DAILY CURRENT AFFAIRS IAS | UPSC Prelims and Mains Exam (हिंदी) – 23rd JULY 2020

  • IASbaba
  • July 30, 2020
  • 0
Hindi Initiatives
Print Friendly, PDF & Email

Archives


(PRELIMS + MAINS FOCUS)


दलबदल विरोधी अधिनियम, न्यायिक समीक्षा और अनुच्छेद 212

भाग: GS Mains II – शासन के मुद्दे; न्यायपालिका की भूमिका; संविधान

संदर्भ:

हम पहले से ही जान चुके हैं दसवीं अनुसूची और कीहोतो होलोन मामला

  • दसवीं अनुसूची में उस प्रक्रिया को निर्धारित किया गया है जिसके द्वारा सदन के किसी अन्य सदस्य की याचिका के आधार पर विधान मंडल के पीठासीन अधिकारी द्वारा दलबदल के आधार पर विधायकों को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
  • दलबदल से उत्पन्न अयोग्यता के संबंध में प्रश्न का निर्णय सभा के पीठासीन अधिकारी द्वारा लिया जाता है।
  • मूल रूप से पीठासीन अधिकारी का फैसला अंतिम होता हैं तथा किसी भी अदालत में जाँच नहीं हो सकती थी। हालांकि, 1993 किहोतो होलोन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रावधान को इस आधार पर असंवैधानिक घोषित कर दिया कि यह सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र को कम करता है।
  • इसमें यह माना गया कि पीठासीन अधिकारी दसवीं अनुसूची के तहत प्रश्न का निर्णय लेते समय एक न्यायाधिकरण के रूप में कार्य करता है। इसलिए, किसी अन्य न्यायाधिकरण की तरह उनका निर्णय दुर्भावपूर्ण (malafides), दुराग्रह आदि के आधार पर न्यायिक समीक्षा के अधीन है।

अतिरिक्त जानकारी:

  • किहोतो होलोन मामले में, उच्चतम न्यायालय ने निर्णय लेने के चरण से पहले विशेष रूप से किसी भी न्यायिक हस्तक्षेप पर रोक लगा दी है।
  • उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि कार्यवाही के अंतरिम चरण में किसी हस्तक्षेप की अनुमति नहीं है, और अंतिम निर्णय की न्यायिक समीक्षा केवल सीमित आधारों पर उपलब्ध है।
  • अदालतें दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता के सवालों को तय करने में दखल नहीं कर सकती है।
  • न्यायिक समीक्षा संविधान के अनुच्छेद 212 के तहत विधायिका पर कार्यवाही को शामिल नहीं कर सकती है।

संविधान के अनुच्छेद 212 में न्यायालयों को विधायिका की कार्यवाही की जांच करने का प्रावधान है

  1. राज्य के विधान मंडल की किसी कार्यवाही की विधि मान्यता को प्रक्रिया की किसी भी अभिकथित अनियमितता के आधार पर प्रश्न गत नहीं किया जायेगा।
  2. राज्य के विधान मंडल का कोई अधिकारी या सदस्य, जिसमें इस संविधान द्वारा या इसके अधीन उस विधान मंडल में प्रक्रिया या कार्य संचालन का विनियमन करने की अथवा व्यवस्था बनाए रखने की शक्तियाँ निहित है, उन शक्तियों के अपने द्वारा प्रयोग के विषय में किसी न्यायालय की अधिकारिकता के अधीन नही होगा।

समाचार में राष्ट्रीय उद्यान: डिब्रुसैखोवा राष्ट्रीय उद्यान और देहिंग पटकई हाथी रिजर्व (DibruSaikhowa National Park and Dehing Patkai Elephant Reserve) 

भाग: GS Prelims and Mains III – संरक्षित क्षेत्र; संरक्षण; पर्यावरण प्रभाव आकलन के मुद्दे

समाचार में:

  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पर्यावरण मंत्रालय, ऑयल इंडिया लिमिटेड (OIL) और दो अन्य संस्थाओं को यह बताने का निर्देश दिया है, कि पूर्वी असम राष्ट्रीय उद्यान (DibruSaikhowa) में सात तेल के कुओं की प्रस्तावित ड्रिलिंग की अनुमति कैसे दी गई।
  • इससे पहले एनजीटी (NGT) ने असम में देहिंग पटकाई एलिफेंट रिजर्व के अंदर पूर्वोत्तर कोलफील्ड्स द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध कोयला खनन के आरोपों की जांच के लिए एक समिति के गठन का आदेश दिया था।

नमकप्रिय बैक्टीरिया द्धारा लोनार झील का रंग परिवर्तन

भाग: GS Prelims – भूगोल; विज्ञान

समाचार में:

  • हाल के अध्ययन से पता चला है कि महाराष्ट्र की लोनार झील में पानी का रंग परिवर्तन नमकप्रिय हेलोआरचिया (Haloarchaea) रोगाणुओं की बड़ी उपस्थिति के कारण हुआ है।
  • हेलोआरचिया या हेलोफिलिक आरचिया (Haloarchaea or halophilic archaea) एक बैक्टीरिया कल्चर है, जो गुलाबी रंगद्रव्य पैदा करती है, और नमक के साथ संतृप्त पानी में पाई जाती है।
  • बारिश की अनुपस्थिति, कम मानवीय हस्तक्षेप और उच्च तापमान के परिणामस्वरूप पानी का वाष्पीकरण ,जिससे झील में लवणता और पीएच (pH) का स्तर बढ़ सकता है।

Pic: लोनार झील

लोनार झील के बारे में

  • महाराष्ट्र के बुलढाना जिले में 56,000 साल पुरानी लोनार क्रेटर अभ्यारण्य झील लाल/ गुलाबी हो गई है, जो शायद जल निकाय में हेलोफिलिक आर्किया (halophilic archaea) बैक्टीरिया की लवणता और उपस्थिति के कारण है।
  • इसका निर्माण प्लीस्टोसीन काल (Pleistocene Epoch) में उल्कापिंड के गिरने से हुआ था।
  • यह पृथ्वी पर कहीं भी बेसाल्टिक चट्टान में एकमात्र ज्ञात हाइपर वेलोसिटी उल्कापिंड क्रेटर है।
  • इसे भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा 1979 में राष्ट्रीय भूविरासत स्मारक के रूप में अधिसूचित किया गया था।

समाचार में प्रजातियाँ: इंडियन बुलफ्रॉग (हॉपलोबाट्रेकस टाइगरिनस– Indian Bullfrog (Hoplobatrachus tigerinus)

भाग: GS Prelims and Mains III – लुप्तप्राय प्रजातियाँ; संरक्षण

भारतीय बुलफ्रॉग के बारे में

  • आईयूसीएन (IUCN) श्रेणी: कम चिंताजनक (Least concern)
  • यह दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशिया के सबसे प्रचलित और प्रचुर मेंढकों में से एक है, तथा भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाने वाला सबसे बड़ा मेंढक भी है।
  • उनके अवसरवादी भरण व्यवहार, विपुल प्रजनन और अनुकूलन क्षमता उन्हें प्रकृति में आक्रामक बनाती है, जहां वे अन्य देशी प्रजातियों पर हावी हो जाते हैं, वर्तमान में अंडमान की मूल प्रजातियों को इस मेंढक की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
  • इस प्रजाति को मेडागास्कर में भी पुरःस्थापित किया गया था और वर्तमान स्थिति इसी समान परिस्थिति का अनुसरण करती है।

Pic: भारतीय बुलफ्रॉग

क्या आप जानते हैं?

  • बुलफ्रॉग के पैरों को स्वादिष्ट माना जाता है और देश भर में कई स्थानों पर अवैध रूप से शिकार किया जाता है और खाया जाता है, हालांकि इस प्रजाति को भारतीय वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1971 की अनुसूची IV के तहत संरक्षित किया गया है।
  • यह देश भर में सबसे ज्यादा शिकार किया जाने वाला मेंढक है और वन विभाग इसके उपभोग पर अंकुश लगाने की ओर कार्यरत है।

मधुबनी चित्रकला

भाग: GS Prelims and Mains I – कला और संस्कृति; चित्रकला

मुख्य बिंदु और विशेषताएँ:

  • मधुबनी का शाब्दिक अर्थशहद के जंगलहै। यह एक पारंपरिक भारतीय चित्रकला है।
  • मधुबनी पूरे बिहार में भारतनेपाल सीमा के क्षेत्रों में मिथिला क्षेत्र से संबंधित है।
  • मधुबनी चित्रों में पौराणिक कथाओं और प्राकृतिक वस्तुओं जैसे सूर्य, चंद्रमा, पौधे आदि शामिल हैं। चित्रकला की इस शैली को पारंपरिक रूप से क्षेत्र की महिलाओं द्वारा बनाया जाता है।
  • मधुबनी चित्रकला में बाँस की छड़ी के चारों ओर लिपटी रुई को ब्रश के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
  • मधुबनी चित्रकला, ताजे पलस्तर वाली मिट्टी की दीवारों पर किया जाता है। आजकल, वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए, इसे कपड़े और कागज पर भी किया जाता है।
  • मधुबनी चित्रकला में अलगअलग तरीके से अलगअलग रंग प्राप्त किए जाते हैं। उदाहरण के लिए कालिख और गाय के गोबर के मिश्रण से काला, चावल पाउडर आदि के मिश्रण से सफेद आदि।
  • इस चित्रकला को  भौगोलिक संकेतक (GI tag) का दर्जा मिला हुआ है।

Pic: मधुबनी पेंटिंग


विविध

भारत विचार शिखर सम्मेलन के परिणाम (Outcomes of India Ideas Summit)

समाचार में:

अमेरिका की स्थिति

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा

  • भारत और अमेरिका को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) कीचुनौतीका सामना करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
  • अमेरिकी सचिव ने इस वर्ष के शुरू में क्वाड और विश्व बौद्धिक संपदा संगठन के चुनावों सहित भारत और अमेरिका के साथ मिलकर काम करने के उदाहरणों को सूचीबद्ध किया (जिसमें निदेशक के चुनाव में सिंगापुर के एक उम्मीदवार ने चीनी उम्मीदवार के खिलाफ जीत हासिल की)

भारत की स्थिति

  • प्रधानमंत्री ने अमेरिकी कंपनियों को भारत के स्वास्थ्य देखभाल, बुनियादी ढांचे, रक्षा, ऊर्जा, कृषि और बीमा क्षेत्रों में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत अपने यहां खुलेपन, अवसरों और विकल्पों के शानदार अवसर प्रदान करेगा।
  • भारत और अमेरिका को समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद, कनेक्टिविटी, नवाचार और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करना चाहिए तथा कोरोना के मामले में महामारी के संदर्भ में कैसे प्रतिक्रिया देना चाहिए।

वैक्सीन के बाद राजकोषीय सुधार

समाचार में:

मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन (Krishnamurthy Subramanian) के अनुसार

  • कोविड– 19 की अनिश्चितता दूर होने के बाद हो सकती है नये वित्तीय उपायों की घोषणा: CEA
  • केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए किसी भीराजकोषीय उपायके लिए प्रतिबद्ध होने से पहले, एक COVID19 वैक्सीन के विकास की प्रतीक्षा करेगा।
  • जन धन खातों से उच्चतर बैलेंस डेटा से पता चलता है कि लोग महामारी के दौरान खर्च करने की तुलना में बचत करने के लिए अधिक इच्छुक हैं और इससे मांग कम हो गयी है। 

क्या आप जानते हैं?

  • वर्तमान में, मौद्रिक और ऋणआधारित उपाय अब तक संकट के प्रति केंद्र की प्रतिक्रिया पर प्रभावी है।
  • उद्योग समूह मांग को बढ़ावा देने और कमजोर छोटे व्यवसायों को समर्थन देने के लिए एक आवश्यक कदम के रूप में तत्काल राजकोषीय उपायों की मांग कर रहे हैं।

राजनीति का अपराधीकरण

मुख्य तथ्य:

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफ़ॉर्म (ADR) की रिपोर्ट और सांसदों द्वारा स्वशपथ पत्र का विश्लेषण के अनुसार

  • 24% राज्यसभा सदस्य, आपराधिक मामलों में लिप्त हैं।
  • 229 सांसदों में से 28 या 12% ने गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
  • 229 सांसदों में से 203 या विश्लेषण किए गए में से 89% ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की थी।

(MAINS FOCUS)


अंतर्राष्ट्रीय/सुरक्षा

विषय: सामान्य अध्ययन 2,3:

  • भारत और उसके पड़ोसी देशों के संबंध। 
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ और उनका प्रबंधन।  

एक अन्य विवाद: भारत, भूटान और चीन सीमा पर

संदर्भ: जून 2020 की शुरुआत से तीसरी बार, चीन ने भूटान के ट्रशिगंग जिले (Bhutan’s Trashigang district) के पूर्वी क्षेत्र में अपने क्षेत्रीय दावों को दोहराया है।

 क्या है चीन का प्रादेशिक दावा?

  • चीन के मुताबिक, सकतेंग वन्यजीव अभ्यारण्य (Sakteng Wildlife Sanctuary) चीनभूटान विवादित क्षेत्रों में स्थित है जो चीनभूटान सीमा वार्ता के एजेंडे में है।
  • चीन का पहला दावा 2-3 जून को यूएनडीपी(UNDP) के नेतृत्व वाले वैश्विक पर्यावरण सुविधा (GEF) सम्मेलन में हुआ था, जब चीनी प्रतिनिधि ने भूटान के पूर्वी जिले ट्रैशिगांग में सकतेंग वन रिजर्व के लिए फंडिंग रोकने की कोशिश की थी।
  • चीन का दावा है कि चीन और भूटान के बीच की सीमा कभी सीमांकित नहीं रही तथा भूटान के पूर्वी, मध्य और पश्चिमी सेक्टरों को लेकर उसके बीच विवाद रहा है।

चीन का दावा क्यों हैरान करने वाला है?

  • चीन ने जीईएफ (GEF) में अभ्यारण्य को दी गई फंडिंग पर पहले कोई आपत्ति नहीं जताई थी।
  • ट्रशिगंग क्षेत्र (Trashigang area), जहां सकतेंग स्थित है, चीन के साथ एक सीमा साझा नहीं करते है।
  • 1984 में शुरू हुई भूटान के साथ 24 दौर की वार्ता में चीनी अधिकारियों ने पूर्वी सीमा नहीं बढ़ाई है। इस प्रकार अब तक, वार्ता केवल निम्नलिखित के संबंध में किया गया है :
    • भूटान के उत्तरपसमलुंग और जकरलुंग घाटियां के संबंध में। 
    • भूटान का पश्चिम: भारत के साथ ट्राइजंक्शन प्वाइंट (त्रिकोण) तक आने वाले डोकलाम और अन्य चरागाह के क्षेत्र।

 भूटान की स्थिति क्या है?

  • भूटान ने चीन द्वारा किए गए दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया और जीईपी (GEP) से कोष (फंडिंग) प्राप्त करने में सफल रहा।
  • भूटान ने कहा कि सकतेंग वन्यजीव अभ्यारण्य भूटान का अभिन्न और संप्रभु क्षेत्र है।
  • भूटान ने नई दिल्ली स्थित अपने दूतावास के जरिए चीन को अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है, क्योंकि भूटान और चीन के बीच कोई औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं है।
  • पिछले दो महीनों में चीन द्वारा बारबार किए गए दावों के बाद भूटान अब यह कहकर चीन के दावों को शांत करता दिखाई दिया है कि सभी विवादों को चीनभूटान वार्ता के अगले दौर में उठाया जाएगा।

 भारत के लिए चिंताएं

  • सकतेंग(Sakteng) अरुणाचल प्रदेश से लगी सीमा पर स्थित है, जिसके कुछ हिस्से पर चीन ने भी दावा किया है।
  • 2007 की भारतभूटान मैत्री संधि के बाद भी, भारतीय सेना भूटान को चीन की सेना के बाहरी खतरे से बचाने के लिए वस्तुतः जिम्मेदार है।

चीनी दावों के पीछे क्या रणनीति है?

भूटान के संबंध में

  • दबाव की युक्ति: यह चीन की कोशिश है कि अगली बैठक की समयसारणी जल्दी हो, या सीमा वार्ता से चीन लाभ उठाने को प्रयासरत है।
    • चीन और भूटान के बीच सीमा वार्ता – 2016 में आखिरी दौर में थी – 2017 में डोकलाम गतिरोध, 2018 में चुनाव और 2020 में महामारी के कारण इसे बंद कर दिया गया है।
  • चीनभूटान सीमा विवाद के समाधान के रूप में इस अवधि के दौरान चीन द्वारा एकपैकेज समाधानपेश किया है।
    • यह 1990 के दशक में चीनी द्वारा पेश किए गए एक सौदे को संदर्भित करता है जिसके तहत चीन पश्चिमी क्षेत्र (डोकलाम & चुम्बी घाटी) में 269 km2 के नियंत्रण के बदले में उत्तरी क्षेत्र में 495 km2 पर अपने दावों को छोड़ने के लिए तैयार था।

भारत के संबंध में

  • भारत और भूटान के बीच संबंध: चीन का नया क्षेत्रीय दावा भारत के छोटे पड़ोसी देशों पर दबाव बनाने की चीनी रणनीति का एक हिस्सा है, ताकि उन्हें भारत से किसी भी प्रकार निकटता के लिए दंडित किया जा सके।
  • पथांतरित युक्ति (Diversionary Tactic): भारत जो पहले से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चीनी आक्रामकता से निपट रहा है, सकतेंग का दावा एक पथांतरित युक्ति हो सकती है।
  • अरुणाचल प्रदेश पर दावों में वृद्धि : भूटान की पूर्वी सीमा का दावा करके, चीन अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावों को दोगुना करने का प्रयास कर रहा है, जिनमें से किसी पर भी इसका तो ग्रहणाधिकार या नियंत्रण है।
  • भारत के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सिलिगुड़ी गलियारे के पास स्थित डोकलाम क्षेत्र पर नियंत्रण हासिल करने के लिए
    • इसपैकेज प्रस्तावकी पुनरावृत्ति चिंताजनक है क्योंकि इसका मतलब है कि बीजिंग चीन, भारत और भूटान के त्रिकोण के पास स्थित डोकलाम पठार के लिए अपने प्रयासों को नहीं छोड़ रहा है।
    • चीन ने डोकलाम पठार में अपने सैन्य ढांचे को मजबूत कर लिया है तथा अब भारत की चुम्बी घाटी की ओर बढ़ना चाहता है, जो रणनीतिक रूप से एक संवेदनशील स्थान है।

निष्कर्ष

कोई फर्क नहीं पड़ता कि बीजिंग की नए दावों से संबंधित क्या योजनाएँ हैं, परंतु दशकों तक भारत और भूटान की कार्यपद्धति सहयोग और पूर्ण समझ पर आधारित रही है। वर्तमान में वे चीन की आक्रामकता का सोद्देश्यपूर्ण जवाब दे सकते हैं।

क्या आप जानते हैं?

  • भारत ने गुवाहाटीट्राशीगैंगतवांग लिंक रोड (Guwahati- Trashigang-Tawang link road) बनाने का प्रस्ताव दिया है।
  • सामरिक महत्व वाली इस सड़क से गुवाहाटी और तवांग के बीच की दूरी 150 किलोमीटर कम हो जाएगी।
  • इससे भारत केवल तवांग (Tawang) के पार, बल्कि भूटान के पूर्वी क्षेत्र की ओर भी चीन द्वारा किसी भी सैन्य चाल का जवाब देने के लिए तेजी से सैनिकों को तैनात कर सकेगा।

Connecting the dots:

  • 2007 की भारतभूटान मैत्री संधि
  • 2017 का डोकलाम विवाद

अर्थव्यवस्था/शासन

विषय: सामान्य अध्ययन 3:

  • भारतीय अर्थव्यवस्था और योजना, संसाधनों का संग्रहण, संवृद्धि, विकास और रोज़गार से संबंधित मुद्दे
  • विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियाँ और हस्तक्षेप और उनके डिज़ाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे। 

Covid-19: भारत को पुनर्कौशल युक्त करने का समय (Time to reskill India)

संदर्भ: कोविड-19 के बाद, अनौपचारिक और औपचारिक दोनों क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कामगार या तो अपनी नौकरी खो देंगे या प्राप्त नौकरियाँ में महत्वपूर्ण परिवर्तनों का सामना करेंगे।

 क्या आप जानते हैं?

  • 2017 में देश में रोज़गार के अवसरों का 12.2% यात्रा और पर्यटन क्षेत्र से था।
  • यात्रा और पर्यटन उद्योग का 80% छोटे मध्यम उद्यम (SMEs) से  संबंधित है।
  • फेडरेशन ऑफ एसोसिएशन इन इंडियन टूरिज़्म एंड हॉस्पिटैलिटी (FAITH) के शुरुआती अनुमानों के अनुसार, नुकसान लगभग  5 लाख करोड़ रुपये के आसपास हो सकता है।

COVID-19 महामारी के कारण प्रतिकूल रूप से प्रभावित क्षेत्र क्या हैं?

  • प्रतिकूल रूप से प्रभावित क्षेत्र पर्यटन और आतिथ्य, रेस्त्रां, संगठित खुदरा, मीडिया और मनोरंजन, लॉजिस्टिक तंत्र और रियल स्टेट आदि हैं।
  • परिणामइन क्षेत्रों में श्रमिक अन्य क्षेत्रों में पुनर्वितरण या वैकल्पिक आजीविका के अवसरों की तलाश कर सकते हैं।
  • आगे की राह: ऐसे कामगारों की पुनर्कौशल (reskilling) इन कमजोर श्रेणियों के लिए मंथन को सुचारु और कम विघटनकारी बना सकती है

 पुनर्कौशल (reskilling) के लिए क्या कदम उठाने की जरूरत है?

  • पुनर्कौशल (reskilling) को चरणबद्ध तरीके से शुरू किया जा सकता है 
    • शुरू में पुनर्कौशल (reskilling) का लक्ष्य प्रवासी कामगारों के एक वर्ग पर होना चाहिए जो अपने मूल राज्यों में लौट आए हैं।
    • यह उन क्षेत्रों में भी किया जाना चाहिए जहां सोशल डिस्टेंसिंग के कारण नौकरियाँ जल्द ही वापस मिलने की संभावना नहीं है।
    • कम से कम 25% जोखिम वाले कार्यबल को लक्षित करने की आवश्यकता है, जो पुनर्विकास की मांग कर रहे है और इसे पुनर्कौशल के माध्यम से अपेक्षाकृत उत्पादक बनाया जा सकता है। 
  • यह पुनर्कौशल (reskilling) एक अल्पकालिक मिशन होगा क्योंकि इस कार्यबल के अधिकांश लोगों को उम्मीद है कि मध्यम अवधि में स्थिति में सुधार होने के बाद अपने पहले व्यवसाय/ स्थान पर वापस चले जाएंगे।

 किन क्षेत्रों में अधिक नौकरियों की संभावना हैं?

जैसा कि आपूर्ति समीकरण में, मांग की स्थिति को तीन क्षेत्रों में विभाजित किया जा सकता है।

  1. घरेलू खपत वाले क्षेत्र
  • इसमें गिग अर्थव्यवस्था (gig economy) शामिल है जो अस्थायी रूप से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में लुप्त हुई आजीविका का समर्थन कर सकती है।
  • चूंकि कोविड-19 के प्रबंधन में स्वास्थ्य क्षेत्र तनाव में हैं, इसलिए केवल संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों, बल्कि सामान्य रोगी देखभाल, निदान, स्वास्थ्यतकनीक और परामर्शदाताओं में भी कर्मियों की भारी मांग है।
  • इसके अलावा, कॉमर्स, दूरसंचार, वित्तीय सेवाएं आदि अपेक्षाकृत लचीला क्षेत्र हैं जो श्रमशक्ति को अवशोषित कर सकते हैं।
  1. स्वरोजगार
  • अल्पकालिक अवधि में वापस नहीं आने वाले प्रवासियों के लिए, उद्यमिता और स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है
  • आर्थिक पुनरुद्धार के कारण आने वाले अवसरों के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जा सकता है तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है। (ग्रामीण सड़कों, घरों और प्रकाश विनिर्माण)
  • चूंकि कृषि ग्रामीण भारत के लिए मुख्य आधार बनी हुई है, इसलिए प्रवासी श्रमिकों के एक वर्ग को उच्च मूल्य वाली कृषि (बाग़वानी, पशुधन, रेशम पालन, जल कृषि और वृक्षारोपण) में पुनर्कौशल किया जाना चाहिए।

आगे की राह 

  • पुनःप्रतिरूपण कौशल मूल्य श्रृंखला: उम्मीदवारों को दूरस्थ परामर्श और सीखने की एक वृहत् डिजिटल पहुँच आरंभ करने के लिए प्रेरित करना होगा।
  • प्रौद्योगिकी का लाभ: चूंकि व्यावसायिक प्रशिक्षण अधिकतर व्यावहारिक क्रियाशील होता है, इसलिए संवर्धित वास्तविकता (Augmented reality) /आभासी वास्तविकता (Virtual reality) संचालित अनुकरण प्रशिक्षण जैसी प्रौद्योगिकियों को वीडियो आधारित शिक्षण के साथ एकीकृत किया जाना चाहिए।
  • क्षमताएं और मानसिकता: अधिक ऑनलाइन प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रशिक्षकों की क्षमता को बढ़ाया जाना चाहिए। महत्वपूर्ण बात यह है कि कौशल वितरण, प्रशासन और शासन के सभी स्तरों पर एक मानसिक बदलाव लाना होगा।
  • डिजिटल डिवाइड में अंतर को कम करना: समयबद्ध पुनर्कौशल (reskilling) प्रयास के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे कोडिजिटलफ़र्स्ट स्किलिंगकी दीर्घकालिक योजना में मूल रूप से एकीकृत करने की आवश्यकता है। इसके लिए डिजिटल निरक्षरता और डिजिटल पहुंच जैसे मुद्दों का समाधान करने की जरूरत है।

निष्कर्ष

मिशन मोड में चलाए जा रहे एक पुनर्कौशल कार्यक्रम से केवल व्यावसायिक शिक्षा परिवेश तंत्र मजबूत होगा, बल्कि इससे आकांक्षा मूल्य, रोज़गार और आजीविका के क्षेत्रों में भी सुधार होगा।

Connecting the dots:

  • स्किल इंडिया मिशन
  • मेक इन इंडिया कार्यक्रम

(TEST YOUR KNOWLEDGE)


मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section)

ध्यान दें

  • आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए (DNA) सेक्शन में दिए जाएंगे। कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें।
  • Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”.

Q.1) ‘किहोतो होलोहान केसभारतीय संविधान के निम्नलिखित अनुसूचियों में से किससे संबद्ध है?

  1. दसवीं अनुसूची
  2. चौथी अनुसूची
  3. आठवीं अनुसूची
  4. छठी अनुसूची

Q.2) ‘मधुबनी चित्रकलाके बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें। 

  1. यह बिहार में लोगों में प्रचलित है तथा इसको टहनियों, उंगलियों, ब्रश और यहां तक कि माचिस की तीलियों का उपयोग करके बनाया जाता है।
  2. इसे 2006 में प्रतिष्ठित जीआई (भौगोलिक संकेतक) का दर्जा दिया गया था।

सही कथन का चयन करें?

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. तो 1 और ही 2

Q.3) निम्नलिखित कथनों पर विचार करें। 

  1. यह असम का एक राष्ट्रीय उद्यान है।
  2. यह उत्तरपूर्वी भारत का सबसे बड़ा सालिक्स दलदल (salix swamp) जंगल है, जिसमें गर्मियों में उष्ण और आद्रता के साथ उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु पाई जाती है, तथा सर्दियों में आमतौर पर शीत और शुष्क मौसम होता है।

उपरोक्त कथन का संबंध किससे है

  1. नामरी राष्ट्रीय उद्यान
  2. काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
  3. मानस राष्ट्रीय उद्यान
  4. डिब्रू सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान

Q.4) ‘लोनार झीलके बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें

  1. यह एक काल्डेरा झील है
  2. यह एक खारे पानी की झील है, जो प्लीस्टोसीन (Pleistocene) के दौरान निर्मित हुई है

सही कथनों का चयन करें

  1. केवल 1
  2. केवल 2
  3. 1 और 2 दोनों
  4. तो 1 और ही 2

ANSWERS FOR 22nd July 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK)

1 B
2 B
3 A

अवश्य पढ़ें

पुडुचेरी के लिए हाईकोर्ट की स्थापना के बारे में:

The Hindu

उच्च शिक्षा में रूपांतरण के बारे में:  

The Hindu 

भारत, चीन और ईरान के बारे में:  

The Indian Express

For a dedicated peer group, Motivation & Quick updates, Join our official telegram channel – https://t.me/IASbabaOfficialAccount

Subscribe to our YouTube Channel HERE to watch Explainer Videos, Strategy Sessions, Toppers Talks & many more…

Search now.....

Sign Up To Receive Regular Updates