Hindi Initiatives
Archives
(PRELIMS + MAINS FOCUS)
राज्यों को GST क्षतिपूर्ति का भुगतान
GST compensation to states
Part of: GS Prelims and Mains II and III – राज्यों को करों का विचलन; संसाधन एकत्रण; केन्द्र–राज्य संबंध
समाचार में:
- केंद्र आखिरकार जीएसटी व्यवस्था के तहत पिछले वर्ष के लिए राज्यों को मुआवजे का भुगतान करने में सफल रहा।
- इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल क्षमता को बेहतर करने तथा कोविड-19 महामारी हेतु राहत कार्यों को त्वरित करने में जुटे राज्यों को सहायता मिलेगी। कमजोर वर्गों पर COVID-19 के हानिकारक प्रभाव को भी कम किया जा सकता है।
क्या आप जानते हैं?
- जीएसटी से पहले, राज्यों को आर्थिक गतिविधि पर कुछ अप्रत्यक्ष करों को लगाने की शक्ति थी। इसलिए, जीएसटी व्यवस्था लागू होने के बाद (2017 में), केंद्र ने पहले पांच साल के लिए राज्यों को क्षतिपूर्ति की गारंटी का वादा किया था, क्योंकि उन्हें पूर्व प्रणाली से शिफ्ट होने के बाद राज्यों को राजस्व हानि का सामना करना पड़ा था।
- क्षतिपूर्ति की गणना आधार वर्ष के रूप में 2015-16 को ध्यान में रखते हुए 14% की वृद्धि दर से की जाती है।
चिंताएँ:
- राज्यों ने केंद्र से आग्रह किया गया है कि वे उन्हें पूर्ण क्षतिपूर्ति प्रदान करें क्योंकि आर्थिक गतिविधियों में गिरावट ने उनकी राजस्व स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव डाला था, कुछ राज्यों ने कानूनी कार्रवाई की धमकी भी दी थी।
- आर्थिक मंदी के कारण केंद्र सरकार को भी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है, इसने ऐसी स्थिति ले ली है कि जीएसटी क्षतिपूर्ति केवल उस राजस्व से की जा सकती है जिसे जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर के रूप में एकत्र किया गया है।
- जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर कार, तंबाकू और वातित पेय (aerated drinks) जैसी वस्तुओं पर लगाया जाता है।
- उपकर संग्रह में कमी के कारण राज्यों को भुगतान में देरी हुई है, जिससे अक्सर राज्यों और केंद्र के मध्य तनाव पैदा होता है।
- यह अंतर इस साल और बढ़ने की संभावना है तथा साथ ही साथ उम्मीद के मुताबिक आर्थिक संकुचन जीएसटी संग्रह में भी कमी लाएगा।
- महामारी के दौरान लोगों द्वारा विलासिता की वस्तुओं पर कम खर्च करने की प्रवृत्ति से क्षतिपूर्ति उपकर अंतर्वाह में कमी आ सकती है।
- जीएसटी के कारण होने वाले नुकसान की भरपाई राज्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए सरकार को बाजार उधार (market borrowing) का सहारा लेना पड़ सकता है।
रूस–भारत–चीन
Part of: GS Prelims and Mains II – भारत और विश्व; अंतर्राष्ट्रीय / बहुपक्षीय संबंध
समाचार में:
- 23 जून 2020 को RIC की विशेष बैठक में द्वितीय विश्व युद्ध में धुरी शक्तियों पर जीत के 75 वर्षों को चिह्नित करने के लिए आयोजित किया गया था।
- रूस, भारत और चीन से “आसियान–आधारित संरचनाओं के साथ वार्ता बढ़ाने के लिए” तथा इसमें COVID-19 मुद्दों को भी शामिल किया गया।
- भारत ने कहा कि – अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान करना, साझेदारों के वैध हितों को पहचानना और बहुपक्षीय संबंधों का समर्थन करना तथा सामान्य भलाई को बढ़ावा देना एक सतत विश्व व्यवस्था के निर्माण का एकमात्र तरीका है।
RIC के बारे में
- RIC एक रणनीतिक समूह है, जो पहली बार 1990 के दशक के अंत में यवगेनी प्रिमकोव के नेतृत्व में अस्तित्व में आया, जो रूसी राजनेता के रूप में जाने जाते थे।
- ‘रणनीतिक त्रिकोण’ के इस विचार ने एक मूर्त रूप लिया, जब रूस, चीन और भारत के पूर्व विदेश मंत्रियों ने सितंबर 2002 में न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के अन्तर्गत बैठक की।
- समूह की स्थापना यूएसए द्वारा निर्देशित रूस की उप–प्रधान विदेश नीति को समाप्त करने और भारत के साथ पुराने संबंधों को नवीनीकृत करने तथा चीन के साथ नए क्षेत्रों में सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देने के आधार पर की गई थी।
- यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से समूह का गठन किया गया था कि वैश्विक नेतृत्व के नियमों को आकार देने में केवल अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों की भूमिका नहीं होनी चाहिए, अर्थात इन तीनों देशो द्वारा भी नेतृत्व प्रदान किया जा सकता हैं।
‘बाघ संगणना, सह–शिकारियों और शिकार की स्थिति’ पर विस्तृत रिपोर्ट
‘Status of Tigers, Co-predators & Prey in India’ report
Part of: Prelims – संरक्षण; संरक्षित क्षेत्र
समाचार में:
‘भारत में बाघ, सह–शिकारियों और शिकार की स्थिति’ रिपोर्ट के अनुसार–
- 2014 में 1,400 की तुलना में भारत में 2,967 बाघ हैं।
- वैश्विक बाघों की आबादी की लगभग 70 प्रतिशत भारत में हैं।
- भारत के लगभग एक तिहाई बाघ, बाघ संरक्षण के बाहर रह रहे हैं
- 50 में से लगभग 17 रिजर्व अपनी बाघों की आबादी को बनाए रखने के लिए अपनी क्षमता के चरम पर पहुंच रहे हैं।
- उत्तराखंड में जिम कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान भारत में बड़ी बिल्लियों (231 बाघों) का सबसे बड़ा निवास स्थान है।
- कर्नाटक में नागरहोल (127) और बांदीपुर (126) टाइगर रिजर्व हैं, जो कॉर्बेट के बाद आते हैं।
विविध:
भारत–पाकिस्तान: गुरुद्वारा श्री शाहिदी अस्थान
India-Pakistan: Gurdwara Sri Shahidi Asthan
इसके बारे में
- भारत के सिख पाकिस्तान के लाहौर में घटित हालिया घटनाक्रमों से प्रसन्न नहीं हैं – जो कि 18 वीं सदी के गुरुद्वारा श्री शाहिदी अस्थान को एक मस्जिद में परिवर्तित करने के लिए है।
- सिखों ने केंद्र से पाक के साथ गुरुद्वारा मुद्दा उठाने की अपील की है।
COVID के कारण बाल निर्बलता/ दुबलापन (Child wasting to rise due to COVID)
इसके बारे में:
द लैंसेट अध्ययन में प्रस्तुत नए अनुमानों के अनुसार, बाल्यकाल कुपोषण और पोषण संबंधी मृत्यु दर पर COVID19 के प्रभाव –
- बाल निर्बलता/ दुबलापन का वैश्विक प्रसार – लंबाई के अनुपात में कम वजन – 2020 में 14.3% तक बढ़ सकता है।
- मुख्य कारण – COVID महामारी जिसके कारण खाद्य प्रणाली बाधित हुई और स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बाधित हुई।
ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड (Green Growth Equity Fund)
- यह भारत के राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) का उप–कोष है
- इसे भारत और यूके द्वारा संयुक्त रूप से प्रवर्तित किया गया है, जिसका उद्देश्य भारत में हरित बुनियादी ढाँचे में निवेश के लिए निजी क्षेत्र के निवेश का लाभ उठाना है।
आपदा रोधी बुनियादी ढाँचे के लिये गठबंधन
Coalition for Disaster Resilient Infrastructure (CDRI)
Part of: GS Prelims and Mains – पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन
CDRI के बारे में
- इसे 2019 संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन (न्यूयॉर्क) में पीएम मोदी द्वारा प्रस्तावित किया गया था।
- सीडीआरआई का सचिवालय दिल्ली में होगा – आपदा जोखिम न्यूनीकरण (UNDRR) के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय द्वारा समर्थन प्रदान किया जाएगा।
- सीडीआरआई आपदाओं से होने वाले बुनियादी नुकसान को कम करने में सक्षम होगा, जिसमें चरम जलवायु घटनाएँ भी शामिल होंगी।
- उद्देश्य – बुनियादी सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच का विस्तार करना और उपलब्धि हेतु क्षमता निर्माण करना हैं ।
- आपदा जोखिम न्यूनीकरण और पेरिस जलवायु समझौते के लिए सेंडई फ्रेमवर्क के अनुसार काम करता है।
- सीडीआरआई देश–विशिष्ट और वैश्विक गतिविधियों का संचालन करेगा।
- CDRI संयुक्त राष्ट्र एजेंडा 2030 के सिद्धांत को बनाए रखेगा – जो समावेशी और विचारशील प्रक्रियाओं (विश्वव्यापी समावेश) को सक्षम बनाए रखने के लिए है।
पैगंबर मोहम्मद 14 वां अभ्यास
Great Prophet 14 exercise
इसके बारे में:
- ईरान ने अपना वार्षिक पैगंबर मोहम्मद 14 वां (“ग्रेट पैगंबर 14″) सैन्य अभ्यास शुरू किया – एक अभ्यास जो विश्व के बाकी हिस्सों में ईरानी वायु और नौसैनिक शक्ति को प्रदर्शित करने के लिए बनाया गया है।
- अभ्यास स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य ईरान की असममित सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन करना है, जिसमें गोताखोर कमांडो, आक्रमण करनेवाला (raider) और हेलीकॉप्टर–माउंटेड एंटी–शिप मिसाइल शामिल हैं।
(MAINS FOCUS)
अंतर्राष्ट्रीय संबंध/सुरक्षा
Topic: General Studies 2:
- भारत और उसके पड़ोसी – संबंध
- भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।
आरआईसी (RIC), एक त्रिकोण जो अभी भी महत्वपूर्ण है
प्रसंग: भारत ने जून 2020 के अंतिम सप्ताह में रूस, भारत और चीन (RIC) के विदेश मंत्रियों की एक आभासी (virtual) बैठक में भाग लिया।
आरआईसी बैठक महत्वपूर्ण क्यों थी?
- जैसा कि चीन के साथ सीमा पर तनाव था, यह दृढ़ता से तर्क दिया गया था कि भारत को अपनी विदेश नीति को पश्चिम की ओर (अमेरिका, यूरोप की ओर) संरेखित करना चाहिए
- ‘आभासी बैठक‘ पर भारत–चीन ‘वास्तविक नियंत्रण रेखा‘ (Line of Actual Control- LAC) पर उत्पन्न तनाव के कारण अनिश्चितता की स्थति बनी हुई थी जिससे यह बैठक असंगत लग रही थी।
क्या आरआईसी बैठक पश्चात संयुक्त बयान जारी किया गया था?
