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(PRELIMS  Focus)


चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता (Quadrilateral Security Dialogue -QUAD)

श्रेणी: अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रसंग:

                          

क्वाड के बारे में:

स्रोत:


अनुकूलन अंतराल रिपोर्ट 2025 (Adaptation Gap Report)

श्रेणी: विविध

प्रसंग:

अनुकूलन अंतराल रिपोर्ट के बारे में :

स्रोत:


भारत टैक्सी (Bharat Taxi)

श्रेणी: सरकारी योजनाएँ

प्रसंग:

भारत टैक्सी के बारे में:

स्रोत:


सारंडा अभयारण्य (Saranda Sanctuary)

श्रेणी: पर्यावरण और पारिस्थितिकी

प्रसंग:

सारंडा अभयारण्य के बारे में:

स्रोत:


कोयला शक्ति डैशबोर्ड और क्लैंप पोर्टल (Koyla Shakti Dashboard and CLAMP Portal)

श्रेणी: सरकारी योजनाएँ

प्रसंग:

कोयला शक्ति डैशबोर्ड के बारे में:

क्लैम्प पोर्टल के बारे में:

स्रोत:


(MAINS Focus)


क्या एआई को स्कूल पाठ्यक्रम के भाग के रूप में शामिल किया जाना चाहिए? (Should AI be Introduced as Part of School Curricula?)

(जीएस पेपर 2: शिक्षा से संबंधित मुद्दे; जीएस पेपर 3: विज्ञान और प्रौद्योगिकी - विकास और उनके अनुप्रयोग)

 

संदर्भ( परिचय)

शिक्षा मंत्रालय द्वारा कक्षा 3 से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पाठ्यक्रम शुरू करने के प्रस्ताव के साथ - साथ ' एआई रेडीनेस के लिए कौशल' पहल ने स्कूल स्तर पर एआई को एकीकृत करने में भारत की तत्परता, बुनियादी ढांचे और शैक्षिक प्राथमिकताओं पर बहस छेड़ दी है।

 

पक्ष में मुख्य तर्क

 

आलोचनाएँ और कमियाँ

 

सुधार और सिफारिशें

 

निष्कर्ष

एआई शिक्षा का उद्देश्य केवल कोडर या इंजीनियर तैयार करना नहीं है , बल्कि ऐसे आलोचनात्मक विचारकों का पोषण करना है जो तकनीक का बुद्धिमानी और नैतिक रूप से उपयोग करने में सक्षम हों। चरणबद्ध, समावेशी और नैतिक रूप से आधारित दृष्टिकोण के साथ , भारत एक ऐसी एआई-तैयार पीढ़ी तैयार कर सकता है जो नवाचार को ज़िम्मेदारी के साथ जोड़कर एक तकनीकी रूप से सशक्त और मानव- केंद्रित भविष्य को आकार दे

 

मुख्य परीक्षा प्रश्न

प्रश्न: “प्राथमिक स्तर से ही एआई शिक्षा शुरू करने से भविष्य के अवसरों का लोकतंत्रीकरण हो सकता है, लेकिन इससे डिजिटल असमानता बढ़ने का खतरा है।” भारत की शिक्षा प्रणाली और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में चर्चा कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक)

 

स्रोत: द हिंदू


आपदा रिपोर्टिंग में पत्रकारिता नैतिकता (Journalism Ethics in Disaster Reporting)

(जीएस पेपर 4: पत्रकारिता और लोक सेवा में नैतिकता)

 

संदर्भ (परिचय)

विनाशकारी उत्तर बंगाल बाढ़ (2025) , जिसने 30 से अधिक लोगों की जान ले ली और 110 बड़े भूस्खलन का कारण बनी , न केवल प्राकृतिक आपदाओं की त्रासदी को उजागर करती है, बल्कि संकट की स्थितियों में मानवीय पीड़ा को कवर करने वाले पत्रकारों के सामने आने वाली नैतिक दुविधाओं और नैतिक जिम्मेदारियों को भी उजागर करती है।

 

आपदा पत्रकारिता में मूल नैतिक सिद्धांत

 

क्षेत्र में नैतिक चुनौतियाँ

 

सुधार और सर्वोत्तम प्रथाएँ

 

निष्कर्ष

नैतिक आपदा पत्रकारिता केवल दर्द की कहानियाँ सुनाने के बारे में नहीं है , बल्कि पीड़ितों के सम्मान को बहाल करने के बारे में भी है । सहानुभूति, सच्चाई और ज़िम्मेदारी को कायम रखते हुए , पत्रकार केवल दर्शक से मानवीय एकजुटता और जवाबदेही के वाहक बन जाते हैं । खंडहरों के बीच, केवल बुनियादी ढाँचे के पुनर्निर्माण की ही नहीं, बल्कि विश्वास और मानवता की भी आवश्यकता है

 

मुख्य परीक्षा प्रश्न

“आपदा रिपोर्टिंग में सटीकता के साथ-साथ सहानुभूति की भी आवश्यकता होती है।” भारत में बढ़ती प्राकृतिक आपदाओं के संदर्भ में, सत्य-कथन और मानवीय गरिमा के बीच संतुलन बनाने में पत्रकारों की नैतिक ज़िम्मेदारियों पर चर्चा कीजिए। (150 शब्द, 10 अंक)

स्रोत: द हिंदू


स्वतंत्रता के बाद के भारत में राजनीतिक एकीकरण और राष्ट्रीय एकता

(जीएस पेपर 1 – आधुनिक भारतीय इतिहास – “देश के भीतर स्वतंत्रता के बाद एकीकरण और पुनर्गठन।”)

 

परिचय

1947 में स्वतंत्रता के समय , भारत को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा -जैसे विभाजन, सांप्रदायिक तनाव, आर्थिक पिछड़ापन, कमज़ोर संस्थाएँ और सामाजिक विखंडन । नए नेतृत्व के सामने सबसे बड़ा काम विविधतापूर्ण और विभाजित राष्ट्र में राजनीतिक एकीकरण और राष्ट्रीय एकता सुनिश्चित करना था।

 

  1. एक संप्रभु और लोकतांत्रिक संविधान का निर्माण

 

  1. रियासतों का एकीकरण

 

  1. भाषाई पुनर्गठन और संघीय संतुलन

 

  1. शिक्षा और मानव पूंजी में सुधार

 

  1. एक स्वतंत्र विदेश नीति को आकार देना

 

  1. राष्ट्र निर्माण की चुनौतियों पर काबू पाना

 

निष्कर्ष

भारत के प्रारंभिक दशक दूरदर्शी नेतृत्व, समावेशी संविधानवाद और व्यावहारिक शासन-कला से चिह्नित थे

 

मुख्य परीक्षा प्रश्न

प्रश्न: “स्वतंत्रता-पश्चात् भारत में राजनीतिक सुदृढ़ीकरण और राष्ट्रीय एकता केवल राजनीतिक एकीकरण के माध्यम से ही नहीं, बल्कि दूरदर्शी संविधानवाद और समावेशी राज्य-निर्माण के माध्यम से प्राप्त हुई।” चर्चा कीजिए। (250 शब्द, 15 अंक)

स्रोत: द इंडियन एक्सप्रेस

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