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IAS UPSC Prelims and Mains Exam (हिंदी) – 6th July 2020
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(PRELIMS + MAINS FOCUS)
आत्मनिर्भर भारत इनोवेशन चैलेंज (Aatmanirbhar Bharat Innovation Challenge)
भाग: GS Prelims and Mains II and III – सरकार की योजनाएं और पहल; विज्ञान और तकनीक; नवोन्मेष
समाचार में:
- आत्मनिर्भर भारत इनोवेशन चैलेंज को उन सर्वश्रेष्ठ भारतीय ऐप्स की पहचान करने के लिए लॉन्च किया गया था, जो पहले से ही नागरिकों द्वारा उपयोग किए जा रहे हैं तथा अपनी–अपनी श्रेणियों में संभावित और विश्व स्तर के ऐप्स बन गए हैं।
- फोकस – विश्व स्तरीय मेड इन इंडिया एप्स बनाना।
- पीएम ने टेक कम्युनिटी से आग्रह किया कि वे आत्मनिर्भर भारत ऐप इनोवेशन चैलेंज में भाग लें।
- यह योजना दो ट्रैक में चलेगी: मौजूदा ऐप का प्रचार और नए ऐप का विकास।
विश्व बैंक और भारत ने MSME कार्यक्रम के लिए 750 मिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए
भाग: GS Prelims and Mains II and III – सरकार की योजनाएं और पहल; अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की भूमिका; अर्थव्यवस्था – वृद्धि और विकास
समाचार में:
- विश्व बैंक और भारत सरकार ने MSME आपातकालीन प्रतिक्रिया कार्यक्रम (Emergency Response Programme) के लिए 750 मिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य COVID-19 संकट से गंभीर रूप से प्रभावित MSMEs क्षेत्र के लिये वित्त के प्रवाह में वृद्धि करना है।
- विश्व बैंक का MSME आपातकालीन प्रतिक्रिया कार्यक्रम कुछ 1.5 मिलियन व्यवहार्य MSMEs की तात्कालिक तरलता और ऋण आवश्यकताओं को पूरा करेगा ताकि उन्हें प्रभाव का सामना करने और लाखों नौकरियों को बचाने में मदद मिल सके।
क्या आप जानते हैं?
- विश्व बैंक नई MSME परियोजना सहित भारत की आपातकालीन COVID-19 प्रतिक्रिया का समर्थन करने के लिए 2.75 अरब डॉलर का ऋण देने को प्रतिबद्ध है।
चीन–भूटान: सीमा विवाद
भाग: GS Prelims and Mains II – अंतर्राष्ट्रीय संबंध; सुरक्षा
समाचार में:
- भूटान ने हाल ही में, पूर्वी भूटान में स्थित सकतेंग वन्यजीव अभ्यारण्य के लिए चीनी दावों का विरोध करते हुए चीन को आपत्तिपत्र भेजा था।
- चीन ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के वैश्विक पर्यावरण सुविधा (जीईएफ) से सक्तेंग अभयारण्य के लिए इस आधार पर फंण्ड को रोकने का प्रयास किया था, कि यह “विवादित” क्षेत्र है।
- भूटान ने हमेशा चीन के साथ अपनी सीमा वार्ता पर एक विवेकपूर्ण चुप्पी बनाए रखी है, और भूटान का बीजिंग के साथ कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है।
क्या आप जानते हैं?
- सकतेंग अभयारण्य को अतीत में भी इस तरह के अनुदान प्राप्त हुए हैं, जिसके तहत 2018-2019 में मृदा क्षरण को रोकने की परियोजना भी शामिल थी, तब चीन को कोई आपत्ति नही थी
एफएओ(FAO): भारत को टिड्डी हमले के खिलाफ हाई अलर्ट पर रहना चाहिए
भाग: GS Prelims and Mains II and III – अंतर्राष्ट्रीय संगठन की भूमिका; विज्ञान
समाचार में:
- खाद्य और कृषि संगठन (FAO) ने भारत को टिड्डी हमले के खिलाफ उच्च अलर्ट पर रहने की चेतावनी दी है।
- 26 साल में भारत सबसे खराब टिड्डी हमले का सामना कर रहा है।
FAO ने रेगिस्तानी टिड्डियों की स्थितियों को तीन श्रेणियां में बाँटा है
- FAO ने रेगिस्तानी टिड्डियों की स्थितियों को तीन श्रेणियां में बाँटा हैं : प्रकोप, लहर और आपदा (outbreak, upsurge, and plague)।
- वर्तमान टिड्डियों के हमले (2019-2020) को लहर (upsurge) के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
- प्रकोप आम है, लेकिन केवल कुछ प्रकोप ही लहर में बदलते हैं। इसी तरह, कुछ लहर आपदा की ओर ले जाते हैं।
- आखिरी बड़ी आपदा 1987-89 में आयी थी तथा आखिरी बड़ी लहर 2003-05 में आयी थी। लहर और आपदा रातोंरात नहीं आती; उन्हें विकसित होने में कई महीने लगते हैं।
क्या आप जानते हैं?
- जब अच्छी बारिश होती है तब हरी वनस्पतियाँ विकसित होती है, तो मरुस्थलीय टिड्डियां – जो हमेशा मॉरितानिया और भारत के बीच, रेगिस्तान में कहीं मौजूद होती हैं – संख्या में तेजी से वृद्धि कर सकती हैं और एक या दो महीने के भीतर, समूह बनाना भ्रमण आरंभ कर सकती हैं।
- यदि इन्हें नियंत्रित न किया जाए, तो ये छोटे समूहों या पंखविहीन टिड्डों और छोटे समूहों या पूर्ण व्यस्क टिड्डों के झुंडों का निर्माण कर सकती हैं।
- ऐसी स्थिति को ‘प्रकोप‘(outbreak) कहा जाता है, और आमतौर पर देश के किसी भाग में लगभग 5,000 वर्ग किमी (50 किमी से 100 किमी) क्षेत्र में एक साथ होता है।
- टिड्डी लहर अधिक गंभीर स्थिति है और आम तौर पर एक पूरे क्षेत्र को प्रभावित करती है।
- सबसे गंभीर श्रेणी, आपदा विकसित हो सकती है जब एक लहर नियंत्रित नहीं होती है और पारिस्थितिक(ecological) स्थिति प्रजनन के लिए अनुकूल रहती हैं, तो टिड्डियों की आबादी और आकार में वृद्धि जारी रहती है, और इससे विशाल आकर में टिड्डी झुंडो का निर्माण होता है।
- जिस क्षेत्र में आपदा आती हैं, वह लगभग 29 मिलियन वर्ग किमी को कवर करती है और 58 देशों में फैल सकती है।
- एफएओ (FAO)वेबसाइट नोट के अनुसार, 1900 के दशक में छह प्रमुख आपदा आईं, जिनमें से एक लगभग 13 साल चली।
कावासाकी रोग (Kawasaki disease)
भाग: GS Prelims and Mains III – विज्ञान – स्वास्थ्य और चिकित्सा
इसके बारे में:
- कावासाकी बीमारी सिंड्रोम के कारण अज्ञात है जिसके परिणामस्वरूप बुखार होता है और ये मुख्य रूप से 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
- यह वाहिकाशोथ (vasculitis) का एक रूप है, जहां पूरे शरीर की रक्त वाहिकाएं में सूजन हो जाती हैं।
- बुखार आमतौर पर पांच दिनों से अधिक समय तक रहता है और सामान्य दवाओं से प्रभावित नहीं होता है।
समाचारों में क्यों?
- कोविड -19 संक्रमण वाले बच्चों में अक्सर कावासाकी बीमारी नामक एक दुर्लभ बीमारी से जुड़े कुछ लक्षण दिखाई देते हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस नई बीमारी को “मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी डिसऑर्डर” (multisystem inflammatory disorder) कहा है।
लक्षण:
- यह बच्चों को प्रभावित करता है।
- इसके लक्षणों में लाल आँखें, लाल चकत्ते, और लाल होठों के साथ जीभ में सूजन – जिसे अक्सर स्ट्रॉबेरी जीभ कहा जाता है – और पूरे शरीर की रक्त वाहिकाएं में सूजन हो जाती हैं।
- कम से कम पांच दिनों तक लगातार तेज बुखार रहता है।
- यह बीमारी हृदय में कोरोनरी (coronary) क्रियाओं को भी प्रभावित करती है।
क्या आप जानते हैं?
- कावासाकी रोग किन कारणों से होता है, अभी तक ज्ञात नहीं है।
- यह एक संक्रमण या वायरस के लिए एक प्रतिरक्षात्मक (immunological) प्रतिक्रिया है। एक बच्चे की प्रतिरक्षा प्रणाली एक विशेष संक्रमण के प्रति प्रतिक्रिया करती है और इन लक्षणों को विकसित करती है।
वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने 15 अगस्त तक वैक्सीन लॉन्च पर चिंता जताई है
भाग: GS Prelims and Mains III – विज्ञान – स्वास्थ्य और चिकित्सा
समाचार में:
- हमने हाल ही में ICMR को भारत बायोटेक के COVID-19 वैक्सीन परीक्षण प्रक्रिया को तेज करने और 15 अगस्त तक लॉन्च करने के बारे में पढ़ा था।अधिक जानकारी के लिए – यहाँ क्लिक करें ।
- वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने ICMR के दावे पर गंभीर चिंता जताई है।
- डब्ल्यूएचओ(WHO) के मुख्य वैज्ञानिक ने कहा कि एक टीका परीक्षण को पूरा होने में आमतौर पर कम से कम छह महीने लगते हैं।
क्या आप जानते हैं?
- किसी भी टीके को प्रतिभागियों की एक बड़ी संख्या पर प्रभावकारिता और सुरक्षा प्रदर्शित करनी चाहिए। एक यथार्थवादी समयरेखा लगभग छह से नौ महीने हो सकती है।
- वैश्विक स्तर पर विशेषज्ञ कह रहे हैं कि COVID-19 के लिए वैक्सीन लॉन्च करने में कम से कम 12 से 18 महीने का समय लगेगा।
विविध (Miscellaneous):
नीतिशास्त्र केस–स्टडी उदाहरण: यूपी में वांछित अपराधी (wanted criminal) को पुलिस से गुप्त जानकारी मिली
समाचार में:
- हाल ही में, कानपुर मुठभेड़ के दौरान आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले उत्तर प्रदेश के वांछित अपराधी (विकास दुबे) को स्थानीय थाने से फोन के जरिए पुलिस छापे की जानकारी मिली।
DRDO अस्पताल
समाचार में:
- 1,000-बेड का COVID अस्पताल, जिसे टाटा ट्रस्ट के साथ रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिज़ाइन और निर्मित किया गया, जिसमें 250-बेड का ICU शामिल है, अस्पताल का उद्घाटन दिल्ली में रक्षा मंत्री और गृह मंत्री द्वारा किया गया।
- DRDO ने गृह मंत्रालय, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MOHFW), सशस्त्र बलों और टाटा ट्रस्ट की सहायता से 12 दिनों के रिकॉर्ड समय में इसका निर्माण किया।
सरकार ने सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की 40 वेबसाइटों को ब्लॉक किया
समाचार में:
- इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने गैर–कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत यूएस–आधारित सिख फॉर जस्टिस (SFJ) की 40 वेबसाइटों को ब्लॉक करने के आदेश जारी किए।
- प्रतिबंध के आदेश गृह मंत्रालय (MHA) की सिफारिशों पर आए हैं।
भारतीय रेलवे 2030 तक स्वयं को ‘नेट ज़ीरो‘ कार्बन उत्सर्जन जन परिवहन नेटवर्क के रूप में बदलेगी
समाचार में:
- भारतीय रेलवे ने घोषणा की है कि वह अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर होने का प्रयास करेगा तथा अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध होगा जिससे रेलवे एक पूर्ण ‘परिवहन का ग्रीन मोड‘ बन जाएगा।
- रेल मंत्रालय ने बड़े पैमाने पर अपनी खाली अप्रयुक्त (vacant) भूमि पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का निर्णय लिया है।
- इस कदम से भारतीय रेलवे को ‘नेट जीरो ’कार्बन उत्सर्जन(carbon emission) रूपांतरण में मदद मिलेगी।
(मुख्य लेख)
शासन / अर्थव्यवस्था / अवसंरचना
विषय: सामान्य अध्ययन 2,3:
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- भारतीय अर्थव्यवस्था और संसाधनों के नियोजन, जुटाने से संबंधित मुद्दे
भारतीय रेलवे ने निजी क्षेत्रों के लिए द्वार खोले
संदर्भ: भारतीय रेलवे ने 151 आधुनिक ट्रेनों का उपयोग करते हुए 109 मूल गंतव्य (origin destination) मार्गों पर निजी संस्थाओं द्वारा ट्रेन संचालन खोलने की प्रक्रिया आरंभ की है।
क्या आप जानते हैं?
- आईआरसीटीसी, जिसमें सरकार बहुसंख्यक शेयरधारक है, को नई दिल्ली–लखनऊ और मुंबई–अहमदाबाद मार्गो पर पायलट ऑपरेशन के रूप में तेजस संचालन की अनुमति दी थी।
- यह ‘गैर–रेलवे‘ ऑपरेटर द्वारा चलाई जाने वाली पहली ट्रेनें थीं।
- 2018 में भारत में 68,443 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन थी। यह संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस के साथ विश्व के चार सबसे बड़े रेल नेटवर्क में से एक है।
निर्णय के लिए पृष्ठभूमि
- 2015 में, बिबेक देबरॉय समिति ने सिफारिश की कि विकास को प्रोत्साहित करने और सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए नए ऑपरेटरों के प्रवेश की अनुमति देने के लिए रेलवे के लिए आगे का रास्ता “उदारीकरण है, निजीकरण नहीं” (liberalisation and not privatisation)।
- यात्री नज़रिए से खासतौर पर बड़े शहरों के बीच ज्यादा ट्रेन सेवाओं की आवश्यकता होती है। रेलवे बोर्ड का कहना है कि क्षमता के अभाव में 2019-20 के दौरान पांच करोड़ इच्छुक यात्रियों को समायोजित नहीं किया जा सका
- रेलवे विस्तार न होने के कारण, तथा सड़क यात्रा के विकास के कारण, रेलवे की हिस्सेदारी आने वाले वर्षों में लगातार घटती जाएगी।
भारतीय रेलवे के लिए ये कदम क्यों महत्वपूर्ण है?
- बेहतर सेवा: उन यात्रियों को नई रेल यात्रा का अनुभव प्रदान करना जो विमान और वातानुकूलित बसों से यात्रा करने के अभ्यस्त हैं।
- क्षमता बढ़ाना :भारत में प्रति किलोमीटर ट्रैक जर्मनी, रूस, चीन या कनाडा की तुलना में भौगोलिक क्षेत्र को बहुत कम कवर करता है, जो विस्तार की संभावना को दर्शाता है, जिसे निजी भागीदारी द्वारा त्वरित किया जा सकता है।
- निवेश को आकर्षित करना: इस कदम से लगभग 30,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने का अनुमान है
- गुणक प्रभाव: यह अनुमान लगाया गया हैं कि रेलवे क्षेत्र में एक रुपया निवेश करने से अन्य क्षेत्रों के उत्पादन में 2.50 ₹ तक की वृद्धि का एक लिंकेज प्रभाव होता है।
- अक्षमता की प्रवृत्ति को पलट देना : दोनों श्रेणियों (यात्री और माल ढुलाई) के लिए यात्रा के अन्य तरीकों में स्थिर बदलाव (Steady shift) आर्थिक विकास को प्रभावित कर रहा था। जो सकल घरेलू उत्पाद के 4.5% के बराबर है।
- Catering to Market: बिबेक देबरॉय पैनल ने कहा था कि यात्री अधिक भुगतान करने के लिए तैयार होते हैं, यदि उन्हें यात्रा की बेहतर गुणवत्ता और आसान पहुंच (ease of access) की गारंटी दी जाती है।
- ट्रैक, सिग्नलिंग और स्टेशनों जैसी महंगी अचल संपत्तियों का मुद्रीकरण करना।
आगे की चुनौतियां
- अपर्याप्त : ट्रेन संचालन में भाग लेने के लिए, निजी ऑपरेटरों के लिए वर्तमान निमंत्रण भारतीय रेलवे द्वारा संचालित 2800 मेल और एक्सप्रेस सेवाओं का केवल 5% है
- निजी प्लेयर को बेहतर सेवाओं के साथ अपेक्षाओं को पूरा करना चाहिए
-
- IRCTC द्वारा संचालित पहली ट्रेन में लखनऊ से दिल्ली के बीच यात्रा का खर्च उसी रूट पर शताब्दी ट्रेन से अधिक है, जबकि गति लगभग समान है।