नहीं, कोई संयुक्त बयान जारी नहीं किया गया था लेकिन प्रत्येक देश ने अलग–अलग बयान जारी किए
- चीन ने आतंकित प्रथाओं का विरोध करने, शक्ति की राजनीति को अस्वीकार करने और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विधि के शासन का समर्थन करने के लिए कहा (यह एक विडंबना है कि हाल ही में चीन द्धारा स्वयं ही इस प्रकार के कार्य किए गए हैं)
- रूस ने भू–राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और अस्थिरता लाने वाले शासनों के साथ परिस्थितियों का निपटान करने के लिए एकतरफा सख्त उपायों की आलोचना की।
- भारत ने इस बात पर जोर दिया कि एक सतत विश्व व्यवस्था के लिए, प्रमुख शक्तियों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिए और भागीदारों के वैध हित को पहचानना चाहिए।
आरआईसी के मूल के बारे मे संक्षिप्त में
- 2000 के दशक की शुरुआत में आरआईसी संवाद शुरू हुआ, जब तीनों देश एकध्रुवीय से बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था में परिवर्तन के लिए स्वयं को तैयार कर रहे थे।
- हालांकि यह अमेरिका–विरोधी नहीं था। निर्माण; तीनों देशों ने अमेरिका के साथ अपने संबंधों को अपनी वैश्विक महत्वाकांक्षाओं के लिए आवश्यक माना।
- RIC ने वैश्विक व्यवस्था पर कुछ गैर–पश्चिम (पश्चिम–विरोधी से अलग) दृष्टिकोणों को साझा किया, जैसे कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर जोर, सामाजिक नीतियों पर वार्ता के साथ उत्सुकता तथा विदेशों में अनुचित तरीके से शासन परिवर्तन का विरोध।
- आरआईसी संवाद के प्रारंभिक वर्षों में रूस और चीन के साथ भारत के संबंधों में तेजी आई थी।
- वैश्विक आर्थिक और वित्तीय क्षेत्रों के लोकतंत्रीकरण के लिए आरआईसी का समर्थन बाद में BRIC (ब्राजील को जोड़ने के साथ) के एजेंडे में सम्मिलित किया गया।
भारत–अमेरिकी संबंधों मे समानांतर विकास – कारण:
- भारत के लिए आवश्यकता: एक महत्त्वपूर्ण नागरिक परमाणु समझौते और अमेरिका के साथ एक रक्षा संबंध ने रूस पर निकट–संपूर्ण निर्भरता के स्थान पर सैन्य अधिग्रहण में विविधता लाने के भारत के उद्देश्य को पूरा किया।
- संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए आवश्यकता: इसी तरह, जब चीन तेजी से अपने वैश्विक प्रसार के लिए एक चुनौती के रूप में उभर रहा था, तो अमेरिका ने एशिया में एक लोकतांत्रिक भारत के साथ साझेदारी करने में गंभीरता दिखाई।
- भारत-चीन संबंधों का बिगड़ना: 2005 के समझौते पर चीन वापस चला गया, चीन–पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का शुभारंभ किया, तथा हिंद महासागर में इसके सैन्य और आर्थिक उपस्थिति का विस्तार करने से भारत ने अपना ध्यान आरआईसी से हटाकर अमेरिका–यूरोपीय संघ की ओर बढ़ाया
- रूस की नई भू-राजनीति: जैसा कि 2014 में (रूस द्वारा क्रीमिया के अधिग्रहण) अमेरिका के रूस संबंधों में खराबी आई थी, जिसमें अमेरिका के खिलाफ रूस द्वारा अफग़ानिस्तान में तालिबान के विकास और इसके लिए पाकिस्तान का समर्थन (भारत के हित में नहीं) शामिल था।
- बढ़ती रूस-चीन धुरी:
-
- रूस को अलग–थलग करने के लिए पश्चिमी अभियान ने इसे चीन के बहुत निकट सहयोगी के रूप में साथ लाया– विशेष रूप से रक्षा सहयोग में
- एक अनौपचारिक रूस–चीन संबंधों का आशय है कि रूस यूरेशियाई क्षेत्र में राजनीतिक–सुरक्षा मुद्दों को संभालता है और चीन आर्थिक सहायता प्रदान करता है।
आरआईसी के लिए चिंता
- भारत को मजबूत बनाना– US धुरी और रूस–चीन–पाकिस्तान धुरी RIC समूह के हितों के साथ संरेखित नहीं है जिससे समूह का महत्व कमजोर होता है
- प्रत्येक सदस्य द्वारा हिंद-प्रशांत क्षेत्र की भिन्न धारणा
- भारत के लिए, यह आर्थिक और सुरक्षा महत्व का एक भौगोलिक स्थान है, जिसमें एक सहकारी व्यवस्था किसी भी बाहरी शक्ति के प्रभुत्व को रोकना चाहिए।
- चीन हमारी हिंद–प्रशांत पहल को अमेरिका के नेतृत्व वाली नीति के हिस्से के रूप में देखता है जिसमें उद्देश्य चीन को रोकना है।
- रूस : भारत और जापान को चीन और रूस के खिलाफ सैन्य गठबंधन बनाने के लिए रूस के विदेश मंत्रालय हिंद –प्रशांत पहल को एक अमेरिकी चाल के रूप में देखते हैं।
भारत के लिए आगे की राह
- रूस-चीन धुरी में गिरावट : चेन्नई–व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारे की सक्रियता रूस को यह समझाने में मदद कर सकती है कि प्रशांत में इसके हित इंडो–पैसिफिक में चीनी प्रभुत्व को कमजोर करने में हमारी रुचि के अनुकूल हैं।
- चीन के साथ मतभेद से बचाव: चीन के साथ हाल के घटनाक्रमों से द्विपक्षीय विषमताओं को समाप्त करने के भारत के प्रयासों में तेजी आनी चाहिए, संबंधों को समाप्त करना एक विकल्प नहीं है।
- अमेरिका के साथ सतर्क संबद्धता: अमेरिका से त्वरित साझेदारी अत्यधिक लाभकारी नहीं है। राष्ट्रीय सुरक्षा किसी अन्य देश के लिए पूरी तरह से आउटसोर्स नहीं की जा सकती। भारत को अपनी सामरिक स्वायत्तता को बनाए रखना चाहिए और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ शीत–युद्ध युग के प्रकार के गठबंधन से बचना चाहिए।
Connecting the dots:
- स्ट्रिंग आॕफ पल्स रणनीति
- एक्ट ईस्ट पॉलिसी
- बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव
न्यायपालिका/शासन
Topic: General Studies 2:
- वैधानिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास और उनके डिज़ाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दों के लिए सरकार की नीतियों और हस्तक्षेप।
न्यायाधिकरणों की स्वायत्तता की रक्षा करना
Safeguarding the autonomy of tribunals
प्रसंग: न्यायाधिकरण और इसकी कार्यप्रणाली के संबंध में फरवरी 2020 में नए नियम प्रकाशित किए गए थे
एक संक्षिप्त इतिहास
- 2001 में, सरकार सभी न्यायाधिकरणों के लिए एकरूपता लाने हेतु एक स्वतंत्र पर्यवेक्षी निकाय, कानून और न्याय मंत्रालय के भीतर एक केंद्रीय न्यायाधिकरण प्रभाग स्थापित करने पर विचार कर रही थी।
- यह एल. चंद्र कुमार बनाम भारत संघ मामले में उच्चतम न्यायालय की सात–न्यायाधीशों की संविधान पीठ के फैसले के मद्देनज़र था।
- न्यायाधिकरणों की कार्यप्रणाली को संचालित करने के लिए सरकार द्वारा 2017 में नियमों का एक समूह प्रख्यापित किया गया था।
- हालांकि, 13 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने, रोजर मैथ्यू बनाम दक्षिण भारतीय बैंक में 2017 नियमों को रद्द कर दिया गया था तथा निर्देश दिया गया था कि नए नियमों को न्यायाधिकरण पर पिछले कई फ़ैसलों के अनुरूप जारी किया जाए।
- 2020 के नए नियमों में केवल सतही परिवर्तन किए गए हैं तथा कुछ प्रावधानों में न्यायाधिकरणों से संबंधित मामलों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित कानून की भावना का उल्लंघन है।
नए नियमों के साथ मुद्दे
- कार्यपालिका का नियंत्रण:
- नए नियम न्यायाधिकरणों से संबंधित मुख्य प्रशासनिक मंत्रालयों के मूल नियंत्रण को नहीं हटाते हैं, अर्थात, उन मंत्रालयों को जिनके खिलाफ न्यायाधिकरणों को आदेश पारित करना है।
- यह कुछ विशेष न्यायाधिकरणों जैसे कि सशस्त्र बल न्यायाधिकरण को प्रभावित करता है जिसमें यह उसी मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है जो मुकदमे में पहली विपरीत पार्टी है।
- एल चंद्र कुमार (1997), आर गांधी (2010), मद्रास बार एसोसिएशन (2014) और स्विस रिबंस (2019) के मामलों में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि न्यायाधिकरणों को उन मंत्रालयों के अंतर्गत कार्य करने के लिए नहीं बनाया जा सकता है जिनके खिलाफ उन्हें आदेश पारित करना है।
- इसके बजाय उन्हें कानून मंत्रालय के अधीन रखा जाना चाहिए।
क्या आप जानते हैं?
- आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण 1941 में बनाया गया था, इसे वित्त विभाग के अधीन रखा गया था, लेकिन इसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए एक साल बाद विधायी विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया।
- यह व्यवस्था आज तक जारी है, और शायद प्राथमिक कारण यह है कि यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले न्यायाधिकरणों में से एक है।
- न्यायाधिकरण सदस्यों का चयन
- नए नियम यह सुनिश्चित करते हैं कि मंत्रालय का सचिव जिसके विरुद्ध न्यायाधिकरण को आदेश देना है, वही उस न्यायाधिकरण के न्यायनिर्णयन सदस्यों का चयन करने के लिए समिति बनाता है
- नए नियमों के तहत चयन समिति किसी भी न्यायिक सदस्य की अनुपस्थिति में भी कार्य कर सकती है, जिसका अर्थ है कि पूरी तरह से (या प्रमुख रूप से) कार्यपालिका के अधिकारियों वाली समिति न्यायाधिकरण के सदस्यों का चयन कर सकती है।
- न्यायाधिकरण के सदस्यों का कार्यकाल
- नए नियम 65 साल की सेवानिवृत्ति की उम्र के लिए भी प्रावधान प्रदान करते हैं, यहां तक कि उच्च न्यायालय से 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होने वाले पूर्व न्यायाधीशों के लिए, जो उन्हें तीन साल का सर्वोत्तम कार्यकाल प्रदान करता है।
- यह आर गांधी मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित न्यूनतम पांच से सात साल के कार्यकाल के खिलाफ है, जिससे निरंतरता सुनिश्चित की जा सके।
- न्यायाधिकरण सदस्यों की स्वतंत्रता के लिए खतरा
- न्यायाधिकरण से अवकाश ग्रहण करने के बाद सरकार के अंतर्गत रोज़गार के वर्जन (bar) को समाप्त कर दिया गया है, जिससे सदस्यों की स्वतंत्रता का गंभीर असर पड़ता है।
आगे की राह
- SC पर अनावश्यक बोझ को हटाने और न्याय को सस्ता और सुलभ बनाने के लिए, यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि न्यायाधिकरण कुशलता से काम करें।
- एक स्वतंत्र स्वायत्त निकाय जैसे कि एक राष्ट्रीय न्यायाधिकरण आयोग (NTC), जो निगरानी के साथ–साथ प्रशासन के लिए जिम्मेदार है, उन मुद्दों को दूर करने के लिए एक लंबा रास्ता तय कर सकता है जो न्यायाधिकरणों के कामकाज को प्रभावित करते हैं।
- इस संदर्भ में, उच्च न्यायालयों के, समान रूप से प्रभावी संवैधानिक न्यायालय होने के नाते, व्यावहारिक रूप से न्यायाधिकरण द्वारा आदेश पारित करने के बाद अधिकांश मुकदमों के लिए अंतिम न्यायालय के रूप मे होना चाहिए।
Connecting the dots:
- अनुच्छेद 323- A और अनुच्छेद 323- B
(TEST YOUR KNOWLEDGE)
मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section)
ध्यान दें:
- आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए सेक्शन में दिए जाएंगे। कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें।
- Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”.
Q.1) निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर एक लेवी है जो नियमित जीएसटी करों के अतिरिक्त लागू होगी।
- जीएसटी उपकर उन राज्यों को क्षतिपूर्ति करने के लिए लगाया जाता है, जिन्हें जीएसटी के कार्यान्वयन के कारण राजस्व का कोई नुकसान हो सकता है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा सही हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों 1 और 2
- न तो 1 और न ही 2
Q.2) संरक्षण आश्वासन | बाघ मानक (CA|TS) के बारे में, निम्नलिखित कथन पर विचार करें
- यह मानदंड का एक सेट है जो बाघों की जांच करने की अनुमति देता है कि क्या उनका प्रबंधन सफल बाघ संरक्षण को बढ़ावा देगा
- लैंसडाउन वन प्रभाग भारत का एकमात्र स्थल है जो CA|TS द्वारा स्वीकृत है
सही कथनों का चयन करें
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों 1 और 2
- न तो 1 और न ही 2
Q.3) निम्नलिखित जिस राज्य में स्थित हैं, उनके साथ टाइगर रिजर्व के निम्नलिखित युग्मों पर विचार करें
- कॉर्बेट नेशनल पार्क : उत्तराखंड
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान : ओडिशा
- पेरियार टाइगर रिजर्व : केरल
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनें
- केवल 1 और 2
- केवल 3
- केवल 1 और 3
- केवल 1
Q.4) भारत में चुनावों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- अनुच्छेद 323 B चुनावी विवादों के स्थगन के लिए न्यायाधिकरण स्थापित करने के लिए उपयुक्त विधायिका (संसद या राज्य विधान मंडल) को सशक्त बनाता है।
- अनुच्छेद 323B के अनुसरण में, संसद ने राष्ट्रीय चुनाव न्यायाधिकरण की स्थापना की है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा सही है?
- केवल 1
- केवल 2
- दोनों 1 और 2
- कोई नहीं
Q.5) पैगंबर मोहम्मद 14 वां अभ्यास किससे संबंधित है –
- ईरान
- इजराइल
- यूके
- तुर्की
Q.6) ग्रीन ग्रोथ इक्विटी फंड (GGEF) के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- इसे यूरोपीय संघ के साथ साझेदारी में भारत के राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष (NIIF) द्वारा लॉन्च किया गया है।
- फंड को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ पंजीकृत किया जाएगा।
- यह NIIF के फंड ऑफ फंड्स के लिए पहला निवेश होगा।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनें
- 1 और 2
- 1 और 3
- 2 और 3
- 1,2 और 3
ANSWERS FOR 28th July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK)
1 | B |
2 | B |
3 | A |
4 | C |
5 | D |
अवश्य पढ़ें
टीका विकास के विनियमों के बारे में:
भारत की वायु शक्ति के माध्यम से चीन की मुखरता को प्रतिउत्तर देने के बारे में:
राष्ट्रपति शी जिनपिंग के राजनीतिक दृष्टिकोण (चीन में भारत के पूर्व राजदूत द्वारा) के बारे में: