चतम न्यायालय के समक्ष होगी।
- उत्पाद दायित्व
- उत्पाद देयता का अर्थ है किसी उत्पाद निर्माता, सेवा प्रदाता या विक्रेता की देयता किसी उपभोक्ता को दोष पूर्ण वस्तु या ख़राब सेवा के कारण होने वाले किसी भी नुकसान या चोट के लिए उपभोक्ता को हर्जाना देना होगा।
- उपभोक्ता के अनुकूल
- यह एक उपभोक्ता का अधिकार है कि वह अपने निवास स्थान पर एक कंपनी पर मुकदमा करे और न कि जहाँ कंपनी निर्दिष्ट करे।
- उपभोक्ता भी वीडियो कॉन्फ़्रेंस के माध्यम से उपस्थिति/ सुनवाई का अनुरोध कर सकते हैं, जो मुकदमेबाजी की लागत में कटौती करता है।
चुनौतियाँ
- एक मजबूत अपकृत्य (tort) कानून पारिस्थितिकी तंत्र के बिना, उपभोक्ता को उचित परिणाम नहीं मिलेगा।
- विज्ञापनों के लिए अलग उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण से संबंधित भागों, ई–कॉमर्स वेबसाइटों के लिए नियम, सेलिब्रिटी विज्ञापन के लिए जवाबदेही अभी अधिसूचित किया जाना है ।
आगे की राह
सख्त अदालती कार्रवाई एक सुदृढ़ व्यवस्था बनाने में सहायक होगी, तथा गुमराह करने वाली फर्मों पर दंडात्मक जुर्माना लगाएगी, जो संभवतः उन कंपनियों के लिए एक सबक होगा जो उपभोक्ताओं को महत्व नहीं देते हैं।
Connecting the dots:
- भारत में न्यायिक बैकलॉग (Backlogs)और इसके कारण
- लोक अदालतें
राजनीति/ शासन/ सुरक्षा
विषय: सामान्य अध्ययन 2:
- संरचना, संगठन और कार्यकारिणी की कार्यप्रणाली
- विकास के लिए सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में हस्तक्षेप और उनके डिज़ाइन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय
एक पृथक यातना–विरोधी कानून क्यों? (Why a separate anti-torture law)
संदर्भ: तमिलनाडु के थुथुकुडी जिले में कथित हिरासत में प्रताड़ना के कारण एक पिता और बेटे की मृत्यु।
- पी जयराज (58) और उनके बेटे जे बेनिक्स (31) को COVID-19 कर्फ्यू समय का उल्लंघन करने के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया था। हालांकि, चार दिन बाद कथित तौर पर हिरासत में प्रताड़ना के कारण उनकी मौत हो गई।
- इस घटना ने एक बार फिर प्रताड़ना के खिलाफ पृथक कानून की मांग को जन्म दिया है।
क्या आप जानते हैं?
- भारतीय दंड संहिता में प्रताड़ना को परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन आहत और गंभीर चोट की परिभाषाएं स्पष्ट रूप से निर्धारित की गई हैं।
- भारत द्धारा यातना और अन्य क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार (CAT) के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किया गया हैं, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
इसका अर्थ यह है कि यातना के खिलाफ सुरक्षा उपाय नहीं हैं?
नहीं, कानून और न्यायालयों के अधिनिर्णयों में प्रावधान हैं, जो इससे सुरक्षा प्रदान करते हैं।
- हालांकि ‘आहत‘ की परिभाषा में मानसिक प्रताड़ना शामिल नहीं है, लेकिन भारतीय अदालतों ने मानसिक प्रताड़ना, पर्यावरणीय दबाव, थका देने वाली पूछताछ की निंदा को अन्य के साथ प्रताड़ना के दायरे में शामिल किया है।
- दंड प्रक्रिया संहिता के तहत एक न्यायिक मजिस्ट्रेट हिरासत में हुई हर मौत की जांच करता है।
- राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस द्वारा हस्तक्षेप को रोकने के लिए, कैमरे की नजर में शव परीक्षण करने के लिए विशिष्ट दिशा–निर्देश निर्धारित किए गए हैं।
हिरासत में प्रताड़ना पर सर्वोच्च न्यायलय के अधिनिर्णय
- पश्चिम बंगाल के डी.के. बसु बनाम राज्य: इस मामले के तहत, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पुलिस हिरासत में इस व्यापक रूप से प्रचारित मौत का अवलोकन किया कि यातना के लिए अन्यायपूर्ण साधनों का उपयोग करना, अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है।
- निलाबती बेहरा बनाम उड़ीसा राज्य: अदालत ने यह सुनिश्चित किया कि राज्य अब सार्वजनिक कानून में देयता से बच नहीं सकता है और उसे मुआवजा देने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।
- इसी तरह कोर्ट ने कई मामलों में माना है कि हिरासत में मौत के दोषी पाए गए पुलिस कर्मियों को मौत की सजा दी जानी चाहिए।
- इसलिए, न तो उदाहरणों की कमी है और न ही मौजूदा कानून में कोई कमी है।
क्या प्रताड़ना की रोकथाम के संबंध में विशिष्ट कानून बनाने का कोई प्रयास किया गया था?
