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(PRELIMS + MAINS FOCUS)
बेरुत विस्फोट
Beirut explosion
Part of: GS Prelims and Mains III – विज्ञान; आपदा और जोखिम
समाचार में:
- लेबनान की राजधानी बेरुत में एक बड़े विस्फोट में कम से कम 100 लोग मारे गए और लगभग 4,000 लोग घायल हो गए।
- बंदरगाह पर भयावह विस्फोट हुआ था जिसका कारण वहां पर स्थित एक गोदाम में छह साल से रखी हुई 2,700 टन अमोनियम नाइट्रेट को बताया गया है।
क्या आप जानते हैं?
- हादसा देश के लिए सबसे बुरे समय में से एक होता है।
- हाल के दिनों में पश्चिमी एशियाई देश गंभीर आर्थिक संकट से घिरे हुए हैं।
- इसने बड़े पैमाने पर व्यवसायों को बंद कर दिया और बुनियादी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण सामाजिक अशांति पैदा हुई।
- देश सदियों पुराने शिया–सुन्नी कलह से भी जूझ रहा है।
अमोनियम नाइट्रेट
- अपने मूल रूप में, अमोनियम नाइट्रेट (NH4NO3) एक सफेद, क्रिस्टलीय रसायन है, तथा यह जल में घुलनशील होता है।
- इसका आमतौर पर विनिर्माण तथा खनन के लिए विस्फोटक के रूप में उपयोग किया जाता है।
नियम:
- भारत में, अमोनियम नाइट्रेट नियम, 2012 और विस्फोटक अधिनियम, 1884 के तहत, अमोनियम नाइट्रेट को “NH4NO3 के फार्मूले के साथ यौगिक” के रूप में परिभाषित करते हैं, जिसमें किसी भी मिश्रण या यौगिक में पायसन, निलंबन, द्रवीभूत करना या जैल सहित 45 प्रतिशत से अधिक अमोनियम नाइट्रेट होता है। लेकिन यह पायसन या घोल विस्फोटक और गैर–विस्फोटक पायसन आव्यूह और उर्वरकों को छोड़कर जिसमें से अमोनियम नाइट्रेट को अलग नहीं किया जा सकता है”।
- शुद्ध अमोनियम नाइट्रेट अपने आप में विस्फोटक नहीं होता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा खतरनाक सामग्री के वर्गीकरण के अंतर्गत अमोनियम नाइट्रेट को ऑक्सीकारक (ग्रेड 5.1) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसके किसी ईधन या ज्वलनशील पदार्थ की संपर्क में आने पर भी इसमें विस्फोट हो सकता है।
भंडारित अमोनियम नाइट्रेट आग की एक बड़ी समस्या है।
भंडारित अमोनियम नाइट्रेट की बड़ी मात्रा को दुनिया भर में कई रिपोर्ट किए गए मामलों के साथ एक प्रमुख अग्नि खतरा माना जाता है।
अमोनियम नाइट्रेट के बड़े भंडार दो संभावित तरीकों से फट सकते हैं।
- एक किसी प्रकार के विस्फोट या उपक्रम द्वारा होता है क्योंकि भंडारण विस्फोटक मिश्रण या ऊर्जा के एक बाहरी स्रोत के संपर्क में आता है।
- दूसरा विस्फोट ऑक्सीकरण प्रक्रिया के कारण उत्पन्न ताप के कारण अमोनियम नाइट्रेट भंडारण में शुरू होने वाली आग के कारण होता है।
अतीत में घातक अमोनियम नाइट्रेट आग और विस्फोट की घटनाओं के कई प्रलेखित उदाहरण हैं, जिनमें कुछ बड़ी संख्या में हैं जैसे कि 1947 में टेक्सास में और 2015 में चीन में।
विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया भर में, अमोनियम नाइट्रेट को विनियमित करने में मुख्य बाधाएं उद्योग और कृषि में इसका व्यापक प्रयोग है।
जहां एक विधायी ढाँचा मौजूद है, दुरुपयोग और दुर्घटनाओं के बार–बार उदाहरणों से पता चलता है कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।
103 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम
Part of: GS Prelims and Mains II – Polity – संविधान और हालिया संशोधन; कल्याण/ सामाजिक मुद्दा
इसके बारे में:
- यह अनारक्षित श्रेणी के आर्थिक रूप से दुर्बल वर्गों के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षिक संस्थानों में 10% आरक्षण का प्रावधान करता है।
- अधिनियम आर्थिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण प्रदान करने के लिए अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन करता है।
इस अनुच्छेद 15 और अनुच्छेद 16 के उद्देश्यों के लिए, राज्य द्वारा समय–समय पर परिवार की आय और आर्थिक नुकसान के अन्य संकेतकों के आधार पर “आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों” को अधिसूचित किया जाना है।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- अनुच्छेद 15 के नए खंड (6) से सरकार को निजी संस्थानों सहित, समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए, चाहे उनकी सहायता राज्य द्वारा की गई हो या नहीं, आरक्षण स्थापित करने की अनुमति दी गई है।अल्पसंख्यक शिक्षा संस्थानों को इससे छूट दी गई है।
- इसी प्रकार, अनुच्छेद 16 के नए खंड (6) में सरकारी सेवाओं में आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को आरक्षण का प्रावधान है।
इंद्रा साहनी केस (1992)
- नौ–न्यायाधीशों की बेंच ने 50% आरक्षण की सीमा तय की थी|
- अधिनिर्णय ने केवल आर्थिक आधार पर आरक्षण पर रोक लगा दी थी।
क्या आप जानते हैं?
- अनुच्छेद 46 सरकार से समाज के कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने के के संबंध में उल्लेख करता है।
यह निम्न के लिए आरक्षण प्रदान करता है:
- जिन लोगों की वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है,
- जो लोग पांच एकड़ से कम कृषि भूमि के मालिक हैं,
- ऐसे लोग जिनके पास शहर में 1,000 वर्ग फुट (या अधिसूचित नगरपालिका क्षेत्र में 100 वर्ग गज) से कम का घर है।
महाराष्ट्र में रेड अलर्ट जारी
Part of: GS Prelims and Mains I and III – जलवायु; आपदा और प्राकृतिक खतरे; आपदा प्रबंधन
समाचार में:
- मुंबई में भारी बारिश हुई, जिससे बड़े पैमाने पर क्षति हुई है।
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भारी बारिश के कारण मुंबई और राज्य के कई हिस्सों में रेड अलर्ट जारी किया है
- शहर और उपनगरों के निचले इलाकों में भारी बाढ़ आई है।
कारण:
- मुंबई को पिछले 16 घंटों से लगातार मूसलधार बारिश के चलते औसत औसत वर्षा का 50 प्रतिशत प्राप्त हुआ है।
- आईएमडी (IMD) के अनुसार, बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्से में विकसित होने वाले कम दबाव वाले मौसम तंत्र के प्रभाव से बारिश हो रही है.
- अरब सागर पर सक्रिय मानसून की स्थिति, उच्च संवहन और स्थानीय संचलन के कारण, जिसने वर्षा गतिविधि, गरज और रात भर चलने वाली हवाओं को बढ़ाया है।
बासमती चावल
प्रसंग: बासमती के लिए भौगोलिक संकेतक (GI tag)
मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 13 ज़िलों में उत्पादित बासमती चावल के लिये भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication) की मांग की है।
- हालांकि, ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन (AIREA) का तर्क है कि अगर MP को बासमती फसल की GI tag में शामिल किया जाता है, तो यह न केवल भारतीय बासमती की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाएगा, बल्कि राष्ट्रीय हित को भी प्रभावित करेगा।
क्या आप जानते हैं?
- भारत के अतिरिक्त विश्व के किसी भी अन्य देश में बासमती चावल का उत्पादन नहीं किया जाता है।
- कोई भी अन्य देश (पाकिस्तान में 18 ज़िलों को छोड़कर) अपने चावल को बासमती चावल नहीं कह सकते।
- मई 2010 में APEDA द्वारा हिमालय की तलहटी से नीचे सिंधु–गंगा के मैदान (Indo-Gangetic Plains-IGP) में स्थित क्षेत्र में उत्पादित बासमती चावल के लिये यह प्रमाण पत्र प्राप्त किया था। इसमें 7 राज्यों [हिमाचल प्रदेश, जम्मू–कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश (पश्चिमी यूपी के 26 जिले) और दिल्ली] के क्षेत्र शामिल हैं।
चिंता:
- जीआई टैग मूल रूप से एक आश्वासन है कि उत्पाद उस विशिष्ट क्षेत्र से आ रहा है। यह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में एक प्रकार का ट्रेडमार्क है।
- AIREA के अनुसार, विश्व व्यापार संगठन के ट्रिप्स ‘(बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधी पहलुओं’) समझौते के तहत जीआई टैग अर्जित करने के लिये किसी उत्पाद की केवल भौतिक विशेषताएँ (Physical attributes) पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि भौगोलिक क्षेत्र (Geographic Region) से जुड़ी प्रतिष्ठा आवश्यक और अनिवार्य है।
- 2003 में माल के जीआई (पंजीकरण और संरक्षण) अधिनियम के अनुसार, भौगोलिक क्षेत्र के लिए ‘प्रतिष्ठा‘ एक जीआई उत्पाद की मान्यता के लिए केंद्रीय है ।
- मध्य प्रदेश में उत्पादित चावल की प्रजाति में सभी आवश्यक या पारंपरिक रूप से बासमती चावल उगाए जाने के लिये प्रचलित क्षेत्रों से बेहतर विशेषताएँ मौजूद हो सकती हैं, परंतु इसे फिर भी बासमती के समान पात्रता नहीं दी जा सकती।
- APEDA के अनुसार, लंबे अनाज और सुगंधित चावल के रूप में सिंधु–गंगा क्षेत्र में बासमती चावल की उत्पत्ति और इसकी प्रतिष्ठा का जिक्र लोक कथाओं, परंपराओं के साथ वैज्ञानिक, पाक साहित्य (Culinary literature), राजनीतिक और ऐतिहासिक अभिलेखों में पाया जाता है।
- निर्यातकों के अनुसार, मध्य प्रदेश को इस सूची में शामिल करने के परिणाम बहुत ही क्षतिकारक हो सकते हैं। ‘बासमती’ नाम को अन्य कई देश जो बासमती के अपने संस्करणों के साथ सामने आते रहे हैं, अतिक्रमण से बचाए रखने की लड़ाई बहुत ही कठिन रही है।
- 1995 से लेकर आज तक लगभग 50 देशों के खिलाफ 1,000 से अधिक कानूनी कार्रवाइयाँ की गई हैं। यदि मध्य प्रदेश को शामिल करने की अनुमति दी जाती है, तो भारतीय बासमती को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिये APEDA के प्रयासों को निरर्थक बना देगा।
पोकली चावल (Pokkali rice)
Part of: GS Prelims and Mains III – कृषि; विज्ञान और तकनीक; अनुसंधान
पोकली चावल के बारे में:
- चावल की पोकली किस्म खारे जल के प्रतिरोध के लिये जानी जाती है और इसका उत्पादन केरल के तटीय ज़िलों में किया जाता है।
- पोकली किस्म के चावल की विशिष्टता के कारण इसे भौगोलिक संकेत (Geographical Indication- GI) टैग प्रदान किया गया है और यह अनुसंधान का विषय बनी हुई है।
- अब, सुंदरवन के किसान पोकली के बीज का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं, क्योंकि सुंदरवन में लगभग 80% चावल के पेडों में खारे पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है।
- यदि पोकली चावल के अंकुर (बीज से उत्पन्न किया हुआ पौधा) कामयाब हो जाते हैं तो किसानों के लिए यह एक अच्छा कदम होगा।
विट्टिला-11किस्म (Vytilla-11 variety)
- पांच किलो विट्टिला-11 किस्म की पोकली के बीज सुन्दर बन भेजे गए।
- विट्टिला-11 केरल कृषि विश्वविद्यालय से बाहर आने के लिए नवीनतम किस्म है।
- विट्टिला-11 में प्रति हेक्टेयर की बेहतर उपज देने का वादा किया जाता है और इसे केरल में लोकप्रिय चावल की ज्योति किस्म से भी क्रॉस किया गया है। फसल की अवधि 110 दिन है।
विविध:
हिज़्बुल्लाह
Hezbollah
इसके बारे में:
- हिज़्बुल्लाह लेबनान का एक शिया राजनीतिक और अर्द्धसैनिक संगठन है।
- हिजबुल्लाह लेबनान के पंद्रह साल के गृह युद्ध के दौरान उभरा, 1975 में उस समय आरंभ हुआ जब विशाल सशस्त्र फिलिस्तीनी उपस्थिति को लेकर लंबे समय से चल रहा असंतोष उबल रहा था।
- इराकी समर्थित समूह इजरायल के विरोध और मध्य पूर्व में पश्चिमी प्रभाव के विरोध से प्रेरित है|
- वैश्विक आतंकवादी हमलों के अपने इतिहास के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य कई देशों द्वारा हिज़्बुल्लाह को एक आतंकवादी समूह के रूप में नामित किया गया है.
एटॉमिक बम गुंबद
Atomic Bomb Dome
इसके बारे मे:
- यह हिरोशिमा, जापान में हिरोशिमा शांति मेमोरियल पार्क का हिस्सा था और 1996 में यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल के नाम से विख्यात गैर–परमाणु विश्व का आह्वान किया गया था।
- हॉल की संरचना मे हुआ विनाश 6 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा के परमाणु बम विस्फोट में मारे गए 140,000 से अधिक लोगों का स्मृति–स्तम्भ है।
Link: Atomic bomb dome
(MAINS FOCUS)
अर्थव्यवस्था/ शासन
Topic: General Studies 3:
- भारत में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग- गुंजाईश ‘और महत्व, स्थान, उच्च और निम्न वर्ग की आवश्यकताएं
- बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे
कोविड और दूध
प्रसंग: कोविड -19 द्वारा जारी आर्थिक संकट ने दुग्ध क्षेत्र को भी प्रभावित किया था।
दूध क्षेत्र अद्वितीय कैसे है?
- नियमित आय: दूध एक बहुमूल्य “उत्पाद” है जिसका किसानों द्वारा प्रतिदिन उत्पादन होता हैं।
- मांग संतुलन: चूंकि इसका प्रतिदिन उपभोग किया जाता है, आपूर्ति के लिए संतुलन बनाना उतना कठिन नहीं है जितना कि, मान लीजिये, गेहूँ की कटाई 2-3 महीनों से अधिक समय मे होती है।
- संस्थागत क्षमताओं का निर्माण: दूध के उत्पादन में उतार–चढ़ाव होते हैं, खास तौर पर भैंस, सर्दियों के बसंत में अधिक उत्पादन और गर्मी के समय कम उत्पादन करती हैं– डेयरी उद्योग इसे प्रबंधित करना जानते हैं|
- संतुलित मॉडल: “फ्लश” (उद्धावन) के मौसम का अधिक से अधिक दूध आमतौर पर स्किम्ड मिल्क पाउडर (एसपीपी) में परिवर्तित हो जाता है और “कम उत्पादन” वाले महीनों में जब दही, लस्सी और आइसक्रीम की मांग बढ़ जाती है तब उसके पुनर्गठन के लिए घी/ मक्खन में बदल जाता है।
- तीव्र उपभोग: चीनी मिलों या भारतीय खाद्य निगम के विपरीत, डेयरियों को बिना बिके भंडारण की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले 15 वर्षों में भारत का दूध उत्पादन दोगुना से अधिक हो गया है, इसलिए बढ़ती आय के कारण भी इसकी खपत बहुत अधिक है।
COVID-19 के कारण सेक्टर को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
- मौजूदा मॉडल का विघटन: उपरोक्त संतुलित मॉडल को होटल, रेस्तरां आदि के COVID शटडाउन द्वारा समाप्त हुई मांग के कारण विखंडित किया जा रहा है।
- उत्पादन का संचय: संस्थागत बिक्री के पतन के साथ – जो दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए देश के एक–चौथाई बाजार बन गया है– डेयरी उत्पादों को गर्मी व मानसून के महीनों में पाउडर और वसा भंडार के रूप मे जमा किया जा रहा है।
- भविष्य के खतरे: न केवल मांग में गिरावट अभूतपूर्व है, बल्कि आने वाले महीनों में चारा उपलब्धता मे सुधार, अधिक भैंसों के पैदा होने और तापमान में कमी के साथ उत्पादन में वृद्धि होने के बाद स्थिति और बदतर होगी।
- कीमतों में गिरावट: 25 मार्च के तालाबंदी के बाद से डेरियां केवल वस्तुओं (एसएमपी (SMP) और घी) को बेचने वाली डेरियां 10 से 13 रुपये प्रति लीटर दूध की कीमतों में कटौती कर चुकी हैं। यहां तक कि ज्यादातर लिक्विड मिल्क मार्केटिंग में भी 3-5 लीटर की कटौती हुई है।
आगे की राह – बफर स्टॉक का निर्माण
- सरकार को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को निदेश देना चाहिए कि वह 60,000 टन एसएमपी और 30,000 टन मक्खन का बफर स्टॉक तैयार करे।
- इसकी लागत – एसएमपी के लिए 200 रु/किग्रा और मक्खन के लिए 300रु/किग्रा, 25रु/लिटर गाय के दूध की खरीद मूल्य के अनुरूप – लगभग 2,100 करोड़ रूपए आ सकते हैं, जिसे प्रबंधित किया जा सकता है
- बफर स्टॉक के लिए धनराशि अगले “शुष्क” गर्मियों के मौसम में फिर से प्राप्त की जा सकती है, जब कुछ सामान्य मांग भी वापस आ जाएगी।
निष्कर्ष
तत्काल हस्तक्षेप नहीं करने से किसानों के लिए नुकसानदायक होगा।
Connecting the dots:
- श्वेत क्रांति
- RCEP जैसी बहुपक्षीय व्यापार संधियों से डेयरी क्षेत्र को खतरे
सुरक्षा/ अंतरराष्ट्रीय
Topic: General Studies 2,3:
- सुरक्षा चुनौतियाँ
- भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव
परमाणु भेद्यता को गंभीरता से लेना
प्रसंग: 75 वर्ष पहले 5 अगस्त 1945 को जापान का हिरोशिमा नगर एक परमाणु बम से नष्ट हो गया था। तीन दिन बाद एक और बम ने नागासाकी को तबाह कर दिया था।
क्या आप जानते हैं?
- उन दो बमों ने 2,00,000 से अधिक लोगों को मौत के घाट उतार दिया, कुछ तो तत्काल मृत हो गये और अन्य कुछ पाँच महीने के भीतर|
- विकिरणों के दीर्घकालिक प्रभाव के कारण इन दोनों शहरों के विस्फोटों में बचे अन्य 2,00,000 लोग या उससे भी अधिक लोग घायल हो गए.
परमाणु हथियारों की बढ़ती भेद्यता
- परमाणु शस्रों में वृद्धि : परमाणु युग की शुरुआत के बाद से 1,26,000 से अधिक परमाणु हथियार बनाए गए हैं।
- परमाणु हथियार पथ अपनाने वाले देशों की बढ़ती संख्या: 1945 के बाद से यूएस, यूके, रूस, फ्रांस, चीन, इजरायल, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया ने खुद को परमाणु हथियारों से लैस किया है, जिनके पास हिरोशिमा और नागासाकी को नष्ट करने की तुलना में बहुत अधिक विनाशकारी शक्ति है।
- परीक्षण के कारण पर्यावरण को नुकसान: अपनी विस्फोटक शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए जमीन के ऊपर और नीचे परमाणु परीक्षणों में 2,000 से अधिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया गया है, जिससे पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य को लंबे समय तक नुकसान होता है।
- बैलिस्टिक मिसाइलों का आविष्कार :1950 के अंत में परमाणु अस्त्रों को प्रक्षेपित करने के बाद इन्हें रोकना असंभव हो गया है। न तो विवादों से बने आश्रय और न ही बैलिस्टिक मिसाइल रक्षा प्रणालियों ने इस भेद्यता को नकारने में सफलता पायी है।
- सुरक्षा नहीं: परमाणु हथियारों से बचाव के लिए कोई वास्तविक तरीका उपलब्ध नहीं है, चाहे वे जानबूझकर, अनजाने में, या गलती से उपयोग किए गए हों।
क्या परमाणु युद्ध को रोका गया है?
- परमाणु हथियार इतने विध्वंसक हैं कि कोई भी देश उनका इस्तेमाल नहीं करेगा, क्योंकि इस तरह के इस्तेमाल से प्रतिशोध की भावना पैदा होगी।
- इसके अलावा कोई भी राजनीतिक नेता अपने लाखों नागरिकों की संभावित मृत्यु को जोखिम में डालने को तैयार नहीं होगा।यह प्रतिरोध का विचार था|
- पारस्परिक आश्वासित विनाश एक सामरिक सैन्य सिद्धांत है जिसमें पूर्ण पैमाने पर परमाणु शस्त्रों के प्रयोग का सैद्धांतिक परिणाम हमलावर और रक्षक दोनों के विनाश में होगा।
- इसलिए परमाणु अस्त्रों का प्रयोग इसलिए असंभव है क्योंकि इसका कारण कोई प्रतिरोध है और इससे परमाणु युद्ध बाधित हो गया है।
- प्रतिरोधक समर्थकों का दावा है कि परमाणु हथियार केवल देशों की रक्षा नहीं करते बल्कि युद्ध को रोकने और स्थिरता बढ़ाने के लिए भी रक्षा करते हैं।
प्रतिरोध की समस्या क्या है?
- प्रतिरोध का प्रत्येक स्थान पर कार्यरत् ना होना
-
- परमाणु खतरों ने हमेशा डर पैदा नहीं किया है और बदले में, डर ने हमेशा सावधानी नहीं बरती है।
- इसके विपरीत, कुछ मामलों में परमाणु खतरों से गुस्सा पैदा हो गया है और क्रोध से राष्ट्रों की रक्षा की गति बढ़ सकती है, जैसा कि 1962 के क्यूबन मिसाइल संकट के दौरान हुआ था।
- युद्ध की मानसिकता को बढ़ावा देता है
-
- सभी परमाणु हथियार राष्ट्रों ने इस संभावना को स्वीकार किया है कि प्रतिरोध विफल हो सकता है और परमाणु हथियार का उपयोग करने की योजना बना सकता है, वास्तव में, परमाणु युद्ध से लड़ने की तैयारी कर रहा है।
- अति आत्मविश्वास को बढ़ावा देता है जो खतरनाक है
-
- वास्तविक दुनिया में, योजनाकारों के लिए पूर्ण नियंत्रण रखना संभव नहीं है।
- पूर्ण नियंत्रणीय तथा परमाणु हथियारों की सुरक्षा में विश्वास करने की इच्छा से अति आत्मविश्वास उत्पन्न होता है जो खतरनाक है।
- अति आत्मविश्वास, जैसा कि सुरक्षा का अध्ययन करने वाले कई विद्वानों का कहना है, दुर्घटनाओं की संभावना और संभवतः परमाणु हथियारों के उपयोग की संभावना है।
निष्कर्ष
कई ऐतिहासिक उदाहरणों में, परमाणु हथियारों के उपयोग को रोकने वाली प्रथाओं पर नियंत्रण नहीं था, लेकिन संस्थागत नियंत्रण के बाहर उनकी विफलता या कारक थे (Ex: क्यूबा मिसाइल संकट)। इसलिए परमाणु अस्त्रों द्वारा उत्पन्न प्रतिरोध के विचार पर पुनः विचार करने की जरूरत है।
Connecting the dots:
- भारत का परमाणु सिद्धांत और नो फ़र्स्ट यूज़ (पहले प्रयोग नहीं नीति)
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मॉडल प्रश्न: (You can now post your answers in comment section)
ध्यान दें:
- आज के प्रश्नों के सही जवाब अगले दिन के डीएनए सेक्शन में दिए जाएंगे। कृपया इसे देखें और अपने उत्तरों को अपडेट करें।
- Comments Up-voted by IASbaba are also the “correct answers”.
Q.1) अमोनियम नाइट्रेट के बारे में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- यह एक सफेद, क्रिस्टलीय रसायन है जो पानी में घुलनशील है।
- यह खनन और निर्माण में प्रयुक्त वाणिज्यिक विस्फोटकों के निर्माण में मुख्य घटक है।
- शुद्ध अमोनियम नाइट्रेट को खतरनाक सामानों के संयुक्त राष्ट्र वर्गीकरण के तहत एक ऑक्सीडाइज़र के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
उपरोक्त कथनों में से कौन सा सही हैं?
- केवल 1
- 1 और 2
- 2 और 3
- 1, 2 और 3
Q.2) निम्नलिखित मौलिक अधिकारों में से कौन सा केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है?
- सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर।
- धर्म, जाति, जाति, लिंग या जन्म स्थान के आधार पर कोई भेदभाव नहीं।
- भाषा और लिपि का संरक्षण
- शैक्षिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार
नीचे से कूट चुनें:
- 1, 2 और 3
- 2, 3 और 4
- 1, 3 और 4
- ऊपर के सभी
Q.3) एससी, एसटी और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देने और उन्हें सामाजिक अन्याय और शोषण से बचाने के लिए एक प्रावधान है –
- मौलिक अधिकार
- मौलिक कर्तव्य
- राज्य के निति के निर्देशक तत्व
- इनमें से कोई भी नहीं
ANSWERS FOR 05th August 2020 TEST YOUR KNOWLEDGE (TYK)
1 | B |
2 | B |
3 | D |
4 | A |
5 | A |
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कोरोना प्रोत्साहन पैकेज वित्त के तरीकों के बारे में:
लेबनान में विस्फोटों के बारे में:
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