Hindi Initiatives, IASbaba Prelims 60 Days Plan, Rapid Revision Series (RaRe)
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60 दिनों की रैपिड रिवीजन (RaRe) सीरीज IASbaba की एक महत्त्वपूर्ण पहल है जो टॉपर्स द्वारा अनुशंसित है और हर साल अभ्यर्थियों द्वारा सबसे ज्यादा पसंद की जाती है।
यह सबसे व्यापक कार्यक्रम है जो आपको दैनिक आधार पर पाठ्यक्रम को पूरा करने, रिवीजन करने और टेस्ट का अभ्यास करने में मदद करेगा। दैनिक आधार पर कार्यक्रम में शामिल हैं
- उच्च संभावित टॉपिक्स पर दैनिक रैपिड रिवीजन (RaRe) सीरीज वीडियो (सोमवार – शनिवार)
- वीडियो चर्चा में, उन टॉपिक्स पर विशेष ध्यान दिया जाता है जिनकी UPSC प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में आने की उच्च संभावना होती है।
- प्रत्येक सत्र 20 मिनट से 30 मिनट का होगा, जिसमें कार्यक्रम के अनुसार इस वर्ष प्रीलिम्स परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण 15 उच्च संभावित टॉपिक्स (स्टैटिक और समसामयिक दोनों) का तेजी से रिवीजन शामिल होगा।
Note – वीडियो केवल अंग्रेज़ी में उपलब्ध होंगे
- रैपिड रिवीजन नोट्स
- परीक्षा को पास करने में सही सामग्री महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और रैपिड रिवीजन (RaRe) नोट्स में प्रीलिम्स विशिष्ट विषय-वार परिष्कृत नोट्स होंगे।
- मुख्य उद्देश्य छात्रों को सबसे महत्वपूर्ण टॉपिक्स को रिवाइज़ करने में मदद करना है और वह भी बहुत कम सीमित समय सीमा के भीतर करना है
Note – दैनिक टेस्ट और विस्तृत व्याख्या की पीडीएफ और ‘दैनिक नोट्स’ को पीडीएफ प्रारूप में अपडेट किया जाएगा जो अंग्रेजी और हिन्दी दोनों में डाउनलोड करने योग्य होंगे।
- दैनिक प्रीलिम्स MCQs स्टेटिक (सोमवार – शनिवार)
- दैनिक स्टेटिक क्विज़ में स्टेटिक विषयों के सभी टॉपिक्स शामिल होंगे – राजनीति, इतिहास, भूगोल, अर्थशास्त्र, पर्यावरण तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी।
- 20 प्रश्न प्रतिदिन पोस्ट किए जाएंगे और इन प्रश्नों को शेड्यूल में उल्लिखित टॉपिक्स और RaRe वीडियो से तैयार किया गया है।
- यह आपके स्टैटिक टॉपिक्स का समय पर और सुव्यवस्थित रिवीजन सुनिश्चित करेगा।
- दैनिक करेंट अफेयर्स MCQs (सोमवार – शनिवार)
- दैनिक 5 करेंट अफेयर्स प्रश्न, ‘द हिंदू’, ‘इंडियन एक्सप्रेस’ और ‘पीआईबी’ जैसे स्रोतों पर आधारित, शेड्यूल के अनुसार सोमवार से शनिवार तक प्रकाशित किए जाएंगे।
- दैनिक CSAT Quiz (सोमवार –शनिवार)
- सीसैट कई अभ्यर्थियों के लिए परेशानी का कारण रहा है।
- दैनिक रूप से 5 सीसैट प्रश्न प्रकाशित किए जाएंगे।
Note – 20 स्टैटिक प्रश्नों, 5 करेंट अफेयर्स प्रश्नों और 5 CSAT प्रश्नों का दैनिक रूप से टेस्ट। (30 प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न) प्रश्नोत्तरी प्रारूप में अंग्रेजी और हिंदी दोनों में दैनिक आधार पर अपडेट किया जाएगा।
60 DAY रैपिड रिवीजन (RaRe) सीरीज के बारे में अधिक जानने के लिए – CLICK HERE
Download 60 Day Rapid Revision (RaRe) Series Schedule – CLICK HERE
Download 60 Day Rapid Revision (RaRe) Series Notes & Solutions DAY 31– CLICK HERE
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Information
The following Test is based on the syllabus of 60 Days Plan-2022 for UPSC IAS Prelims 2022.
To view Solutions, follow these instructions:
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- Click on ‘Test Summary’ button
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Question 1 of 30
1. Question
पृथ्वी की सतह पर जल के वितरण के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- पृथ्वी की सतह पर मीठे/ ताजे जल की मात्रा केवल 5% है
- धाराओं और नदियों में मौजूद जल का प्रतिशत झीलों की तुलना में अधिक है।
- वायुमण्डल में उपस्थित जल का प्रतिशत, मृदा की नमी से अधिक है
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही हैं ?
Correct
Solution (d)
Basic Info:
हमारी पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग जल से आच्छादित है। जिसमें से पृथ्वी का 97% जल महासागरों में पाया जाता है। पृथ्वी का 3% जल ताजा है।
जल का वितरण % में
- महासागर = 97.25
- हिम छत्रक (Ice caps) और हिमनद= 2.05
- भूजल = 0.68
- झीलें = 0.01
- मृदा की नमी = 0.005
- वायुमंडल = 0.001
- धाराएँ और नदियाँ = 0.0001
- जीवमंडल = 0.00004
Incorrect
Solution (d)
Basic Info:
हमारी पृथ्वी का लगभग 71 प्रतिशत भाग जल से आच्छादित है। जिसमें से पृथ्वी का 97% जल महासागरों में पाया जाता है। पृथ्वी का 3% जल ताजा है।
जल का वितरण % में
- महासागर = 97.25
- हिम छत्रक (Ice caps) और हिमनद= 2.05
- भूजल = 0.68
- झीलें = 0.01
- मृदा की नमी = 0.005
- वायुमंडल = 0.001
- धाराएँ और नदियाँ = 0.0001
- जीवमंडल = 0.00004
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Question 2 of 30
2. Question
निम्नलिखित में से कौन-सा/से महाद्वीपीय मग्न तट (Continental Shelves) के निर्माण का कारण है/हैं:
- समुद्र के स्तर में सापेक्ष वृद्धि
- महाद्वीप के एक भाग का जलमग्न होना
- नदियों द्वारा नीचे लाए गए अवसाद निक्षेप
नीचे दिए गए कूटों में से चुनें:
Correct
Solution (a)
Basic Info:
समुद्र के जल में डूबे महाद्वीपीय किनारों/तटों को महाद्वीपीय मग्न तट कहते हैं। महासागरों के नितल का यह भाग समुद्र तल से 120 से 180 मीटर तक की गहराई तक विस्तृत होता है तथा इसका ढाल बहुत कम होता है। महाद्वीपीय मग्न तटों का औसत ढाल 0.2% अथवा 1° होता है। मग्न तट आमतौर पर बहुत खड़ी ढलान पर समाप्त होती है, जिसे मग्न तट अवकाश कहा जाता है।
मग्न तट का निर्माण मुख्यतः किसके कारण होता है?
- समुद्र के स्तर में सापेक्ष वृद्धि
- महाद्वीप के एक भाग का जलमग्न होना
- नदियों द्वारा नीचे लाए गए अवसाद निक्षेप
महाद्वीपीय मग्नतट की चौड़ाई एक महासागर से दूसरे महासागर में भिन्न होती है। महाद्वीपीय मग्न तट की औसत चौड़ाई लगभग 80 किमी है। चिली के तटों, सुमात्रा के पश्चिमी तट आदि जैसे कुछ किनारों के साथ मग्न तट लगभग अनुपस्थित या बहुत संकीर्ण हैं। इसके विपरीत, आर्कटिक महासागर में साइबेरियाई मग्न तट, दुनिया में सबसे बड़ा, 1500 किमी चौड़ाई तक विस्तृत है।
मग्न तट की गहराई भी भिन्न होती है। यह कुछ क्षेत्रों में 30 मीटर जितना उथला हो सकता है जबकि कुछ क्षेत्रों में यह 600 मीटर जितना गहरा हो सकता है।
विश्व के अलग-अलग भागों में मग्न तटों की उत्पत्ति में भ्रंशन की क्रिया, नदियों द्वारा डेल्टा निर्माण, समुद्र की लहरों तथा तरंगों द्वारा संपादित अपरदनात्मक क्रिया तथा पृथ्वी में संवाहनिक तरंगों का उत्पन्न होना आदि को सहायक माना जाता है।
Incorrect
Solution (a)
Basic Info:
समुद्र के जल में डूबे महाद्वीपीय किनारों/तटों को महाद्वीपीय मग्न तट कहते हैं। महासागरों के नितल का यह भाग समुद्र तल से 120 से 180 मीटर तक की गहराई तक विस्तृत होता है तथा इसका ढाल बहुत कम होता है। महाद्वीपीय मग्न तटों का औसत ढाल 0.2% अथवा 1° होता है। मग्न तट आमतौर पर बहुत खड़ी ढलान पर समाप्त होती है, जिसे मग्न तट अवकाश कहा जाता है।
मग्न तट का निर्माण मुख्यतः किसके कारण होता है?
- समुद्र के स्तर में सापेक्ष वृद्धि
- महाद्वीप के एक भाग का जलमग्न होना
- नदियों द्वारा नीचे लाए गए अवसाद निक्षेप
महाद्वीपीय मग्नतट की चौड़ाई एक महासागर से दूसरे महासागर में भिन्न होती है। महाद्वीपीय मग्न तट की औसत चौड़ाई लगभग 80 किमी है। चिली के तटों, सुमात्रा के पश्चिमी तट आदि जैसे कुछ किनारों के साथ मग्न तट लगभग अनुपस्थित या बहुत संकीर्ण हैं। इसके विपरीत, आर्कटिक महासागर में साइबेरियाई मग्न तट, दुनिया में सबसे बड़ा, 1500 किमी चौड़ाई तक विस्तृत है।
मग्न तट की गहराई भी भिन्न होती है। यह कुछ क्षेत्रों में 30 मीटर जितना उथला हो सकता है जबकि कुछ क्षेत्रों में यह 600 मीटर जितना गहरा हो सकता है।
विश्व के अलग-अलग भागों में मग्न तटों की उत्पत्ति में भ्रंशन की क्रिया, नदियों द्वारा डेल्टा निर्माण, समुद्र की लहरों तथा तरंगों द्वारा संपादित अपरदनात्मक क्रिया तथा पृथ्वी में संवाहनिक तरंगों का उत्पन्न होना आदि को सहायक माना जाता है।
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Question 3 of 30
3. Question
महासागरीय निक्षेपों (Ocean deposit) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- पेलजिक निक्षेप (Pelagic deposits) महाद्वीपीय मग्न तट और ढलानों पर पाए जाते हैं।
- प्रादेशिक निक्षेप (Terrigenous deposits) गहरे समुद्र के मैदानों में पाए जाते हैं।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (d)
Basic Info:
जॉन मरे (John Murray) ने बसावट स्थानों के आधार पर समुद्र के निक्षेपों को दो व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया है।
- प्रादेशिक निक्षेप: ये महाद्वीपीय मग्न तट और ढलानों पर पाए जाते हैं और मुख्य रूप से टूट-फूट के कारण प्राप्त चट्टान सामग्री से बने होते हैं।
- पेलजिक निक्षेप: ये गहरे समुद्र के मैदानों में पाए जाते हैं। इन निक्षेपों में मुख्य रूप से पौधों और जानवरों के जैविक अवशेष शामिल हैं।
- प्रादेशिक निक्षेप:
- प्रादेशिक निक्षेप भूमि के टूट-फूट और महाद्वीपीय ढलान और मग्न तट क्षेत्रों में प्रमुख रूप से पाए जाने वाले ज्वालामुखी और जैविक उत्पादों से प्राप्त होते हैं।
- कणों के आकार के आधार पर, प्रादेशिक निक्षेपों को तीन वर्गों- मृदा, रेत और बजरी में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- पेलजिक निक्षेप:
- पेलजिक निक्षेप में कुल समुद्री तल का 75% हिस्सा होता है। इनमें कार्बनिक और अकार्बनिक दोनों प्रकार के पदार्थ होते हैं।
- कार्बनिक पदार्थ एक प्रकार की तरल मृदा के रूप में होते हैं, जिसे ऊज (ooze) कहा जाता है, जिसमें विभिन्न समुद्री जीवों के खोल और कंकाल होते हैं।
- जब खोल कैल्शियम कार्बोनेट से बना होता है तो ऊज को कैल्शियम युक्त कहा जाता है।
- अकार्बनिक पदार्थ ज्वालामुखी उत्पत्ति की लाल मृदा के रूप में होते हैं।
- लाल मृदा के मुख्य घटक सिलिकॉन और एल्यूमीनियम डाइऑक्साइड हैं, जबकि अन्य घटकों में लोहा, मैंगनीज, फास्फोरस और रेडियम शामिल हैं। लाल मृदा सबसे व्यापक रूप से फैली हुई पेलजिक निक्षेप है और समुद्र तल के 38% हिस्से को कवर करती है।
Incorrect
Solution (d)
Basic Info:
जॉन मरे (John Murray) ने बसावट स्थानों के आधार पर समुद्र के निक्षेपों को दो व्यापक श्रेणियों में वर्गीकृत किया है।
- प्रादेशिक निक्षेप: ये महाद्वीपीय मग्न तट और ढलानों पर पाए जाते हैं और मुख्य रूप से टूट-फूट के कारण प्राप्त चट्टान सामग्री से बने होते हैं।
- पेलजिक निक्षेप: ये गहरे समुद्र के मैदानों में पाए जाते हैं। इन निक्षेपों में मुख्य रूप से पौधों और जानवरों के जैविक अवशेष शामिल हैं।
- प्रादेशिक निक्षेप:
- प्रादेशिक निक्षेप भूमि के टूट-फूट और महाद्वीपीय ढलान और मग्न तट क्षेत्रों में प्रमुख रूप से पाए जाने वाले ज्वालामुखी और जैविक उत्पादों से प्राप्त होते हैं।
- कणों के आकार के आधार पर, प्रादेशिक निक्षेपों को तीन वर्गों- मृदा, रेत और बजरी में वर्गीकृत किया जा सकता है।
- पेलजिक निक्षेप:
- पेलजिक निक्षेप में कुल समुद्री तल का 75% हिस्सा होता है। इनमें कार्बनिक और अकार्बनिक दोनों प्रकार के पदार्थ होते हैं।
- कार्बनिक पदार्थ एक प्रकार की तरल मृदा के रूप में होते हैं, जिसे ऊज (ooze) कहा जाता है, जिसमें विभिन्न समुद्री जीवों के खोल और कंकाल होते हैं।
- जब खोल कैल्शियम कार्बोनेट से बना होता है तो ऊज को कैल्शियम युक्त कहा जाता है।
- अकार्बनिक पदार्थ ज्वालामुखी उत्पत्ति की लाल मृदा के रूप में होते हैं।
- लाल मृदा के मुख्य घटक सिलिकॉन और एल्यूमीनियम डाइऑक्साइड हैं, जबकि अन्य घटकों में लोहा, मैंगनीज, फास्फोरस और रेडियम शामिल हैं। लाल मृदा सबसे व्यापक रूप से फैली हुई पेलजिक निक्षेप है और समुद्र तल के 38% हिस्से को कवर करती है।
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Question 4 of 30
4. Question
गीजर (Geysers) और हॉट स्प्रिंग्स (Hot springs) के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा कथन सबसे उपयुक्त है?
Correct
Solution (d)
Basic Info:
गीजर (Geysers):
- गीजर गर्म जल और अत्यधिक गर्म भाप के फव्वारे हैं जो पृथ्वी के नीचे से 150 फीट की ऊंचाई तक निकल सकते हैं।
- जल के जेट आमतौर पर एक विस्फोट के साथ उत्सर्जित होता है।
- वे ज्वालामुखी क्षेत्रों या ज्वालामुखी गतिविधि से जुड़े हैं।
- उदाहरणों में आइसलैंड के ग्रेट गीजर, येलोस्टोन नेशनल पार्क आदि शामिल हैं।
हॉट स्प्रिंग्स (Hot springs):
- हॉट स्प्रिंग्स में जल बिना किसी विस्फोट के सतह पर आ जाता है।
- इसमें जल सतह के नीचे इतना गहरा डूब जाता है कि आंतरिक बलों द्वारा गर्म किया जा सके।
- ऐसे झरनों में घुले हुए खनिज होते हैं।
- उदाहरणों में येलोस्टोन नेशनल पार्क के हॉट स्प्रिंग्स शामिल हैं।
Incorrect
Solution (d)
Basic Info:
गीजर (Geysers):
- गीजर गर्म जल और अत्यधिक गर्म भाप के फव्वारे हैं जो पृथ्वी के नीचे से 150 फीट की ऊंचाई तक निकल सकते हैं।
- जल के जेट आमतौर पर एक विस्फोट के साथ उत्सर्जित होता है।
- वे ज्वालामुखी क्षेत्रों या ज्वालामुखी गतिविधि से जुड़े हैं।
- उदाहरणों में आइसलैंड के ग्रेट गीजर, येलोस्टोन नेशनल पार्क आदि शामिल हैं।
हॉट स्प्रिंग्स (Hot springs):
- हॉट स्प्रिंग्स में जल बिना किसी विस्फोट के सतह पर आ जाता है।
- इसमें जल सतह के नीचे इतना गहरा डूब जाता है कि आंतरिक बलों द्वारा गर्म किया जा सके।
- ऐसे झरनों में घुले हुए खनिज होते हैं।
- उदाहरणों में येलोस्टोन नेशनल पार्क के हॉट स्प्रिंग्स शामिल हैं।
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Question 5 of 30
5. Question
एस्चुरी या ज्वारनदमुख (Estuaries) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- ज्वारनदमुख /एस्चुरी नदी के वातावरण और समुद्री वातावरण के बीच एक संक्रमण क्षेत्र निर्मित करते हैं जिसे इकोटोन (ecotone) के रूप में जाना जाता है।
- ज्वारनदमुख / एस्चुरी समुद्री प्रभाव और नदी के प्रभाव दोनों के अधीन होते हैं।
उपरोक्त में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (c)
Basic Info:
ज्वारनदमुख:
- एक ज्वारनदमुख खारे जल का एक आंशिक रूप से संलग्न तटीय निकाय है जिसमें एक या एक से अधिक नदियाँ या धाराएँ बहती हैं और खुले समुद्र के साथ एक मुक्त संबंध है।
- समुद्र के स्तर में वृद्धि, रेत और सैंडबार की गति, हिमनद प्रक्रियाओं और विवर्तनिक प्रक्रियाओं के कारण ज्वारनदमुख का निर्माण होता है।
- ज्वारनदमुख नदी के वातावरण और समुद्री वातावरण के बीच एक संक्रमण क्षेत्र बनाते हैं जिसे इकोटोन (ecotone) के रूप में जाना जाता है।
- ज्वारनदमुख समुद्री प्रभावों जैसे ज्वार, लहरों, और खारे जल के प्रवाह और नदी के प्रभावों जैसे मीठे जल और अवसाद के प्रवाह के अधीन हैं।
- समुद्री जल और मीठे जल का मिश्रण जल के स्तंभ में और दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक प्राकृतिक आवासों में से अवसाद निर्माण ज्वारनदमुख में उच्च स्तर के पोषक तत्व प्रदान करता है।
- नदी के मुहाने, तटीय खाड़ी, ज्वारीय दलदल, लैगून और डेल्टा ज्वारनदमुख के उदाहरण हैं।
Incorrect
Solution (c)
Basic Info:
ज्वारनदमुख:
- एक ज्वारनदमुख खारे जल का एक आंशिक रूप से संलग्न तटीय निकाय है जिसमें एक या एक से अधिक नदियाँ या धाराएँ बहती हैं और खुले समुद्र के साथ एक मुक्त संबंध है।
- समुद्र के स्तर में वृद्धि, रेत और सैंडबार की गति, हिमनद प्रक्रियाओं और विवर्तनिक प्रक्रियाओं के कारण ज्वारनदमुख का निर्माण होता है।
- ज्वारनदमुख नदी के वातावरण और समुद्री वातावरण के बीच एक संक्रमण क्षेत्र बनाते हैं जिसे इकोटोन (ecotone) के रूप में जाना जाता है।
- ज्वारनदमुख समुद्री प्रभावों जैसे ज्वार, लहरों, और खारे जल के प्रवाह और नदी के प्रभावों जैसे मीठे जल और अवसाद के प्रवाह के अधीन हैं।
- समुद्री जल और मीठे जल का मिश्रण जल के स्तंभ में और दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक प्राकृतिक आवासों में से अवसाद निर्माण ज्वारनदमुख में उच्च स्तर के पोषक तत्व प्रदान करता है।
- नदी के मुहाने, तटीय खाड़ी, ज्वारीय दलदल, लैगून और डेल्टा ज्वारनदमुख के उदाहरण हैं।
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Question 6 of 30
6. Question
निम्नलिखित युग्मों पर विचार करें:
महासागरीय धारा संलग्न तट
- अगुलहास धारा (Agulhas current) : अफ्रीका का पूर्वी तट
- इर्मिंगर धारा (Irminger current): अलास्का का तट
- हम्बोल्ट धारा (Humboldt current): दक्षिण अमेरिका का पश्चिमी तट
निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सही सुमेलित है?
Correct
Solution (a)
Basic Info:
- अगुलहास धारा दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर की पश्चिमी सीमा धारा है। इसकी उत्पत्ति दक्षिण विषुवतरेखीय हिंद महासागरीय धारा की एक शाखा मोजांबिक चैनल से होकर दक्षिण की ओर प्रवाहित होती है। इसे मोजांबिक धारा कहते हैं। अतः युग्म 1 सही सुमेलित है।
- इर्मिंगर धारा एक उत्तरी अटलांटिक महासागर की धारा है जो आइसलैंड के दक्षिण-पश्चिमी तट से पश्चिम की ओर स्थित है। यह पूर्वी उत्तरी अटलांटिक के अपेक्षाकृत गर्म और खारे जल से निर्मित है जो उत्तरी अटलांटिक विस्थापन द्वारा पोषित है। इर्मिंगर करंट उत्तरी अटलांटिक सबपोलर गायरे (Atlantic subpolar gyre) का हिस्सा है। अतः युग्म 2 सही सुमेलित नहीं है।
- हम्बोल्ट धारा, जिसे पेरू करंट भी कहा जाता है, एक ठंडी, कम लवणता वाली महासागरीय धारा है जो दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट के साथ उत्तर की ओर बहती है। अत: युग्म 3 सही सुमेलित है।
Incorrect
Solution (a)
Basic Info:
- अगुलहास धारा दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर की पश्चिमी सीमा धारा है। इसकी उत्पत्ति दक्षिण विषुवतरेखीय हिंद महासागरीय धारा की एक शाखा मोजांबिक चैनल से होकर दक्षिण की ओर प्रवाहित होती है। इसे मोजांबिक धारा कहते हैं। अतः युग्म 1 सही सुमेलित है।
- इर्मिंगर धारा एक उत्तरी अटलांटिक महासागर की धारा है जो आइसलैंड के दक्षिण-पश्चिमी तट से पश्चिम की ओर स्थित है। यह पूर्वी उत्तरी अटलांटिक के अपेक्षाकृत गर्म और खारे जल से निर्मित है जो उत्तरी अटलांटिक विस्थापन द्वारा पोषित है। इर्मिंगर करंट उत्तरी अटलांटिक सबपोलर गायरे (Atlantic subpolar gyre) का हिस्सा है। अतः युग्म 2 सही सुमेलित नहीं है।
- हम्बोल्ट धारा, जिसे पेरू करंट भी कहा जाता है, एक ठंडी, कम लवणता वाली महासागरीय धारा है जो दक्षिण अमेरिका के पश्चिमी तट के साथ उत्तर की ओर बहती है। अत: युग्म 3 सही सुमेलित है।
-
Question 7 of 30
7. Question
महासागरीय उच्चावच के निम्नलिखित वर्गों को व्यवस्थित करें जैसे वे तट से गहरे समुद्र में होते हैं।
- महाद्वीपीय ढाल (Continental Slope)
- महाद्वीपीय उत्थान (Continental Rise)
- नितल मैदान (Abyssal Plains)
- महाद्वीपीय मग्नतट (Continental Shelf)
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
Correct
Solution (b)
बुनियादी जानकारी: -समुद्र तल को चार प्रमुख प्रभागों में विभाजित किया जा सकता है: (i) महाद्वीपीय मग्नतट; (ii) महाद्वीपीय ढाल; (iii) गहरे समुद्री मैदान; (iv) महासागरीय गहराइयाँ।
इसके अलावा, इन प्रभागों में समुद्र तल में प्रमुख और छोटी उच्चावच विशेषताएं भी हैं जैसे कि कटक, पहाड़ियाँ, समुद्री पर्वत, गुयाट, ट्रेच, कैनियन, आदि।
- महाद्वीपीय मग्नतट (Continental Shelf) – मग्नतट का अर्थ डूबे हुए तट से होता है । अतः महाद्वीपों के वे भाग, जो समुद्र में डूबे हैं, महाद्वीपीय मग्नतट कहलाते हैं। इसकी अधिकतम गहराई सामान्यतः 200 मीटर तथा सामान्य ढलान 1° होता है।
- महाद्वीपीय ढाल (Continental Slope) – महाद्वीपीय मग्नतट के आगे महासागरीय नितल का ढाल अचानक तीव्र हो जाता है। यह ढाल 2 से 5 तक होता है। इस तीव्र ढाल वाले भाग को’ महाद्वीपीय ढाल’ कहते हैं।
- महाद्वीपीय उत्थान (Continental Rise): महाद्वीपीय उत्थान महाद्वीपीय ढाल और नितल मैदान के बीच पाया जाता है। यह महाद्वीपों और महासागर के सबसे गहरे हिस्से के बीच की सीमा में अंतिम चरण का प्रतिनिधित्व करता है। यह बहुत ही मन्द ढाल वाला क्षेत्र है जिसकी ढाल प्रवणता 0.5 ° से 0.1 होती है । इसका सामान्य उच्चावच भी कम होता है । अधिक गहराई पर यह लगभग समतल होकर नितल मैदान में विलीन हो जाता है ।
- नितल मैदान (Abyssal Plains) : नितल मैदान गहरे समुद्र तल पर एक जल के नीचे का मैदान है, जो आमतौर पर 4,000 मीटर और 6,000 मीटर की गहराई पर पाया जाता है। यह एक महाद्वीपीय उत्थान के तल और एक मध्य-महासागर कटक के बीच स्थित है।
Incorrect
Solution (b)
बुनियादी जानकारी: -समुद्र तल को चार प्रमुख प्रभागों में विभाजित किया जा सकता है: (i) महाद्वीपीय मग्नतट; (ii) महाद्वीपीय ढाल; (iii) गहरे समुद्री मैदान; (iv) महासागरीय गहराइयाँ।
इसके अलावा, इन प्रभागों में समुद्र तल में प्रमुख और छोटी उच्चावच विशेषताएं भी हैं जैसे कि कटक, पहाड़ियाँ, समुद्री पर्वत, गुयाट, ट्रेच, कैनियन, आदि।
- महाद्वीपीय मग्नतट (Continental Shelf) – मग्नतट का अर्थ डूबे हुए तट से होता है । अतः महाद्वीपों के वे भाग, जो समुद्र में डूबे हैं, महाद्वीपीय मग्नतट कहलाते हैं। इसकी अधिकतम गहराई सामान्यतः 200 मीटर तथा सामान्य ढलान 1° होता है।
- महाद्वीपीय ढाल (Continental Slope) – महाद्वीपीय मग्नतट के आगे महासागरीय नितल का ढाल अचानक तीव्र हो जाता है। यह ढाल 2 से 5 तक होता है। इस तीव्र ढाल वाले भाग को’ महाद्वीपीय ढाल’ कहते हैं।
- महाद्वीपीय उत्थान (Continental Rise): महाद्वीपीय उत्थान महाद्वीपीय ढाल और नितल मैदान के बीच पाया जाता है। यह महाद्वीपों और महासागर के सबसे गहरे हिस्से के बीच की सीमा में अंतिम चरण का प्रतिनिधित्व करता है। यह बहुत ही मन्द ढाल वाला क्षेत्र है जिसकी ढाल प्रवणता 0.5 ° से 0.1 होती है । इसका सामान्य उच्चावच भी कम होता है । अधिक गहराई पर यह लगभग समतल होकर नितल मैदान में विलीन हो जाता है ।
- नितल मैदान (Abyssal Plains) : नितल मैदान गहरे समुद्र तल पर एक जल के नीचे का मैदान है, जो आमतौर पर 4,000 मीटर और 6,000 मीटर की गहराई पर पाया जाता है। यह एक महाद्वीपीय उत्थान के तल और एक मध्य-महासागर कटक के बीच स्थित है।
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Question 8 of 30
8. Question
आर्टिसियन बेसिन (Artesian basin) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
- आर्टेसियन बेसिन एक निचला क्षेत्र है जहां चट्टान की आसपास की परतों के दबाव में भूजल तनाव होता है।
- ये बेसिन आमतौर पर वहां पाए जाते हैं जहां एक जलभृत एक सिंकलाइन में मौजूद होता है।
- ग्रेट आर्टेसियन बेसिन संसार के सबसे बड़े भूमिगत जल संभरो/भंडारों में से एक है।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (d)
Basic Info:
आर्टेसियन बेसिन एक निचला क्षेत्र है जहां चट्टान की आसपास की परतों के दबाव में भूजल तनाव होता है। ये बेसिन आमतौर पर वहां पाए जाते हैं जहां एक जलभृत ऊपर और साथ ही नीचे अभेद्य परतों द्वारा एक सिंकलाइन में मौजूद होता है।
जब भी कोई दरार सतह को तोड़ती है, तो भूमिगत जल ऊपर आता है। इसके परिणामस्वरूप जल स्तर उस बिंदु तक बढ़ जाता है जहां जल-स्थैतिक संतुलन (hydrostatic equilibrium) प्राप्त कर लिया गया है।
ग्रेट आर्टेसियन बेसिन दुनिया के सबसे बड़े भूमिगत जल संभरो/भंडारों में से एक है। यह ऑस्ट्रेलिया के लगभग 22 प्रतिशत के अंतर्गत आता है, क्वींसलैंड के शुष्क और अर्ध-शुष्क भागों,न्यू साउथ वेल्स, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और उत्तरी क्षेत्र के नीचे 1.7 मिलियन वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को अधिकृत करता है।
Incorrect
Solution (d)
Basic Info:
आर्टेसियन बेसिन एक निचला क्षेत्र है जहां चट्टान की आसपास की परतों के दबाव में भूजल तनाव होता है। ये बेसिन आमतौर पर वहां पाए जाते हैं जहां एक जलभृत ऊपर और साथ ही नीचे अभेद्य परतों द्वारा एक सिंकलाइन में मौजूद होता है।
जब भी कोई दरार सतह को तोड़ती है, तो भूमिगत जल ऊपर आता है। इसके परिणामस्वरूप जल स्तर उस बिंदु तक बढ़ जाता है जहां जल-स्थैतिक संतुलन (hydrostatic equilibrium) प्राप्त कर लिया गया है।
ग्रेट आर्टेसियन बेसिन दुनिया के सबसे बड़े भूमिगत जल संभरो/भंडारों में से एक है। यह ऑस्ट्रेलिया के लगभग 22 प्रतिशत के अंतर्गत आता है, क्वींसलैंड के शुष्क और अर्ध-शुष्क भागों,न्यू साउथ वेल्स, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया और उत्तरी क्षेत्र के नीचे 1.7 मिलियन वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को अधिकृत करता है।
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Question 9 of 30
9. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- अटलांटिक भूमध्यरेखीय प्रतिवर्ती परिसंचरण (Atlantic Meridional Overturning Circulation – AMOC) उष्ण कटिबंध से उत्तरी गोलार्ध की ओर गर्म सतही जल को वहन करता है, जहां यह ठंडा होकर क्षीण हो जाता है।
- अंटार्कटिक सर्कम्पोलर धारा एकमात्र धारा है जो पूरी तरह से विश्व भर में प्रवाहित होता है।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (c)
Basic Info:
हाल ही में जारी आईपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अटलांटिक भूमध्यरेखीय प्रतिवर्ती परिसंचरण (Atlantic Meridional Overturning Circulation – AMOC) अपनी स्थिरता खो रहा है और 21वीं सदी में इसके क्षीण होने की संभावना है।
एएमओसी के संबंध में:
- यह महासागरीय धाराओं की एक बड़ी प्रणाली है।
- यह महासागरीय कन्वेयर बेल्ट या थर्मोहेलिन सर्कुलेशन (THC) की अटलांटिक शाखा है, और पूरे विश्व के महासागरीय बेसिनों में ऊष्मा और पोषक तत्व वितरित करती है।
- AMOC उष्ण कटिबंध से उत्तरी गोलार्ध की ओर गर्म सतही जल ले जाता है, जहां यह ठंडा होकर क्षीण हो जाता है।
- यह फिर उष्णकटिबंधीय और फिर दक्षिण अटलांटिक में नीचे की धारा के रूप में लौटता है। वहां से इसे अंटार्कटिक सर्कम्पोलर करंट के माध्यम से सभी महासागरीय घाटियों में वितरित किया जाता है।
- एसीसी दक्षिणी महासागर में सबसे महत्वपूर्ण धारा है, और एकमात्र धारा जो पूरी तरह से दुनिया भर में बहती है।
AMOC की गिरावट के निहितार्थ:
AMOC और गल्फ स्ट्रीम के कमज़ोर पड़ने से यूरोप को भीषण ठंड का सामना करना होगा।
- गल्फ स्ट्रीम (गर्म धारा), AMOC का एक हिस्सा, यह उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट के साथ-साथ यूरोप की जलवायु के लिये एक ज़िम्मेदार कारक है।
AMOC के कमज़ोर होने से उत्तरी गोलार्द्ध ठंडा हो जाएगा तथा यूरोप में वर्षा कम होगी।
इसका प्रभाव अल नीनो पर भी पड़ सकता है।
- अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है जो पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से तापन की स्थिति को दर्शाता है।
यह दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में भी मानसून को स्थानांतरित कर सकता है।
Incorrect
Solution (c)
Basic Info:
हाल ही में जारी आईपीसीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अटलांटिक भूमध्यरेखीय प्रतिवर्ती परिसंचरण (Atlantic Meridional Overturning Circulation – AMOC) अपनी स्थिरता खो रहा है और 21वीं सदी में इसके क्षीण होने की संभावना है।
एएमओसी के संबंध में:
- यह महासागरीय धाराओं की एक बड़ी प्रणाली है।
- यह महासागरीय कन्वेयर बेल्ट या थर्मोहेलिन सर्कुलेशन (THC) की अटलांटिक शाखा है, और पूरे विश्व के महासागरीय बेसिनों में ऊष्मा और पोषक तत्व वितरित करती है।
- AMOC उष्ण कटिबंध से उत्तरी गोलार्ध की ओर गर्म सतही जल ले जाता है, जहां यह ठंडा होकर क्षीण हो जाता है।
- यह फिर उष्णकटिबंधीय और फिर दक्षिण अटलांटिक में नीचे की धारा के रूप में लौटता है। वहां से इसे अंटार्कटिक सर्कम्पोलर करंट के माध्यम से सभी महासागरीय घाटियों में वितरित किया जाता है।
- एसीसी दक्षिणी महासागर में सबसे महत्वपूर्ण धारा है, और एकमात्र धारा जो पूरी तरह से दुनिया भर में बहती है।
AMOC की गिरावट के निहितार्थ:
AMOC और गल्फ स्ट्रीम के कमज़ोर पड़ने से यूरोप को भीषण ठंड का सामना करना होगा।
- गल्फ स्ट्रीम (गर्म धारा), AMOC का एक हिस्सा, यह उत्तरी अमेरिका के पूर्वी तट के साथ-साथ यूरोप की जलवायु के लिये एक ज़िम्मेदार कारक है।
AMOC के कमज़ोर होने से उत्तरी गोलार्द्ध ठंडा हो जाएगा तथा यूरोप में वर्षा कम होगी।
इसका प्रभाव अल नीनो पर भी पड़ सकता है।
- अल नीनो एक जलवायु पैटर्न है जो पूर्वी उष्णकटिबंधीय प्रशांत महासागर में सतही जल के असामान्य रूप से तापन की स्थिति को दर्शाता है।
यह दक्षिण अमेरिका और अफ्रीका में भी मानसून को स्थानांतरित कर सकता है।
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Question 10 of 30
10. Question
“गंगा बेसिन का हिमनद झील एटलस” निम्नलिखित में से किसके द्वारा जारी किया गया था?
Correct
Solution (c)
Basic Info:
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (DoWR, RD & GR) ने गंगा बेसिन के हिमनद झील एटलस को जारी किया।
ग्लेशियल झील एटलस के बारे में:
- वर्तमान हिमनद झील एटलस गंगा नदी के बेसिन के हिस्से में हिमालय की तलहटी तक 2,47,109 वर्ग किमी के जलग्रहण क्षेत्र को कवर करने वाली हिमनद झीलों पर आधारित है।
- ग्लेशियल झील एटलस का उपयोग जलवायु परिवर्तन प्रभाव विश्लेषण और आपदा न्यूनीकरण योजना बनाने में किया जाना है
- गंगा नदी बेसिन के अध्ययन भाग में भारत का हिस्सा और सीमा पार क्षेत्र शामिल हैं।
- गंगा नदी बेसिन एटलस को राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना (NHP) के तहत लाया गया है।
- राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना (NHP) के तहत राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC), इसरो के प्रयासों से एटलस तैयार किया गया है।
Incorrect
Solution (c)
Basic Info:
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण विभाग (DoWR, RD & GR) ने गंगा बेसिन के हिमनद झील एटलस को जारी किया।
ग्लेशियल झील एटलस के बारे में:
- वर्तमान हिमनद झील एटलस गंगा नदी के बेसिन के हिस्से में हिमालय की तलहटी तक 2,47,109 वर्ग किमी के जलग्रहण क्षेत्र को कवर करने वाली हिमनद झीलों पर आधारित है।
- ग्लेशियल झील एटलस का उपयोग जलवायु परिवर्तन प्रभाव विश्लेषण और आपदा न्यूनीकरण योजना बनाने में किया जाना है
- गंगा नदी बेसिन के अध्ययन भाग में भारत का हिस्सा और सीमा पार क्षेत्र शामिल हैं।
- गंगा नदी बेसिन एटलस को राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना (NHP) के तहत लाया गया है।
- राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना (NHP) के तहत राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (NRSC), इसरो के प्रयासों से एटलस तैयार किया गया है।
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Question 11 of 30
11. Question
निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- फुकुतोकू-ओकानोबा (Fukutoku-Okanoba) जापान के पास स्थित सबमरीन ज्वालामुखी है।
- सबमरीन ज्वालामुखी मुख्य रूप से मध्य-महासागरीय कटक के पास स्थित है।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (c)
Basic Info:
फुकुतोकू-ओकानोबा (Fukutoku-Okanoba) के सबंध में:
- सितंबर 2021 में, फुकुटोकू-ओकानोबा सबमरीन ज्वालामुखी जापान से दूर प्रशांत महासागर में विस्फोट हुआ, जिससे विमानों और जहाज़ो के गुज़रने के लिये खतरा पैदा हो गया।
- फुकुतोकू-ओकानोबा ज्वालामुखी जापान के दक्षिण इवो जिमा द्वीप से पांच किलोमीटर उत्तर में समुद्र से लगभग 25 मीटर (80 फीट) नीचे स्थित है।
- प्लम सतह से 16 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया, जिससे विमानों और जहाज़ो के गुज़रने के लिये खतरा पैदा हो गया।
सबमरीन ज्वालामुखी:
- हवाई से लेकर इंडोनेशिया आइलैंड तक विश्व में सैकड़ों द्वीपों का निर्माण सबमरीन ज्वालामुखियों द्वारा किया गया है। सबमरीन ज्वालामुखी समुद्र की सतह के नीचे स्थित ज्वालामुखियों के समान होते हैं।
- क्योंकि हवा के बजाय ये जल में विस्फोटित होते हैं, सबमरीन ज्वालामुखी स्थलीय ज्वालामुखियों की तुलना में काफी अलग व्यवहार करते हैं। उदाहरण के लिये सबमरीन ज्वालामुखियों में विस्फोट होना असामान्य है।
- कई पनडुब्बी ज्वालामुखी टेक्टोनिक प्लेट निर्माण के क्षेत्रों के पास स्थित हैं, जिन्हें मध्य महासागर कटकें कहा जाता है।
- केवल मध्य-महासागर कटकों पर ज्वालामुखी पृथ्वी पर मेग्मा उत्पादन का 75% हिस्सा होने का अनुमान है।
Incorrect
Solution (c)
Basic Info:
फुकुतोकू-ओकानोबा (Fukutoku-Okanoba) के सबंध में:
- सितंबर 2021 में, फुकुटोकू-ओकानोबा सबमरीन ज्वालामुखी जापान से दूर प्रशांत महासागर में विस्फोट हुआ, जिससे विमानों और जहाज़ो के गुज़रने के लिये खतरा पैदा हो गया।
- फुकुतोकू-ओकानोबा ज्वालामुखी जापान के दक्षिण इवो जिमा द्वीप से पांच किलोमीटर उत्तर में समुद्र से लगभग 25 मीटर (80 फीट) नीचे स्थित है।
- प्लम सतह से 16 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंच गया, जिससे विमानों और जहाज़ो के गुज़रने के लिये खतरा पैदा हो गया।
सबमरीन ज्वालामुखी:
- हवाई से लेकर इंडोनेशिया आइलैंड तक विश्व में सैकड़ों द्वीपों का निर्माण सबमरीन ज्वालामुखियों द्वारा किया गया है। सबमरीन ज्वालामुखी समुद्र की सतह के नीचे स्थित ज्वालामुखियों के समान होते हैं।
- क्योंकि हवा के बजाय ये जल में विस्फोटित होते हैं, सबमरीन ज्वालामुखी स्थलीय ज्वालामुखियों की तुलना में काफी अलग व्यवहार करते हैं। उदाहरण के लिये सबमरीन ज्वालामुखियों में विस्फोट होना असामान्य है।
- कई पनडुब्बी ज्वालामुखी टेक्टोनिक प्लेट निर्माण के क्षेत्रों के पास स्थित हैं, जिन्हें मध्य महासागर कटकें कहा जाता है।
- केवल मध्य-महासागर कटकों पर ज्वालामुखी पृथ्वी पर मेग्मा उत्पादन का 75% हिस्सा होने का अनुमान है।
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Question 12 of 30
12. Question
प्रवाल भित्ति /कोरल रीफ (Coral reef) एक विशेष प्रकार की समुद्री स्थालाकृति है। इस संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
- कोरल केवल उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में ही पनपते हैं।
- कोरल के निर्माण में जल की गहराई एक महत्वपूर्ण कारक है।
- कोरल रीफ के समुद्र की ओर सबसे अच्छी तरह विकसित होते हैं।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन गलत हैं?
Correct
Solution (b)
Basic info:
कोरल रीफ (Coral reef):
- एक नियम के रूप में, कोरल केवल गर्म उष्णकटिबंधीय समुद्रों में ही अच्छी तरह पनपते हैं। लेकिन गहरे जल के कोरल भी हैं जो समुद्र के गहरे और अंधकारमय हिस्सों में पाए जाते हैं जहाँ तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा हो सकता है।
- प्रवाल भित्तियाँ या मूंगे की चट्टानें (Coral reefs) समुद्र के भीतर स्थित प्रवाल जीवों द्वारा छोड़े गए कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती हैं।
- प्रवाल कठोर संरचना वाले चूना प्रधान जीव (सिलेन्ट्रेटा पोलिप्स) होते हैं। इन प्रवालों की कठोर सतह के अंदर सहजीवी संबंध से रंगीन शैवाल जूजैंथिली (Zooxanthellae) पाए जाते हैं।
- प्रवाल भित्तियों को विश्व के सागरीय जैव विविधता का उष्णस्थल (Hotspot) माना जाता है तथा इन्हें समुद्रीय वर्षावन भी कहा जाता है।
- प्रायः बैरियर रीफ (प्रवाल-रोधिकाएँ) उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय समुद्रों में मिलती हैं, जहाँ तापमान 20-30 डिग्री सेल्सियस रहता है। ये शैल-भित्तियाँ समुद्र तट से थोड़ी दूर हटकर पाई जाती हैं, जिससे इनके बीच छिछले लैगून बन जाते हैं।
- प्रवाल कम गहराई पर पाए जाते हैं, क्योंकि अधिक गहराई पर सूर्य के प्रकाश व ऑक्सीजन की कमी होती है।
- प्रवालों के विकास के लिये स्वच्छ एवं अवसादरहित जल आवश्यक है, क्योंकि अवसादों के कारण प्रवालों का मुख बंद हो जाता है और वे मर जाते हैं।
- प्रवाल भितियों का निर्माण कोरल पॉलिप्स नामक जीवों के कैल्शियम कार्बोनेट से निर्मित अस्थि-पंजरों के अलावा, कार्बोनेट तलछट से भी होता है जो इन जीवों के ऊपर हज़ारों वर्षों से जमा हो रही है।
समस्याएँ क्या हैं?
- प्रवाल द्वीप जैव विविधता के दृष्टिकोण से काफी महत्त्वपूर्ण होते हैं। लेकिन वर्तमान में इन्हें जलवायु परिवर्तन, उष्णकटिबंधीय चक्रवात, स्टार फिश सहित अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं चुनौतियों के विषय में संक्षेप में चर्चा की गई है –
- जैसा कि हम जानते हैं कि महासागरों में कार्बन डाइऑक्साइड के विलयन की बढ़ती मात्रा महासागरों की अम्लीयता में वृद्धि कर देती है जिससे प्रवालों की मृत्यु हो जाती है।
- प्रवाल खनन, अपरदन आदि को रोकने हेतु बनाई गई रोधिका, स्पीडबोट के द्वारा होने वाले गाद निक्षेपण से भी प्रवालों को नुक्सान पहुँचता है।
- अधिकाँश एटॉल बाह्य जाति प्रवेश, परमाणु बम परीक्षण आदि मानवीय गतिविधियों से विरूपित हो गए हैं।
- औद्योगिक संकुलों से निष्कासित होने वाला जल इनके लिये संकट का कारक बन गया है।
- इसके अतिरिक्त तेल रिसाव, मत्स्यन, पर्यटन आदि से भी प्रवाल द्वीपों को नुक्सान पहुँचता है।
Incorrect
Solution (b)
Basic info:
कोरल रीफ (Coral reef):
- एक नियम के रूप में, कोरल केवल गर्म उष्णकटिबंधीय समुद्रों में ही अच्छी तरह पनपते हैं। लेकिन गहरे जल के कोरल भी हैं जो समुद्र के गहरे और अंधकारमय हिस्सों में पाए जाते हैं जहाँ तापमान 4 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा हो सकता है।
- प्रवाल भित्तियाँ या मूंगे की चट्टानें (Coral reefs) समुद्र के भीतर स्थित प्रवाल जीवों द्वारा छोड़े गए कैल्शियम कार्बोनेट से बनी होती हैं।
- प्रवाल कठोर संरचना वाले चूना प्रधान जीव (सिलेन्ट्रेटा पोलिप्स) होते हैं। इन प्रवालों की कठोर सतह के अंदर सहजीवी संबंध से रंगीन शैवाल जूजैंथिली (Zooxanthellae) पाए जाते हैं।
- प्रवाल भित्तियों को विश्व के सागरीय जैव विविधता का उष्णस्थल (Hotspot) माना जाता है तथा इन्हें समुद्रीय वर्षावन भी कहा जाता है।
- प्रायः बैरियर रीफ (प्रवाल-रोधिकाएँ) उष्णकटिबंधीय या उपोष्णकटिबंधीय समुद्रों में मिलती हैं, जहाँ तापमान 20-30 डिग्री सेल्सियस रहता है। ये शैल-भित्तियाँ समुद्र तट से थोड़ी दूर हटकर पाई जाती हैं, जिससे इनके बीच छिछले लैगून बन जाते हैं।
- प्रवाल कम गहराई पर पाए जाते हैं, क्योंकि अधिक गहराई पर सूर्य के प्रकाश व ऑक्सीजन की कमी होती है।
- प्रवालों के विकास के लिये स्वच्छ एवं अवसादरहित जल आवश्यक है, क्योंकि अवसादों के कारण प्रवालों का मुख बंद हो जाता है और वे मर जाते हैं।
- प्रवाल भितियों का निर्माण कोरल पॉलिप्स नामक जीवों के कैल्शियम कार्बोनेट से निर्मित अस्थि-पंजरों के अलावा, कार्बोनेट तलछट से भी होता है जो इन जीवों के ऊपर हज़ारों वर्षों से जमा हो रही है।
समस्याएँ क्या हैं?
- प्रवाल द्वीप जैव विविधता के दृष्टिकोण से काफी महत्त्वपूर्ण होते हैं। लेकिन वर्तमान में इन्हें जलवायु परिवर्तन, उष्णकटिबंधीय चक्रवात, स्टार फिश सहित अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन्हीं चुनौतियों के विषय में संक्षेप में चर्चा की गई है –
- जैसा कि हम जानते हैं कि महासागरों में कार्बन डाइऑक्साइड के विलयन की बढ़ती मात्रा महासागरों की अम्लीयता में वृद्धि कर देती है जिससे प्रवालों की मृत्यु हो जाती है।
- प्रवाल खनन, अपरदन आदि को रोकने हेतु बनाई गई रोधिका, स्पीडबोट के द्वारा होने वाले गाद निक्षेपण से भी प्रवालों को नुक्सान पहुँचता है।
- अधिकाँश एटॉल बाह्य जाति प्रवेश, परमाणु बम परीक्षण आदि मानवीय गतिविधियों से विरूपित हो गए हैं।
- औद्योगिक संकुलों से निष्कासित होने वाला जल इनके लिये संकट का कारक बन गया है।
- इसके अतिरिक्त तेल रिसाव, मत्स्यन, पर्यटन आदि से भी प्रवाल द्वीपों को नुक्सान पहुँचता है।
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Question 13 of 30
13. Question
निम्नलिखित में से कौन-से प्राथमिक बल हैं जो महासागरीय धाराओं की गति की शुरुआत करते हैं?
- पवन
- गुरुत्वाकर्षण
- कोरिओलिस बल
- सौर ऊर्जा द्वारा ऊष्मन
नीचे दिए गए कूटों में से चुनें:
Correct
Solution (c)
Basic info:
महासागरीय धाराएँ महासागरों में नदी के प्रवाह की तरह हैं। वे एक निश्चित पथ और दिशा में जल की एक नियमित मात्रा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
महासागरीय धाराएं दो प्रकार की शक्तियों से प्रभावित होती हैं, अर्थात्:
(i) प्राथमिक बल जो जल की संचलन की शुरूआत करते हैं;
(ii) द्वितीयक बल जो धाराओं को प्रवाहित करने हेतु प्रवृत करते हैं।
धाराओं को प्रभावित करने वाले प्राथमिक बल हैं:
- पवन
- गुरुत्वाकर्षण
- कोरिओलिस बल
- सौर ऊर्जा द्वारा ताप
सौर ऊर्जा द्वारा उष्मन से पानी का विस्तार होता है ह। इसीलिए, भूमध्य रेखा के पास समुद्र का पानी मध्य अक्षांशों की तुलना में लगभग 8 सेमी उच्च होता है। यह एक बहुत मामूली ढाल का कारण बनता है और पानी ढलान के नीचे बह जाता है।
समुद्र की सतह पर बहने वाली हवा पानी को संचलित होने के लिए प्रेरित करती हवा और पानी की सतह के बीच घर्षण इसके धारा प्रवाह में जल निकाय की गति को प्रभावित करता है।
गुरुत्वाकर्षण पानी को ढेर के नीचे खींचने और ढाल प्रवणता पैदा करता है।
कोरिओलिस बल हस्तक्षेप करता है तथा पानी को उत्तरी गोलार्ध में दाईं ओर और दक्षिणी गोलार्ध में बाईं ओर ले जाता है ।
Incorrect
Solution (c)
Basic info:
महासागरीय धाराएँ महासागरों में नदी के प्रवाह की तरह हैं। वे एक निश्चित पथ और दिशा में जल की एक नियमित मात्रा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
महासागरीय धाराएं दो प्रकार की शक्तियों से प्रभावित होती हैं, अर्थात्:
(i) प्राथमिक बल जो जल की संचलन की शुरूआत करते हैं;
(ii) द्वितीयक बल जो धाराओं को प्रवाहित करने हेतु प्रवृत करते हैं।
धाराओं को प्रभावित करने वाले प्राथमिक बल हैं:
- पवन
- गुरुत्वाकर्षण
- कोरिओलिस बल
- सौर ऊर्जा द्वारा ताप
सौर ऊर्जा द्वारा उष्मन से पानी का विस्तार होता है ह। इसीलिए, भूमध्य रेखा के पास समुद्र का पानी मध्य अक्षांशों की तुलना में लगभग 8 सेमी उच्च होता है। यह एक बहुत मामूली ढाल का कारण बनता है और पानी ढलान के नीचे बह जाता है।
समुद्र की सतह पर बहने वाली हवा पानी को संचलित होने के लिए प्रेरित करती हवा और पानी की सतह के बीच घर्षण इसके धारा प्रवाह में जल निकाय की गति को प्रभावित करता है।
गुरुत्वाकर्षण पानी को ढेर के नीचे खींचने और ढाल प्रवणता पैदा करता है।
कोरिओलिस बल हस्तक्षेप करता है तथा पानी को उत्तरी गोलार्ध में दाईं ओर और दक्षिणी गोलार्ध में बाईं ओर ले जाता है ।
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Question 14 of 30
14. Question
भौमजल (Ground Water) द्वारा निर्मित भू-आकृतियों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें?
- बाल्कन में कार्स्ट स्थलाकृति भौमजल द्वारा निक्षेपण की प्रक्रिया के माध्यम से विकसित की गई है।
- भौमजल को स्थानांतरित करके पदार्थ का भौतिक या यांत्रिक निष्कासन भू-आकृतियों के विकास में महत्वपूर्ण है।
नीचे दिए गए कूटों में से चुनें:
Correct
Solution (a)
Basic Info:
भौमजल (Ground Water):
नदियों की भाँति भूमिगत जल भी अपरदन, परिवहन तथा निक्षेप का कार्य करता है परन्तु इसकी प्रक्रिया नदी के कार्य से भिन्न होती है। जिन प्रदेशों में भूमिगत जल सक्रिय होता है, उन्हें कार्स्ट प्रदेश कहते हैं। यह नाम यूगोस्लाविया के एड्रियाटिक तट (Adriatic Coast) पर स्थित इसी नाम के एक क्षेत्र से लिया गया है। यह चूने के पत्थर से निर्मित है और यहाँ विशिष्ट प्रकार की स्थलाकृतियाँ देखने को मिलती हैं। इन स्थलाकृतियों से युक्त भूदृश्य को कार्स्ट स्थलाकृति (Karst Topography) कहते हैं।
यह जल की नीचे की ओर और क्षैतिज गति है जो चट्टानों के क्षरण का कारण बनती है। भूजल को स्थानांतरित करके पदार्थ का भौतिक या यांत्रिक निष्कासन भू-आकृतियों के विकास में महत्वहीन है।
कार्स्ट स्थलाकृति भी अपरदन और निक्षेपित भू-आकृतियों की विशेषता है।
- अपरदन भू-आकृतियाँ: पूल, सिंकहोल या घोल रन्ध्र, लैपीज और गुफाएँ।
- निक्षेपित भू-आकृतियाँ: स्टैलेक्टाइट, स्टैलेग्माइट और पिलर।
Incorrect
Solution (a)
Basic Info:
भौमजल (Ground Water):
नदियों की भाँति भूमिगत जल भी अपरदन, परिवहन तथा निक्षेप का कार्य करता है परन्तु इसकी प्रक्रिया नदी के कार्य से भिन्न होती है। जिन प्रदेशों में भूमिगत जल सक्रिय होता है, उन्हें कार्स्ट प्रदेश कहते हैं। यह नाम यूगोस्लाविया के एड्रियाटिक तट (Adriatic Coast) पर स्थित इसी नाम के एक क्षेत्र से लिया गया है। यह चूने के पत्थर से निर्मित है और यहाँ विशिष्ट प्रकार की स्थलाकृतियाँ देखने को मिलती हैं। इन स्थलाकृतियों से युक्त भूदृश्य को कार्स्ट स्थलाकृति (Karst Topography) कहते हैं।
यह जल की नीचे की ओर और क्षैतिज गति है जो चट्टानों के क्षरण का कारण बनती है। भूजल को स्थानांतरित करके पदार्थ का भौतिक या यांत्रिक निष्कासन भू-आकृतियों के विकास में महत्वहीन है।
कार्स्ट स्थलाकृति भी अपरदन और निक्षेपित भू-आकृतियों की विशेषता है।
- अपरदन भू-आकृतियाँ: पूल, सिंकहोल या घोल रन्ध्र, लैपीज और गुफाएँ।
- निक्षेपित भू-आकृतियाँ: स्टैलेक्टाइट, स्टैलेग्माइट और पिलर।
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Question 15 of 30
15. Question
महासागरीय धाराओं के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
- दक्षिण प्रशांत महासागर में, दक्षिण भूमध्यरेखीय धारा पश्चिम की ओर बहती है और पूर्वी ऑस्ट्रेलियाई धारा के रूप में दक्षिण की ओर मुड़ जाती है।
- पेरू धारा का ठंडा जल उत्तरी चिली और पश्चिमी पेरू के तट पर कम वर्षा के लिए आंशिक रूप से उत्तरदायी है।
- हिंद महासागर के दक्षिणी गोलार्ध में परिसंचरण का सामान्य पैटर्न अन्य महासागरों की तरह वामावर्त है।
नीचे दिए गए कूटों में से चुनें:
Correct
Solution (b)
Basic Info:
दक्षिण प्रशांत महासागर में, दक्षिण भूमध्यरेखीय धारा पश्चिम की ओर बहती है और पूर्वी ऑस्ट्रेलियाई धारा के रूप में दक्षिण की ओर मुड़ जाती है।
तस्मानिया से, यह पश्चिम से पूर्व की ओर ठंडी दक्षिण प्रशांत धारा के रूप में प्रवाहित होती है और पश्चिम पवन प्रवाह के साथ प्रशांत महासागर को पार करती है।
दक्षिण अमेरिका के दक्षिण-पश्चिमी तट पर पहुँचने पर यह उत्तर की ओर मुड़ जाती है और ठंडी पेरू धारा या हम्बोल्ट धारा के रूप में बहती है।
पेरू धारा का ठंडा जल बहुत कम वर्षा के साथ उत्तरी चिली और पश्चिमी पेरू के तट निर्माण के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार है।
पेरू धारा अंततः दक्षिण भूमध्यरेखीय धारा के साथ जुड़ जाता है और परिधि को पूरा करता है।
हिंद महासागर में महासागरीय धाराओं के संचलन का पैटर्न अटलांटिक और प्रशांत महासागरों में परिसंचरण के सामान्य पैटर्न से भिन्न होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंद महासागर उत्तर में महाद्वीपीय द्रव्यमान द्वारा अवरुद्ध है।
हिंद महासागर के दक्षिणी गोलार्ध में परिसंचरण का सामान्य पैटर्न अन्य महासागरों की तरह वामावर्त है।
उत्तरी गोलार्द्ध में शीतकाल और ग्रीष्म ऋतुओं में धाराओं का स्पष्ट व्युत्क्रमण होता है, जो पूरी तरह से मानसून के मौसमी परिवर्तनों के प्रभाव में होता है।
Incorrect
Solution (b)
Basic Info:
दक्षिण प्रशांत महासागर में, दक्षिण भूमध्यरेखीय धारा पश्चिम की ओर बहती है और पूर्वी ऑस्ट्रेलियाई धारा के रूप में दक्षिण की ओर मुड़ जाती है।
तस्मानिया से, यह पश्चिम से पूर्व की ओर ठंडी दक्षिण प्रशांत धारा के रूप में प्रवाहित होती है और पश्चिम पवन प्रवाह के साथ प्रशांत महासागर को पार करती है।
दक्षिण अमेरिका के दक्षिण-पश्चिमी तट पर पहुँचने पर यह उत्तर की ओर मुड़ जाती है और ठंडी पेरू धारा या हम्बोल्ट धारा के रूप में बहती है।
पेरू धारा का ठंडा जल बहुत कम वर्षा के साथ उत्तरी चिली और पश्चिमी पेरू के तट निर्माण के लिए आंशिक रूप से जिम्मेदार है।
पेरू धारा अंततः दक्षिण भूमध्यरेखीय धारा के साथ जुड़ जाता है और परिधि को पूरा करता है।
हिंद महासागर में महासागरीय धाराओं के संचलन का पैटर्न अटलांटिक और प्रशांत महासागरों में परिसंचरण के सामान्य पैटर्न से भिन्न होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंद महासागर उत्तर में महाद्वीपीय द्रव्यमान द्वारा अवरुद्ध है।
हिंद महासागर के दक्षिणी गोलार्ध में परिसंचरण का सामान्य पैटर्न अन्य महासागरों की तरह वामावर्त है।
उत्तरी गोलार्द्ध में शीतकाल और ग्रीष्म ऋतुओं में धाराओं का स्पष्ट व्युत्क्रमण होता है, जो पूरी तरह से मानसून के मौसमी परिवर्तनों के प्रभाव में होता है।
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Question 16 of 30
16. Question
निम्न अवसादी तटों (low sedimentary coasts) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- निम्न अवसादी तटों के साथ, नदियाँ तटीय मैदानों और डेल्टाओं का निर्माण करके अपनी लंबाई विस्तारित करती हुई दिखाई देती हैं।
- लैगून और ज्वार की खाड़ियों के रूप में कभी-कभी जल के अंर्तेवेधन के साथ समुद्र तट चिकना दिखाई देता है
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (d)
Basic Info
निम्न अवसादी तट:
- आकृतियों निम्न अवसादी तट ( Low Sedimentary Coasts ) अधिकांश निम्न अवसादी तट सरल होते हैं जिनमें कहीं – कहीं लैगून तथा ज्वारीय संकरी खाड़ियों के रूप में जल के भराव दिखाई देते हैं।
- नदियाँ तटीय मैदान तथा डेल्टा का निर्माण करके अपनी लम्बाई बढ़ाती हैं। निक्षेपित स्थलाकृतियों की बहुतायत होती है और अपरदित स्थलाकृतियों का अभाव होता है।
- तट के निकट स्थल का ढाल मंद होता है जिस पर समुद्री पंक तथा दलदल पाए जाते हैं। जब मंद ढाल वाले अवसादी तटों पर तरंगें अवनमित होती हैं तो तल के अवसाद भी दोलित होते हैं और इनके परिवहन से अवरोधिकाएँ, लैगून व स्पिट निर्मित होते हैं।
Incorrect
Solution (d)
Basic Info
निम्न अवसादी तट:
- आकृतियों निम्न अवसादी तट ( Low Sedimentary Coasts ) अधिकांश निम्न अवसादी तट सरल होते हैं जिनमें कहीं – कहीं लैगून तथा ज्वारीय संकरी खाड़ियों के रूप में जल के भराव दिखाई देते हैं।
- नदियाँ तटीय मैदान तथा डेल्टा का निर्माण करके अपनी लम्बाई बढ़ाती हैं। निक्षेपित स्थलाकृतियों की बहुतायत होती है और अपरदित स्थलाकृतियों का अभाव होता है।
- तट के निकट स्थल का ढाल मंद होता है जिस पर समुद्री पंक तथा दलदल पाए जाते हैं। जब मंद ढाल वाले अवसादी तटों पर तरंगें अवनमित होती हैं तो तल के अवसाद भी दोलित होते हैं और इनके परिवहन से अवरोधिकाएँ, लैगून व स्पिट निर्मित होते हैं।
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Question 17 of 30
17. Question
लवणता के लंबवत वितरण के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- सतह पर लवणता भिन्न होती है, जबकि गहराई पर लवणता स्थिर होती है।
- उच्च लवणता वाला जल निम्न लवणता वाले सघन जल के ऊपर होता है।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (a)
Basic Info
लवणता का ऊर्ध्वाधर वितरण ( Vertical Distribution of Salinity )
- गहराई के साथ लवणता में काफी परिवर्तन आता है । यह परिवर्तन समुद्र की स्थिति पर निर्भर करता है।
- समुद्री सतह पर लवणता जल के बर्फ अथवा वाष्प के रूप में परिवर्तित होने से बढ़ जाती है। इसके विपरीत यह नदियों या वर्षा से ताज़े जल में वृद्धि होने पर घट जाती है। अधिक गहराई पर लवणता लगभग नियत रहती है क्योंकि वहाँ पर किसी भी प्रकार से जल का ‘हास’ अथवा नमक की मात्रा में ‘वृद्धि’ नहीं होती। सामान्यतः लवणता गहराई के साथ बढ़ती है और एक स्पष्ट क्षेत्र में यह तीव्रता से बढ़ती है। इस क्षेत्र को हैलोक्लाइन ‘ (Halocline) कहते हैं। लवणता के बढ़ने से समुद्री जल का घनत्व बढ़ जाता है। उच्च लवणता वाला समुद्री जल प्रायः कम लवणता वाले जल के नीचे बैठ जाता है। इससे लवणता का स्तरीकरण हो जाता है।
Incorrect
Solution (a)
Basic Info
लवणता का ऊर्ध्वाधर वितरण ( Vertical Distribution of Salinity )
- गहराई के साथ लवणता में काफी परिवर्तन आता है । यह परिवर्तन समुद्र की स्थिति पर निर्भर करता है।
- समुद्री सतह पर लवणता जल के बर्फ अथवा वाष्प के रूप में परिवर्तित होने से बढ़ जाती है। इसके विपरीत यह नदियों या वर्षा से ताज़े जल में वृद्धि होने पर घट जाती है। अधिक गहराई पर लवणता लगभग नियत रहती है क्योंकि वहाँ पर किसी भी प्रकार से जल का ‘हास’ अथवा नमक की मात्रा में ‘वृद्धि’ नहीं होती। सामान्यतः लवणता गहराई के साथ बढ़ती है और एक स्पष्ट क्षेत्र में यह तीव्रता से बढ़ती है। इस क्षेत्र को हैलोक्लाइन ‘ (Halocline) कहते हैं। लवणता के बढ़ने से समुद्री जल का घनत्व बढ़ जाता है। उच्च लवणता वाला समुद्री जल प्रायः कम लवणता वाले जल के नीचे बैठ जाता है। इससे लवणता का स्तरीकरण हो जाता है।
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Question 18 of 30
18. Question
गर्म और ठंडी धाराओं के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- ठंडी धाराएँ आमतौर पर महाद्वीपों के पश्चिमी तट पर निम्न और मध्य अक्षांशों में पाई जाती हैं।
- उच्च अक्षांशों में महाद्वीपों के पूर्वी तटों पर गर्म धाराएँ पाई जाती हैं।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (a)
Basic Info
महासागरीय धाराओं को तापमान के आधार पर ठंडी धाराओं और गर्म धाराओं के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है:
ठंडी धाराएँ ठंडे जल को गर्म जल वाले क्षेत्रों में लाती हैं। ये धाराएँ आमतौर पर महाद्वीपों के पश्चिमी तट पर निम्न और मध्य अक्षांशों में और उत्तरी गोलार्ध में उच्च अक्षांशों में पूर्वी तट पर पाई जाती हैं।
गर्म धाराएं ठंडे जल वाले क्षेत्रों में गर्म जल लाती हैं और आमतौर पर निम्न और मध्य अक्षांशों में महाद्वीपों के पूर्वी तट पर में देखी जाती हैं। उत्तरी गोलार्ध में वे महाद्वीपों के पश्चिमी तटों पर उच्च अक्षांशों में पाए जाते हैं।
Incorrect
Solution (a)
Basic Info
महासागरीय धाराओं को तापमान के आधार पर ठंडी धाराओं और गर्म धाराओं के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है:
ठंडी धाराएँ ठंडे जल को गर्म जल वाले क्षेत्रों में लाती हैं। ये धाराएँ आमतौर पर महाद्वीपों के पश्चिमी तट पर निम्न और मध्य अक्षांशों में और उत्तरी गोलार्ध में उच्च अक्षांशों में पूर्वी तट पर पाई जाती हैं।
गर्म धाराएं ठंडे जल वाले क्षेत्रों में गर्म जल लाती हैं और आमतौर पर निम्न और मध्य अक्षांशों में महाद्वीपों के पूर्वी तट पर में देखी जाती हैं। उत्तरी गोलार्ध में वे महाद्वीपों के पश्चिमी तटों पर उच्च अक्षांशों में पाए जाते हैं।
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Question 19 of 30
19. Question
हिमनदों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- पेन्सिलुंगपा ग्लेशियर (Pensilungpa Glacier) लद्दाख के ज़ांस्कर में स्थित है।
- साउथ कोल ग्लेशियर (South Col glacier) संसार का सबसे ऊंचा ग्लेशियर है।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (c)
Basic Info:
पेन्सिलुंगपा ग्लेशियर (Pensilungpa Glacier) लद्दाख के ज़ांस्कर में स्थित है। यह तापमान में वृद्धि और शीतकाल के दौरान वर्षा में कमी के कारण ग्लेशियर पीछे हट रहा है।
साउथ कोल ग्लेशियर (South Col glacier): साउथ कोल माउंट एवरेस्ट और ल्होत्से के बीच एक तेज धार युक्त कोल है, जो क्रमशः विश्व का सबसे ऊंचा और चौथा सबसे ऊंचा पर्वत है। (दो सर्कस को कॉल कहा जाता है)
7,985 औसत समुद्र तल की औसत ऊंचाई पर, यह ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा ग्लेशियर है।
हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि पिछले 25 वर्षों में साउथ कोल ग्लेशियर 54 मीटर से अधिक मोटाई खो चुका है।
Incorrect
Solution (c)
Basic Info:
पेन्सिलुंगपा ग्लेशियर (Pensilungpa Glacier) लद्दाख के ज़ांस्कर में स्थित है। यह तापमान में वृद्धि और शीतकाल के दौरान वर्षा में कमी के कारण ग्लेशियर पीछे हट रहा है।
साउथ कोल ग्लेशियर (South Col glacier): साउथ कोल माउंट एवरेस्ट और ल्होत्से के बीच एक तेज धार युक्त कोल है, जो क्रमशः विश्व का सबसे ऊंचा और चौथा सबसे ऊंचा पर्वत है। (दो सर्कस को कॉल कहा जाता है)
7,985 औसत समुद्र तल की औसत ऊंचाई पर, यह ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा ग्लेशियर है।
हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि पिछले 25 वर्षों में साउथ कोल ग्लेशियर 54 मीटर से अधिक मोटाई खो चुका है।
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Question 20 of 30
20. Question
ज्वार (tide) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- मौसम संबंधी प्रभावों के कारण जल के संचलन को सर्ज (surges) कहा जाता है।
- ज्वार उत्पादन बल चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण आकर्षण और अपकेन्द्री बल के बीच का अंतर है।
- पृथ्वी की सतह पर, क्षैतिज ज्वार उत्पादन बल, ज्वारीय उभार (tidal bulge) उत्पन्न करने में ऊर्ध्वाधर बलों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही हैं?
Correct
Solution (c)
Basic Info:
मुख्य रूप से सूर्य और चंद्रमा के आकर्षण के कारण दिन में एक या दो बार समुद्र के स्तर में आवधिक उत्थान और गिरावट को ज्वार कहा जाता है।
मौसम संबंधी प्रभावों (हवाओं और वायुमंडलीय दबाव में परिवर्तन) के कारण जल की गति को सर्ज (surges) कहा जाता है। लहरें ज्वार की तरह नियमित नहीं होती हैं।
ज्वार-भाटा आने के कारण:
- चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव
- सूर्य का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव,
- एक अन्य कारक केन्द्रापसारक बल है, जो वह बल है जो गुरुत्वाकर्षण को संतुलित करने के लिए कार्य करता है।
गुरुत्वाकर्षण खिंचाव और अपकेन्द्रीय बल मिलकर पृथ्वी पर दो प्रमुख ज्वारीय उभार गठन के लिए जिम्मेदार हैं।
ज्वार उत्पादन बल इन दोनों बलों के बीच का अंतर है; यानी चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण आकर्षण और केन्द्रापसारक बल।
पृथ्वी की सतह पर, चंद्रमा के सबसे निकट, चंद्रमा का खिंचाव या आकर्षण बल अपकेंद्री बल से अधिक होता है, और इसलिए चंद्रमा की ओर उभार पैदा करने वाला एक शुद्ध बल होता है।
पृथ्वी के विपरीत दिशा में आकर्षण बल कम होता है, चन्द्रमा से दूर होने के कारण अपकेन्द्री बल प्रबल होता है। इसलिए, चंद्रमा से दूर एक शुद्ध बल है। यह चंद्रमा से दूर दूसरा उभार बनाता है।
पृथ्वी की सतह पर, क्षैतिज ज्वार उत्पादन बल, ज्वारीय उभार (tidal bulge) उत्पन्न करने में ऊर्ध्वाधर बलों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
Incorrect
Solution (c)
Basic Info:
मुख्य रूप से सूर्य और चंद्रमा के आकर्षण के कारण दिन में एक या दो बार समुद्र के स्तर में आवधिक उत्थान और गिरावट को ज्वार कहा जाता है।
मौसम संबंधी प्रभावों (हवाओं और वायुमंडलीय दबाव में परिवर्तन) के कारण जल की गति को सर्ज (surges) कहा जाता है। लहरें ज्वार की तरह नियमित नहीं होती हैं।
ज्वार-भाटा आने के कारण:
- चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव
- सूर्य का गुरुत्वाकर्षण खिंचाव,
- एक अन्य कारक केन्द्रापसारक बल है, जो वह बल है जो गुरुत्वाकर्षण को संतुलित करने के लिए कार्य करता है।
गुरुत्वाकर्षण खिंचाव और अपकेन्द्रीय बल मिलकर पृथ्वी पर दो प्रमुख ज्वारीय उभार गठन के लिए जिम्मेदार हैं।
ज्वार उत्पादन बल इन दोनों बलों के बीच का अंतर है; यानी चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण आकर्षण और केन्द्रापसारक बल।
पृथ्वी की सतह पर, चंद्रमा के सबसे निकट, चंद्रमा का खिंचाव या आकर्षण बल अपकेंद्री बल से अधिक होता है, और इसलिए चंद्रमा की ओर उभार पैदा करने वाला एक शुद्ध बल होता है।
पृथ्वी के विपरीत दिशा में आकर्षण बल कम होता है, चन्द्रमा से दूर होने के कारण अपकेन्द्री बल प्रबल होता है। इसलिए, चंद्रमा से दूर एक शुद्ध बल है। यह चंद्रमा से दूर दूसरा उभार बनाता है।
पृथ्वी की सतह पर, क्षैतिज ज्वार उत्पादन बल, ज्वारीय उभार (tidal bulge) उत्पन्न करने में ऊर्ध्वाधर बलों की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
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Question 21 of 30
21. Question
‘साहित्य अकादमी पुरस्कार‘ (Sahitya Akademi Awards) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।
- पुरस्कार केवल 8वीं अनुसूची में सूचीबद्ध भाषाओं में कार्यों के लिए दिए जाते हैं
- 1954 में स्थापित किए गए पुरस्कारों को केवल एक बार निलंबित किया गया था।
सही कथन चुनें:
Correct
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 गलत गलत अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के लिए प्रतिवर्ष 24 पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। भारत के संविधान में उल्लिखित 22 भाषाओं के अलावा, साहित्य अकादमी ने अंग्रेजी और राजस्थानी को उन भाषाओं के रूप में मान्यता दी है जिनमें इसका कार्यक्रम लागू किया जा सकता है। इसकी स्थापना के बाद से पुरस्कारों को निलंबित नहीं किया गया है। प्रसंग – साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की गई।
Incorrect
Solution (d)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 गलत गलत अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त भाषाओं में साहित्यिक कृतियों के लिए प्रतिवर्ष 24 पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। भारत के संविधान में उल्लिखित 22 भाषाओं के अलावा, साहित्य अकादमी ने अंग्रेजी और राजस्थानी को उन भाषाओं के रूप में मान्यता दी है जिनमें इसका कार्यक्रम लागू किया जा सकता है। इसकी स्थापना के बाद से पुरस्कारों को निलंबित नहीं किया गया है। प्रसंग – साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा की गई।
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Question 22 of 30
22. Question
स्माइल (SMILE), एक योजना जो समाचारों में देखी जाती है, किससे संबंधित है?
Correct
Solution (c)
यूनियन सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट ने कहा कि उसने एक अंब्रेला स्कीम, स्माइल (स्माइल- आजीविका और उद्यम के लिये सीमांत व्यक्तियों हेतु समर्थन) तैयार की है, जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों और भीख मांगने में लगे व्यक्तियों के कल्याण के लिए दो उप-योजनाएं शामिल हैं।
यह योजना पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं के प्रावधान, परामर्श, शिक्षा, कौशल विकास और आर्थिक संबंधों को कवर करेगी।
प्रसंग – स्माइल (SMILE) योजना चर्चा में थी
Incorrect
Solution (c)
यूनियन सोशल जस्टिस एंड एम्पावरमेंट ने कहा कि उसने एक अंब्रेला स्कीम, स्माइल (स्माइल- आजीविका और उद्यम के लिये सीमांत व्यक्तियों हेतु समर्थन) तैयार की है, जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों और भीख मांगने में लगे व्यक्तियों के कल्याण के लिए दो उप-योजनाएं शामिल हैं।
यह योजना पुनर्वास, चिकित्सा सुविधाओं के प्रावधान, परामर्श, शिक्षा, कौशल विकास और आर्थिक संबंधों को कवर करेगी।
प्रसंग – स्माइल (SMILE) योजना चर्चा में थी
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Question 23 of 30
23. Question
‘परमाणु हथियार अप्रसार संधि (NPT)’ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सभी स्थायी सदस्यों ने इस संधि की पुष्टि की है।
- परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (NSG) का हिस्सा बनने के लिए एनपीटी का अनुसमर्थन अनिवार्य है।
- एक देश असाधारण आधार पर छह महीने का नोटिस देकर संधि से हट सकता है।
सही कथन चुनें:
Correct
Solution (a)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही गलत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य: चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ने एनपीटी (NPT) की पुष्टि की है। एनएसजी के मौजूदा दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि एक गैर-एनपीटी राज्य एनएसजी (NSG) का सदस्य नहीं बन सकता जो भारत को समूह से बाहर रखता है। संधि का अनुच्छेद X, 3 महीने का नोटिस देकर संधि से हटने का अधिकार स्थापित करता है। यह संधि की अवधि (1995 विस्तार पहल से 25 वर्ष पहले) भी स्थापित करता है। प्रसंग – परमाणु शक्तियों ने परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने का संकल्प लिया।
Incorrect
Solution (a)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 सही सही गलत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य: चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ने एनपीटी (NPT) की पुष्टि की है। एनएसजी के मौजूदा दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि एक गैर-एनपीटी राज्य एनएसजी (NSG) का सदस्य नहीं बन सकता जो भारत को समूह से बाहर रखता है। संधि का अनुच्छेद X, 3 महीने का नोटिस देकर संधि से हटने का अधिकार स्थापित करता है। यह संधि की अवधि (1995 विस्तार पहल से 25 वर्ष पहले) भी स्थापित करता है। प्रसंग – परमाणु शक्तियों ने परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने का संकल्प लिया।
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Question 24 of 30
24. Question
‘एस-जीन लक्ष्य विफलता रणनीति‘ (S-Gene Target Failure Strategy) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें।
- एस-जीन और इसकी अनुपस्थिति के लिए परीक्षण जांच कोविड-19 के लिए एक नकारात्मक परिणाम का संकेत देती है।
- यह कोविड-19 का निदान करने के लिए प्रॉक्सी संकेतकों में से एक है।
सही कथन चुनें:
Correct
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 गलत सही एक एस-जीन विफलता का मतलब यह नहीं है कि परिणाम नकारात्मक है, केवल यह कि एस जीन का पता नहीं चला था। एस-जीन ड्रॉपआउट या जैसा कि हम कहते हैं कि एस-जीन लक्ष्य विफलता या एसजीटीएफ (SGFT) प्रॉक्सी संकेतकों में से एक है (पता लगाने के लिए) कि यह ओमीक्रोन संस्करण है या नहीं। लेकिन यह जरूरी नहीं है क्योंकि अंतिम निदान उपकरण जीन उत्परिवर्तन के लिए अलग है। संदर्भ – ICMR ने कोविड-19 का पता लगाने के लिए भारत निर्मित किट को मंजूरी दी।
Incorrect
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 गलत सही एक एस-जीन विफलता का मतलब यह नहीं है कि परिणाम नकारात्मक है, केवल यह कि एस जीन का पता नहीं चला था। एस-जीन ड्रॉपआउट या जैसा कि हम कहते हैं कि एस-जीन लक्ष्य विफलता या एसजीटीएफ (SGFT) प्रॉक्सी संकेतकों में से एक है (पता लगाने के लिए) कि यह ओमीक्रोन संस्करण है या नहीं। लेकिन यह जरूरी नहीं है क्योंकि अंतिम निदान उपकरण जीन उत्परिवर्तन के लिए अलग है। संदर्भ – ICMR ने कोविड-19 का पता लगाने के लिए भारत निर्मित किट को मंजूरी दी।
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Question 25 of 30
25. Question
एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
- एआईआईबी के 100 से अधिक सदस्य हैं लेकिन उनमें से कोई भी उत्तरी अमेरिका से नहीं है
- चीन सबसे बड़ा शेयरधारक है और उसके पास सबसे ज्यादा वोटिंग पावर भी है।
- अंग्रेजी, अरबी और चीनी आधिकारिक भाषाएं हैं
सही कथन चुनें
Correct
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 गलत सही गलत वर्तमान में बैंक के 105 सदस्य हैं, जिसमें दुनिया भर के 16 संभावित सदस्य शामिल हैं। कनाडा एआईआईबी (AIIB) का सदस्य है जबकि यूएसए नहीं है। भारत (7.6%), रूस (6.01%) और जर्मनी (4.2%) के बाद बैंक में 26.61% वोटिंग शेयरों के साथ चीन सबसे बड़ा शेयरधारक है। चीन के पास सबसे ज्यादा वोटिंग पावर भी है। अंग्रेजी आधिकारिक भाषा है। अरबी का कोई उल्लेख नहीं है। संदर्भ – आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में नियुक्त किया गया था।
Incorrect
Solution (b)
कथन विश्लेषण:
कथन 1 कथन 2 कथन 3 गलत सही गलत वर्तमान में बैंक के 105 सदस्य हैं, जिसमें दुनिया भर के 16 संभावित सदस्य शामिल हैं। कनाडा एआईआईबी (AIIB) का सदस्य है जबकि यूएसए नहीं है। भारत (7.6%), रूस (6.01%) और जर्मनी (4.2%) के बाद बैंक में 26.61% वोटिंग शेयरों के साथ चीन सबसे बड़ा शेयरधारक है। चीन के पास सबसे ज्यादा वोटिंग पावर भी है। अंग्रेजी आधिकारिक भाषा है। अरबी का कोई उल्लेख नहीं है। संदर्भ – आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को एशियन इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक (AIIB) के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में नियुक्त किया गया था।
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Question 26 of 30
26. Question
दूध और जल के 80 लीटर मिश्रण में जल की मात्रा 40 प्रतिशत है। व्यापारी एक खरीदार को मिश्रण का 20 लीटर देता है और मिश्रण में 20 लीटर जल मिलाता है। मिश्रण में दूध और जल का अंतिम अनुपात कितना है?
Correct
Solution (b)
मूल मिश्रण में दूध = 80 लीटर का 60% = 48 लीटर
मूल मिश्रण में जल =80 लीटर का 40% = 32 लीटर
इसी प्रकार निकाले गए 20 लीटर में से दूध = 12 लीटर और जल = 8 लीटर
तो, 20 लीटर निकालने के बाद, दूध = 48 – 12 = 36 लीटर।
जल = 32 -8 = 24 लीटर
20 लीटर जल मिलाने से यह 24 + 20 = 44 लीटर हो जाता है।
दूध और जल का अंतिम अनुपात 36:44 है, जो 9:11 . के बराबर है।
Incorrect
Solution (b)
मूल मिश्रण में दूध = 80 लीटर का 60% = 48 लीटर
मूल मिश्रण में जल =80 लीटर का 40% = 32 लीटर
इसी प्रकार निकाले गए 20 लीटर में से दूध = 12 लीटर और जल = 8 लीटर
तो, 20 लीटर निकालने के बाद, दूध = 48 – 12 = 36 लीटर।
जल = 32 -8 = 24 लीटर
20 लीटर जल मिलाने से यह 24 + 20 = 44 लीटर हो जाता है।
दूध और जल का अंतिम अनुपात 36:44 है, जो 9:11 . के बराबर है।
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Question 27 of 30
27. Question
किस अनुपात में एक किराना व्यापारी को क्रमशः 7.50 रुपये प्रति किलो और 10 रुपये प्रति किलो के दो प्रकार के चावल को मिलाना चाहिए, ताकि 8.25 रुपये प्रति किलो का मिश्रण प्राप्त हो सके?
Correct
Solution (b)
7.5 रुपये के चावल की मात्रा पर विचार करें =x
और चावल की कीमत 10 रुपये =y
तब मिश्रण की कुल मात्रा =7.5x+10y
लेकिन प्रति किलो मिश्रण की कीमत = 8.25 रु
अत: x+y kg का कुल मूल्य =8.25(x+y)
अब समीकरण के अनुसार 8.25(x+y)=7.5x+10y
8.25x+8.25y=7.5x+10y
0.75x=1.75y
x/y = 1.75/0.75
= 7/3
अत: अभीष्ट अनुपात 7:3 . है
Incorrect
Solution (b)
7.5 रुपये के चावल की मात्रा पर विचार करें =x
और चावल की कीमत 10 रुपये =y
तब मिश्रण की कुल मात्रा =7.5x+10y
लेकिन प्रति किलो मिश्रण की कीमत = 8.25 रु
अत: x+y kg का कुल मूल्य =8.25(x+y)
अब समीकरण के अनुसार 8.25(x+y)=7.5x+10y
8.25x+8.25y=7.5x+10y
0.75x=1.75y
x/y = 1.75/0.75
= 7/3
अत: अभीष्ट अनुपात 7:3 . है
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Question 28 of 30
28. Question
एक बर्तन में द्रव भरा है, जिसके 3 भाग में जल और 5 भाग में तेल हैं। मिश्रण का कितना भाग निकाल कर जल से बदल देना चाहिए ताकि मिश्रण आधा जल और आधा तेल हो जाए?
Correct
Solution (a)
जल : तेल = 3:5
मान लें कि बर्तन का आयतन 80 लीटर है।
जल = 30 लीटर, तेल = 50 लीटर
चूंकि बर्तन से निकाले गए सभी तरल को जल से बदल दिया जाता है, कुल मात्रा स्थिर रहती है।
इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि व्यक्तिगत रूप से 40 लीटर जल और तेल हो।
इसलिए, हमें 10 लीटर तेल निकालने और इसे जल से बदलने की जरूरत है।
जल से तेल का अनुपात 3:5 है।
इसलिए, 8 लीटर घोल में 3 लीटर जल और 5 लीटर तेल होगा।
अब, अगर हम इन 8 लीटर को 8 लीटर जल से बदल दें, तो हमने अनिवार्य रूप से इन 5 लीटर तेल को जल से बदल दिया है।
इसलिए, हमें 16 लीटर या 20% घोल को जल से बदलना होगा।
80 लीटर का 16 लीटर 1/5 हो जाता है।
Incorrect
Solution (a)
जल : तेल = 3:5
मान लें कि बर्तन का आयतन 80 लीटर है।
जल = 30 लीटर, तेल = 50 लीटर
चूंकि बर्तन से निकाले गए सभी तरल को जल से बदल दिया जाता है, कुल मात्रा स्थिर रहती है।
इसलिए, हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि व्यक्तिगत रूप से 40 लीटर जल और तेल हो।
इसलिए, हमें 10 लीटर तेल निकालने और इसे जल से बदलने की जरूरत है।
जल से तेल का अनुपात 3:5 है।
इसलिए, 8 लीटर घोल में 3 लीटर जल और 5 लीटर तेल होगा।
अब, अगर हम इन 8 लीटर को 8 लीटर जल से बदल दें, तो हमने अनिवार्य रूप से इन 5 लीटर तेल को जल से बदल दिया है।
इसलिए, हमें 16 लीटर या 20% घोल को जल से बदलना होगा।
80 लीटर का 16 लीटर 1/5 हो जाता है।
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Question 29 of 30
29. Question
एक दूधवाले ने 15 लीटर दूध खरीदा और उसमें 3 लीटर जल मिला दिया। यदि मिश्रण की प्रति लीटर कीमत 22 रुपये हो जाती है, तो प्रति लीटर दूध का लागत मूल्य क्या है?
Correct
Solution (d)
माना दूध का मूल्य ‘x’ प्रति लीटर है।
15 लीटर दूध का मूल्य = 15x
अब, 3 लीटर जल मिलाने के बाद, मिश्रण की मात्रा = (15+3) लीटर = 18 लीटर
मिश्रण की कीमत 22 प्रति लीटर है।
15x = 22* 18
X= (22*18)/15
X= 26.40 रुपये
Incorrect
Solution (d)
माना दूध का मूल्य ‘x’ प्रति लीटर है।
15 लीटर दूध का मूल्य = 15x
अब, 3 लीटर जल मिलाने के बाद, मिश्रण की मात्रा = (15+3) लीटर = 18 लीटर
मिश्रण की कीमत 22 प्रति लीटर है।
15x = 22* 18
X= (22*18)/15
X= 26.40 रुपये
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Question 30 of 30
30. Question
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़िए और उसके बाद आने वाले प्रश्न के उत्तर दीजिए। प्रश्न के लिए आपका उत्तर केवल गद्यांश पर आधारित होना चाहिए
राजनीतिक ध्रुवीकरण की समस्या के बारे में बहुत कुछ ठीक ही किया गया है, लेकिन राजनीतिक समरूपता की समस्या के बारे में लगभग उतना नहीं जितना कहा गया है। दोनों सार्वजनिक संवाद के लिए विषाक्त हैं। जबकि पूर्व परिवार के खाने की मेज पर अजीब संवाद करता है, बाद वाला मुश्किल संवाद को दबा देता है। जहां एक सभ्य चर्चा के बिना समझौते की मांग की जाती है, विचार गलियारे सार्वजनिक संवाद में सहन किए जाने वाले विचारों की सीमा को सीमित करते हैं। जहां उचित चर्चा में सभी विचारों को नहीं सुना जाता है, वहां एकमात्र विकल्प अनुपयुक्त चर्चा है। और लोकलुभावन वक्रपटुता इस अवस्र्द्ध चर्चा संस्कृति को मक्खन के माध्यम से गर्म चाकू की तरह काटता है, क्योंकि दबी हुई सतहों को सुनने की जरूरत है।
Q.30) निम्नलिखित में से कौन गद्यांश के केंद्रीय विचार को सबसे अच्छी तरह से दर्शाता है?
Correct
Solution (b)
परिच्छेद का तर्क है कि राजनीतिक समरूपता सार्वजनिक विमर्श के लिए उतना ही विषैला है जितना कि राजनीतिक ध्रुवीकरण। इसका समर्थन करने के लिए, पैराग्राफ दो मुख्य बिंदुओं को सामने रखता है। पहला यह है कि जहां “सभ्य” या “उपयुक्त” चर्चा के बिना समझौते की मांग की जाती है, वहां “विचार गलियारे” होते हैं। सार्वजनिक संवाद में सहन किए गए विचार सीमित हो जाते हैं और चर्चा मंद हो जाती है। दूसरा बिंदु जो पैराग्राफ बनाता है वह यह है कि जब कोई संस्कृति कठिन चर्चा को दबा देती है, तो यह लोकलुभावनवाद के उदय के लिए मंच तैयार करती है क्योंकि लोकलुभावन वक्रपटुता आबादी के उन हिस्सों में सुनाई पड़ती है जिन्हें सुनने की जरूरत है।
विकल्प b इन दोनों विचारों को अधिकृत करता है, और पैराग्राफ को सारांशित करने के लिए सबसे बेहतर है।
विकल्प a “राजनीतिक महत्वाकांक्षा” की बात करता है। इस पर पैराग्राफ में चर्चा नहीं की गई है।
विकल्प c बहुत करीब है, लेकिन जब यह पैराग्राफ में विचारों में से एक की बात करता है, तो यह लोकलुभावन वक्रपटुता के बारे में बात नहीं करता है।
इस परिच्छेद से यह स्पष्ट नहीं है कि राजनीतिक ध्रुवीकरण लोकलुभावनवाद की ओर ले जाता है। अत: विकल्प d गलत है।
Incorrect
Solution (b)
परिच्छेद का तर्क है कि राजनीतिक समरूपता सार्वजनिक विमर्श के लिए उतना ही विषैला है जितना कि राजनीतिक ध्रुवीकरण। इसका समर्थन करने के लिए, पैराग्राफ दो मुख्य बिंदुओं को सामने रखता है। पहला यह है कि जहां “सभ्य” या “उपयुक्त” चर्चा के बिना समझौते की मांग की जाती है, वहां “विचार गलियारे” होते हैं। सार्वजनिक संवाद में सहन किए गए विचार सीमित हो जाते हैं और चर्चा मंद हो जाती है। दूसरा बिंदु जो पैराग्राफ बनाता है वह यह है कि जब कोई संस्कृति कठिन चर्चा को दबा देती है, तो यह लोकलुभावनवाद के उदय के लिए मंच तैयार करती है क्योंकि लोकलुभावन वक्रपटुता आबादी के उन हिस्सों में सुनाई पड़ती है जिन्हें सुनने की जरूरत है।
विकल्प b इन दोनों विचारों को अधिकृत करता है, और पैराग्राफ को सारांशित करने के लिए सबसे बेहतर है।
विकल्प a “राजनीतिक महत्वाकांक्षा” की बात करता है। इस पर पैराग्राफ में चर्चा नहीं की गई है।
विकल्प c बहुत करीब है, लेकिन जब यह पैराग्राफ में विचारों में से एक की बात करता है, तो यह लोकलुभावन वक्रपटुता के बारे में बात नहीं करता है।
इस परिच्छेद से यह स्पष्ट नहीं है कि राजनीतिक ध्रुवीकरण लोकलुभावनवाद की ओर ले जाता है। अत: विकल्प d गलत है।
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IASbaba