- इसलिए, निजी ऑपरेटरों को उच्च किराए को न्यायोचित ठहराने और प्रीमियम कीमतों का भुगतान करने के लिए तैयार आबादी के एक वर्ग को आकर्षित करने के लिए अपनी पेशकश के स्तर को और भी अधिक बढ़ाना होगा।
- समान अवसर की आवश्यकता
-
- जैसा कि कंटेनर ट्रेनों को चलाने में निजी ऑपरेटरों के अनुभव से पता चला है कि निजी अभिकर्ताओं के लिए समान अवसर बनाने के लिए एक स्वतंत्र नियामक की स्थापना महत्वपूर्ण होगी।
निष्कर्ष
इस प्रकार निजी रेल परिचालनों को सरकार के नेतृत्व वाली पायलट योजना के रूप में देखा जा सकता है, न कि पूरे भारतीय रेलवे के अनबंडलिंग के लिए एक पूर्ण कार्यक्रम के रूप में, हालांकि सरकार द्वारा निजी दोहन के लिए अधिक आकर्षक भाग खोले जा रहे हैं।
Connecting the dots:
- बिबेक देबरॉय समिति की रिपोर्ट
- राकेश मोहन समिति की रिपोर्ट
राजनीति/ शासन/ समाज
विषय: सामान्य अध्ययन 2:
- संघीय ढांचे से संबंधित संघ और राज्यों के कार्य और जिम्मेदारियां, मुद्दे और चुनौतियाँ
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियाँ और हस्तक्षेप
- विभिन्न संवैधानिक निकायों के कार्य और जिम्मेदारियां – ईसीआई
विस्मृत मतदाता/ भूला दिए गए मतदाता को पुन: मताधिकार देना (Re-enfranchise the forgotten voter)
संदर्भ : COVID-19 महामारी के प्रतिउत्तर में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने 65 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए पोस्टल बैलेट द्वारा मतदान करना संभव बनाया है, यह देखते हुए कि नॉवल कोरोनावायरस के संपर्क में आने का उन्हें अधिक जोखिम है
अब तक, यह विकल्प केवल अक्षम नागरिकों और 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए उपलब्ध था।
इस कदम का महत्व
- मतदान की सुविधा देता है और मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में बाधाएं को दूर करता है।
- यह भारतीय निर्वाचन आयोग के प्रयासों को सुनिश्चित करते हुए दर्शाता है कि कोई भी लोकतांत्रिक प्रक्रिया से बाहर न रह जाए
भारत में वोटिंग परिदृश्य
- भारत में, इस समय 91.05 करोड़ से अधिक पंजीकृत मतदाता हैं और 2019 के आम चुनाव में 67.4% यानी 61.36 करोड़ मतदाताओं ने वोट डाले थे।
- ईसीआई (ECI) एक तिहाई, 29.68 करोड़ मतदाताओं पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा, जिन्होंने अपना वोट नहीं डाला था।
- करीब 10% पंजीकृत मतदाता राजनीति में रुचि न होने के कारण मतदान से परहेज करते हैं।
- इससे लगभग 20 करोड़ मतदाता जो मतदान करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा करने में असमर्थ रहते हैं।
- इनमें से लगभग तीन करोड़ मतदाता अनिवासी भारतीय (NRI) हैं। जिसमें से लगभग एक लाख एनआरआई (NRI) मतदाताओं ने मतदान करने के लिए पंजीकरण कराया है, संभवतः क्योंकि मतदान के लिए भारत में उनकी भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता होती है।
क्या आप जानते हैं?
- 2019 के चुनावों में लगभग 25,000 एनआरआई (NRI) मतदाताओं ने मतदान किया था।
- अनिवासी भारतीयों (NRI) को अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए, सरकार अधिकृत प्रॉक्सी के माध्यम से मतदान करने के लिए कानून लाई, लेकिन अब यह कानून समाप्त हो चुका है।
- घर से दूर तैनात सर्विस वोटर (सरकारी कर्मचारी) इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम (ईटीपीबीएस) द्वारा अपना मतदान कर सकते हैं । वर्गीकृत सेवा मतदाता (जैसे, सैन्य कर्मी) अपने प्रॉक्सी के माध्यम से अपना मतदान कर सकते हैं।
प्रवासी श्रमिक और उनके मताधिकार का प्रयोग करने में सामना की जाने वाली कठनाइयां
- श्रम बल का बड़ा हिस्सा : 2017 के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, आंतरिक प्रवासी श्रमिकों की संख्या लगभग 13.9 करोड़ है – जो भारत के कुल श्रम बल का लगभग एक तिहाई हिस्सा है।
- अस्थाई बस्तियाँ: कई प्रवासी श्रमिक कभी भी बसने का इरादा नहीं रखते हैं और एक बार उनका काम पूरा होने पर या काम का कामकाजी मौसम समाप्त होने पर अपने गाँवों और कस्बों में लौटने की इच्छा रखते हैं।
- गरिमापूर्ण जीवन की हानि: ये लोग कम वेतन, ज्यादा मजदूरी वाली नौकरियों में परिश्रम करते हैं, जिससे पहचान और उचित रहने की स्थिति में कमी, कल्याणकारी योजनाओं लाभ लेने में असफल रहते है, और अपने मताधिकार का प्रयोग करने में असमर्थ रहते हैं।
- राजनीतिक रूप से शक्तिहीन:
- प्रवासी श्रमिक अर्ध–विच्छिन्न (quasi-disenfranchised) हो जाते हैं, भूला दिए गए मतदाता हो जाते हैं क्योंकि वे अपने प्रतिनिधियों को चुनने के लिए चुनाव के दिन घर नहीं लौट सकते।
- आंतरिक प्रवासी श्रमिक अपने रोजगार के स्थान पर मतदाताओं के रूप में नामांकन नहीं करते हैं क्योंकि उनके लिए निवास का प्रमाण प्रदान करना कठिन होता है।
- इसके अलावा, मेजबान राज्य सरकारें श्रमिकों की अनदेखी करती हैं क्योंकि वे ध्यान देने योग्य वोट बैंक नहीं होते हैं तथा कई बार इन्हे स्थानीय आबादी से नौकरियाँ छीनने के लिए निशाना बनाया जाता है।
आगे की राह– प्रवासी कामगारों को पुनः मताधिकार योग्य (re-enfranchising) बनाना
- प्रवासी कामगारों द्वारा मतदान को सुगम बनाने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) जिला कलेक्ट्रेट के नेटवर्क का उपयोग करके पर्याप्त कामगारों तक पहुंच सकता है।
- प्रवासियों को अपने मौजूदा मतदाता पहचान पत्र और उनके अस्थायी प्रवास की अवधि के आधार पर अपने कार्यक्षेत्र के शहर में शारीरिक रूप से मतदान करने में सक्षम होना चाहिए।
- मतदान को केवल नागरिक कर्तव्य के रूप में नहीं बल्कि नागरिक अधिकार के रूप में देखा जाना चाहिए।
- मतपत्र की संभावना सुनिश्चित करने और भूला दिए गए प्रवासी मतदाता को सशक्त बनाने के लिए ‘एक राष्ट्र, एक मतदान पहचान पत्र‘ की शुरूआत करने की राजनीतिक इच्छाशक्ति होनी चाहिए।
- ईसीआई (ECI) को देश में कहीं से भी अपने मतदाताओं को डिजिटल रूप से वोट देने में सक्षम बनाने के लिए आधार–लिंक्ड वोटर–आईडी आधारित समाधान के परीक्षण में तेजी लानी चाहिए।
Connecting the dots:
- वन नेशन– वन राशन कार्ड योजना
- VVPAT – इसकी आवश्यकता क्यों थी?
(TEST YOUR KNOWLEDGE)
मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section)
ध्यान दें:
- आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए सेक्शन में दिए जाएंगे। कृपया उसे देखें और अपने उत्तर अपडेट करें।
- Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”.
Q.1 संयुक्त राष्ट्र की विशिष्ट एजेंसियां निम्नलिखित में से कौन सी हैं?
- खाद्य और कृषि संगठन (Food and Agriculture Organization)
- अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (International Labour Organization)
- अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (International Maritime Organization)
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनें:
- केवल 1
- 2 और 3
- 1 और 3
- 1, 2 और 3
Q.2 कावासाकी रोग के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- यह सिंड्रोम केवल 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है।
- यह एक वायरल संक्रमण है, जिसका नाम जापानी मूल के वायरस तोमीसाकू कावासाकी से लिया गया है।
ऊपर दिए गए कौन से कथन सही है / हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
ANSWERS FOR 4 th July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK)
1 | d |
2 | b |
3 | a |
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पीएम मोदी के लेह यात्रा के बारे में:
COVID-19 वैक्सीन के बारे में:
सरकार द्वारा अनिवार्य मूल्य नियंत्रण में चुनौतियों के बारे में: