Hindi Initiatives, IASbaba Prelims 60 Days Plan, Rapid Revision Series (RaRe)
Archives
Hello Friends
60 दिनों की रैपिड रिवीजन (RaRe) सीरीज IASbaba की एक महत्त्वपूर्ण पहल है जो टॉपर्स द्वारा अनुशंसित है और हर साल अभ्यर्थियों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद की जाती है।
यह सबसे व्यापक कार्यक्रम है जो आपको दैनिक आधार पर पाठ्यक्रम को पूरा करने, रिवीजन करने और टेस्ट का अभ्यास करने में मदद करेगा। दैनिक आधार पर कार्यक्रम में शामिल हैं
- उच्च संभावित टॉपिक्स पर दैनिक रैपिड रिवीजन (RaRe) सीरीज वीडियो (सोमवार – शनिवार)
- वीडियो चर्चा में, उन टॉपिक्स पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिनकी UPSC प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में आने की उच्च संभावना होती है।
- प्रत्येक सत्र 20 मिनट से 30 मिनट का होगा, जिसमें कार्यक्रम के अनुसार इस वर्ष प्रीलिम्स परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण 15 उच्च संभावित टॉपिक्स (स्टैटिक और समसामयिक दोनों) का तेजी से रिवीजन शामिल होगा।
Note – वीडियो केवल अंग्रेज़ी में उपलब्ध होंगे
- रैपिड रिवीजन नोट्स
- परीक्षा को पास करने में सही सामग्री महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और रैपिड रिवीजन (RaRe) नोट्स में प्रीलिम्स विशिष्ट विषय-वार परिष्कृत नोट्स होंगे।
- मुख्य उद्देश्य छात्रों को सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक्स को रिवाइज़ करने में मदद करना है और वह भी बहुत कम सीमित समय सीमा के भीतर करना है
Note – दैनिक टेस्ट और विस्तृत व्याख्या की पीडीएफ और ‘दैनिक नोट्स’ को पीडीएफ प्रारूप में अपडेट किया जाएगा जो अंग्रेजी और हिन्दी दोनों में डाउनलोड करने योग्य होंगे।
- दैनिक प्रीलिम्स MCQs स्टेटिक (सोमवार – शनिवार)
- दैनिक स्टेटिक क्विज़ में स्टेटिक विषयों के सभी टॉपिक्स शामिल होंगे – राजनीति, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, पर्यावरण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी।
- 20 प्रश्न प्रतिदिन पोस्ट किए जाएंगे और इन प्रश्नों को शेड्यूल में उल्लिखित टॉपिक्स और RaRe वीडियो से तैयार किया गया है।
- यह आपके स्टैटिक टॉपिक्स का समय पर और सुव्यवस्थित रिवीजन सुनिश्चित करेगा।
- दैनिक करेंट अफेयर्स MCQs (सोमवार – शनिवार)
- दैनिक 5 करेंट अफेयर्स प्रश्न, ‘द हिंदू’, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘पीआईबी’ जैसे स्रोतों पर आधारित, शेड्यूल के अनुसार सोमवार से शनिवार तक प्रकाशित किए जाएंगे।
- दैनिक CSAT Quiz (सोमवार –शनिवार)
- सीसैट कई अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का कारण रहा है।
- दैनिक रूप से 5 सीसैट प्रश्न प्रकाशित किए जाएंगे।
Note – 20 स्टैटिक प्रश्नों, 5 करेंट अफेयर्स प्रश्नों और 5 CSAT प्रश्नों का दैनिक रूप से टेस्ट। (30 प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न) प्रश्नोत्तरी प्रारूप में अंग्रेजी और हिंदी दोनों में दैनिक आधार पर अपडेट किया जाएगा।
60 DAY रैपिड रिवीजन (RaRe) सीरीज के बारे में अधिक जानने के लिए – CLICK HERE
Download 60 Day Rapid Revision (RaRe) Series Schedule – CLICK HERE
Download 60 Day Rapid Revision (RaRe) Series Notes & Solutions DAY 52– CLICK HERE
Note –
- Comment your Scores in the Comment Section. This will keep you accountable, responsible and sincere in days to come.
- It will help us come out with the Cut-Off on a Daily Basis.
Important Note
- Don’t forget to post your marks in the comment section. Also, let us know if you enjoyed today’s test 🙂
- You can post your comments in the given format
- (1) Your Score
- (2) Matrix Meter
- (3) New Learning from the Test
Test-summary
0 of 30 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
- 21
- 22
- 23
- 24
- 25
- 26
- 27
- 28
- 29
- 30
Information
The following Test is based on the syllabus of 60 Days Plan-2022 for UPSC IAS Prelims 2022.
To view Solutions, follow these instructions:
- Click on – ‘Start Test’ button
- Solve Questions
- Click on ‘Test Summary’ button
- Click on ‘Finish Test’ button
- Now click on ‘View Questions’ button – here you will see solutions and links.
You have already completed the test before. Hence you can not start it again.
Test is loading...
You must sign in or sign up to start the test.
You have to finish following test, to start this test:
Results
0 of 30 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have scored 0 points out of 0 points, (0)
Average score |
|
Your score |
|
Categories
- Not categorized 0%
Pos. | Name | Entered on | Points | Result |
---|---|---|---|---|
Table is loading | ||||
No data available | ||||
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
- 21
- 22
- 23
- 24
- 25
- 26
- 27
- 28
- 29
- 30
- Answered
- Review
-
Question 1 of 30
1. Question
हालांकि भारत में सबसे पहले पुर्तगाली आए, लेकिन वे पूर्व में व्यापार एकाधिकार को लंबे समय तक बनाए रखने में असमर्थ थे क्योंकि-
- इसके व्यापारियों को इसके जमींदार अभिजात वर्ग की तुलना में अधिक शक्ति प्राप्त थी।
- अन्य यूरोपीय शक्तियों की तुलना में पुर्तगाली जहाजरानी के विकास में पिछड़ गए।
- उन्होंने धार्मिक असहिष्णुता (religious intolerance) की नीति का पालन किया।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
Correct
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 गलत सही सही इसके व्यापारियों को इसके जमींदार अभिजात वर्ग की तुलना में बहुत कम शक्ति और प्रतिष्ठा प्राप्त थी। अन्य यूरोपीय शक्तियों की तुलना में पुर्तगाली जहाजरानी के विकास में पिछड़ गए। उन्होंने धार्मिक असहिष्णुता की नीति का पालन किया। Incorrect
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 गलत सही सही इसके व्यापारियों को इसके जमींदार अभिजात वर्ग की तुलना में बहुत कम शक्ति और प्रतिष्ठा प्राप्त थी। अन्य यूरोपीय शक्तियों की तुलना में पुर्तगाली जहाजरानी के विकास में पिछड़ गए। उन्होंने धार्मिक असहिष्णुता की नीति का पालन किया। -
Question 2 of 30
2. Question
स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
- भूमि के स्वामित्व के अधिकार को वंशानुगत और हस्तांतरणीय बना दिया गया।
- जमींदारों द्वारा राजस्व भुगतान में विलंब का कोई प्रावधान नहीं था।
- कृषि उत्पादकता में सुधार के साथ समय-समय पर भू-राजस्व की समीक्षा की गई।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही हैं?
Correct
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही गलत भूमि के स्वामित्व के अधिकार को वंशानुगत और हस्तांतरणीय बना दिया गया। जमींदारों द्वारा राजस्व भुगतान में विलंब का कोई प्रावधान नहीं था। स्थायी बंदोबस्त पहले से ही राजस्व का निपटान करता था और यह प्रकृति में निश्चित और स्थायी था, इसलिए नाम स्थायी था। जमींदार की आय बढ़ने पर भी भविष्य में भू-राजस्व में वृद्धि नहीं होगी। Incorrect
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही गलत भूमि के स्वामित्व के अधिकार को वंशानुगत और हस्तांतरणीय बना दिया गया। जमींदारों द्वारा राजस्व भुगतान में विलंब का कोई प्रावधान नहीं था। स्थायी बंदोबस्त पहले से ही राजस्व का निपटान करता था और यह प्रकृति में निश्चित और स्थायी था, इसलिए नाम स्थायी था। जमींदार की आय बढ़ने पर भी भविष्य में भू-राजस्व में वृद्धि नहीं होगी। -
Question 3 of 30
3. Question
भारत में प्रेस के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही नहीं है?
Correct
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
सही सही गलत सही बंगाली अखबार की स्थापना 1879 में गिरीश चंद्र घोष ने की थी। अमृता बाजार पत्रिका मूल रूप से एक बंगाली अखबार था जिसे बाद में अंग्रेजी में बदल दिया गया। संजीवनी 1883 में कृष्ण कुमार मित्रा द्वारा स्थापित बंगाली पत्रिका (मराठी नहीं) थी। गोपाल गणेश आगरकर केसरी अखबार के संपादक थे। Incorrect
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
सही सही गलत सही बंगाली अखबार की स्थापना 1879 में गिरीश चंद्र घोष ने की थी। अमृता बाजार पत्रिका मूल रूप से एक बंगाली अखबार था जिसे बाद में अंग्रेजी में बदल दिया गया। संजीवनी 1883 में कृष्ण कुमार मित्रा द्वारा स्थापित बंगाली पत्रिका (मराठी नहीं) थी। गोपाल गणेश आगरकर केसरी अखबार के संपादक थे। -
Question 4 of 30
4. Question
आर्य समाज के धार्मिक सिद्धांतों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- इसने पुराणों जैसे बाद के हिंदू शास्त्रों के अधिकार को स्वीकार किया।
- इसने हिंदू समाज में मूर्तिपूजा और बहुदेववाद का समर्थन किया।
- इसने चार वर्ण व्यवस्था की वैदिक धारणा की सदस्यता ली।
- इसने स्वीकार किया कि भौतिक संसार एक भ्रम (माया) है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
Correct
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 कथन 4 गलत गलत सही गलत इसने वेदों की अपनी व्याख्या दी और पुराणों जैसे बाद के हिंदू शास्त्रों के अधिकार की अवहेलना की। इसने मूर्ति पूजा, बहुदेववाद, आकर्षण और मंत्र में विश्वास की निंदा की और देवत्व की एकता का प्रचार किया। इसने चार वर्ण व्यवस्था की वैदिक धारणा की सदस्यता ली। इसने लोकप्रिय हिंदू दर्शन को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि भौतिक संसार एक भ्रम (माया) है और मनुष्य की आत्मा केवल ईश्वर का एक हिस्सा है। इसके विपरीत, दयानन्द ने माना कि ईश्वर, जीव और पदार्थ (प्रकृति) अलग और शाश्वत संस्थाएँ हैं। Incorrect
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 कथन 4 गलत गलत सही गलत इसने वेदों की अपनी व्याख्या दी और पुराणों जैसे बाद के हिंदू शास्त्रों के अधिकार की अवहेलना की। इसने मूर्ति पूजा, बहुदेववाद, आकर्षण और मंत्र में विश्वास की निंदा की और देवत्व की एकता का प्रचार किया। इसने चार वर्ण व्यवस्था की वैदिक धारणा की सदस्यता ली। इसने लोकप्रिय हिंदू दर्शन को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि भौतिक संसार एक भ्रम (माया) है और मनुष्य की आत्मा केवल ईश्वर का एक हिस्सा है। इसके विपरीत, दयानन्द ने माना कि ईश्वर, जीव और पदार्थ (प्रकृति) अलग और शाश्वत संस्थाएँ हैं। -
Question 5 of 30
5. Question
1857 के विद्रोह के बाद अंग्रेजों द्वारा शुरू किए गए महत्वपूर्ण परिवर्तनों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- अंग्रेजों को भारत में लोगों की प्रथागत, धार्मिक और सामाजिक प्रथाओं का सम्मान करना था।
- सेना में भारतीय सैनिकों का अनुपात बढ़ाया जाना था और यूरोपीय सैनिकों की संख्या कम की जानी थी।
- मुसलमानों की भूमि और संपत्ति को बड़े पैमाने पर जब्त कर लिया गया और उनके साथ संदेह और शत्रुता का व्यवहार किया गया।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही हैं?
Correct
Solution ( b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही गलत सही अंग्रेजों को भारत में लोगों की प्रथागत, धार्मिक और सामाजिक प्रथाओं का सम्मान करना था। यह निर्णय लिया गया कि सेना में भारतीय सैनिकों का अनुपात कम किया जाएगा और यूरोपीय सैनिकों की संख्या बढ़ाई जानी थी। मुसलमानों की भूमि और संपत्ति को बड़े पैमाने पर जब्त कर लिया गया और उनके साथ संदेह और शत्रुता का व्यवहार किया गया। Incorrect
Solution ( b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही गलत सही अंग्रेजों को भारत में लोगों की प्रथागत, धार्मिक और सामाजिक प्रथाओं का सम्मान करना था। यह निर्णय लिया गया कि सेना में भारतीय सैनिकों का अनुपात कम किया जाएगा और यूरोपीय सैनिकों की संख्या बढ़ाई जानी थी। मुसलमानों की भूमि और संपत्ति को बड़े पैमाने पर जब्त कर लिया गया और उनके साथ संदेह और शत्रुता का व्यवहार किया गया। -
Question 6 of 30
6. Question
निम्नलिखित में से किस कारक के परिणामस्वरूप होम रूल लीग को लोकप्रिय समर्थन प्राप्त हुआ?
- विश्व युद्ध ने औपनिवेशिक शक्तियों की नस्लीय श्रेष्ठता के मिथक को नष्ट कर दिया।
- विश्व युद्ध के दौरान भारी कराधान और उच्च मूल्य।
- उदारवादी नेतृत्व में जन आंदोलन शुरू करने में कांग्रेस की विफलता।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
Correct
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही विश्व युद्ध ने औपनिवेशिक शक्तियों की नस्लीय श्रेष्ठता के मिथक को नष्ट कर दिया। विश्व युद्ध के दौरान भारी कराधान और उच्च मूल्य। उदारवादी नेतृत्व में जन आंदोलन शुरू करने में कांग्रेस की विफलता। Incorrect
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही विश्व युद्ध ने औपनिवेशिक शक्तियों की नस्लीय श्रेष्ठता के मिथक को नष्ट कर दिया। विश्व युद्ध के दौरान भारी कराधान और उच्च मूल्य। उदारवादी नेतृत्व में जन आंदोलन शुरू करने में कांग्रेस की विफलता। -
Question 7 of 30
7. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- वल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में कांग्रेस की अंतरिम सरकार ने 1946 में शपथ ली थी।
- मुस्लिम लीग ने संविधान सभा का बहिष्कार किया।
- जवाहर लाल नेहरू और कांग्रेस ने माउंटबेटन द्वारा बाल्कन योजना को खारिज कर दिया।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही हैं?
Correct
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 गलत सही सही जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस की अंतरिम सरकार ने 1946 में शपथ ली थी। 9 दिसंबर से संविधान सभा की बैठक शुरू हुई, लेकिन मुस्लिम लीग पीछे हट गई क्योंकि कांग्रेस ने समूह संविधानों का मसौदा तैयार करने के लिए अनुभागीय बैठकों की मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। नेहरू और कांग्रेस ने योजना बाल्कन को खारिज कर दिया, क्योंकि उनके विचार में, एक कमजोर केंद्र और स्वायत्त प्रांत वास्तव में भारत के बाल्कनीकरण की ओर ले जाएंगे, विघटनकारी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देंगे, और हर जगह अराजकता और अव्यवस्था होगी। Incorrect
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 गलत सही सही जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में कांग्रेस की अंतरिम सरकार ने 1946 में शपथ ली थी। 9 दिसंबर से संविधान सभा की बैठक शुरू हुई, लेकिन मुस्लिम लीग पीछे हट गई क्योंकि कांग्रेस ने समूह संविधानों का मसौदा तैयार करने के लिए अनुभागीय बैठकों की मांग को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। नेहरू और कांग्रेस ने योजना बाल्कन को खारिज कर दिया, क्योंकि उनके विचार में, एक कमजोर केंद्र और स्वायत्त प्रांत वास्तव में भारत के बाल्कनीकरण की ओर ले जाएंगे, विघटनकारी प्रवृत्तियों को बढ़ावा देंगे, और हर जगह अराजकता और अव्यवस्था होगी। -
Question 8 of 30
8. Question
भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के संबंध में, द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद निम्नलिखित में से कौन सी घटना हुई?
- तेभागा आंदोलन
- वर्ली विद्रोह
- एका आंदोलन
- पुन्नपरा-वायलार घटना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
Correct
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 कथन 4 सही सही गलत सही तेभागा आंदोलन – 1946-1947 वर्ली विद्रोह – 1945 एका आंदोलन – 1921 पुन्नपरा-वायलार घटना – 1946 Incorrect
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 कथन 4 सही सही गलत सही तेभागा आंदोलन – 1946-1947 वर्ली विद्रोह – 1945 एका आंदोलन – 1921 पुन्नपरा-वायलार घटना – 1946 -
Question 9 of 30
9. Question
आईएनए आंदोलन (INA agitation) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
- कांग्रेस के अलावा, मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा ने भी आईएनए के उद्देश्य का समर्थन किया।
- के.एन.काटजू और भुलाभाई देसाई उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने अदालत में आईएनए कैदियों की रक्षा का आयोजन किया।
- आईएनए कैदियों के मुकदमे के खिलाफ जन दबाव को ‘ज्वालामुखी प्रवाह’ के रूप में वर्णित किया गया है।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही कांग्रेस के अलावा, मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा ने भी आईएनए के उद्देश्य का समर्थन किया। के.एन. काटजू और भुलाभाई देसाई उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने अदालत में आईएनए कैदियों की रक्षा का आयोजन किया। आईएनए कैदियों के मुकदमे के खिलाफ जन दबाव को ‘ज्वालामुखी प्रवाह’ के रूप में वर्णित किया गया है। Incorrect
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही कांग्रेस के अलावा, मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा ने भी आईएनए के उद्देश्य का समर्थन किया। के.एन. काटजू और भुलाभाई देसाई उन नेताओं में शामिल थे जिन्होंने अदालत में आईएनए कैदियों की रक्षा का आयोजन किया। आईएनए कैदियों के मुकदमे के खिलाफ जन दबाव को ‘ज्वालामुखी प्रवाह’ के रूप में वर्णित किया गया है। -
Question 10 of 30
10. Question
औपनिवेशिक इतिहास के संदर्भ में, ‘स्ट्रैची कमीशन‘ और ‘वुडहेड कमीशन‘ को नियुक्त किया गया था-
Correct
Solution (a)
Explanation:
कंपनी ने अकाल और अकाल राहत की समस्याओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। अकाल की समस्याओं से निपटने के लिए इसके पास कोई प्रशासनिक मशीनरी और अनुभवी कर्मचारी नहीं थे। उन्नीसवीं शताब्दी की शुरुआत में, इसने अकाल प्रभावित लोगों की समस्याओं को आधे-अधूरे उपायों से हल करने का प्रयास किया।
पहला अकाल आयोग (1880):
1876-78 के अकाल के बाद भारत सरकार ने 1778 में जॉन स्ट्रैची के तहत पहला अकाल आयोग नियुक्त किया, जिसने 1880 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसने अकाल-राहत नीति के सामान्य सिद्धांतों को तैयार किया और अकाल राहत के लिए निवारक और सुरक्षात्मक उपायों का सुझाव दिया।
दूसरा अकाल आयोग (1898):
1896-97 के अकाल के कारण जेम्स लायल के अधीन दूसरे आयोग की नियुक्ति हुई। इसने ज्यादातर पहले की सिफारिशों का समर्थन किया और मुफ्त अनुदान, भू-राजस्व की अधिक उदार छूट और कमजोर वर्गों पर विशेष ध्यान देने की सिफारिश की।
तीसरा अकाल आयोग (1901):
1899-1900 के अकाल के कारण 1901 में एंटनी मैकडोनेल के अधीन तीसरे अकाल आयोग की नियुक्ति हुई। इसने अकाल से प्रभावित लोगों पर ध्यान देने और अकाल के खतरे के तुरंत बाद उनकी सहायता करके उनकी इच्छा-शक्ति का निर्माण करने की नैतिक रणनीति पर जोर दिया।
वुडहेड कमीशन (1944):
1943 के बंगाल अकाल के कारण वुडहेड आयोग की नियुक्ति हुई। इसने अखिल भारतीय खाद्य परिषद के निर्माण, उचित मूल्य की दुकानों की एक श्रृंखला के माध्यम से खाद्यान्न की एकाधिकार खरीद और वितरण आदि की सिफारिश की।
Incorrect
Solution (a)
Explanation:
कंपनी ने अकाल और अकाल राहत की समस्याओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। अकाल की समस्याओं से निपटने के लिए इसके पास कोई प्रशासनिक मशीनरी और अनुभवी कर्मचारी नहीं थे। उन्नीसवीं शताब्दी की शुरुआत में, इसने अकाल प्रभावित लोगों की समस्याओं को आधे-अधूरे उपायों से हल करने का प्रयास किया।
पहला अकाल आयोग (1880):
1876-78 के अकाल के बाद भारत सरकार ने 1778 में जॉन स्ट्रैची के तहत पहला अकाल आयोग नियुक्त किया, जिसने 1880 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। इसने अकाल-राहत नीति के सामान्य सिद्धांतों को तैयार किया और अकाल राहत के लिए निवारक और सुरक्षात्मक उपायों का सुझाव दिया।
दूसरा अकाल आयोग (1898):
1896-97 के अकाल के कारण जेम्स लायल के अधीन दूसरे आयोग की नियुक्ति हुई। इसने ज्यादातर पहले की सिफारिशों का समर्थन किया और मुफ्त अनुदान, भू-राजस्व की अधिक उदार छूट और कमजोर वर्गों पर विशेष ध्यान देने की सिफारिश की।
तीसरा अकाल आयोग (1901):
1899-1900 के अकाल के कारण 1901 में एंटनी मैकडोनेल के अधीन तीसरे अकाल आयोग की नियुक्ति हुई। इसने अकाल से प्रभावित लोगों पर ध्यान देने और अकाल के खतरे के तुरंत बाद उनकी सहायता करके उनकी इच्छा-शक्ति का निर्माण करने की नैतिक रणनीति पर जोर दिया।
वुडहेड कमीशन (1944):
1943 के बंगाल अकाल के कारण वुडहेड आयोग की नियुक्ति हुई। इसने अखिल भारतीय खाद्य परिषद के निर्माण, उचित मूल्य की दुकानों की एक श्रृंखला के माध्यम से खाद्यान्न की एकाधिकार खरीद और वितरण आदि की सिफारिश की।
-
Question 11 of 30
11. Question
1937 के प्रांतीय चुनावों के बाद कांग्रेस मंत्रालयों द्वारा किए गए कार्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?
- उन्होंने प्रेस और कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध हटा दिया।
- पुलिस की शक्ति पर अंकुश लगा दिया गया और बड़ी संख्या में क्रांतिकारी आतंकवादियों सहित राजनीतिक कैदियों को रिहा कर दिया गया।
- किसान कर्जदारों को काश्तकारी अधिकारों और अन्य सुरक्षा से निपटने के लिए कृषि कानून पारित किया गया था।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
Correct
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही उन्होंने नागरिक स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया, प्रेस और कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध हटा दिया, ट्रेड यूनियनों और किसान (किसान) संगठनों को कार्य करने और विकास हेतु अनुमति दी। पुलिस की शक्ति पर अंकुश लगा दिया गया और बड़ी संख्या में क्रांतिकारी आतंकवादियों सहित राजनीतिक कैदियों को रिहा कर दिया गया। काश्तकारी अधिकार, कार्यकाल की सुरक्षा, लगान में कमी, और किसान देनदारों को राहत और सुरक्षा से संबंधित कृषि कानून पारित किया गया था। Incorrect
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही उन्होंने नागरिक स्वतंत्रता को बढ़ावा दिया, प्रेस और कट्टरपंथी संगठनों पर प्रतिबंध हटा दिया, ट्रेड यूनियनों और किसान (किसान) संगठनों को कार्य करने और विकास हेतु अनुमति दी। पुलिस की शक्ति पर अंकुश लगा दिया गया और बड़ी संख्या में क्रांतिकारी आतंकवादियों सहित राजनीतिक कैदियों को रिहा कर दिया गया। काश्तकारी अधिकार, कार्यकाल की सुरक्षा, लगान में कमी, और किसान देनदारों को राहत और सुरक्षा से संबंधित कृषि कानून पारित किया गया था। -
Question 12 of 30
12. Question
हड़प्पा सभ्यता (Harappan civilization) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
- हड़प्पा स्थलों में पाए जाने वाले अनाज में गेहूं, जौ, चना और मसूर शामिल हैं।
- मवेशी, भेड़, बकरी और भैंस जैसे जानवरों को पालतू बनाने की प्रथा थी।
- हड़प्पावासी अपने कृषि क्षेत्रों को जोतते और सिंचित करते थे।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही हैं?
Correct
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही हड़प्पा स्थलों में पाए जाने वाले अनाज में गेहूं, जौ, मसूर, चना और तिल शामिल हैं। बाजरा गुजरात के स्थलों से पाया जाता है। हड़प्पा स्थलों पर पाए जाने वाले जानवरों की हड्डियों में मवेशी, भेड़, बकरी, भैंस और सुअर शामिल हैं। पुरातत्व-प्राणी विज्ञानियों या चिड़ियाघर पुरातत्वविदों द्वारा किए गए अध्ययनों से संकेत मिलता है कि ये जानवर पालतू थे। हड़प्पावासी अपने कृषि क्षेत्रों को जोतते और सिंचित करते थे। Incorrect
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही हड़प्पा स्थलों में पाए जाने वाले अनाज में गेहूं, जौ, मसूर, चना और तिल शामिल हैं। बाजरा गुजरात के स्थलों से पाया जाता है। हड़प्पा स्थलों पर पाए जाने वाले जानवरों की हड्डियों में मवेशी, भेड़, बकरी, भैंस और सुअर शामिल हैं। पुरातत्व-प्राणी विज्ञानियों या चिड़ियाघर पुरातत्वविदों द्वारा किए गए अध्ययनों से संकेत मिलता है कि ये जानवर पालतू थे। हड़प्पावासी अपने कृषि क्षेत्रों को जोतते और सिंचित करते थे। -
Question 13 of 30
13. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- ऋग्वेद में कई स्तोत्र शामिल हैं जिन्हें सूक्त कहा जाता है।
- ऋग्वैदिक काल के दौरान युद्ध मवेशियों, भूमि, जल और लोगों को पकड़ने के लिए लड़ी गई थी।
- सामवेद में बुराइयों और बीमारियों को दूर करने के लिए आकर्षण और कौशल हैं।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से गलत हैं?
Correct
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही गलत ऋग्वेद में एक हजार से अधिक स्तोत्र शामिल हैं, जिन्हें सूक्त कहा जाता है। ऋग्वैदिक काल के दौरान युद्ध मवेशियों, भूमि, जल और लोगों को पकड़ने के लिए लड़ी गई थी। अथर्ववेद अन्य तीन वेदों- ऋग्वेद, सामवेद और यजुर्वेद से बिल्कुल भिन्न है। इसमें बुराइयों और बीमारियों को दूर करने के लिए आकर्षण और कौशल शामिल हैं। Incorrect
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही गलत ऋग्वेद में एक हजार से अधिक स्तोत्र शामिल हैं, जिन्हें सूक्त कहा जाता है। ऋग्वैदिक काल के दौरान युद्ध मवेशियों, भूमि, जल और लोगों को पकड़ने के लिए लड़ी गई थी। अथर्ववेद अन्य तीन वेदों- ऋग्वेद, सामवेद और यजुर्वेद से बिल्कुल भिन्न है। इसमें बुराइयों और बीमारियों को दूर करने के लिए आकर्षण और कौशल शामिल हैं। -
Question 14 of 30
14. Question
महायान बौद्ध धर्म के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः:
- कनिष्क ने कश्मीर में एक बौद्ध परिषद का आयोजन किया, जहाँ महायान के सिद्धांतों को अंतिम रूप दिया गया।
- चौथी बौद्ध परिषद की अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी।
- महायान शाखा के कुछ ग्रंथ अभिधर्म ग्रंथों पर आधारित थे।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही हैं?
Correct
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही कनिष्क ने कश्मीर में एक बौद्ध परिषद का आयोजन किया, जहाँ महायान के सिद्धांतों को अंतिम रूप दिया गया। यह पहली शताब्दी ई. में चौथी बौद्ध परिषद थी। चौथी बौद्ध परिषद की अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी। उन्होंने महाविभास: में भी योगदान दिया, जिसके कारण वैभाषिक नामक विचार के नए शाखा का गठन हुआ। महायान स्कूल ने अपने कुछ ग्रंथों को अभिधर्म ग्रंथों पर आधारित किया। अभिधर्म बौद्ध सूत्रों पर आधारित एक सैद्धांतिक ग्रंथ है। Incorrect
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही कनिष्क ने कश्मीर में एक बौद्ध परिषद का आयोजन किया, जहाँ महायान के सिद्धांतों को अंतिम रूप दिया गया। यह पहली शताब्दी ई. में चौथी बौद्ध परिषद थी। चौथी बौद्ध परिषद की अध्यक्षता वसुमित्र ने की थी। उन्होंने महाविभास: में भी योगदान दिया, जिसके कारण वैभाषिक नामक विचार के नए शाखा का गठन हुआ। महायान स्कूल ने अपने कुछ ग्रंथों को अभिधर्म ग्रंथों पर आधारित किया। अभिधर्म बौद्ध सूत्रों पर आधारित एक सैद्धांतिक ग्रंथ है। -
Question 15 of 30
15. Question
नीचे दिए गए कथनों में से कौन सा गलत है:
Correct
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
सही सही सही गलत तोल्काप्पियार द्वारा लिखित तोल्काप्पियम तमिल साहित्य में सबसे प्राचीन है। यह तमिल व्याकरण पर एक कृति है। कलिंग के खारवेल के हाथीगुम्फा शिलालेख में संगम युग के दौरान तमिल राज्यों का उल्लेख है। चेरों ने आधुनिक केरल के कुछ हिस्सों पर शासन किया। उनकी राजधानी वंजी/करुवुर थी और उनके महत्वपूर्ण बंदरगाह थोंडी और मुचिरी (Thondi and Muchiri) थे। इलांगो आदिगल, सिलप्पाथिकारम के लेखक थे। Incorrect
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
सही सही सही गलत तोल्काप्पियार द्वारा लिखित तोल्काप्पियम तमिल साहित्य में सबसे प्राचीन है। यह तमिल व्याकरण पर एक कृति है। कलिंग के खारवेल के हाथीगुम्फा शिलालेख में संगम युग के दौरान तमिल राज्यों का उल्लेख है। चेरों ने आधुनिक केरल के कुछ हिस्सों पर शासन किया। उनकी राजधानी वंजी/करुवुर थी और उनके महत्वपूर्ण बंदरगाह थोंडी और मुचिरी (Thondi and Muchiri) थे। इलांगो आदिगल, सिलप्पाथिकारम के लेखक थे। -
Question 16 of 30
16. Question
मंदिर के खुजराहो शैली के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- इसे चंदेल शासकों द्वारा विकसित किया गया था और पंचायतन शैली का पालन किया गया था।
- अंतराल मंदिर में गर्भगृह का वेस्टिबुलर प्रवेश (vestibular entrance) द्वार था।
- वे बलुआ पत्थर से बने थे और शिखरों ने पर्वत श्रृंखला की छाप छोड़ी थी।
उपरोक्त में से कौन सा कथन सही है?
Correct
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही इसे चंदेल शासकों द्वारा विकसित किया गया था और पंचायतन शैली का पालन किया गया था। अंतराला मंदिर में गर्भगृह का वेस्टिबुलर प्रवेश द्वार था। वे बलुआ पत्थर से बने थे और शिखरों ने पर्वत श्रृंखला की छाप छोड़ी थी। Incorrect
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही इसे चंदेल शासकों द्वारा विकसित किया गया था और पंचायतन शैली का पालन किया गया था। अंतराला मंदिर में गर्भगृह का वेस्टिबुलर प्रवेश द्वार था। वे बलुआ पत्थर से बने थे और शिखरों ने पर्वत श्रृंखला की छाप छोड़ी थी। -
Question 17 of 30
17. Question
भारत की वर्तमान सीमा के बाहर के मंदिरों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
- दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में भारतीय संस्कृति के प्रसार के साथ मंदिर भी बनाए गए, जिसमें भारतीय मंदिर वास्तुकला की द्रविड़ शैली के प्रमुख तत्व हैं।
- मंदिरों के अंगकोर समूह का निर्माण शैलेंद्र राज्य सुमात्रा के काल में किया गया था।
- प्रीह विहार मंदिर भगवान शिव की अभिव्यक्ति के लिए समर्पित है और कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद बना रहा, जिसे बाद में 1962 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) द्वारा थाईलैंड को प्रदान किया गया।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन गलत हैं?
Correct
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही गलत गलत दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में भारतीय संस्कृति के प्रसार के साथ ही मंदिर भी निर्माण हो गए थे जिनमें भारतीय मंदिर वास्तुकला की द्रविड़ शैली के प्रमुख तत्व हैं। मंदिरों के अंगकोर समूह कंबोडिया के खमेर साम्राज्य (Khmer empire) की अवधि में बनाए गए थे। प्रीह विहार मंदिर भगवान शिव की अभिव्यक्ति के लिए समर्पित है और कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद बना रहा, जिसे बाद में 1962 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) द्वारा कंबोडिया को प्रदान किया गया। Incorrect
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही गलत गलत दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में भारतीय संस्कृति के प्रसार के साथ ही मंदिर भी निर्माण हो गए थे जिनमें भारतीय मंदिर वास्तुकला की द्रविड़ शैली के प्रमुख तत्व हैं। मंदिरों के अंगकोर समूह कंबोडिया के खमेर साम्राज्य (Khmer empire) की अवधि में बनाए गए थे। प्रीह विहार मंदिर भगवान शिव की अभिव्यक्ति के लिए समर्पित है और कंबोडिया और थाईलैंड के बीच सीमा विवाद बना रहा, जिसे बाद में 1962 में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) द्वारा कंबोडिया को प्रदान किया गया। -
Question 18 of 30
18. Question
भारत के पारंपरिक रंगमंच रूपों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
- दशावतार महाराष्ट्र और गोवा के कोंकण क्षेत्र में प्रचलित एक लोक नाट्य रूप है, जिसमें भगवान विष्णु के दस अवतारों को दर्शाया गया है।
- नाच पश्चिम बंगाल का एक लोकप्रिय लोक नाट्य है, जहां प्रहसन/कॉमेडी एक अनिवार्य पहलू है।
- मुदियेट्टू केरल का एक अनुष्ठानिक रंगमंच है जहाँ मोहिनी और भस्मासुर की पौराणिक कथा मुख्य विषय है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
Correct
Solution (a)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही गलत गलत दशावतार महाराष्ट्र और गोवा के कोंकण क्षेत्र में प्रचलित एक लोक नाट्य रूप है, जिसमें भगवान विष्णु के दस अवतारों को दर्शाया गया है। नाचा (Nacha) छत्तीसगढ़ में एक प्रसिद्ध लोक नाट्य रूप है, जिसे सरगुजा और बस्तर क्षेत्रों को छोड़कर सभी क्षेत्रों में प्रदर्शन होता है। मुदियेट्टू (Mudiyettu) केरल का एक अनुष्ठानिक रंगमंच है जो देवी काली और एक दुष्ट राजा दारिका (Darika) के बीच युद्ध की पौराणिक कहानी पर आधारित है। Incorrect
Solution (a)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही गलत गलत दशावतार महाराष्ट्र और गोवा के कोंकण क्षेत्र में प्रचलित एक लोक नाट्य रूप है, जिसमें भगवान विष्णु के दस अवतारों को दर्शाया गया है। नाचा (Nacha) छत्तीसगढ़ में एक प्रसिद्ध लोक नाट्य रूप है, जिसे सरगुजा और बस्तर क्षेत्रों को छोड़कर सभी क्षेत्रों में प्रदर्शन होता है। मुदियेट्टू (Mudiyettu) केरल का एक अनुष्ठानिक रंगमंच है जो देवी काली और एक दुष्ट राजा दारिका (Darika) के बीच युद्ध की पौराणिक कहानी पर आधारित है। -
Question 19 of 30
19. Question
निम्नलिखित जोड़ियों पर विचार करें:
किताब सम्बंधित
- मंजिल-एबादी धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराएं
- सिपाह-एबादी सैन्य और नागरिक प्रशासन
- मुल्क-एबादी साम्राज्य का वित्तीय पक्ष
ऊपर दिए गए युग्मों में से कौन-सा सही सुमेलित है?
Correct
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 गलत सही सही मंज़िल-एबादी – शाही घराने और उसका रखरखाव। सिपाह-एबादी – सैन्य और नागरिक प्रशासन मुल्क-एबादी – साम्राज्य का वित्तीय पक्ष आइन-ए-अकबरी तीन पुस्तकों (दफ्तरों) से बनी है:
- मंजिल-एबादी
- सिपाह-एबादी
- मुल्क-एबादी
Incorrect
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 गलत सही सही मंज़िल-एबादी – शाही घराने और उसका रखरखाव। सिपाह-एबादी – सैन्य और नागरिक प्रशासन मुल्क-एबादी – साम्राज्य का वित्तीय पक्ष आइन-ए-अकबरी तीन पुस्तकों (दफ्तरों) से बनी है:
- मंजिल-एबादी
- सिपाह-एबादी
- मुल्क-एबादी
-
Question 20 of 30
20. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- मिल्कियत (Milkiyat) भूमि पर जमींदारों के निजी उपयोग के लिए खेती की जाती थी।
- जमींदारों की खरीद-बिक्री ने ग्रामीण इलाकों में मुद्रीकरण की प्रक्रिया को तेज कर दिया।
- अधिकांश जमींदारों के पास घुड़सवार सेना, तोपखाने और पैदल सेना की इकाइयाँ शामिल थीं।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही हैं?
Correct
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही मिल्कियत (Milkiyat) भूमि पर जमींदारों के निजी उपयोग के लिए खेती की जाती थी। जमींदारों की खरीद-बिक्री ने ग्रामीण इलाकों में मुद्रीकरण की प्रक्रिया को तीव्र कर दिया। अधिकांश जमींदारों के पास घुड़सवार सेना, तोपखाने और पैदल सेना की इकाइयाँ शामिल थीं।c Incorrect
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही सही मिल्कियत (Milkiyat) भूमि पर जमींदारों के निजी उपयोग के लिए खेती की जाती थी। जमींदारों की खरीद-बिक्री ने ग्रामीण इलाकों में मुद्रीकरण की प्रक्रिया को तीव्र कर दिया। अधिकांश जमींदारों के पास घुड़सवार सेना, तोपखाने और पैदल सेना की इकाइयाँ शामिल थीं।c -
Question 21 of 30
21. Question
‘सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट टेक्नोलॉजी‘ (Solid Fuel Ducted Ramjet technology) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें ।
- सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट टेक्नोलॉजी एक मिसाइल प्रणोदन प्रणाली है जो एक ठोस ईंधन युक्त एयर-ब्रीदिंग (Air-breathing) रैमजेट तकनीक का उपयोग करती है
- एसएफडीआर-आधारित प्रणोदन मिसाइल को सुपरसोनिक गति से बहुत लंबी दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाता है
- यह 3500 किमी की अनुमानित सीमा के साथ एक अत्यंत लंबी दूरी की मिसाइल है
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही कथनों का चयन कीजिए
Correct
Solution (a)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही गलत सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट टेक्नोलॉजी एक मिसाइल प्रणोदन प्रणाली है जो एक ठोस ईंधन युक्त एयर-ब्रीदिंग (Air-breathing) रैमजेट तकनीक का उपयोग करती है,ठोस-प्रणोदक रॉकेटों के विपरीत, रैमजेट उड़ान के दौरान वायुमंडल से ऑक्सीजन लेता है। इस प्रकार यह वजन में हल्का है और अधिक ईंधन क्षमता वाला होता है। एसएफडीआर-आधारित प्रणोदन मिसाइल को सुपरसोनिक गति से बहुत लंबी दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाता है। यह 350 किमी की अनुमानित सीमा के साथ एक अत्यंत लंबी दूरी की मिसाइल है। प्रसंग – DRDO ने SFDR तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
Incorrect
Solution (a)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही गलत सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट टेक्नोलॉजी एक मिसाइल प्रणोदन प्रणाली है जो एक ठोस ईंधन युक्त एयर-ब्रीदिंग (Air-breathing) रैमजेट तकनीक का उपयोग करती है,ठोस-प्रणोदक रॉकेटों के विपरीत, रैमजेट उड़ान के दौरान वायुमंडल से ऑक्सीजन लेता है। इस प्रकार यह वजन में हल्का है और अधिक ईंधन क्षमता वाला होता है। एसएफडीआर-आधारित प्रणोदन मिसाइल को सुपरसोनिक गति से बहुत लंबी दूरी पर हवाई खतरों को रोकने में सक्षम बनाता है। यह 350 किमी की अनुमानित सीमा के साथ एक अत्यंत लंबी दूरी की मिसाइल है। प्रसंग – DRDO ने SFDR तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
-
Question 22 of 30
22. Question
‘राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान‘ (Rashtriya Gram Swaraj Abhiyan) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- यह पंचायत राज संस्थानों (PRIs) की शासन क्षमताओं को विकसित करने के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
- यह योजना सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक फैली हुई है और इसमें ग्रामीण स्थानीय सरकारों के संस्थान भी शामिल हैं जहाँ पंचायतें मौजूद नहीं है।
सही कथन का चयन करें
Correct
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 सही सही आरजीएसए (RGSA) को राज्य और केंद्र के शेयरों के साथ चार साल यानी 2018-19 से 2021-22 के लिए एक मुख्य केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) के रूप में लागू किया गया है। पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों को छोड़कर राज्य के घटकों के लिए हिस्सेदारी अनुपात 60:40 के अनुपात में होगा, जहां केंद्र और राज्य का अनुपात 90:10 होगा। सभी केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, केंद्रीय हिस्सा 100% होगा। यह योजना देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक फैली हुई है और इसमें गैर-भाग IX क्षेत्रों में ग्रामीण स्थानीय सरकार के संस्थान भी शामिल होंगे, जहां पंचायतें मौजूद नहीं हैं। संदर्भ – सरकार ने आरजीएसए (RGSA) को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया।
Incorrect
Solution (c)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 सही सही आरजीएसए (RGSA) को राज्य और केंद्र के शेयरों के साथ चार साल यानी 2018-19 से 2021-22 के लिए एक मुख्य केंद्र प्रायोजित योजना (CSS) के रूप में लागू किया गया है। पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों को छोड़कर राज्य के घटकों के लिए हिस्सेदारी अनुपात 60:40 के अनुपात में होगा, जहां केंद्र और राज्य का अनुपात 90:10 होगा। सभी केंद्र शासित प्रदेशों के लिए, केंद्रीय हिस्सा 100% होगा। यह योजना देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों तक फैली हुई है और इसमें गैर-भाग IX क्षेत्रों में ग्रामीण स्थानीय सरकार के संस्थान भी शामिल होंगे, जहां पंचायतें मौजूद नहीं हैं। संदर्भ – सरकार ने आरजीएसए (RGSA) को और पांच साल के लिए बढ़ा दिया।
-
Question 23 of 30
23. Question
‘संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ECOSOC)’ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा स्थापित संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है ।
- यह दो साल की अवधि के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा चुना जाता है।
सही कथन का चयन करें
Correct
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 गलत गलत संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (UN ECOSOC) , संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है, जो संगठन के आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों के समन्वय के लिए जिम्मेदार है, विशेष रूप से अपने अधिकार क्षेत्र में पंद्रह विशेष एजेंसियों, आठ कार्यात्मक आयोगों और पांच क्षेत्रीय आयोगों के संबंध में। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा 1945 में की गई थी। इसमें महासभा द्वारा तीन वर्ष की अवधि के लिये निर्वाचित 54 सदस्य होते हैं। प्रतिवर्ष ECOSOC सतत् विकास के लिये वैश्विक महत्त्व की वार्षिक थीम के इर्द-गिर्द अपनी कार्य संरचना बनाता है। यह ECOSOC के साझेदारों एवं संपूर्ण संयुक्त राष्ट्र विकास प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करता है। यह संयुक्त राष्ट्र की 14 विशिष्ट एजेंसियों, दस कार्यात्मक आयोगों और पाँच क्षेत्रीय आयोगों के कार्यों का समन्वय करता है, नौ संयुक्त राष्ट्र निधियों और कार्यक्रमों से रिपोर्ट प्राप्त करता है तथा संयुक्त राष्ट्र प्रणाली व सदस्य राज्यों के लिये नीतिगत सिफारिशें जारी करता है।
संदर्भ – भारत संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के चार निकायों के लिए चुना गया था।
Incorrect
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 गलत गलत संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (UN ECOSOC) , संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है, जो संगठन के आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों के समन्वय के लिए जिम्मेदार है, विशेष रूप से अपने अधिकार क्षेत्र में पंद्रह विशेष एजेंसियों, आठ कार्यात्मक आयोगों और पांच क्षेत्रीय आयोगों के संबंध में। इसकी स्थापना संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा 1945 में की गई थी। इसमें महासभा द्वारा तीन वर्ष की अवधि के लिये निर्वाचित 54 सदस्य होते हैं। प्रतिवर्ष ECOSOC सतत् विकास के लिये वैश्विक महत्त्व की वार्षिक थीम के इर्द-गिर्द अपनी कार्य संरचना बनाता है। यह ECOSOC के साझेदारों एवं संपूर्ण संयुक्त राष्ट्र विकास प्रणाली पर ध्यान केंद्रित करता है। यह संयुक्त राष्ट्र की 14 विशिष्ट एजेंसियों, दस कार्यात्मक आयोगों और पाँच क्षेत्रीय आयोगों के कार्यों का समन्वय करता है, नौ संयुक्त राष्ट्र निधियों और कार्यक्रमों से रिपोर्ट प्राप्त करता है तथा संयुक्त राष्ट्र प्रणाली व सदस्य राज्यों के लिये नीतिगत सिफारिशें जारी करता है।
संदर्भ – भारत संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के चार निकायों के लिए चुना गया था।
-
Question 24 of 30
24. Question
निम्नलिखित देशों पर विचार करें:
- जिबूती
- कतर
- इथियोपिया
- सूडान
- इरिट्रिया
उपरोक्त किन देशों के साथ लाल सागर की सीमा लगती है?
Correct
Solution (b)
लाल सागर की सीमा पर एशिया और अफ्रीका के कुल 6 देश हैं। यमन और सऊदी अरब के देश पूर्व में लाल सागर की सीमा बनाते हैं। लाल सागर की सीमा उत्तर और पश्चिम में मिस्र और पश्चिम में सूडान, इरिट्रिया और जिबूती से लगती है।
प्रसंग – यमन संकट के कारण लाल सागर (Red sea) चर्चा में था।
Incorrect
Solution (b)
लाल सागर की सीमा पर एशिया और अफ्रीका के कुल 6 देश हैं। यमन और सऊदी अरब के देश पूर्व में लाल सागर की सीमा बनाते हैं। लाल सागर की सीमा उत्तर और पश्चिम में मिस्र और पश्चिम में सूडान, इरिट्रिया और जिबूती से लगती है।
प्रसंग – यमन संकट के कारण लाल सागर (Red sea) चर्चा में था।
-
Question 25 of 30
25. Question
‘राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा घटना प्रतिक्रिया अभ्यास‘ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- इसे एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए प्रमुख साइबर सुरक्षा उल्लंघन की प्रतिक्रिया का अनुकरण करने के उद्देश्य से लॉन्च किया गया है
- यह CERT-IN और I4C द्वारा आयोजित किया जाता है
- प्रतिभागियों को घुसपैठ का पता लगाने की तकनीक, मैलवेयर सूचना साझाकरण प्लेटफॉर्म (MISP), भेद्यता प्रबंधन और प्रवेश परीक्षण पर प्रशिक्षित किया जाएगा।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए:
Correct
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 गलत गलत सही यह सरकार/महत्वपूर्ण क्षेत्र के संगठनों और एजेंसियों के वरिष्ठ प्रबंधन और तकनीकी कर्मियों को समकालीन साइबर खतरों और साइबर घटनाओं और प्रतिक्रिया से निपटने के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCD), भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। भारत के डेटा सुरक्षा परिषद (DSCI) के सहयोग से ज्ञान भागीदार के रूप में और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा समर्थित है। प्रतिभागियों को विभिन्न प्रमुख साइबर सुरक्षा क्षेत्रों जैसे घुसपैठ का पता लगाने की तकनीक, मैलवेयर सूचना साझाकरण प्लेटफॉर्म (MISP), भेद्यता प्रबंधन और प्रवेश परीक्षण, नेटवर्क प्रोटोकॉल और डेटा प्रवाह, डिजिटल फोरेंसिक, पर प्रशिक्षित किया जाएगा। संदर्भ – अभ्यास हाल ही में आयोजित किया गया था ।
Incorrect
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 गलत गलत सही यह सरकार/महत्वपूर्ण क्षेत्र के संगठनों और एजेंसियों के वरिष्ठ प्रबंधन और तकनीकी कर्मियों को समकालीन साइबर खतरों और साइबर घटनाओं और प्रतिक्रिया से निपटने के लिए प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCD), भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है। भारत के डेटा सुरक्षा परिषद (DSCI) के सहयोग से ज्ञान भागीदार के रूप में और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा समर्थित है। प्रतिभागियों को विभिन्न प्रमुख साइबर सुरक्षा क्षेत्रों जैसे घुसपैठ का पता लगाने की तकनीक, मैलवेयर सूचना साझाकरण प्लेटफॉर्म (MISP), भेद्यता प्रबंधन और प्रवेश परीक्षण, नेटवर्क प्रोटोकॉल और डेटा प्रवाह, डिजिटल फोरेंसिक, पर प्रशिक्षित किया जाएगा। संदर्भ – अभ्यास हाल ही में आयोजित किया गया था ।
-
Question 26 of 30
26. Question
एक व्यापारी 85 मीटर कपड़ा 15 रुपये प्रति मीटर के लाभ पर 9520 रुपये में बेचता है। 1 मीटर कपड़े का क्रय मूल्य क्या है?
Correct
Solution (c)
97 रूपये
व्याख्या: लागत मूल्य = विक्रय मूल्य – लाभ
1 मी कपड़े का विक्रय मूल्य = 9520/85 = रु. 112
1 मी कपड़े का क्रय मूल्य = 1 मी कपड़े का एसपी – 1 मी कपड़े पर लाभ = 112 रूपये – 15 रूपये= 97 रूपये
Incorrect
Solution (c)
97 रूपये
व्याख्या: लागत मूल्य = विक्रय मूल्य – लाभ
1 मी कपड़े का विक्रय मूल्य = 9520/85 = रु. 112
1 मी कपड़े का क्रय मूल्य = 1 मी कपड़े का एसपी – 1 मी कपड़े पर लाभ = 112 रूपये – 15 रूपये= 97 रूपये
-
Question 27 of 30
27. Question
एक व्यक्ति ने एक कार खरीदी और उसे 4,20,000 रुपये में बेच दिया। यदि उसे 20% की हानि होती है, तो उसने कार खरीदने में कितना खर्च किया?
Correct
Solution (a)
माना लागत मूल्य एक्स रूपये है
कार का विक्रय मूल्य = रु 4,20,000
हानि प्रतिशत = 20%
∴ x का 80% = 420000
या x = 420000 × (100/80) या x = 5,25,000 रूपये
Incorrect
Solution (a)
माना लागत मूल्य एक्स रूपये है
कार का विक्रय मूल्य = रु 4,20,000
हानि प्रतिशत = 20%
∴ x का 80% = 420000
या x = 420000 × (100/80) या x = 5,25,000 रूपये
-
Question 28 of 30
28. Question
12 अमरूद का क्रय मूल्य 9 अमरूद के विक्रय मूल्य के बराबर है और 10 अमरूद पर छूट 5 अमरूद पर लाभ के बराबर है। लाभ प्रतिशत और छूट प्रतिशत के बीच प्रतिशत बिंदु अंतर क्या है?
Correct
Solution (b)
विक्रय मूल्य और क्रय मूल्य का अनुपात,
विक्रय मूल्य:क्रय मूल्य = 12:9 =4:3
3 अमरूद का लाभ = 1 रुपये (मान लीजिए क्रय मूल्य = 1 रुपये) लाभ = 1/3 = 33.33%
और, छूट = 11.11%
चूँकि, क्रय मूल्य : विक्रय मूल्य : बाजार मूल्य = 3:4:4.5
लाभ छूट से दोगुना है।
तो, % अंक छूट = 33.33%-11.11% = 22.22% अंक।
Incorrect
Solution (b)
विक्रय मूल्य और क्रय मूल्य का अनुपात,
विक्रय मूल्य:क्रय मूल्य = 12:9 =4:3
3 अमरूद का लाभ = 1 रुपये (मान लीजिए क्रय मूल्य = 1 रुपये) लाभ = 1/3 = 33.33%
और, छूट = 11.11%
चूँकि, क्रय मूल्य : विक्रय मूल्य : बाजार मूल्य = 3:4:4.5
लाभ छूट से दोगुना है।
तो, % अंक छूट = 33.33%-11.11% = 22.22% अंक।
-
Question 29 of 30
29. Question
अमृता और हर्षिता ने व्यापार में समान अवधि के लिए 3: 5 के अनुपात में कुछ राशि का निवेश किया। उन्होंने तय किया कि वर्ष के अंत में दान के रूप में 20% लाभ दान के रूप में दिया जाना था। शेष में से, 75% पुनर्निवेश किया जाना था और शेष लाभ को उनकी पूंजी पर ब्याज के रूप में विभाजित किया जाना था। यदि उनके हिस्से का अंतर 1500 रूपये है, कुल लाभ ज्ञात कीजिए?
Correct
Solution (d)
माना कुल लाभ = 100
दान के बाद बची राशि = 80
जिसमें से 75% पुनः निवेश किया जाता है, (75/100 * 80) = 60
पुनर्निवेश के बाद बची राशि = 20
अब, 5y/8 – 3y/8 = 1500 जहां y पुनर्निवेश के बाद शेष राशि है
⇒ 2x/8 = 1500 x = 6000
कुल लाभ = 6000 x 5 = 24000 (चूंकि , धन का 20% = 6000, धन का 100% शेष धन का 5 गुना है)
Incorrect
Solution (d)
माना कुल लाभ = 100
दान के बाद बची राशि = 80
जिसमें से 75% पुनः निवेश किया जाता है, (75/100 * 80) = 60
पुनर्निवेश के बाद बची राशि = 20
अब, 5y/8 – 3y/8 = 1500 जहां y पुनर्निवेश के बाद शेष राशि है
⇒ 2x/8 = 1500 x = 6000
कुल लाभ = 6000 x 5 = 24000 (चूंकि , धन का 20% = 6000, धन का 100% शेष धन का 5 गुना है)
-
Question 30 of 30
30. Question
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और गद्यांश के बाद आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। प्रश्न का आपका उत्तर केवल गद्यांश पर आधारित होना चाहिए।
यह एक जिज्ञासु और प्रचलित राय है कि साहित्य, सभी कलाओं की तरह, कल्पना का एक मात्र नाटक है, जो एक नए उपन्यास की तरह पर्याप्त है, लेकिन बिना किसी गंभीर या व्यावहारिक महत्व के। सच्चाई से अधिक महत्वपूर्ण कुछ नहीं हो सकता। साहित्य लोगों के आदर्शों की रक्षा करता है; और आदर्श – प्रेम, विश्वास, कर्तव्य, मित्रता, स्वतंत्रता, श्रद्धा – मानव जीवन के सबसे अधिक संरक्षण के योग्य अंग हैं। यूनानी एक अद्भुत लोग थे; फिर भी उनके सभी शक्तिशाली कार्यों में से हम केवल कुछ आदर्शों को संजोते हैं – सौंदर्य के आदर्श नाशवान पत्थर में, और सत्य के आदर्श अविनाशी गद्य और कविता में। यह केवल यूनानियों और इब्रानियों और रोमनों के आदर्श थे, जो उनके साहित्य में संरक्षित थे, जिसने उन्हें वह बनाया जो वे थे, और जिसने भविष्य की पीढ़ियों के लिए उनके मूल्य को निर्धारित किया। हमारा लोकतंत्र, सभी अंग्रेजी बोलने वाले राष्ट्रों का गौरव, एक सपना है; हमारे विधायी हॉल में प्रस्तुत संदिग्ध और कभी-कभी निराशाजनक तमाशा नहीं, बल्कि एक स्वतंत्र और समान मर्दानगी का प्यारा और अमर आदर्श, यूनानियों से लेकर एंग्लो-सैक्सन तक हर महान साहित्य में सबसे कीमती विरासत के रूप में संरक्षित है। हमारी सारी कलाएं, हमारे विज्ञान, यहां तक कि हमारे आविष्कार भी आदर्शों पर आधारित हैं; क्योंकि हर आविष्कार के तहत अभी भी बियोवुल्फ़ का सपना है, कि मनुष्य प्रकृति की शक्तियों पर विजय प्राप्त कर सके; और हमारे सभी विज्ञानों और खोजों की नींव अमर सपना है कि मनुष्य “भले और बुरे को जानने वाले देवताओं के समान होंगे।”
एक शब्द में कहें तो हमारी पूरी सभ्यता, हमारी आजादी, हमारी तरक्की, हमारे घर, हमारा धर्म, उनकी नींव के लिए आदर्शों पर ही टिका है। एक आदर्श के अलावा कुछ भी पृथ्वी पर कभी नहीं टिकता। इसलिए साहित्य के व्यावहारिक महत्व को कम करना असंभव है, जो इन आदर्शों को पिता से पुत्र तक संरक्षित करता है, जबकि मनुष्य, शहर, सरकारें, सभ्यताएं पृथ्वी के चेहरे से गायब हो जाती हैं। जब हम इसे याद करते हैं, तब हम धर्मपरायण मुसलमान की कार्रवाई की सराहना करते हैं, जो कागज के हर टुकड़े को उठाता है और ध्यान से रखता है, जिस पर शब्द लिखे गए हैं, क्योंकि टुकड़े में अल्लाह का नाम हो सकता है, और आदर्श इतना महत्वपूर्ण है कि उसे उपेक्षित या खोया नहीं जा सकता।
अब हम तैयार हैं, यदि परिभाषित न करें, तो कम से कम अपने वर्तमान अध्ययन के उद्देश्य को थोड़ा और स्पष्ट रूप से समझने के लिए। साहित्य सत्य और सौंदर्य के शब्दों में जीवन की अभिव्यक्ति है; यह मनुष्य की आत्मा, उसके विचारों, भावनाओं, आकांक्षाओं का लिखित अभिलेख है; यह मानव आत्मा का इतिहास है, और एकमात्र इतिहास है। इसकी विशेषता इसकी कलात्मक, इसके विचारोत्तेजक, इसके स्थायी गुणों से है। इसके दो परीक्षण हैं इसकी सार्वभौमिक रुचि और इसकी व्यक्तिगत शैली। इसका उद्देश्य, उस आनंद के अलावा जो हमें देता है, मनुष्य को जानना है, अर्थात् मनुष्य की आत्मा को उसके कार्यों के बजाय जानना; और चूंकि यह दौड़ के लिए उन आदर्शों को संरक्षित करता है जिन पर हमारी सारी सभ्यता आधारित है, यह सबसे महत्वपूर्ण और आनंदमय विषयों में से एक है जो मानव मन पर कब्जा कर सकता है।
निम्नलिखित में से किस गद्यांश से सही अनुमान लगाया जा सकता है?
Correct
Solution (c)
विकल्प a को खारिज कर दिया गया है क्योंकि गद्यांश की पंक्ति 4 में जो लिखा गया है, उसका अर्थ बदल गया है।
विकल्प b को खारिज कर दिया गया है क्योंकि पहले पैराग्राफ की दूसरी पंक्ति में कहा गया है कि “सत्य से दूर कुछ भी नहीं हो सकता”।
विकल्प c सही विकल्प है क्योंकि पहले पैराग्राफ की दूसरी पंक्ति में कहा गया है कि: साहित्य लोगों के आदर्शों को संरक्षित करता है; और आदर्श – प्रेम, विश्वास, कर्तव्य, मित्रता, स्वतंत्रता, श्रद्धा मानव जीवन के अंग हैं जो सबसे अधिक संरक्षण के योग्य हैं।
Incorrect
Solution (c)
विकल्प a को खारिज कर दिया गया है क्योंकि गद्यांश की पंक्ति 4 में जो लिखा गया है, उसका अर्थ बदल गया है।
विकल्प b को खारिज कर दिया गया है क्योंकि पहले पैराग्राफ की दूसरी पंक्ति में कहा गया है कि “सत्य से दूर कुछ भी नहीं हो सकता”।
विकल्प c सही विकल्प है क्योंकि पहले पैराग्राफ की दूसरी पंक्ति में कहा गया है कि: साहित्य लोगों के आदर्शों को संरक्षित करता है; और आदर्श – प्रेम, विश्वास, कर्तव्य, मित्रता, स्वतंत्रता, श्रद्धा मानव जीवन के अंग हैं जो सबसे अधिक संरक्षण के योग्य हैं।
All the Best
IASbaba