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IAS UPSC Prelims and Mains Exam (हिंदी) – 2nd July 2020
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(PRELIMS + MAINS FOCUS)
रेलवे में निजी भागीदारी (Private participation in Railways)
भाग: GS Prelims and Mains II and III – सरकार की योजनाएं और नीतियां;अर्थव्यवस्था, निजीकरण और बुनियादी ढाँचा
समाचार में:
- रेलवे ने निजी अभिकर्ताओं को कुछ गाड़ियों के संचालन की अनुमति देने के लिए प्रक्रिया आरंभ की है।
- रेल मंत्रालय ने कहा है कि रेलवे नेटवर्क पर यात्री ट्रेनों को चलाने में निजी निवेश के लिए यह पहली पहल है, तथा लगभग 30,000 करोड़ के निवेश को आकर्षित करेगी।
- यह आगे कहा कि पहल का उद्देश्य निम्न है –
- आधुनिक तकनीक का परिचय
- पारगमन समय में कम लाना
- रखरखाव की लागत में कमी लाना
- रोज़गार सृजन को बढ़ावा
- संवर्धित सुरक्षा प्रदान करना
- विश्व स्तरीय यात्रा का अनुभव प्रदान करना
- यात्री परिवहन क्षेत्र में मांग–आपूर्ति अंतराल में कमी लाना
क्या आप जानते हैं?
- दिल्ली–लखनऊ तेजस पहली ट्रेन है जो भारतीय रेलवे द्वारा संचालित नहीं है।
- इससे पहले, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC), जो एक सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम है, उसको ट्रेन संचालन का कार्य सौंपा गया था।
अतिरिक्त जानकारी:
- रेलवे ने कहा है कि भारत में ही “अधिकांश” ट्रेनों का निर्माण किया जाएगा।
- निजी इकाइयां गाड़ियों के वित्तपोषण, खरीद, संचालन और रखरखाव के लिए उत्तरदायी होगी।
- ट्रेनों को 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति के लिए डिज़ाइन किया जाएगा।
आत्मनिर्भर खाद्य पैकेज योजना का ख़राब कार्यान्वयन (Poor implementation of Aatmanirbhar food package scheme)
भाग: GS Prelims and Mains II – सरकार की योजनाएं और पहल; कल्याणकारी योजनाएँ
समाचार में:
खाद्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध किए गए आंकड़ों के अनुसार –
- प्रवासी खाद्यान्न योजना लक्षित 8 करोड़ में से 15% से भी कम तक पहुँच पायी है।
- सरकार ने आठ करोड़ प्रवासियों को आत्मानिभर पैकेज के तहत मुफ्त राशन देने का लक्ष्य रखा था।
- हालांकि, कुल मिलाकर, मई महीने में अनुमानित आठ करोड़ लाभार्थियों में से केवल 15% को खाद्यान्न वितरित किया गया था। जून में, 11.6% से कम ने राशन प्राप्त किया है।
क्या आप जानते हैं?
- आत्मनिर्भर खाद्य पैकेज योजना में राशन कार्ड के बिना प्रवासी श्रमिकों का समर्थन करने की घोषणा की गई थी, लेकिन केंद्र ने ऐसे लोगों की पहचान करने के लिए राज्यों पर छोड़ दिया था।
- कई राज्य ऐसे लोगों की पहचान करने में विफल रहे। आंध्र प्रदेश, गोवा और तेलंगाना में 0% वितरण था, तथा सात राज्यों में 1% से कम था।
- प्रधानमंत्री ग्रामीण ग़रीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) जो सभी राशन कार्ड धारकों को अतिरिक्त मुफ्त खाद्यान्न और दाल प्रदान करती है, उसको आगे बढ़ाया गया है। हालांकि, आत्मनिर्भर भोजन पैकेज, जो प्रवासियों को मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए था तथा बिना राशन कार्ड के लोगों के लिए था, आगे नहीं बढ़ाया गया है।
गृह मंत्रालय ने यूएपीए के तहत 9 व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में नामित किया है
भाग: GS Prelims and Mains II and III – राजनीति और सुरक्षा मुद्दे
समाचार में:
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत 9 लोगों को “आतंकवादी” के रूप में नामित किया है।
- घोषित 9 व्यक्ति आतंकवादी अलगाववादी खालिस्तानी समूहों से जुड़े हुए हैं जो सिखों के लिए एक अलग देश की स्थापना करना चाहते हैं।
Important Value Additions:
गैर–कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के बारे में
- इसे 1967 में अधिनियमित किया गया था।
- इसका उद्देश्य भारत में गैरकानूनी गतिविधियों वाले संगठनों पर प्रभावी नियंत्रण करना है।
- अधिनियम के तहत, जांच एजेंसी गिरफ्तारी के बाद अधिकतम 180 दिनों में चार्जशीट दायर कर सकती है तथा न्यायालय को सूचित करने के बाद अवधि को और बढ़ाया जा सकता है।
- 2004 तक, “गैरकानूनी” गतिविधियों को क्षेत्र के अलगाव और कब्जे से संबंधित कार्यों के लिए संदर्भित किया गया था। 2004 में संशोधन करके, अपराधों की सूची में “आतंकवादी कार्यवाही” जोड़ा गया।
- यदि केंद्र किसी गतिविधि को गैरकानूनी मानता है तो वह आधिकारिक राजपत्र के माध्यम से इसे घोषित कर सकता है।
- इसमें मृत्युदंड और आजीवन कारावास को उच्चतम दंड के रूप में रखा गया है।
2019 में यूएपीए में संशोधन
- अधिनियम में दिए गए कुछ आधारों पर आतंकवादियों के रूप में व्यक्तियों को नामित करने के लिए अधिनियम में संशोधन किया गया था । पहले केवल संगठनों को ही घोषित किया जा सकता था।
- व्यक्तियों को आतंकवादी के रूप में नामित नहीं करना, उन्हें कानून को दरकिनार करने और अलग नाम के तहत फिर से संगठित करने का अवसर देता था।
- एनआईए के महानिदेशक को यह अधिकार प्राप्त है कि जब मामले की एनआईए द्वारा जांच की जाती है तो संपत्ति की जब्ती या कुर्की की मंजूरी दे सकता है।
- इससे पहले राज्य पुलिस की सहमति की आवश्यकता थी जो इस प्रक्रिया में देरी करती थी।
- इसने एनआईए के अधिकारियों को आतंकवाद के मामलों की जांच करने के लिए इंस्पेक्टर या उससे ऊपर के रैंक अफ़सर को अधिकार दिया है।
- इसने गृह मंत्रालय को आतंकवादियों के रूप में व्यक्तियों को नामित करने की शक्ति दी है।
क्या आप जानते हैं?
- एनआईए को 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी अधिनियम 2008 के तहत बनाया गया था।
- एनआईए भारत की केंद्रीय आतंकवाद–रोधी कानून प्रवर्तन एजेंसी है तथा यह गृह मंत्रालय के समग्र मार्गदर्शन में कार्य करती है।
पर्यावरण मंत्रालय द्वारा केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) का पुनर्गठन
हिस्सा: GS Prelims and Mains III – पर्यावरणीय मुद्दे; संरक्षण
समाचार में:
- पर्यावरण मंत्रालय ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) का पुनर्गठन किया है।
- सीजेडए में स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, दिल्ली के एक विशेषज्ञ और एक आणविक जीवविज्ञानी (molecular biologist) शामिल होंगे।
प्रमुख प्रीलिम्स पॉइंटर्स:
- सीजेडए एक वैधानिक निकाय है जिसकी अध्यक्षता पर्यावरण मंत्री करते हैं तथा देश भर के चिड़ियाघरों को विनियमित करने का कार्य करता है।
- केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) एक वैधानिक निकाय है जिसे पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के प्रावधानों के तहत स्थापित किया गया है ।
- प्राधिकरण दिशानिर्देशों को जारी करता है और नियमों को निर्धारित करता है जिसके तहत पशुओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिड़ियाघरों में स्थानांतरित किया जा सकता है।
- यह चिड़ियाघरों के बीच वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची -1 और 2 के तहत सूचीबद्ध लुप्तप्राय श्रेणी के जानवरों के आदान–प्रदान को नियंत्रित करता है।
विविध:
जीएसटी संग्रहण में कमी आयी है (GST collections drop)
भाग: GS Prelims and Mains III – भारतीय अर्थव्यवस्था और संबंधित मुद्दे; करारोपण
समाचार में:
- वस्तु एवं सेवा कर (GST) संग्रह में पहली तिमाही में 41% की गिरावट देखी गई।
- गिरावट का कारण – सरकारी राजस्व पर COVID-19 प्रभाव; लॉकडाउन के दौरान राजस्व में आयी गिरावट
उठाए जाने वाले कदम,
- छोटे व्यवसायों को COVID-19 की स्थिति के कारण GST भुगतान के तीन महीने की छूट दी गई है।
- उद्योग द्वारा करों के भुगतान पर स्थगन और दरों में कमी की एक व्यापक मांग है।
Important Value Additions:
- वस्तु एवं सेवा कर (GST) पूरे भारत में वस्तुओं और सेवाओं के निर्माण, बिक्री और उपभोग पर एक व्यापक अप्रत्यक्ष कर है।
- यह एक गंतव्य–आधारित कराधान प्रणाली है।
- यह 101 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा स्थापित किया गया है।
- यह भारत को एक एकीकृत बाजार बनाने के लिए “एक राष्ट्र, एक कर” की तर्ज पर पूरे देश के लिए एक अप्रत्यक्ष कर है।
- यह अपने पूरे उत्पाद चक्र या जीवन चक्र में निर्माता से उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है।
- इसकी गणना किसी माल या सेवाओं के किसी भी स्तर पर केवल “मूल्यवर्धन” में की जाती है।
- अंतिम उपभोक्ता केवल अपने हिस्से का कर अदा करेगा, न कि पूरी आपूर्ति श्रृंखला का, जो पहले थी।
- GST से संबंधित किसी भी मामले पर निर्णय लेने के लिए GST परिषद का प्रावधान है, जिसके अध्यक्ष भारत के वित्त मंत्री हैं।
केरल के एक गांव ने रोगी देखभाल के लिए रोबोट नर्सों की तैनाती की
भाग: GS Prelims and Mains III – विज्ञान और प्रौद्योगिकी; नवाचार और प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग
समाचार में:
- दो रोबोट नर्सें जिन्हें आशा (Asha-hope) नाम दिया गया– को केरल गाँव, एराविपरूर में एक COVID-19 फर्स्ट–लाइन ट्रीटमेंट सेंटर में सफलतापूर्वक तैनात किया गया है।
- रोबोट 15 किमी की दूरी से भी अपने परिवार के सदस्यों के लिए मरीजों के साथ वास्तविक समय पर अंतःक्रिया / बातचीत की सुविधा प्रदान करेगा।
क्या आप जानते हैं?
- एराविपरूर गाँव ने कई बार सुर्खियाँ बटोरी है, यह अप्रैल 2015 में लोक प्रशासक के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली देश की पहली ग्राम पंचायत बनी तथा अगस्त में अपने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए ISO-9001 प्रमाणन प्राप्त करने वाली उस वर्ष की राज्य की पहली पंचायत बनी।
(मुख्य परीक्षा केंद्रित)
शासन / अर्थव्यवस्था / अंतर्राष्ट्रीय संबंध
विषय: सामान्य अध्ययन 2, 3:
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
- भारतीय अर्थव्यवस्था और संसाधनों के नियोजन, जुटाने से संबंधित मुद्दे
- भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव
भारत की डिजिटल नीति में सुधार
Context: COVID-19 के साथ वैश्विक स्तर पर अपनी पहुंच का विस्तार करने के लिए, आर्थिक विकास में गिरावट आई है और राष्ट्र मंदी के रुझानों को दूर करने के उपाय कर रहे है । एक क्षेत्र है जिसमें इस प्रवृत्ति से परिवर्तन की उम्मीद है जो की डिजिटल सेवाएं हैं।
क्या आप जानते हैं?
- अपनी नवीनतम विश्व निवेश रिपोर्ट में व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (UNCTAD) ने अनुमान लगाया कि विकासशील एशियाई अर्थव्यवस्थाओं के लिए FDI 45% तक गिर सकता है।
- भारत 2022 में G20 राष्ट्रों की मेजबानी करेगा, तथा COVID-19 विश्व में, डिजिटल क्षेत्र अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सुशासन में सर्वोच्च प्राथमिकता वाले एजेंडे में होगा।
वर्तमान में डिजिटल सेवाएं क्यों महत्वपूर्ण हो गई हैं?
- बहु–क्षेत्रीय उपयोगिता: डिजिटल सेवाएँ स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर खुदरा वितरण से लेकर वित्तीय सेवाओं तक, कई क्षेत्रों में विविध प्रकार के उत्पादों तक पहुँच और वितरण को सक्षम बनाती हैं।
- विकास के लिए महत्वपूर्ण : 21 वीं सदी की अर्थव्यवस्था के लिए डिजिटल सेवाएं महत्वपूर्ण हो गई है, यह देखते हुए कि विश्व चौथी औद्योगिक क्रांति के द्वार पर है ।
- नकारात्मक रुझानों का विरोध: COVID-19 महामारी के बीच भी, डिजिटल सेवाओं में निवेश वैश्विक स्तर पर रिकॉर्ड स्तर पर जारी है, जिसने लगभग प्रत्येक अन्य क्षेत्र में निवेश को पीछे छोड़ दिया है।
- आपात स्थिति के दौरान मददगार: जब राष्ट्रीय या वैश्विक आपात स्थिति में वाणिज्य के अधिक पारंपरिक तरीके बाधित हो गए हैं तो डिजिटल सेवाएं अंतराल को भर रही हैं। उदाहरण: COVID-19 लॉकडाउन के दौरान टेलीमेडिसिन।
- भारत के लिए अवसर: भारत अपनी विशाल और तेजी से बढ़ती डिजिटल आबादी के साथ–साथ अच्छे स्टार्ट–अप इकोसिस्टम की वजह से एफडीआई के प्रवाह में वृद्धि के लिए एक आदर्श स्थान है।
भारत में ऐसी कौन सी चुनौतियाँ हैं जो डिजिटल सेवाओं में अपनी क्षमता के पूर्ण दोहन को रोकती हैं?
डिजिटल विभाजन को तेजी से भरने और डिजिटल बुनियादी ढाँचे को सुधारने की आवश्यकता के साथ–साथ, कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जिन पर सरकार को ध्यान देने की आवश्यकता है
- डिजिटल सेवाओं में तीन लंबित अधिनियम
- व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक (PDPB)
- ई–कॉमर्स नीति
- सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम संशोधन
- दृष्टिकोण और लक्ष्य निर्धारण
- उपरोक्त नियामक सुधार में दृष्टिकोण घरेलू कंपनियों के लिए घरेलू बाजार की सुरक्षा तथा डेटा तक सरकारी पहुंच को प्राथमिकता देने पर जोर देते हैं।
- डेटा गोपनीयता को बढ़ावा देने, अपने लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा करने और एफडीआई को प्रोत्साहित करने के लिए भारत के मजबूत हित के साथ, उक्त दृष्टिकोणों को समेकित करना मुश्किल हो सकता है।
- भारत–अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में चुनौतियां
- भारत और अमेरिका अभी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत के अंतिम चरण में हैं जो कुछ डिजिटल सेवाओं के मुद्दों को संबोधित कर सकते हैं।
- अमेरिका ने धारा 301 की समीक्षा की शुरुआत की है कि क्या डिजिटल सेवाएं जैसे भारत की समतुल्य लेवी (equalisation levy) “अनुचित” व्यापार उपायों का गठन करती हैं।
- डिजिटल सेवाओं में अधिक से अधिक व्यापार और निवेश की संभावनाओं को साकार करने में अमेरिका के साथ मजबूत संबंध एक महत्वपूर्ण कारक है।
निष्कर्ष
भारत को एफडीआई आकर्षित करने और डिजिटल सेवाओं के विकास को रोकने वाली बाधाओं को दूर करने की आवश्यकता है, ताकि $5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके
शासन / सुरक्षा
विषय: सामान्य अध्ययन 2, 3:
- सुरक्षा और इसकी चुनौतियाँ
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां और हस्तक्षेप
पुलिस सुधार और महत्वपूर्ण न्यायिक अभिकर्ता
Context : तमिलनाडु के थुथुकुडी जिले में कथित हिरासत में यातना के कारण एक पिता और पुत्र की मृत्यु।
- पी. जयराज (58) और उनके पुत्र जे बेनिक्स (31) को COVID -19 कर्फ्यू के घंटों के उल्लंघन के लिए पुलिस हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि, चार दिन बाद हिरासत में यातना के कारण कथित तौर पर उनकी मौत हो गई।
- मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै बेंच ने थूथुकुडी हिंसा पर स्वयं संज्ञान लेकर नोटिस जारी किया तथा स्थिति पर “बारीकी से” नजर रख रही है
- कुछ रिपोर्ट के अनुसार, पूरे भारत में एक दिन में पाँच मौतें हिरासत में यातना के कारण होती हैं।
हिरासत में मृत्यु (Custodial deaths) का प्रभाव
- मानवाधिकारों के खिलाफ
- कानून के विरुद्ध
- राज्य अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न को बढ़ाता है
- लोकतांत्रिक संस्कृति का क्षरण होता है
- न्यायिक संस्थानों तक पहुंच न रखने वाले गरीबों और कमजोरों पर असंगत प्रभाव डालता है
- पुलिस प्रक्रियाओं पर दिशानिर्देश प्रदान करने के लिए न्यायपालिका पर बोझ बढ़ाता है
पुलिस सुधारों पर SC के अधिनिर्णय क्या हैं?
- भारत के सर्वोच्च न्यायालय को अक्सर भारतीय राज्य में पुलिस सुधारों की दिशा में काम करने वाला एकमात्र संस्थान माना जाता है।
- जोगिंदर कुमार बनाम यूपी राज्य के मामले (1994) में और डी. के. बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य (1997) दिशानिर्देश किसी भी राज्य कार्रवाई के संदर्भ में दो अधिकारों को संरक्षित करने और सुरक्षित करने के लिए पारित किए गए थे –जो जीवन का अधिकार (right to life) और जानने का अधिकार (right to know) हैं।
- दिशानिर्देशों के माध्यम से, न्यायालय ने निर्देश जारी किए;
- गिरफ्तारी की शक्ति पर अंकुश और
- सुनिश्चित करें कि किसी आरोपी व्यक्ति को उसकी गिरफ्तारी के संबंध में सभी महत्वपूर्ण जानकारी से अवगत कराया जाए तथा उसे हिरासत में लिए जाने की स्थिति में तुरंत मित्रों और परिवार को भी सूचित करें।
- इन न्यायिक दिशानिर्देशों को वैधानिक समर्थन देने के लिए एक दशक का समय लगा, तथा संशोधनों के रूप में, दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) अधिनियम, 2008 में संशोधन किया गया;
हिरासत में मौतें अभी भी क्यों जारी हैं या पुलिस सुधार क्यों पिछड़ा ही बना हुआ है?
- SC दिशानिर्देशों को लागू करने में लंबा समय : तमिलनाडु राज्य को वास्तव में प्रकाश सिंह वाद में दिए गए दिशा–निर्देश को लागू करने में 11 साल लग गए तथा कई राज्य अभी भी उदासीन हैं
- राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव: पुलिस सुधार के मुद्दे पर नौकरशाही और राजनीतिक आकाओं से संस्थागत उदासीनता ने पुलिसिंग में सुधार को रोक दिया है
- न्यायपालिका की अपर्याप्त शक्तियाँ : न्यायपालिका का साधारणतः दिशा–निर्देशों को जारी करने का दृष्टिकोण, विफल साबित हुआ है। अधिनिर्णय के अनुसार वास्तविकता में परिवर्तन के लिए धन की आवश्यकता है और तत्काल कार्यान्वयन की शक्ति होनी चाहिए।
- भारत में उच्चतम न्यायालय और नीचे पुलिस अधिकारियों के बीच की खाई : आपराधिक कानूनों के असंवैधानिक होने के बावजूद, उन्हें स्थानीय पुलिस द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों में लागू किया जाना जारी है
- दण्ड मुक्ति (impunity) की संस्कृति: मद्रास उच्च न्यायालय ने कथित तौर पर थुथुकुडी घटना को एक “कुछ खराब सेब” के रूप में देखा, जो एक प्रणाली की प्रतिष्ठा को बर्बाद कर रहा है जो कि दण्ड मुक्ति की संस्कृति को जारी रखता है
- कार्य का मजिस्ट्रेट पर अत्यधिक बोझ: एक साथ कई जटिल कार्यों को देखना और साथ ही, “रिमांड केस” के आने से जल्दबाज़ी में, मजिस्ट्रेट किसी गिरफ्तार व्यक्ति का उपचार और विचार के साथ व्यवहार नहीं करता है जिससे पुलिस की बर्बरता बनी रहती है
आगे की राह
- यह एक बड़े पैमाने पर प्रतिबंधों पर विचार करने तथा जिला स्तर पर मौद्रिक दंड लगाने का समय है, यहाँ देश में संदेश भेजना आवश्यक है कि एक अधिकारी के गलत कार्यों को पूरे पुलिस बल की विफलता के रूप में देखा जाना चाहिए।
- संवैधानिक अदालतें अपने दिशानिर्देशों को मजिस्ट्रेटों की प्रथाओं को बदलने और पुनर्निर्देशित के लिए एक प्रेरित कदम उठा सकती हैं, जिस पर वे अन्य गैर–न्यायिक अभिकर्ताओं के विपरीत, अधीक्षण की शक्तियों का प्रयोग करते हैं।
Connecting the dots:
- अन्य पुलिस सुधार: क्लिकhere
- जेल सुधार
(अपने ज्ञान का परीक्षण करें)
मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section)
ध्यान दें:
- आज के प्रश्नों के सही उत्तर अगले दिन के डीएनए अनुभाग में दिए जाएंगे। कृपया इसे देखें और अपने उत्तर अपडेट करें।
- Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”.
Q.1) निम्नलिखित कथनों पर विचार करें
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) एक गैर–सांविधिक निकाय है
- केंद्र सरकार के पास किसी भी अनुसूचित अपराध की जांच के लिए एजेंसी (NIA) को निर्देशित करने के लिए स्वत: संज्ञान (suo-moto) शक्तियां हैं
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन करें
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
Q.2) वस्तु एवं सेवा कर (GST) को, हालिया इतिहास में सबसे बड़े आर्थिक सुधारों में से एक के रूप में देखा जाता है। यह निम्नलिखित में से किस संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा पारित किया गया है
- 99 वां
- 110 वां
- 101 वां
- 112 वां
Q.3) केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।
- यह एक वैधानिक निकाय है
- इसका गठन पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के तहत किया गया है
दिए गए कथन में से कौन सा सही है / हैं?
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- न तो 1 और न ही 2
Q.4) भारत के चिड़ियाघरों (Zoos) से संबंधित, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें
- चिड़ियाघर एक ऐसे स्थापन (establishment) है, जहां बंदी जानवरों (captive animals) को जनता के लिए प्रदर्शनी हेतु रखा जाता है, लेकिन लाइसेंस प्राप्त डीलर के बंदी जानवरों के स्थापन शामिल नहीं होते हैं।
- भारत के सभी चिड़ियाघर भारत के केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) द्वारा शासित हैं।
सही कथन चुनें
- केवल 1
- केवल 2
- 1 और 2 दोनों
- उपरोक्त में से कोई नहीं
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1 | A |
2 | B |
3 | A |
4 | C |
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