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(PRELIMS  Focus)


स्टेबलकॉइन (Stablecoins)

श्रेणी: अर्थव्यवस्था

प्रसंग:

स्टेबलकॉइन्स के बारे में:

            

स्रोत:


बन्नी महोत्सव (Banni Festival)

श्रेणी: इतिहास और संस्कृति

प्रसंग:

बन्नी महोत्सव के बारे में:

स्रोत:


प्रकल्पित कराधान (Presumptive Taxation)

श्रेणी: अर्थव्यवस्था

प्रसंग:

प्रकल्पित कराधान के बारे में:

स्रोत:


नाटो (NATO)

श्रेणी: अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रसंग:

नाटो के बारे में:

             

स्रोत:


विश्व खाद्य कार्यक्रम (World Food Programme)

श्रेणी: विविध

प्रसंग:

विश्व खाद्य कार्यक्रम के बारे में:

स्रोत:


(MAINS Focus)


भारत में स्वच्छ ऊर्जा वृद्धि और जलवायु वित्त के विस्तार की आवश्यकता (India’s Clean Energy Rise and the Need for Expanding Climate Finance)

(जीएस पेपर 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव आकलन)

संदर्भ (परिचय)

रिकॉर्ड सौर ऊर्जा वृद्धि और नवीकरणीय ऊर्जा में वैश्विक नेतृत्व के साथ, भारत का तेज़ी से हो रहा स्वच्छ ऊर्जा विस्तार, एक गंभीर वित्तीय चुनौती का सामना कर रहा है। मज़बूत प्रगति के बावजूद, 2030 तक जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए जलवायु वित्त और नवीन वित्तपोषण मॉडलों में नाटकीय वृद्धि की आवश्यकता है।

भारत की स्वच्छ ऊर्जा गति

महत्वपूर्ण अंतराल - जलवायु वित्त घाटा

सुधार और रणनीतिक बदलाव

आलोचनाएँ और चुनौतियाँ

आगे की राह - जलवायु वित्त क्रांति की ओर

निष्कर्ष

भारत की स्वच्छ ऊर्जा में वृद्धि वैश्विक आशा जगाती है, लेकिन समतामूलक और मापनीय जलवायु वित्त के बिना, यह परिवर्तन ठप्प पड़ने का जोखिम है। जलवायु वित्त नवाचार में अग्रणी भूमिका निभाकर, भारत आर्थिक विकास को वैश्विक प्रबंधन और सामाजिक समावेशन के साथ जोड़ सकता है।

मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न:

पर्याप्त एवं न्यायसंगत जलवायु वित्त जुटाने में प्रमुख चुनौतियां क्या हैं, तथा भारत अपने वित्तपोषण ढांचे को कैसे मजबूत कर सकता है ? (250 शब्द, 15 अंक)


भारतीय किसानों को आय की ज़रूरत है, मूल्य समर्थन की नहीं (Indian Farmers Need Income, Not Price Support)

(जीएस पेपर 3 – प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित मुद्दे)

संदर्भ (परिचय)

गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में हाल ही में 2,585 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी – जो इसकी खेती की लागत से 109% अधिक है – ने इस बात पर बहस को फिर से छेड़ दिया है कि क्या एमएसपी-आधारित मूल्य समर्थन वास्तव में किसान कल्याण को बढ़ाता है या कृषि प्राथमिकताओं को विकृत करता है।

नीति विरोधाभास

एमएसपी-आधारित दृष्टिकोण में चुनौतियाँ

सुधार और आगे की राह – आय, न कि मूल्य समर्थन

आलोचनाएँ और विचार

निष्कर्ष

किसानों का वास्तविक सशक्तिकरण बढ़े हुए मूल्य समर्थन में नहीं, बल्कि सुनिश्चित आय और लचीले बाज़ारों में निहित है। नीति आयोग के किसानों की आय दोगुनी करने के दृष्टिकोण और बाज़ार सुधारों के मार्गदर्शन में, भारत को मूल्य-आधारित संरक्षण से आय-आधारित, सतत और तकनीक-संचालित कृषि की ओर बढ़ना होगा।

मुख्य परीक्षा अभ्यास प्रश्न:

न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली किसानों की सुरक्षा के लिए बनाई गई थी, लेकिन अब इससे बाज़ारों के विकृत होने का खतरा है। एमएसपी-आधारित समर्थन की सीमाओं का विश्लेषण कीजिए और स्थिर कृषि आय सुनिश्चित करने के विकल्प सुझाइए। (250 शब्द, 15 अंक)

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