DAILY CURRENT AFFAIRS IAS हिन्दी | UPSC प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा – 18th April 2025

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  • April 23, 2025
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IASbaba's Daily Current Affairs Analysis - हिन्दी

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(PRELIMS & MAINS Focus)


 

फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन /निश्चित खुराक संयोजन दवाएं (FIXED-DOSE COMBINATION DRUGS)

श्रेणी: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

संदर्भ: दवा सुरक्षा उल्लंघनों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए, भारत के केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने 35 फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है।

संदर्भ का दृष्टिकोण: 11 अप्रैल के आदेश में इन दवाओं के विनिर्माण, बिक्री और वितरण पर तत्काल रोक लगाने का निर्देश दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि इन्हें नई औषधि और नैदानिक परीक्षण (एनडीसीटी) नियम, 2019 के तहत अनिवार्य सुरक्षा और प्रभावकारिता मूल्यांकन के बिना अनुमोदित किया गया था। राज्य दवा नियामकों ने केंद्रीय निरीक्षण प्रक्रियाओं का पालन किए बिना उन्हें मंजूरी दे दी थी।

Learning Corner:

  • फिक्स्ड-डोज़ कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाएं वे दवाएं हैं जो एक ही खुराक के रूप (जैसे, टैबलेट, इंजेक्शन) में एक निश्चित अनुपात में दो या अधिक सक्रिय फार्मास्युटिकल अवयवों (एपीआई) को जोड़ती हैं।
  • एनडीसीटी नियम, 2019 के अनुसार, “नई दवाओं” के रूप में वर्गीकृत एफडीसी को सुरक्षा और प्रभावकारिता के लिए केंद्रीय अनुमोदन की आवश्यकता होती है। केवल सीडीएससीओ, न कि राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (एसएलए), नए एफडीसी को मंजूरी दे सकते हैं।

एफडीसी के लाभ

  • बेहतर अनुपालन: कम गोलियों का मतलब चिकित्सा के प्रति बेहतर अनुपालन है।
  • सहक्रियात्मक क्रिया: पूरक क्रियाओं के साथ दवाओं का संयोजन प्रभावकारिता को बढ़ा सकता है।
  • लागत प्रभावी: पैकेजिंग और वितरण लागत को कम करके उपचार की समग्र लागत को कम करता है।
  • प्रतिरोध को रोकता है: विशेष रूप से टीबी/एचआईवी उपचार में, दवाओं के संयोजन से सूक्ष्मजीव प्रतिरोध की संभावना कम हो जाती है।

चिंताएं और जोखिम

  • अतार्किक संयोजन: कुछ एफडीसी (जैसे, एंटीबायोटिक्स + प्रोबायोटिक्स) में वैज्ञानिक मान्यता का अभाव है, जिससे एंटीमाइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) में योगदान होता है, जो वैश्विक स्वास्थ्य के लिए खतरा है।
  • प्रतिकूल प्रभावों में वृद्धि: कई सक्रिय अवयवों के कारण दवा के परस्पर प्रभाव और दुष्प्रभावों का खतरा बढ़ जाता है।
  • कोई व्यक्तिपरक खुराक नहीं: एक ही समान निश्चित अनुपात सभी रोगियों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता।
  • विनियामक खामियां: कुछ निर्माता राज्य स्तरीय लाइसेंस के तहत केंद्रीय औषधि प्राधिकरण से उचित अनुमोदन के बिना एफडीसी का विपणन करते हैं।

स्रोत : Business Today 


भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई)

श्रेणी: राजनीति

संदर्भ: न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई 2025 को भारत के 52वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बनेंगे, जो न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का स्थान लेंगे, जो 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

संदर्भ का दृष्टिकोण: न्यायमूर्ति गवई 23 नवंबर 2025 को अपनी सेवानिवृत्ति तक सेवा करेंगे और न्यायमूर्ति केजी बालकृष्णन के बाद इस पद पर आसीन होने वाले दूसरे दलित होंगे।

Learning Corner:

  • संविधान का अनुच्छेद 124(2) भारत के राष्ट्रपति को मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति का अधिकार देता है।

कार्य:

  • ऐतिहासिक मामलों (जैसे, अनुच्छेद 370 का उन्मूलन, जिसे 2023 में न्यायमूर्ति गवई ने बरकरार रखा) के लिए संविधान पीठों सहित न्यायिक कार्यवाहियों का नेतृत्व करना।
  • सर्वोच्च न्यायालय का प्रशासन, मामलों का आवंटन और पीठों का गठन करना।
  • “रोस्टर के मास्टर” के रूप में कार्य करता है, केस आवंटन का निर्णय करता है।
  • कॉलेजियम प्रणाली के माध्यम से न्यायिक नियुक्तियों पर सलाह देना

नियुक्ति प्रक्रिया:

  • प्रक्रिया ज्ञापन (एमओपी): निवर्तमान मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश को केंद्रीय विधि मंत्रालय के उत्तराधिकारी के रूप में सिफारिश करते हैं, जिसके बाद सरकार की मंजूरी और राष्ट्रपति की नियुक्ति होती है।
  • वरिष्ठता मानदंड: सर्वोच्च न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश को आमतौर पर मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया जाता है।
  • कार्यकाल: 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति तक।
  • निष्कासन: अनुच्छेद 124(4) के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश सहित किसी न्यायाधीश को राष्ट्रपति द्वारा संसद के दोनों सदनों में विशेष बहुमत के बाद सिद्ध दुर्व्यवहार या अक्षमता के आधार पर हटाया जा सकता है।

स्रोत : Hindustan Times


उर्दू (URDU)

श्रेणी: कला और संस्कृति

श्रेणी: कला और संस्कृति

प्रसंग: महाराष्ट्र में एक नगर परिषद भवन के साइनबोर्ड पर उर्दू के प्रयोग को सही ठहराते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि भाषा संस्कृति है और इसे लोगों को बांटने का कारण नहीं बनना चाहिए तथा उर्दू “गंगा-जमुनी तहजीब या हिंदुस्तानी तहजीब का बेहतरीन नमूना है।”

संदर्भ का दृष्टिकोण: न्यायालय ने कहा कि यह “गलत धारणा है कि उर्दू भारत के लिए विदेशी है”, और कहा कि “यह एक ऐसी भाषा है जिसका जन्म इसी भूमि पर हुआ है”।

Learning Corner:

  • उर्दू, एक इंडो-आर्यन भाषा है, जो मध्यकाल के दौरान खड़ीबोली (दिल्ली क्षेत्र में बोली जाने वाली एक प्राकृत-आधारित बोली, जिसने उर्दू का व्याकरणिक आधार बनाया) पर फारसी-अरबी प्रभावों से विकसित हुई, जो फारसी, अरबी और तुर्की शब्दावली से समृद्ध हुई।
  • “उर्दू” नाम तुर्की शब्द “ओरदु” (शिविर) से लिया गया है, जो सैन्य और सांस्कृतिक मेलजोल में इसकी जड़ें दर्शाता है।
  • उर्दू कहलाने से पहले इसे हिंदुस्तानी, हिंदवी, देहलवी और रेख्ता सहित अन्य नामों से भी जाना जाता था।
  • नस्तालिक लिपि में लिखी गई यह पुस्तक अपनी काव्यात्मक और साहित्यिक समृद्धि के लिए जानी जाती है।
  • आठवीं अनुसूची: उर्दू आठवीं अनुसूची के तहत 22 अनुसूचित भाषाओं में से एक है, जो शिक्षा, साहित्य और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए इसके प्रचार और विकास को सुनिश्चित करती है।
  • आधिकारिक भाषा: उर्दू, जम्मू और कश्मीर, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, बिहार और दिल्ली (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में राज्य आधिकारिक भाषा अधिनियमों के तहत हिंदी या क्षेत्रीय भाषाओं के साथ एक आधिकारिक भाषा है।
  • शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद (एनसीपीयूएल) उर्दू शिक्षा, साहित्य और डिजिटल संसाधनों को वित्तपोषित करता है।

सांस्कृतिक महत्व:

  • यह भारत की मिश्रित संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें हिंदू और मुस्लिम परंपराओं का सम्मिश्रण है, जैसा कि उर्दू कविता, ग़ज़लों और बॉलीवुड गीतों में देखा जा सकता है।
  • साहित्य (जैसे, उर्दू साहित्य अकादमी पुरस्कार), मीडिया (जैसे, रोज़नामा उर्दू टाइम्स जैसे उर्दू समाचार पत्र) और शिक्षा (जैसे, मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय, हैदराबाद) में प्रमुख।
  • भारत में लगभग 50 मिलियन लोग इसे बोलते हैं (2011 की जनगणना, जनसंख्या का 4.2%), मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना और दिल्ली में।

स्रोत : Indian Express


वाहन-से-ग्रिड (VEHICLE-TO-GRID -V2G) प्रौद्योगिकी

श्रेणी: विज्ञान और प्रौद्योगिकी

संदर्भ: केरल राज्य विद्युत बोर्ड (केएसईबी) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बॉम्बे (आईआईटी बॉम्बे) ने पूरे राज्य में वाहन-से-ग्रिड (वी2जी) प्रौद्योगिकी के कार्यान्वयन की संभावना तलाशने के लिए एक पायलट परियोजना शुरू की है।

संदर्भ का दृष्टिकोण: इस सहयोग का उद्देश्य राज्य के विद्युत ग्रिड में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को एकीकृत करने की व्यवहार्यता का आकलन करना है।

Learning Corner:

  • वाहन-से-ग्रिड (वी2जी) प्रौद्योगिकी विद्युत वाहनों (ईवी) को संग्रहीत बिजली को पावर ग्रिड में वापस भेजकर विकेन्द्रीकृत ऊर्जा भंडारण इकाइयों के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाती है, जिससे ग्रिड सततता और नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण में वृद्धि होती है।
  • वी2जी प्रौद्योगिकी द्विदिशीय ऊर्जा प्रवाह को सक्षम बनाती है – ई.वी. न केवल बिजली की खपत करते हैं (चार्जिंग) बल्कि संग्रहीत बिजली को ग्रिड में वापस भी भेज सकते हैं (डिस्चार्जिंग)।

वी2जी प्रौद्योगिकी पर मुख्य बिंदु

  • तंत्र:
    • वी2जी ईवी बैटरियों को ग्रिड से बिजली लेने और अधिकतम मांग के दौरान द्वि-दिशात्मक चार्जरों के माध्यम से उसे वापस करने की अनुमति देता है।
    • चार्जिंग और डिस्चार्जिंग में संतुलन के लिए स्मार्ट ग्रिड अवसंरचना और वास्तविक समय ग्रिड प्रबंधन की आवश्यकता है।
    • उदाहरण: इलेक्ट्रिक वाहन कम मांग वाले समय में चार्ज होते हैं (जैसे, केरल में सौर ऊर्जा अधिशेष के कारण दिन के समय) और अधिक मांग वाले समय में डिस्चार्ज होते हैं (जैसे, रात के समय)।
  • लाभ: ग्रिड सततता: ई.वी. वितरित भंडारण के रूप में कार्य करते हैं, जिससे ग्रिड ओवरलोड और ब्लैकआउट जोखिम कम हो जाता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण: अतिरिक्त सौर/पवन ऊर्जा का भंडारण, 2030 तक भारत के 500 गीगावाट नवीकरणीय लक्ष्य का समर्थन करता है।
  • उत्सर्जन में कमी: स्वच्छ ग्रिड को बढ़ावा देना, 2070 तक भारत के शुद्ध-शून्य लक्ष्य के साथ संरेखित करना, जिससे प्रतिवर्ष प्रदूषण से संबंधित 1.24 मिलियन मौतों में कमी आएगी।
  • लागत बचत: ई.वी. मालिक बिजली बेचकर राजस्व अर्जित करते हैं, जबकि उपयोगिता कंपनियां महंगी बाहरी खरीद से बचती हैं।

स्रोत : The Hindu


सक्रिय गतिशीलता (ACTIVE MOBILITY)

श्रेणी: पर्यावरण

संदर्भ: भारत के मेट्रो शहरों में पैदल यात्रियों, साइकिल चालकों और सड़क विक्रेताओं से जुड़ी दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और चोटों में चिंताजनक वृद्धि देखी जा रही है। कई शहरों में सर्विस लेन और गैर-मोटर चालित परिवहन (एनएमटी) क्षेत्रों की मौजूदगी के बावजूद, मोटर चालित वाहनों द्वारा व्यापक अतिक्रमण और दुरुपयोग ने इन सुरक्षित मार्गों को दुर्घटना क्षेत्रों में बदल दिया है।

संदर्भ का दृष्टिकोण: ऐसे गंभीर शहरी परिदृश्य में, सक्रिय गतिशीलता – सुरक्षित, समावेशी और सतत वातावरण में पैदल चलने और साइकिल चलाने पर जोर देना – न केवल एक परिवहन विकल्प के रूप में उभरती है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और शहरी लचीलेपन के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता के रूप में भी उभरती है।

Learning Corner:

  • सक्रिय गतिशीलता से तात्पर्य मानव-चालित परिवहन के साधनों से है, मुख्यतः पैदल चलना और साइकिल चलाना, जो स्वास्थ्य, सततता और शहरी जीवन-यापन को बढ़ावा देते हैं।
  • दायरा: इसमें गैर-मोटर चालित परिवहन (पैदल चलना, साइकिल चलाना, स्केटबोर्डिंग) और सूक्ष्म गतिशीलता (जैसे, ई-बाइक) शामिल हैं।

महत्व:

  • स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक गतिविधि को बढ़ावा देता है, मधुमेह (भारत में 77 मिलियन मामले, आईडीएफ 2021) और मोटापे जैसी गैर-संचारी बीमारियों (एनसीडी) को कम करता है।
  • पर्यावरणीय प्रभाव: वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में कटौती, भारत के शुद्ध-शून्य 2070 लक्ष्य और राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) को समर्थन, तथा प्रति वर्ष 1.24 मिलियन प्रदूषण से होने वाली मौतों पर रोक।
  • सुरक्षा: समर्पित बुनियादी ढांचे से दुर्घटना का जोखिम कम होता है; भारत में 2022 में 1.55 लाख सड़क मौतें हुईं, जिनमें से 40% पैदल यात्री/साइकिल चालक थे (MoRTH)।
  • आर्थिक लाभ: यदि साइकिल चलाने की संख्या दोगुनी हो जाए तो ईंधन लागत और स्वास्थ्य देखभाल व्यय में कमी आएगी, जिससे सालाना 1.8 लाख करोड़ रुपये की बचत होगी (टेरी 2023)।
  • शहरी सततता: शहरों में भीड़भाड़, शोर और वाहनों का भार कम करता है।

स्रोत : The Hindu


Practice MCQs

Daily Practice MCQs

दैनिक अभ्यास प्रश्न:

Q1. “सक्रिय गतिशीलता” के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. इसमें केवल विद्युत चालित गैर-मोटर चालित परिवहन साधन ही शामिल हैं।
  2. यह शहरी क्षेत्रों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में योगदान देता है।
  3. इसे स्मार्ट सिटीज मिशन के तहत बढ़ावा दिया जा रहा है।

ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? 

  1. केवल 1 और 2 
  2. केवल 2 और 3 
  3. केवल 1 और 3 
  4. 1, 2 और 3

 

Q2. निम्नलिखित में से कौन सा वाहन-से-ग्रिड (V2G) प्रौद्योगिकी का सबसे अच्छा वर्णन करता है?

  1. ऐसी तकनीक जो इलेक्ट्रिक वाहनों को वायरलेस तरीके से चार्ज करने में सक्षम बनाती है। 
  2. ऐसी प्रणाली जो इलेक्ट्रिक वाहनों को ग्रिड में वापस बिजली भेजने की अनुमति देती है। 
  3. हाइड्रोजन ईंधन आधारित वाहन चार्जिंग प्रणाली। 
  4. वाहन की छतों में एकीकृत सौर पैनल प्रणाली।

 

Q3. भारत में उर्दू भाषा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. तेलंगाना राज्य की आधिकारिक भाषाओं में से एक उर्दू है।
  2. उर्दू देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
  3. राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद संस्कृति मंत्रालय के अधीन काम करती है।

ऊपर दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं? 

  1. केवल 1 
  2. केवल 1 और 2 
  3. केवल 2 और 3 
  4. केवल 1 और 3

 

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ANSWERS FOR ’ Today’s – Daily Practice MCQs’ will be updated along with tomorrow’s Daily Current Affairs


ANSWERS FOR 17th April – Daily Practice MCQs

Answers- Daily Practice MCQs

Q.1) –  a

Q.2) – c

Q.3) – a

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