- हाँ, 2017 में अत्याचार निवारण विधेयक का एक नया मसौदा विभिन्न हितधारकों से सुझाव मांगने के लिए जारी किया गया था।
- इसमें प्रताड़ना के रूप में ‘गंभीर या लंबे समय तक दर्द या पीड़ा‘ शामिल थी लेकिन उसे अपरिभाषित छोड़ दिया गया था।
विधेयक की आलोचना
- विधेयक न केवल अस्पष्ट था, बल्कि पुलिस के लिए अभियोजन (prosecution) और उत्पीड़न (persecution) के डर के बिना अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए बहुत कठोर था।
- यह कानून के मौजूदा प्रावधानों के साथ असंगत था।
- सजा की प्रस्तावित मात्रा बहुत कठोर थी।
- हालांकि 262 वें विधि आयोग की रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई थी कि आतंकवाद से संबंधित अपराधों के मामलों को छोड़कर मृत्युदंड को समाप्त किया जाए, लेकिन इस विधेयक में हिरासत में मौतों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है।
- विधेयक में, एक आरोपी लोक सेवक को प्राथमिकी और निर्बंध की अग्रिम जमानत के रूप में यातना की हर शिकायत का प्रस्तावित पंजीकरण उचित नहीं था।
- कुल मिलाकर, प्रस्तावित विधेयक में एक सुधारात्मक दृष्टिकोण नहीं था।
आगे की राह
- सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस दीपक गुप्ता ने कहा है कि हमारे पास पहले उपलब्ध कानून को लागू करने की जरूरत है।
- जांच, अभियोजन उचित नहीं है और इन्हें पहले सुधारा जाना चाहिए।
- थर्ड डिग्री के तरीकों के उपयोग को वैज्ञानिक कौशल के साथ प्रतिस्थापित किया जाना चाहिए।
- पुलिस अधिकारियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण की आवश्यकता है।
Connecting the dots:
- पुलिस सुधार (Police reforms)
- मृत्युदंड– क्या इसकी आवश्यकता है?
(TEST YOUR KNOWLEDGE)
मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section)
ध्यान दें:
- आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए सेक्शन में दिए जाएंगे। कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें।
- Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”.
Q.1) असम में, निम्नलिखित राष्ट्रीय उद्यानों में से कौन से मौजूद हैं?
- नामेरी राष्ट्रीय उद्यान
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
- मानस राष्ट्रीय उद्यान
- डिब्रू सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?
- 2 और 3
- 1, 2 और 3
- 2, 3 और 4
- उपरोक्त सभी
Q.2) काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।
- यह मध्य ब्रह्मपुत्र जलोढ़ बाढ़ मैदानों का हिस्सा है।
- जंगली पानी की भैंस (Wild Water Buffalo) केवल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में पायी जाती है।
- यह एक विश्व धरोहर स्थल है।
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?
- केवल 3
- 2 और 3
- 1 और 3
- उपरोक्त सभी
Q.3) भारत के निम्नलिखित राज्यों में से कौन बांग्लादेश और म्यांमार के साथ अपनी सीमा साझा करते हैं?
- असम
- मिजोरम
- त्रिपुरा
- मेघालय
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?
- 1 और 2
- केवल 3
- 1 और 3
- 2, 3 और 4
Q.4) भारत के पवित्र उपवनों (Sacred Groves) के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।
- यह पहाड़ी क्षेत्रों के वह इलाके हैं, जो पूजा स्थलों के आसपास पुनर्जीवित (regenerated) होते हैं।
- वह कई दुर्लभ और संकट ग्रस्त प्रजातियों के संरक्षण में मदद करते हैं।
- इन क्षेत्रों में वनीकरण (Forestation) की सख्त मनाही है।
- इन्हें सरकार द्वारा वन्य जीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम-2002 के तहत संरक्षित किया गया है।
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?
- 1 और 2
- 3 और 4
- 1 और 4
- 2 और 4
Q.5) निम्नलिखित युग्मों पर विचार करें:
(जनजाति/ समुदाय): (संबद्ध देश)
- कयापो: : ब्राजील
- उइगुर: : बांग्लादेश
- रोहिंग्या: : म्यांमार
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?
- केवल 1
- केवल 1 और 3
- केवल 2 और 3
- 1, 2 और 3
ANSWERS FOR 18th July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK)
1 | D |
2 | C |
3 | B |
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कृषि में निजी क्षेत्र की भागीदारी के बारे में: